Monday, August 28, 2017

डेरा प्रबंधन ने क़ुरबानी दस्ता भी बनाया था

सुरक्षा बलों की सर्तकता से नाकाम बनाया गया खतरनाक प्लान 
चंडीगढ़//रोहतक: 28 अगस्त 2017: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):: 
अगर सुरक्षा बलों ने वक़्त पर स्थिति नहीं संभाली होती या फिर जाने अनजाने 25 अगस्त को दी गयी ढील दोहराई जाती बहुत बढ़े स्तर पर जानी नुक्सान हो सकता था। डेरा प्रबंधन ने इस मकसद के लिए बाकायदा क़ुरबानी दस्ते तैयार किये थे। इस क़ुरबानी दस्ते के लोग मरने मारने पर उतारू थे। इनको एक विशेष सुसाइड ड्रेस दी गयी थी। इसे पहनने के बाद पुलिस की लाठी का भी कोई असर नहीं होता क्यूंकि इसमें फोम लगी होती है। 
इस विशेष सुसाइड ड्रेस की लंबाई लगभग साढ़े पांच फीट है। यह एक बैग की तरह होती है। इस बैग के अंदर फोम लगी हुई है, जिसे पहनकर पुलिस की लाठी का भी असर नहीं होता है। देखने में यह रेनकोट लगता है। यदि इस प्लास्टिक बैग में पेट्रोल की दो बोतलें उड़ेल दी जाए तो फोम शरीर के चिपक जाती है। इसके बाद आग लगने पर केवल पांच मिनट में व्यक्ति की मौत हो सकती है।
क़ुरबानी दस्ता का विशेष निशाना रोहतक एरिया ही था। मीडिया सूत्रों के अनुसार इन बैग को पहनकर कुर्बानी दस्ते के सदस्यों को शहर में निकलना था। अगर जरूरत पड़ती तो सुसाइड जैसा कदम भी उठा सकते हैं। पुलिस प्रशासन ने इस मामले में कई लोगों को हिरासत में ले लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। रोहतक में डेरा समर्थकों ने कुर्बानी दस्ता तैयार किया है, जिसके सदस्य मारने-मरने में भी पीछे नहीं हटेंगे। कुर्बानी दस्ते में शामिल सदस्यों के सुसाइड बैग तैयार किए जाने की भी सूचना है। ऐसे ही 60-70 प्लास्टिक बैग खुफिया विभाग ने रोहतक-पानीपत नेशनल हाईवे पर बोहर फ्लाईओवर के पास डेरे के नामचर्चा घर से कुछ दूरी पर सड़क किनारे से बरामद किए हैं।
इन सूत्रों के अनुसार रोहतक में एक स्थान पर हुई डेरा समर्थकों की मीटिंग में यह जत्था भी शामिल हुआ था। यहां पर फैसला लिया गया कि जिस समय गुरमीत राम रहीम को लेकर सीबीआइ अदालत द्वारा सजा पर फैसला सुनाया जाएगा तो उसी समय दर्जनों लोग सुसाइड करेंगे। मीटिंग में यह भी तय हुआ कि यदि आत्महत्याएं जेल के गेट पर या फिर जेल के नजदीक हो तो बेहतर होगा। इसकी सूचना मिलते ही विभाग ने छापेमारी कर उक्त बैग बरामद कर लिए। इस तरह इस कोशिश को नाकाम बना दिया गया। यदि यह जत्था अपने इस नापाक काम में सफल हो जाता तो मानवीय संवेदना को कितनी ठेस पहुंचती इसका अनुमान लगाना मुश्किल नहीं होना चाहिए। 
इस संबंध में रोहतक स्थित थाना अर्बन इस्टेट के थाना प्रभारी देवेंद्र सिंह का कहना है कि रोहतक -पानीपत हाईवे पर बोहर गांव के समीप फ्लाइओवर के समीप प्लास्टिक बैग बरामद किए गए हैं। इन बैग को कब्जे में लेकर जांच पड़ताल की जा रही है। जहां बैग बरामद किए गए हैं, उसके समीप ही डेरा सच्चा सौदा का नाम चर्चा घर भी है। अंदाज़ा लगाइये कहाँ तक सोच रखा था डेरा प्रबंधकों ने। 

MSG: दोनों मामलों की सज़ा मिलकर 20 वर्ष की जेल

इस सज़ा के ऐलान से न खत्म होने वाली मुश्किलों की शुरुआत 
चंडीगढ़//सिरसा//रोहतक: 28 अगस्त 2017 (पंजाब स्क्रीन टीम)::
जैसी कि संभावना थी डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की सज़ा बढ़ कर अब 20 वर्ष हो गयी है। इससे पहले एक फैसले में केवल एक मामले की सजा सुनाई गयी थी। दोनों मामलों की सज़ा मिलकर अब 10+10=20 वर्ष हो गयी है। इसके साथ ही साध्वी यौनशोषण मामले में 30 लाख जुर्माने की सजा भी सुनाई गई है। इनमें से 14-14 लाख रूपये दोनों पीड़ित साध्वियों को दिए जायेंगे जबकि दो लाख रूपये अदालत के पास जमा होंगें। कैद-बामुश्कक्त की ये दोनों सज़ाएं गुरमीत राम रहीम को अलग-अलग काटनी होगी। डेरा प्रमुख के वकील एस के नरवाना ने भी इसकी पुष्टि की है। डेरा मुखी को धारा 376 और 506 के तहत सजा सुनाई गई है। उस पर तीन अलग-अलग धाराओं को लेकर 65 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इस के बाद सियासी और समाजिक क्षेत्रों में यह मामला और गरमा गया है। अभी पत्रकार छत्रपति की हत्या का मामला भी बाकी है।  

गौरतलब है कि साध्वी यौन शोषण मामले में राम रहीम को 25 अगस्त को दोषी करार दिया गया था। सजा सुनाए जाने के बाद राम रहीम का कैदी नंबर चेंज होगा। अभी तक वह कैदी नंबर 1997 था। उसे अब कैदियों वाले कपड़े पहनने होंगे। उसे जेल मैनुअल के हिसाब से काम भी करना होगा। अभी उसका मेडिकल किया जा रहा है। जेल में सफाई का काम पूरा करने  मिला करेगी रोटी। बेबस महिलाओं को लंगर से खाना न देने की धमकी देने वाले सिस्टम के मुखी गुरमीत राम रहीम को  कर्मों का हिसाब जेल की इस दुनिया में देना होगा।  भोलेभाले लोगों को अगले-पिछले जन्म के चक्क्रों में उलझा कर अपने शोषण का शिकार बनाने वाले बाबा का हिसाब अब इसी दुनिया में हो रहा है। 

डेरा मुखी राम रहीम के पास अब सजा के खिलाफ अपील करने के लिए हाईकोर्ट जाने का विकल्प है। आज समय कम होने के कारण वह एेसा नहीं कर पाएगा, लेकिन बहुत संभव है कल वह हाई कोर्ट में अपील दायर करे। इस बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंत्रियों, मुख्य सचिव, गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक की बैठक बुलाई है। इसमें कानून व्यवस्था को लेकर चर्चा होगी। अब देखना है की हालात का ऊँट किस करवट बैठता है। 

