Saturday, March 10, 2018

महिलायों के खिलाफ बढ़ रहे जुर्मों के साथ साथ हुई साज़िशों की भी चर्चा

परत-दर-परत किया गया मौजूदा स्थिति को बेनकाब
लुधियाना: 10 मार्च 2018: (रेक्टर कथूरिया//पंजाब स्क्रीन)::
औरत की ज़िंदगी में हर कदम पर पैदा हो रहे संताप के लिए पूंजीवादी सोच से भरा यह सिस्टम भी ज़िम्मेदार है जिसने औरत को एक वस्तु की तरह बना दिया है। इस सिस्टम का हथियार बना हुआ मीडिया चौबीसों घंटे पल पल बाद यही विज्ञापन दिखता है कि अगर यह परफ्यूम उपयोग करो तो लड़कियां आपकी दीवानी बन जाएँगी।  अगर यह तैयार इस्तेमाल करो तो लड़कियां आपके पीछे हो लेंगी। अगर यह बाईक चलायो तो लड़कियां आपके आगे पीछे घूमेंगी। जनता के मुख्य मुद्दों को न तो पब्लिक ब्रॉडकास्टर दिखा रहे हैं और न ही प्राइवेट ब्राडकास्टरज़। इस मुद्दे पर आज प्रोफेसर मौसमी बासु ने पंजाब स्क्रीन के साथ खुल कर चर्चा की।  ये विचार चर्चा हुयी लुधियाना के पंजाबी भवन में। इस विचार चर्चा का आयोजन किया था जमहूरी अधिकार सभा ने। इस यादगारी अवसर पर मुख्य मेहमान थी जवाहर लाल नेहरू यूनियवर्सिटी नई दिल्ली से आई प्रोफेसर मौसमी बासु। इस मौके पर पंजाब स्टूडेंटस यूनियन की लीडर हरदीप कौर कोटला और बेलन ब्रिगेड की प्रमुख अनीता शर्मा ने विचारोत्तेजक भाषण देकर श्रोताओं के दिलों को झंकझौरा।
गौरतलब है कि जमहूरी अधिकार सभा के प्रांतीय महसचिव हैं शहीद भगत सिंह के भांजे प्रोफेसर जगमोहन सिंह और प्रांतीय अध्यक्ष हैं प्रोफेसर ऐ के मलेरी।
पंजाब के छात्र आंदोलनों में किसी समय इतिहास रचने वाले छात्र  संगठन पंजाब स्टूडेंट्स यूनियन की तरफ से इस कार्यक्रम में शामिल हुयी हरदीप कौर कोटला ने मंच से भी तीखी आलोचना करते हुए कहा कि महिला वर्ग को वस्तु बनाने में पूरा सिस्टम निंदनीय भूमिका निभा रहा है। "पंजाब स्क्रीन" के साथ बात करते हुए उन्होंने कहा कि सस्ता और निरंतर नेट दे कर उसके ज़रिये जिस तरह से अश्लीलता परोसी जा रही है वास्तव में वह आज की युवा पीढ़ी का ध्यान मुख्य मुद्दों से हटाने की एक गहरी साज़िशों का ही एक हिस्सा है। युवा वर्ग को इस साज़िशी जाल से बचते हुए तकनीक का फायदा उठा कर स्वस्थ समाज बनाने की तरफ जुटना चाहिए।  
बेलन ब्रिगेड सुप्रीमो अनीता शर्मा ने पंजाब स्क्रीन के साथ बात करते हुए कहा कि वर्ष में एक दिन महिला दिवस मना कर हमें संतोष नहीं करना चाहिए।  इससे कुछ नहीं संवरने वाला।  इस मकसद के लिए हमें हर पल हर कदम पर सक्रिय हो कर खुद ही आगे आना होगा। उन्होंने मंच से भी कहा था कि हर महिला अगर पूरा दिन नहीं तो कम से कम दो घंटे हर रोज़,  तो सप्ताह में एक बार या महीने में एक बार समाज के लिए वक़्त अवश्य निकाले।  
गौरतलब है कि अनीता शर्मा ने मंच से बोलते हुए कामरेडों को भी अपनी आलोचना का निशाना बनाया था जिसका जवाब देते हुए जसवंत जीरख ने कहा कि इस संबंध में अनीता मैडम के सुझावों को ध्यान में रखा जायेगा और प्रेक्टिस में भी लाया जायेगा। 
मंच से महिला वर्ग से जुड़े बहुत से मुद्दों की चर्चा हुई और इनका हल तलाश करने के लिए विचार विमर्श भी हुआ। जान दिल्ली से आयी मौसमी बासु ने जे एन यू और पंजाब यूनिवर्सिटी के ख़र्चों का अंतर् बताया तो सारा हाल सन्न रह गया। पढ़ाई लिखाई को केवल अमीरों का आरक्षित अधिकार बनाने की साज़िश सभी को समझ भी आयी। मंच से भी शांत और सांस्कृतिक भाषा में बहुत तीखे सवाल हुए।  श्रोतायों ने भी अपने सवाल खुल कर पूछे। प्रशासन की तरफ से अपनाये जाते रवैये की भी चर्चा हुई। मंच पर सुशोभित मेहमानों ने सभी के सवालों का जवाब दिया।  कुल मिला कर यह एक बहुत ही यादगारी आयोजन रहा। इस सारे आयोजन में महिला वर्ग की शमूलियत उत्साह वर्द्धक थी। 

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