डेरा विवाद के चलते हालात में कई बार आया उतराव चढ़ाव

Mon, Aug 28, 2017 at 5:59 PM

पटड़ी पर चढ़ती विवस्था फिर पटड़ी से उकरी, गिरे शटर
भदौड़: 28 अगस्त 2017: (विजय जिंदल//पंजाब स्क्रीन)::  
गत चार दिनों से कर्फयु का संताप भोग रहे क्षेत्र वासी व्यापारी व दुकानदारों जो कि पहले ही मंदी की मार झेल रहे हैं उनकी हालत लगातार कभी धूपकभी छाँव कि बनी हुई है। आज सोमवार को जब बाद दोपहर डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम सिंह को सजा सुनाई जानी है वही कर्फयु के दौरान दी गई ढील के चलते सोमवार को शहर में उस समय अफरा तफरी का माहौल बन गया जब सिविल प्रशासन व्दारा जिले में कर्फ्यू लागू किए जाने और दुकानें बद करने के आदेश सुनाई दिए। 
सूचना के बाद देखते ही देखते दुकानों के शटर गिर गए और एक बार फिर व्यवस्था की गाड़ी पटड़ी से उतरती दिखाई दी। इसके बाद कुछ समय बाद ही पुलिस प्रशासन द्वारा अनाउंसमेंट कर दुकानें खोलने की जानकारी दी गई परंतु लोगों में व्याप्त सहम के चलते बाजार बंद रहे और धारा 144 की धज्जीयां उड़ाते लोग झुंड बनाकर ताश आदि खेलते और बातें करते दिखाई दिए। व्यापारी राजेश जिंदल, संदीप कुमार, राजीव सिंगला हैपी गोयल, सुखविंद्र पाल, मुनीश कुमार आदि ने कहा कि एक तो पहले ही दहशत का माहौल बना हुआ है और उपर से सरकारी सूचना की अनाउंसमेंट होने से लोगों में फिर से सहम माहौल पाया जा रहा है। स्थिति ये है कि कर्फ्यू के दौरान बाजार खुलवाने और बंद करवाने को लेकर सिविल व पुलिस प्रशासन आमने-सामने हो गया लगता है।

डेरा हिंसा को रोकने भदौड़ में भी रही सख्त सुरक्षा

Mon, Aug 28, 2017 at 5:59 PM
पुलिस ने कहा: हर कीमत पर ला एण्ड आर्डर बहाल रहेगा
डेरा सलाबतपुरा में भारी सुरक्षा
भदौड़: 28 अगस्त 2017: (विजय जिंदल//पंजाब स्क्रीन)::
आज जैसे ही डेरा सच्चा सौदा सिरसा के प्रमुख बाबा गुरमीत राम रहीम सिंह को सीबीआई कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने का समय नजदीक आता जा रहा था वैसे-वैसे लोगों की उत्सुकता भी बढ़ती दिखाई दे रही थी। भय, सहम  और आतंक के मिश्रित से भाव तकरीबन हर चेहरे पर थे। जैसे ही हरियाना के सिरसा जिले में दो जगह आगज़नी  समाचार प्राप्त हुआ तभी भदौड़ क्षेत्र में भी सुरक्षा का घेरा मजबूत होने लगा। इसी दौरान पुलिस जिला बरनाला के एसपी (एच) सुरिंद्रपाल सिंह व डीएसपी(एच) जगदीश विश्रनोई ने भदौड़ में आकर स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि क्षेत्र में किसी भी प्रकार की अनहोनी को रोकने के लिए सुरक्षा बल मुशतैदी से तैनात हैं और किसी भी व्यक्ति को कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी इसके अलावा उन्होंने कहा कि हर कीमत पर ला एण्ड आर्डर की स्थिति को बहाल रखा जाएगा। इस अवसर पर नायब तहसीलदार हरपाल सिंह, मार्कीट कमेटी के सचिव जसवंत सिंह, पुलिस थाना भदौड़ के प्रभारी प्रगट सिंह आदि उपस्थित थे। उनके इस दौरे से लोगो ने सुख की सांस ली।  

यौन शोषण मामले में डेरा प्रमुख राम रहीम को 10 साल की जेल

हिंसा की खबरों के बीच CBI कोर्ट ने सुनाया फैसला

चंडीगढ़//रोहतक//सिरसा: 28 अगस्त 2017: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो)::

न कोई चमत्कार हुआ और न ही हिंसा के दबाव ने काम किया। सज़ा का एलान होने से पहले ही सिरसा में दो गाड़ियों को आग लगा दी गयी लेकिन इस सब के बावजूद सीबीआई की विशेष अदालत के जज जगदीप सिंह ने मेसेंजर आफ गॉड गुरमीत राम रहीम को रोहतक में ही दस वर्ष कैद की सज़ा सुना दी। गौरतलब है की यह केवल ेल मामले की सजा है। अगर दुसरे में भी यही फैसला आया तो सजा दुगनी अर्थात 20 साल हो सकती है। इस सजा को डेरे ने हाई कोर्ट में चुनौती देने का फैसला किया है। इसी बीच मुख्य मंत्री मनोहर लाल खटटर ने सारे घटनाक्रम पर विचार करने के लिए एक विशेष आपात बैठक बुलाई है। सिरसा में फ्लैग मार्च शुरू कर दिया गया है। अब कई और लोगों के भी डेरा प्रमुख के सामने आने की संभावना है। इसी बीच बाबा को ब्लड प्रेशर होने की खबर गलत बताई जा रही है और पीठ दर्दकी पड़ताल का परिणाम अभी आना है। इस सज़ा के दौरान बाबा को जेल नियमों के मुताबिक बाकायदा काम करना होगा। 
गौरतलब है कि यौन शोषण मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को जो 10 वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है उससे डेरा के पैरोकार गुस्से में हैं।  सिरसा में दो गाड़ियों का जलाया जाना साबित करता है कि अभी भी डेरा के हथियारबंद स्कुएड के लोग कहीं न कहीं छुपे होने और हमले की ताक में हो सकते हैं। 

उल्लेखनीय है कि सोमवार को सजा पर सुनवाई के दौरान सुनवाई के दौरान राम रहीम ने हाथ जोड़े और माफ़ी की मांग भी की।  

उनके वकीलों ने भी सीबीआई की विशेष अदालत से सजा में नरमी की मांग की थी पर सज़ा हो कर ही रही।  
इस बार वक़्त रहते किये गए सुरक्षा प्रबंधों के चलते उस तरह की हिंसा नहीं हो सकी जिस तरह 28 अगस्त के बाद पंचकूला और कुछ अन्य स्थानों पर हुई थी। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में भी व्यापक हिंसा हुई थी। इन सभी स्थानों पर एक आतंक सा छाया रहा। जन जीवन ठप्प रहा। डेरा समर्थकों ने कई शहरों में उपद्रव और आगजनी शुरू कर दी। इस क्रम में 38 लोगों की मौत हो गई और 250 लोग घायल हो गए थे। इससे जो वित्तीय नुकसान हुआ वो अलग।   
दूसरों के परिवारों को ज़िंदा दफना देने की धमकियां देने वाले इस बाबा को जब खुद मुसीबत का अहसास हुआ तो सजा सुनाए जाने से पहले गुरमीत राम रहीम ने जज के आगे हाथ जोड़े और माफी की मांग की। हिंसा की आशंका के चलते आज प्रशासन पूरी तरह सतर्क था। जेल के आसपास के इलाके में कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए थे। अर्ध सैनिक बलों की कंपनियां भी तैनात हैं रहीं। रोहतक आने वाली सभी गाड़ियों की सघन तलाशी भी ली गयी। हर आने-जाने वाले से उसकी पहचान पूछी गयी। शहर के अदंर और बाहर बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात हैं। यहां रोहतक और सिरसा में भी धारा 144 लगी हुई है। 

Friday, August 25, 2017

डेरा प्रेमियों के हिंसक उत्पात ने हिला दिया पूरा देश

 डेरे की सम्पति अटैच करने की तैयारियां शुरू 
नई दिल्ली//चंडीगढ़//पंचकूला//सिरसा//:: 25 अगस्त 2017: (पंजाब स्क्रीन मीडिया ब्यूरो):: कभी एक सीता माता का हरण हुआ था तो राम रावण युद्ध की कहानियां अब तक सुनी सुनाई जाती हैं। कभी एक द्रोपदी का चीयर हरण हुआ था तो महाभारत के भयनक युद्ध का परिणाम आज तक चर्चा का विषय रहा। इसके बाद भी ऐसा बहुत कुछ जारी रहा। आख़िरकार एक साध्वी की हिम्मत रंग लायी। उसने हाईकोर्ट के साथ साथ तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भी एक पत्र लिखा। पत्र गुमनाम था। अगर नाम लिखा होता तो उसकी जान को खतरा हो सकता था। शायर मन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी बहुत संवेदनशील भी थे। वह गुमनाम पत्र उनके मन को छू गया। इसके साथ ही शुरू हुई पत्र लिखनेवाली साध्वी की खोज और परिणाम आज सभी के सामने है। बाबा गुरमीत राम रहीम को दोषी करार दे दिया गया है। आलीशान ज़िंदगी जीने वाले बाबा अब रोहतक जेल पहुंच चुके हैं। बाबा को जेल की बात सुनते ही अनुयायी क्रोधित हो गए।पंचकूला में एकत्र होने की तयारी बहुत पहले से थी।  
देखिये/सुनिए इस वीडियो में
जो लोग कह रहे थे कि खून की नदियां बहा देंगें वे अपनी धमकियों को सच कर दिखाने लगे। इसके बाद सरकारी दफ्तरों में आग, रेलों में आग, बसों में आग, मीडिया की ओ बी वैनों में आग, टेलीफोन एक्सचेंजों में आग और यहां तक कि अस्पतालों में आग। डेरा आतंक की यह आग सिरसा और पंचकूला से होते हुए पूरे पंजाब में पहुंची और फिर दिल्ली को भी अपनी लपेट में ले लिया। वोटबैंक के लालच में डेरों को लगातार शक्तिशाली बनाने वाली सरकारें और डेरों में जा कर माथे रगड़ने वाले सियासतदान भी इसके लिए ज़िम्मेदार हैं। सम्पति सिर्फ डेरे की नहीं इन लोगों की भी अटैच होनी चाहिए। 
साध्वी यौन शोषण मामले में श्रम करने की बजाये, अपनी बहु बेटियों को वहां भेजने से परहेज़ करने की बजाये डेरा अनुयायियों ने तोड़फोड़ और आगज़नी को पहल दी। डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को दोषी करार देने के बाद हरियाणा और पंजाब के कई जिलों में डेरा अनुयाइयों ने जमकर हिंसा की। प्राप्त समाचारों के अनुसार पुलिस और सुरक्षा बलों के साथ हुए संघर्ष में कई लोगों की मौत हो गयी है और बहुत से लोग घायल हो गए हैं। पंचकूला की केन्द्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) अदालत के न्यायाधीश जगदीप सिंह ने 15 वर्ष पुराने इस मामले में आज राम रहीम को दोषी ठहराया है। इस मामले में सजा का ऐलान 28 अगस्त को किया जाएगा। सोशलमीडिया पर कई लोग कह रहे थे कि यह काम भी आज ही हो जाता तो अच्छा था। फैसले को ४५ मिन्ट्स तक रोकने और बहुत सी अन्य सावधानियों के बावजूद जब राम रहीम को दोषी ठहराने की खबर जैसे ही अदालत के कमरे से बाहर आयी पंचकूला में एकत्रित बाबा के हजारों अनुयाइयों ने उपद्रव और तोड़फोड़ शुरू कर दी। डेरा में सिखाये जाते धर्म का असली चेहरा सामने आने लगा। स्पष्ट हो गया कि  कानून को तीच समझने की तैयारी बहुत पहले से ही थी। 

डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को अपनी ही एक अनुयायी साध्वी के यौन शोषण मामले में केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की अदालत ने आज दोषी करार दिया। डेरा प्रेमियों ने कानून का जितना सम्मान किया वो सबके सामने हैं। उनके सभी वायदे झूठे साबित हुए हैं। 

पंचकूला स्थित ब्यूरो की विशेष अदालत के न्यायाधीश जगदीप सिंह ने 15 वर्ष पुराने इस मामले में बाबा राम रहीम को दोषी करार दिया। इसकी संभावना नज़र भी आ रही थी। फैसला सुनाते समय बाबा अपने वकीलों के साथ अदालत में मौजूद थे। मीडिया चैनलों ने बताया की अदलात में सज़ा सुन कर बाबा रो पड़े। इस तरह खबर आते ही शुरू हो गया बाबा के पैरोकारों का तांडव। राम रहीम को दोषी ठहराने के बाद उनके अनुुयाइयों ने जम कर उत्पात मचाया। पंचकूला कोर्ट पर भी हमला किया। गोलियां चलायीं , पैट्रोल बम इस्तेमाल किए और सर्कार को डराने की कोशिशें शुरू कीं। उपद्रव और तोड़फोड़ लगातार बढ़ती चली गयी। मीडिया कर्मियों को भी सोच समझ कर निशाना बनाया गया। सियासदानों के ज़रिये अदालत को प्रभावित करने की चालें नाकाम रहने पर इन डेरा प्रेमियों का गुस्सा आम लोगों पर भी फुट पड़ा। 

जरूरत पड़ने पर सुरक्षाबलों को हालात पर काबू पाने के लिये सख्ती बरतने के निर्देश दिये गए पर वे काफी लेट थे। बंधे हाथों वाली पुलिस आखिर करती भी तो क्या। दफा 144 के बावजूद लाखों किम संख्या में एकत्र होने देने का तमाशा देखने वाले अधिकारी और सियासतदान भी इसके लिए ज़िम्मेदार हैं। 

न्यायाधीश एस.एस.सरों, सूर्यकांत और अवनीश की खंडपीठ ने पंचकूला में निषेधाज्ञा लागू होने के बावजूद बड़ी संख्या में डेरा समर्थकों के पहुंचने तथा कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा होने के आशंका को लेकर दायर की गयी एक जनहित याचिका पर आज आगे सुनवाई करते हुये हरियाणा सरकार को स्पष्ट निर्देश दिये कि अगर कोई राजनेता और मंत्री अगर सुरक्षा बलों की कार्रवाई में हस्तक्षेप करता है तो उसके खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाए। खंडपीठ ने कहा कि इस तरह की सूचनाएं हैं कि अदालत का फैसला डेरा प्रमुख के खिलाफ आने की स्थिति में उनके समर्थक आत्मदाह कर सकते हैं जिससे स्थिति और बिगड़ेगी।

सज़ा सुनते ही डेरा प्रेमी भड़क गए। पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में हालात बुरी तरह बिगड़ गए। डेराप्रेमी आगजनी, तोड़फोड़ पर उतारू हो गए। टीवी चैनलों की ओ बी वैनों को जला दिया गया या उल्टा दिया गया। मीडिया कर्मियों पर हमले किया गए। उपद्रव बढ़े तो सैंकड़ों ट्रेनें रद्द कर दी गयीं। 

पंचकूला में हिंसा के बाद कर्फ्यू लगा दिया है। मौतों की संख्या लगातार बढ़ती गयी। पंचकूला में कर्मचारी चयन आयोग और एलआईसी की इमारत में आग लगा दी गई। सैंकड़ों वाहनों को आग लगा दी गयी। अब तक हुई हिंसा में बहुत से लोगों के जख्मी होने की खबर है। अलग अलग अस्पतालों में उनका इलाज भी चल रहा है। घायलों में पुलिस वाले भी शामिल हैं। 
वाटर कैनन का प्रयोग कर डेराप्रेमियों को खदेड़ा जा रहा है। आंसू गैस के गोले छोड़े गए। हवाई फायरिंग भी की गयी और लाठीचार्ज भी लेकिन डेरा प्रेमी शांत नहीं हुए। भड़के डेरा प्रेमियों ने सेक्टर 3 में न्यूज चैनल की दो ओबी वैन में आग लगा दी है। एक इंडिका कार को तोड़ फोड़ दिया है। सेक्टर 5 में भी आंसू गैस के गोले छोड़े गए। सेक्टर 4 में गोलियां चल गई। सेक्टर 5 में लाठीचार्ज भी हुआ।



गौरतलब है कि डेरा के देशभर में 50 आश्रम हैं। इनका सबसे बड़ा आश्रम हरियाणा के सिरसा जिले में है जो तकरीबन 67 साल से चल रहा है। इसका रकबा बहुत बड़ा है। इसके अलावा डेरा के आश्रम अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक फैले हैं। दुनियाभर में डेरे के अनुयायियों की संख्या लाखों से करोड़ों में है जिसमें लाखों अनुयायी हरियाणा से हैं। इतनी बड़ी संख्या ही इस डेरे का शक्ति आधार है। ये अनुयायी पूरी तरह समर्पित हैं। कई बार तो सम्मोहित से भी लगते हैं। 

न्याय में लगातार देरी। आखिर 15 साल कम नहीं होते। एक आरोपी, तारीख-दर-तारीख 200 से ज्यादा सुनवाई और अब जाकर दोषी करार। लेकिन हालात इतने नासाज थे कि कभी भी कुछ भी हो जाए। डेरे का साम्राज्य और उसमें बाबा की दहशत। कितनी बार सोचा होगा उस साध्वी ने जिसने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा। बात साल 2002 की है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के नाम एक गुमनाम चिट्ठी आई, जो तीन पेज की थी। ये चिट्ठी एक महिला की ओर से भेजी गई थी। इसमें डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम की शिकायत की गई। डेरामुखी पर यौन शोषण व दुष्कर्म का आरोप लगाया गया और लिखा गया कि बाबा साध्वियों का यौन शोषण करते हैं। यह पत्र कितनी बार सोच कर कितनी हिम्मत से लिखा होगा उसने। 
पत्र ने असर दिखाया। पीएमओ ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए सितम्बर 2002 में सीबीआई को इस मामले में जांच के आदेश दिए। सीबीआई ने जांच में आरोप सही पाए और डेरामुखी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। फिर सीबीआई ने विशेष अदालत में 31 जुलाई, 2007 में आरोप पत्र दाखिल किया। हालांकि डेरामुखी को जमानत तो मिल गई, लेकिन साल 2012 से केस पंचकूला की अदालत में चला। 
अब देखना है उस साध्वी का क्या बना। क्या वह अभी तक ज़िंदा है? अगर ज़िंदा है तो क्या उसकी जान को खतरा तो नहीं?  
इस सारे घटनाक्रम पर खुद को महिला लीडर बनाने वाली महिलाये अभी तक कुछ नहीं बोलीं।  आखिर यह चुप्पी क्यों? क्या महिला संगठनों को साध्वी के यौन शोषण ने उद्धेलित नहीं किया? उनके मन में कोई दर्द नहीं उठा? साथ ही यह भी कि अब इस देश की सरकारें लगातार बढ़ रहे इन डेरों पर कोई शिकंजा कसेंगी या नहीं?


Tuesday, August 22, 2017

हत्या के बाद सहमा हुआ है पास्टर सुल्तान मसीह का परिवार

22 अगस्त की विशेष सभा में हो सकता है सड़कों पर उतरने का ऐलान  
लुधियाना: 21 अगस्त 2017: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो)::
अगर गैंगस्टर रुपिंदर गांधी का बाहुबली भाई भी दिन दिहाड़े गोलियों का शिकार हो सकता है तो अन्य निहत्थे और आम लोगों की सुरक्षा कितनी दयनीय हालत में होगी इसका अनुमान लगाना मुश्किल नहीं होना चाहिए। नामधारी गुरु माता चंद कौर, संघ नेता जगदीश गगनेजा और हिन्दू नेता अमित शर्मा के हत्यारों का अभी तक पता न लगने से आम जनता में भी निराशा की लहर है। 
क्रिश्चियन समुदाय ने पास्टर सुल्तान मसीह की वहिशयाना हत्या को गंभीरता से लेते हुए एक बार फिर आंदोलन की चेतवनी दी है। इस संबंध में औपचारिक घोषणा 22 अगस्त को होने वाली विशेष सभा में हो सकती है।   अज्ञात हमलावरों की गोलियों का शिकार हुए पादरी सुल्तान मसीह के परिवार में इस को लेकर रोष भी है गुस्सा भी। 
पंजाब स्क्रीन और कुछ अन्य मीडिया संगठनों की टीम ने जब देर शाम को पादरी सुल्तान मसीह के घर का दौरा किया तो वहां का माहौल बहुत ख़ौफ़ज़दा था। सहमा हुआ परिवार किसी भी अज्ञात व्यक्ति से बात करते वक़्त सौ बार सोचता है। पादरी सुल्तान मसीह के बेटों पुलिस के सहयोग की पुष्टि की और कहा और पुलिस हमें बहुत सहयोग दे रही है लेकिन साथ ही पूछा आखिर क्यों नहीं पकड़े जा रहे हमारे पिता के हत्यारे। हम कब तक इस तरह सुरक्षा के घेरे में कैद रहेंगे? स्कूल जाने  बाजार जाने तक उन्हें सुरक्षा में रहना पड़ता है। हम अपने ही घर के बाहर खड़े नहीं हो सकते।  गौरतलब है की पादरी सुल्तान मसीह की हत्या घर के सामने ही की गयी थी।  हत्या स्थल उनके घर के मुख्य गेट से बामुश्किल दस बारह कदम की दूरी पर स्थित है। इस हत्या से आसपास के लोगों के मन में भी सहम है। वे भी अब घर से बाहर निकलते वक़्त कई कई बार सोचते हैं। आसपास के लोग हत्या और हत्यारों की खुल कर निंदा भी नहीं करते। दबे स्वर से कहते है-न जी न-अगर कल को हमारा नंबर लग गया तो?   
इसी बीच पास्टर सुल्तान मसीह के परिवार ने स्पष्ट किया है कि 22 अगस्त को होने वाली विशेष सभा वास्तव में सवा महीने की भक्ति सभा है। हत्यारों को पकड़ने के लिए हमसे प्रशासन नई ८ घंटे मांगे थे लेकिन अब एक महीने से ज़्यादा समय गुज़र चुका है और हत्यारों का  कुछ पता नहीं। 
परिवार ने मीडिया से बात करते हुए साफ़ कहा कि अब भी हमें कोई ठोस जवाब न मिला तो हम सड़कों पर उतरेंगे। पूरा पंजाब ही नहीं बल्कि पूरा देश हमारे साथ है हमारे साथ है। अब हमारे सब्र का पैमाना भर चुका है। अब देखना है कि 22 अगस्त की विशेष सभा में क्या फैसला होता है?

Monday, August 21, 2017

कुरआन शरीफ की बेअदबी सहन नहीं की जाएगी : शाही इमाम पंजाब


Mon, Aug 21, 2017 at 1:16 PM
मालेरकोटला में हुए कांड के बाद प्रदेश भर के मुसलमानों में रोष की लहर
प्रैस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए शाही इमाम पंजाब मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवीं व अन्य
लुधियाना: 21 अगस्त 2017: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो)::


बीते दिन मालेरकोटला शहर में अज्ञात शरारती तत्वों द्वारा पवित्र कुरआन शरीफ के साथ की गई बेअदबी को हरगिज सहन नहीं किया जाएगा। ये बात आज यहां लुधियाना जामा मस्जिद में रोष मीटिंग के बाद प्रैस कान्फे्रंस को संबोधित करते हुए पंजाब के शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी ने कही। शाही इमाम ने कहा कि कुरआन शरीफ की इज्जत हमें जान से भी ज्यादा प्यारी है। इस मामले में कोई भी गुस्ताखी बर्दाशत नहीं की जाएगी। उन्होनें कहा कि मालेरकोटला में एक बार फिर से कुरआन शरीफ की बेअदबी से यह बात स्पष्ट हो गई है कि शरारती तत्व व संप्रदायिक ताकतें पंजाब की अमन और शांति को भंग करना चाहती हैं। शाही इमाम ने कहा कि पंजाब सरकार को चाहिए कि इस विषय में दर्ज किए गए मुकदमे पर तेजी से छानबीन की जाए और गुस्ताखी करने वालों को सख्त सजा दी जाए। शाही इमाम ने कहा कि पंजाब आपसी भाईचारे का प्रतीक है, प्रदेश के अमन को खराब नहीं होने दिया जाएगा। इस अवसर पर उन्होनें आपसी भाईचारे से शांति बनाए रखने की अपील की। जामा मस्जिद लुधियाना में हुई रोष मीटिंग में नायब शाही इमाम मौलाना मुहम्मद उसमान रहमानी, गुलाम हसन कैसर, मुस्तकीम अहरारी, मुहम्मद शाह नवाज, बाबुल खान, अकरम अली व शहर की विभिन्न मुस्लिम संस्थाओं के पदाधिक्कारी विशेष रूप में उपस्थित थे।

Sunday, August 20, 2017

हिन्दू और सिख सगे भाईयों की तरह हैं-ठाकुर दलीप सिंह

Sun, Aug 20, 2017 at 6:35 PM
नामधारी समाज ने मनाया धूमधाम से जन्माष्टमी का त्यौहार 
नई दिल्ली: 20 अगस्त 2017: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो)::
जब बहुत से लोग अपने अपने स्वार्थ और अज्ञान के कारण समाज को तोड़ने और फुट डालने में लगे हुए हैं उस समय ठाकुर दलीप सिंह ने दिली के पंजाबी बाग़ इलाके में विशाल स्तर पर जन्माष्टमी मनाने का हौंसला दिखाया। लोगों के आरोपों की बौछारों को अपने ऊपर झेल कर मुस्कराते हुए ठाकुर दलीप सिंह ने स्पष्ट किया कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब में श्री कृष्ण को द्वापर युग का अवतार कहा गया है और  श्री गुरु नानक देव जी को कलियुग का अवतार बताय गया है। इस लिए श्री गुरु ग्रंथ साहिब को के ज्ञान की रौशनी में इस नज़दीकी को समाज के सभी वर्गों तक लेजाना आवश्यक था। जो लोग इसे ठीक नहीं मानते उन्हें श्री गुरु ग्रंथ साहिब को बहुत ही ध्यान और श्रद्धा से पढ़ना चाहिए। इस अवसर पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी विशेष तौर पर समय निकाल कर आये। 
जन्माष्टमी आयोजन के इस शुभ अवसर पर ठाकुर दलीप सिंह ने उन लोगों को भी आड़े हाथों लिया जो किसी न किसी हीं भावना से ग्रस्त होने के कारण भारत को नीचे दिखाने वाली बातें करते हैं। ठाकुर दलीप सिंह ने बताया कि किस तरह अमेरिका जैसा विकसित देश भारत जैसे विकासशील देश के सामने बहुत से मामलों में बहुत पीछे है। उन्होंने आंकड़े दे कर अमेरिका में जुर्मों और कैदियों का विवरण भी संगत को बताया। 
उन्होंने कहा कि अपना देश हम सब का है। इसका विकास करने के लिए आप जो भी कर सकते हैं करें। यह हमारा धर्म भी बनता है और नैतिक कर्तव्य भी। देश की आज़ादी के लिए अनगिनत लोगों ने कुर्बानियां दी हैं। देश की निंदा करके उनकी कुर्बानियों को गाली मत दो। अपने ही मुख से अपने ही देश की निंदा किसी भी तरह उचित नहीं। 
इस अवसर पर आर एस एस, राष्ट्री सिख संगत और विश्व हिन्दू परिषद के प्रतिनिधियों ने भी इस आयोजन में भाग लिया। ठाकुर दलीप सिंह जी ने कहा कि हिन्दू और सिख सगे भाईयों की तरह हैं। इनको हमेशां मिल जल कर रहना चाहिए बहुत ही प्रेम और सम्मानके साथ। जो इस भावना को ठेस पहुंचते हैं वे दोनों के ही दुश्मन हैं। उन्होंने नारा भी दिया-- भाईयो-जुड़ोगे तो बढ़ोगे--लड़ोगे तो घटोगे। 

Sunday, August 13, 2017

टेकस्टाइल हौज़री कामगार यूनियन का तीसरा सम्मेलन

पुस्तकालय में हुई मौजूदा स्थिति पर विस्तृत चर्चा 
लुधियाना:13 अगस्त 2017: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो)::
आज जबकि हर तरफ अँधेरे जैसा माहौल है उस समय ज्ञान की रौशनी बाँट रहा है मज़दूरों का पुस्तकालय जिसे मज़दूरों खुद अपनी मेहनत की कमाई से निकले थोड़े थोड़े पैसे से बनाया है इसी लिए इसमें शर्म की चमक भी महसूस होती है। स्लम इलाके में मज़दूरों को सिर उठा कर जीना सिखाने वाले इस संस्थान को  तमन्ना बहुत समय से थी लेकिन मौका नहीं मिल रहा था। आज मज़दूरों के सम्मेलन की कवरेज ने यह मौका भी प्रदान किया। याद आने लगते है उस गीत के बोल-- 
पहन कर पायों में जंजीर भी,
रक्स किया जाता है--
आ बता दें कि तुझे कैसे जिया जाता है........। 
आज टेकस्टाइल हौज़री कामगार यूनियन, पंजाब का तीसरा डैलीगेट सम्मेलन किया गया। सम्मेलन में विभिन्न कारखानों के 50 से अधिक डैलीगेटों ने हिस्सा लिया। सम्मेलन में शामिल डैलीगेटों ने यूनियन के कामों को व्यवस्थित तरीके से करने के लिए नईं नेतृत्वकारी कमेटी का चुनाव किया गया। इस मौके पर 11 सदस्यों की नईं कमेटी ने राजविंदर को अध्यक्ष, ताज़ मोहमद को उप-अध्यक्ष, विश्वनाथ को मुख्यसचिव, राम सेवक को सचिव, बलजीत व छोटेलाल को कोशाध्यक्ष घनश्याम, राम सिंह, गुरदीप, धरमिंदर और प्रमोद को कमेटी सदस्य चुना गया। यूनियन के अध्यक्ष लखविंदर रिपोरट पेश की, जिसमें संगठन की प्राप्तियों व कमियों का विषलेश्ण किया गया व भविष्य की चनौतियों व कामों पर क्रमबार बात की। इसके बाद सम्मेलन में उपस्थित डैलीगेटों ने रिपोरट पर गहन विचार-चर्चा की।

शाम को हुई मज़दूर सभा में यूनियन की नईं नेतृत्वकारी कमेटी का ऐलान किया गया। इस अवसर पर टेकस्टाइल हौज़री कामगार यूनियन के अध्यक्ष राजविंदर ने सरकार की मज़दूर-गरीब विरोधी नितियों की निन्दा की। उन्होंने जी.एस.टी. की वजय से टेकस्टाइल व हौज़री मज़दूरों में फैल रही बेरोजगारी पर चिन्ता प्रगट की। सभा में छोटेलाल, घनश्याम और बलजीत ने भी बात रखी। वक्तायों ने श्रम-कानूनों में संशोधन बन्द करवाने व कारखानों में सखती से श्रम-कानून लागू करवाने के लिए बड़े सतर पर मज़ादूर वर्ग को संगठित करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।

इस अव्सर पर क्रांतिकारी सांस्र्शत्कि मंच दसतक की ओर से क्रांतिकारी गीतों की पेशकारी की गई। मंच संचालन की भूमिका ताज मोहमद ने निभाई।
यदि आपने अभी तक इस पुस्तकालय को नहीं देखा है तो आपकी सभी तीर्थ यात्रायें अधूरी हैं। जन संघर्ष और ज्ञान के इस सुमेल को कभी किसी भी दिन सभी काम छोड़ कर भी देखें। आपको मिलेगा एक नया अनुभव जो ज़िन्दगी का अनुभव होगा। 


Monday, August 07, 2017

माई अर्थ माई रिस्पोंसीबिल्टी लुधियाना चैप्टर का विमोचन


प्रजीत सचदेव ने उठाया बुड्डा नाला की जर्जर दशा का मुद्दा 
लुधियाना: 6 अगस्त 2017: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):: 
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के सरंक्षण प्रकल्प के अंतर्गत लुधियाना शहर में चलाई गई मुहिम ‘माई अर्थ माई रिस्पोंसीबिल्टी’ के ढाई वर्ष पूरे होने पर संस्थान ने इसे और आगे बढ़ाया। इस संबंध में एक विशिष्ट पैनल चर्चा के रूप में ‘माई अर्थ माई रिस्पोंसीबिल्टी लुधियाना चैप्टर’ नामक विशेष पुस्तक का विमोचन समारोह होटल पार्क प्लाजा लुधियाना में 6 अगस्त 2017 को आयोजित किया। 
इस मौके विशिष्ठ अतिथियों के रूप में मुख्यातिथि श्री नरेंद्र सिंह तोमर, माननीय केंद्रीय कैबिनट मंत्री ग्रामीण विकास और पंचायती राज, शहरी विकास, अवास और शहरी गरीबी उन्नमूलन, अतिथियों का सम्मान श्री विजय सांपला, माननीय केंद्रीय सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण राज्य मंत्री, विशेष अतिथि श्री प्रजीत सचदेव, आई.आर.एस., आयकर जांच के प्रमुख निदेशक (पंजाब, जम्मू-कश्मीर), विशेष स्पीकर, साध्वी परमा भारती, सामाजिक-अध्यात्मिक प्रेरणा वक्ता तथा साध्वी आदिति भारती, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान प्रकृति संरक्षण कार्यक्रम के अखिल भारतीय कार्यक्रम इंचार्ज। 
पैनल चर्चा का आरंभ करते हुए विशेष अतिथि श्री प्रजीत सचदेव ने बुड्डा नाला की दशा की ओर ध्यान केंद्रित किया जो वर्षों पहले शहर की जीवन रेखा था और आज एक अनसुलझी पहेली बन चुका है। उन्होंने इसका सबसे बड़ा कारण बदलाव के प्रति लोगों के भीतर तत्परता का अभाव बताया।
इस तत्परता के अभाव की जड़ को उजागर करते हुए साध्वी परमा भारती जी ने आशुतोष महाराज जी की विचारधारा को आगे रखते हुए कहा कि तत्परता के अभाव की जड़ है मानव की अज्ञानता। यह अज्ञानता निरक्षरता नहीं अपितु मानव के प्रकृति के साथ आंतरिक एकात्मकता को समझने का अभाव है। केवल ब्रह्मज्ञान की अनुभूति से ही मानव को एक बार पुन: प्रकृति के साथ उसके आंतरिक बोध से ही सरंक्षण मानव का स्वभाव बन सकता है। संस्थान की ‘माई अर्थ माई रिस्पोंसीबिल्टी कैम्पेन’ इसी विचारधारा को साकार करने के लिए प्रयासरत है और इस पड़ाव पर माननीय मुख्य मेहमान, श्री नरेंद्र ङ्क्षसह तोमर ने इस मुहिम की विशिष्ट ‘माई अर्थ माई रिस्पोंसीबिल्टी लुधियाना चैप्टर-अ रिपोर्ट’ (जुलाई 2014-दिसम्बर 2016) का विमोचन किया। संस्थान के पर्यावरण सरंक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षा साध्वी आदिति भारती जी ने की, जो कि एक ‘क्वालिीफाईड एनवायर्नमैंटलईस्ट’ हैं, ने रिपोर्ट के बारे में बताते हुए कहा कि यह कोई साधारण रिपोर्ट नहीं है, अपितु संस्थान द्वारा प्रकाशित जागरूकता का एक ऐसा माध्यम है, जो एक ओर उन लोगों को उत्साहित करता है जिन्होंने इसमें बढ़चढ़ कर अपना सहयोग दिया और साथ ही उन लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत है जिनकी अब तक इस मुहिम में कोई भागीदारी नहीं रही। श्री विजय सापंला जी माननीय केंद्रीय मंत्री ने मुहिम के उद्घाटन समारोह से लेकर अब तक मुहिम को अलग-अलग पड़ावों से गुजरते देखा है और उन्होंने श्री आशुतोष महाराज जी के दिशा निर्देशन में नि:स्वार्थ भाव से कार्य कर रहे कार्यकत्र्ताओं और सरंक्षण टीम को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। चर्चा को निष्कर्ष की ओर ले जाते हुए माननीय मुख्य मेहमान ने कहा कि सरकार बदलाव के लिए केवल कानून बना सकती है, परन्तु आतंरिक परिवर्तन और तत्परता को इन नियमों से जागृत नहीं कर सकती। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान और ‘माई अर्थ माई रिस्पोंसीबिल्टी कैम्पेन’ इस आंतरिक परिवर्तन को लाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इसलिए मेरा कहना है कि संस्थान बढ़चढ़ कर ऐसी मुहिमें चलाए और समाज को परिवर्तन की ओर ले जाये। अंत में सभी विशेष अतिथियों को सम्मानित कर व धन्यवाद प्रस्ताव की परम्परा को निभाते हुए तरसेम सिंह जी ने कार्यक्रम को सम्पन्न किया। कार्यक्रम के पश्चात सरंक्षण की एक विशेष प्रदर्शनी लगाई गई। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के सरंक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत ली गई ‘माई अर्थ माई रिस्पोंसीबिल्टी’ मुहिम एक स्टेट-आफ आर्ट कदम है, जो कि समाज के विभिन्न किरदारों को मां प्रकृति के सरंक्षण हेतु एकजुट कर रहा है। संस्थान विश्व भर में फैली अपनी विभिन्न शाखाओं के द्वारा पर्यावरण सरंक्षण, गौ सरंक्षण, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, नशे की रोकथाम, प्राकृतिक आपदा प्रबंधन के साथ-साथ जेल के कैदियों तथा विकलांग वर्ग का भी सशक्तिकरण कर रहा है।

Sunday, August 06, 2017

दिल्ली में तीन सीवरेज कर्मियीं की मौत--एक की हालत गंभीर

कामरेड विजय ने पूछा-सफाई कर्मियों की ज़िंदगी से खिलवाड़ कब तक?
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लुधियाना: 6 अगस्त 2017: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो)::  
सीवर में काम करने वालों को हालत हर कही खराब है। हमारे सीवर मज़दूर हर रोज़ मौत के मुँह में धकेल दिए जाते हैं।  आये दिन कोई न कोई हादसा होता है और वे वक़्त से पहले ही इस  रुखसत हो जाते हैं। अब नई खबर आई है दिल्ली से जहाँ तीन सीवरेज कर्मियों की मौत हो गयी है। एटक से सम्बंधित एक नगर निगम मज़दूर नेता विजय कुमार ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि हम लम्बे समय पंजाब में इस सुरक्षा के लिए जूझ रहे हैं लेकिन इसका हल ऊंठ का लटकता हुआ होंठ बन कर रह गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में हुए हादसे के सिलसिले में हम जल्द ही एक बैठक लुधियाना में बुलाएँगे तांकि इस समस्या को हल करने के लिए कोई ठोस कदम उठाया जा सके।   

उन्होंने बताया कि दिल्ली में भी बुरा हाल है। दिल्ली के लाजपत नगर इलाके में दिल्ली जलबोर्ड के सेफ्टी टैंक में सफाई के लिए उतरे तीन मजदूरों की मौत हो गई जबकि एक की हालत गंभीर है। कामरेड विजय ने सवाल किया की आखिर मज़दूरों की ज़िंदगी के साथ यह खिलवाड़ कब तक जारी रहेगा?
उन्होंने बताया कि मरने वालों में मजदूर अन्नू की उम्र 27 वर्ष है। जोगिंदर की उम्र 28 है और एक अन्य का विवरम मंगवाया जा रहा है जिसकी पहचान नहीं हो पाई है। हादसे में घायल हुए राजेश नामक युवक का इलाज जारी है। कामरेड विजय ने कहा कि आज के आधुनिक युग में क्या सीवरेज कर्मियों के लिए कोई विकास नहीं हुआ?आखिर क्यों उन्हें सेफ्टी किट के बिना धकेला जाता है सीवरेज में। 
इसी बीच मृतकों के शव एम्स की मोर्चरी में भेजे गए हैं। आसपास के लोगों से की गयी वार्ता के मुताबिक आशंका व्यक्त की जा रही है कि जहरीली गैस की चपेट में आकर सभी सीवरेज कर्मियों की मौत हुई है। मौत के सही कारणों का खुलासा सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद हो पाएगा। पुलिस हादसे में घायल हुए राजेश से पूछताछ करने का प्रयास कर रही है। कामरेड विजय ने इन  मौतों पर गहरा दुःख व्यक्त किया। 

टेकस्टाइल हौज़री कामगार यूनियन का तीसरा सम्मेलन 13 अगस्त को

Sun, Aug 6, 2017 at 8:03 PM
सुबह 9 वजे होगा सम्मेलन और शाम 4 बजे होगी मज़दूर सभा
लुधियाना: 6 अगस्त 2017: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):: 
फाईल फोटो 

लुधियाना के हौज़री मज़दूरों को एकजुट करने के मकसद से टेकस्टाइल हौज़री कामगार यूनियन निरंतर सक्रिय है। इसी संबंध में इस बार 13 अगस्त को तीसरे आयोजन की तैयारियां जोरों पर हैं।  
आज टेकस्टाइल हौज़री कामगार यूनियन की कमेटी की मीटिंग हुई जिसमें यूनियन का तीसरा सम्मेलन करने का फैसला लिया गया। मीटिंग मे मौज़ूद यूनियन के कमेटी सदस्यों ने आज के समय मज़दूरों के आर्थिक हालातों, कारखानों में हो रहे लूट-शोशन, श्रम कानून लागू ना होना तथा कारखानों में हो रही गैरकानूनी छंटनी जैसी समस्यायों पर गहन विचार-चरचा करते हुए फैसला लिया कि ऐसे हालातों में मज़दूरों को संगठित करने व यूनियन को और मज़बूत करने की जरूरत है। इसी लिए यूनियन का तीसरा  तीसरा सम्मेलन करने का फैसला लिया गया। 13 अगस्त 2017 दिन रविवार को मज़दूर पुस्तकाल्य मकान न. 4135, ताज़पुर रोड़ लुधियाना पर सुबह 9 बजे सम्मेलन होगा जिसमें जनवादी तरीके से नई नेतृतवकारी कमेटी का चुनाव किया जाएगा। इसी दिन शाम 4 बजे मजदूर सभा भी की जाएगी। 
इस संबंध में और विवरण लेना हो तो सम्पर्क करें राजविंदर से जो टेकस्टाइल हौकारी कामगार यूनियनके अध्यक्ष हैं और उनका मोबाईल फोन नंबर है:9888655663

हीरो साइकिल ने ओ पी मुंजाल रखबाग में किया तीज का आयोजन

Friday 05 August 2017 at 17:49
सबसे बड़े तीज फेस्टिवल के आयोजन का दावा 
लुधियाना:5 अगस्त 2017: (प्रदीप शर्मा इप्टा//पंजाब स्क्रीन)::  
पंजाब की संस्कृति और रीति रिवाजों को याद रखने वाले घराने मुंजाल परिवार की "हीरो साईकलज़" फर्म ने ओ पी मुंजाल रखबाग में बड़े पैमाने पर तीज का आयोजन किया। इसमें जहाँ महत्वपूर्ण लोग बढ़ चढ़ कर पहुंचे वहीँ बहुत से बच्चों ने भी उत्साह से इसमें भाग लिया। हमाउल देखने लायक था और यादगारी भी था। 

हीरो साइकिल ने आज तीज महोत्सव के जश्न के साथ अगस्त में कई भव्य समारोह मनाने से सबंधित योजनाओं को पूरा करने की शुरूवात कर दी है। हजारों लुधियानियों ने ओ पी मुंजाल रखबाग में आयोजित इस भव्य उत्सव में भाग लिया।  इनमें शहर के 32 सरकारी और निजी स्कूलों के बच्चों की सक्रिय भागीदारी देखी गई।
मेयर, डिप्टी कमिश्नर के साथ साथ पुलिस विभाग के भी कई महत्वपूर्ण अधिकारीयों ने भी समारोह में भाग लिया।
शहर की महिलाओं ने मेहंदी प्रतियोगिता, फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता, तीज क्वीन प्रतियोगिता के लिए विशेष रूप से उत्साहित थीं और अनदेखे उत्साह और जोश के साथ इन प्रतियोगिताओं में भाग लिया। इस अवसर पर आयोजित अन्य कार्यक्रमों में नुक्कड़ नाटक और बैटल ऑफ बैड प्रतियोगिता शामिल थे, जिसमें शहर के लोगों ने न केवल भाग लिया बल्कि इसे एक यादगार कार्यक्रम भी बनाया।
"हीरो साइकिल के वाईस चेयरमैन श्री एस.के. राय ने कहा "हम दो साल से ओ पी मुंजाल रखबाग में तीज महोत्सव का आयोजन कर रहे हैं और तीसरे साल हमने लुधियाना के नागरिकों के उत्साह और भागीदारी को देखते हुए इसे और भी बड़ा बनाने का फैसला किया। इस साल इसमें कई और अधिक कार्यक्रमों और विशेषताओं को जोड़ा और परिणाम स्वरूप कार्यक्रम में भारी  मात्रा में लोगों ने हिस्सा लिया। ओपी मुंजाल रखबाग  में आयोजित यह अगस्त का पहला कार्यक्रम है जिसे हमने आज आयोजित किया था। अगस्त 2017 के दौरान ओपी मुंजाल रखबाग के अन्य उत्सव, 8 अगस्त 2017 को राखी सेलीब्रेशनन, 15 अगस्त 2017 को पूर्व सैनिकों की लीग, लुधियाना द्वारा स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन करेंगे।


इस वर्ष स्थापित की गई बहु प्रतिष्ठित महात्मा सत्यानंद मुंजाल रोलिंग ट्राफी,  तीज महोत्सव में सांस्कृतिक गतिविधियों में समग्र सर्वोत्तम प्रदर्शन के लिए एक स्कूल को दी गई। पिछले साल, तीज महोत्सव के दौरान प्रतियोगिताओं में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए बीसीएम शास्त्री नगर स्कूल ने डॉ ब्रिजमोहन लाल मुंजाल रोलिंग ट्राफी जीती थी। इस महीने के अंत में ओ पी मुंजाल रखबाग में स्वतंत्रता दिवस समारोह की योजना बनाई जाएगी, उस दिन विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा और उस दिन विद्यालय के बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त टॉय ट्रेन की सवारी दी जाएगी।

तीयां, तीज त्यौहार का पंजाबी नाम है जो कि अति प्राचीन काल से पूरे भारत में सबसे अधिक मनाए गए त्योहारों में से एक है।

अगस्त के महीने में लड़कियों और महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला यह उत्सव, सावन के पूरे महीने जारी रहता है। पंजाब में इस त्यौहार की एक महान परंपरा है और इसमें लोगों द्वारा विशेष संगीत, नृत्य (गिद्धा) और लोक गीत का आनंद लिया जाता है। लेकिन तेजी से हो रहे शहरीकरण से, यह त्यौहार धीरे-धीरे पंजाब में फीका होता जा रहा है। आज के समय में, तीज को ज्यादातर ग्रामीण त्योहार के रूप में माना जाता है, जिसे एक नए पुनरुत्थान की आवश्यकता है।

यह उल्लेखनीय है कि ओ.पी. मुंजल रखबाग लुधियाना के लोगों के लिए असंख्य सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से पंजाब की पुरानी संस्कृति को वापस लाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यह विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है जो न केवल सभी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मूल्यों को पुनर्जीवित करने के लिए योगदान देता है बल्कि लोगों के बीच एक राष्ट्रीय समन्वय बनाने की दिशा में भी काम करता है।
कुल मिलाकर कार्यक्रम यादगारी था लेकिन बच्चों को पूरी तैयारी का मौका नहीं दिया गया था।  बहुत सी बच्चियां नहीं जानती थी की चरखा कैसे चलना है और किस तरफ सही दिशा बनती है। इन बच्चियों के लिए भोजन और पानी का भी पर्याप्त प्रबंध नहीं था। आयोजन से जुड़े लोग रेलवे स्टेशन की तरफ छुप छुप कर काजू बादाम खाते देखे गए। उम्मीद है की अगले आयोजनों में ऐसा सब नहीं होगा। 

Saturday, August 05, 2017

DJJS: पर्यावरण संरक्षण के लिए चलाया विशेष अभियान

Sat, Aug 5, 2017 at 1:36 PM  
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान ने बनाये इस दिशा में कई विशेष कार्यक्रम 
लुधियाना: 5 अगस्त 2017: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो)::
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान जिसके संचालक श्री आशुतोश महाराज जी हैं, की ओर से लुधियाना में आज 5 अगस्त 2017 को एक स्थानीय होटल में एक प्रैस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। यह आयोजन संस्थान की लुधियाना शाखा की ओर से चलाई जा रही मुहिम माई अर्थ माई रिसपोंसीबिल्टी से संबंधित किताब माई अर्थ माई रिसपोंसीबिल्टी चैप्टर-अ रिपोर्ट जुलाई 2014 दिसंबर 2016 के विमोचन के संबंध में था। 
इस संबंध में संस्थान के नेचर कंजरवेशन प्रोग्राम की मुख्य इंचार्ज साध्वी आदिति भारती, प्रचारक साध्वी परमा भारती तथा लुधियाना के माई अर्थ माई रिस्पोंसीबिल्टी प्रोग्राम के इंचार्ज तरसेम सिंह ने प्रैस के समक्ष विमोचन की जाने वाली किताब के बारे में जानकारी दी। 
प्रैस को संबोधित करते हुए साध्वी सुश्री आदिति भारती ने कहा कि पर्यावरण का सरंक्षण एक दिन की क्रिया नहीं है, यह तो एक जीवनशैली है, इस जीवन शैली का संचार तथा प्रारंभ करना आसान कार्य नहीं है, यह तो एक निरंतर प्रक्रिया है। माई अर्थ माई रिस्पोंसीबिल्टी कैंपेन का उद्देश्य समाज को इसी जीवनशैली की ओर बढ़ाना है। 
करीब ढाई वर्ष के काल के दौरान हमने अनेकों प्रकार से नागरिकों के मनों को हिलाने की कोशिश की है तथा यह किताब हमारे कार्यों, उपलब्धियों तथा यात्रा पाठ्यक्रम को सब के समक्ष खोल देगी। यह पूछने पर कि क्या यह किताब विमोचन प्रकरण शहर में मुहिम का अंत है तो इस पर प्रोग्राम के इंचार्ज तरसेम सिंह ने कहा कि माई अर्थ माई रिस्पोंसीबिल्टी मात्र एक मुहिम नहीं, वास्तव में यह जनता की मुहिम है क्योंकि पृथ्वी सब की है। यह एक कोशिश है जिसके द्वारा शहर के लोगों को मुहिम व उसके नतीजों से अवगत करवाया जा सकेगा। यह इस का अंत नहीं! अपितु हम इसकी आवाज को दूसरे स्तर तक ले जाने की सोच रहे हैं। संस्थान ने आगामी महीनों में शहर के भीतर वायु प्रदूशण को रोकने हेतु एक विशाल जागरूकता रैली निकालने का ऐलान किया। इसके अतिरिक्त संस्थान शहर के कुछ खास इलाकों में भी कुछ ख़ास कार्य करेगा। लुधियाना के इंचार्ज तरसेम सिंह ने एक नंबर 9779824000, 9915761850 दिया और कहा कि हम यह नंबर प्रैस के माध्यम से जारी कर रहे हैं जो कोई भी घर में पौधा रोपित करना चाहता है, वह इस नंबर पर संपर्क करे, उसे मुफत डिलीवरी दी जायेगी। कांफ्रेंस के अंत में तरसेम सिंह ने मीडिया कर्मियों का उनके सहयोग के लिए धन्यवाद भी दिया। 

Wednesday, August 02, 2017

60 पेरा लीगल वालंटियर को ट्रेंनिंग का काम जारी

जिला कोर्ट कम्प्लेक्स में चार अगस्त तक चलेगा यह सेमिनार 

लुधियाना:2 अगस्त 2017: (वी के बत्रा//स्वीटी बत्रा//पंजाब स्क्रीन):: 
एक बहुत ही अच्छा गीत है-ज़िंदगी हर कदम इक नई जंग है! इस जंग में बहुत सी उलझने क़ानूनी जाल से भी उलझी होती हैं। इस जाल से बच निकलना आसान नहीं होता। लोग कहते हैं की बीमारी और कचहरी तो भगवान किसी दुश्मन को भी न दे। जहाँ तक दुश्मन का सवाल है वे तो बिना बनाये भी खड़े हो जाते। हैं। शायद यह प्राकृति का ही कोई नियम हो। 
आप कितनी ही कोशिश कर लो लेकिन कोई न कोई क़ानूनी उलझन खड़ी हो ही जाती है। तब याद आती है अदालत और कानून की। अदलात जाना कोई आसान काम नहीं होता। घर घाट सब बिक जाता है और न्याय फिर भी नहीं मिलता। किसी के साथ ऐसा न हो इस मकसद के लिए एक विशेष आयोजन आजकल जिला कचहरी कॉम्पलेक्स में चल रहा है। 
कोर्ट कॉम्प्लेक्स में जिला क़ानूनी सेवा ऑथोरिटी की तरफ से 1 अगस्त से 4 अगस्त  तक सेमिनार करवाया जा रहा है जिसमे पूरे लुधियाना जिले से चुने गए 60 पेरा लीगल वालंटियर को ट्रेंनिंग दी जा रही है। यह वालंटियर ही आम जनता को इंसाफ दिलाएंगे जिसके पास आम तौर पर ज़्यादा धन नहीं होता। 
ऑथोरिटी की सेक्रटरी कम सी जे एम मनयोग मैडम गुरप्रीत कौर ने पत्रकारो से बातचीत करते हुए बताया के यह ट्रेंनिंग 4 दिन तक चलेगी जिसमें आज समाज सुरक्षा कार्यालय से सेक्शन अफसर श्रीमती सुनीता गुप्ता , जिला फैमिली वैलफेयर आफिस से डॉक्टर एस.पी सिंह, डिस्ट्रिक्ट फ़ूड सप्लाई अफसर गुरिंदर सिंह और नरेगा अफसर मेडम रजनी भारद्वाज मुख्य मेहमान के तौर मार पहुंची थी।