Friday, May 26, 2017

गालिब रणसिंह वाल में मस्जिद हजरत अबू बकर का उद्घाटन


गांव के लोगो ने कौमी एकता का सबूत दिया है : शाही इमाम पंजाब

लुधियाना: 25 मई 2017: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):: 
जहां स्वार्थी सियासतदान आज भी लोगों में फुट डाल कर अपना उल्लू सीधा करने में लगे है वहां नेक लोग अभी भी भाईचारक सांझ को मज़बूत बनाने में लगे हैं। गांव गालिब रण सिंह में आज हुआ आयोजन इस मैत्री की ही एक झलक थी।  

जगराओं तहसील के गांव गालिब रण सिंह में आज मजलिस अहरार इस्लाम हिन्द की ओर से बनाई गई भव्य मस्जिद का उद्घाटन पंजाब के शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी ने अपने कर कमलों द्वारा किया। इस मौके पर नाइब शाही इमाम मौलाना उस्मान रहमानी, गांव के सरपंच हरसिमरन सिंह बाली, पंचायत मैंबर राजिन्द्र सिंह, दविन्द्र सिंह, सुखविन्द्र सिंह,हरजिन्द्र कौर, भगवंत सिंह, नरिन्द्र कौर, बलजीत सिंह, नंबरदार वीरइन्द्र सिंह व अन्य भी मौजूद थे। गौरतलब है कि गालिब रणसिंह वाल में एक दर्जन से अधिक मुस्लिम परिवार है जोकि पिछले लंबे समय से गांव में मस्जिद बनाने की कोशिश कर रहे थे, इन परिवारों की जरूरत को देखते हुए गांव के सरपंच हरसिमरन सिंह बाली ने शाही इमाम पंजाब मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी के साथ सम्पर्क कर गांव में एक भव्य मस्जिद का निर्माण करवाया। गांव में बनी यह मस्जिद अपनी खूबसूरती स्वयं ही ब्यां करती है।
 
इस मौके पर शाही इमाम पंजाब ने कहा कि मस्जिद खुदा का घर है और इसके दरवाजे हर इंसान के लिए खुले है। उन्होंने कहा कि गांव के हिन्दू-सिख भाइयों ने मस्जिद के निर्माण में योगदान डाल कर कौमी एकता को मजबूत किया है। शाही इमाम ने कहा कि इस्लाम अमन का मजहब है और समाज में बराबरी का संदेश देता है तांकि किसी के साथ भेदभाव न किया जाए। इस मौके पर अल हबीब ट्रस्ट के महासचिव व नाइब शाही इमाम मौलाना उस्मान रहमानी ने सरपंच ंच हरसिमरन सिंह बाली और पंचायत मैंबरों को सम्मानित किया। उस्मान रहमानी ने बताया कि गांव में मस्जिद के निर्माण के दौरान वह जब भी लुधियाना से आये तो उनका हिन्दू-सिख भाईयों की तरफ से गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया और कभी भी किसी चीज की कमी नहीं आने दी गई। 

Monday, May 22, 2017

सत्ता के बावजूद 21 मई को कांग्रेस नहीं कर सकी कोई बड़ा आयोजन

इंटक के दिनेश गुट ने दी राजीव गांधी को श्रद्धांजलि 
लुधियाना: 21 मई 2017: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो)::
जून 1984 के बाद जब समुचित सिख समुदाय कांग्रेस से टूट गया था और 31 अक्टूबर को तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गाँधी की हत्या के बाद अलगाव की यह खायी और गहरी हो गई थी। न सिख श्री अकाल तख्त साहिब की तबाही भूल सके और न ही कांग्रेस सुश्री इंदिरा गाँधी की हत्या को भूल सकी। नवंबर-84 की घटनाओं ने तो देश के इतिहास में दर्द से भरे वो पन्ने जोड़ दिए जिन्हें लाख कोशिशों के बाद भी अब तक हटाया नहीं जा सका। ऐसे नाज़ुक हालात में पंजाब समझौता करने वाले राजीव गांधी में जो जो सियासी खूबियां थीं उनको उनके विरोधी भी मानते हैं। संत लोंगोवाल और राजीव गाँधी के दरम्यान समझौते `की तस्वीर एक ऐतिहासिक दस्तावेज़ बन कर सामने आयी। विवादों और विरोधों के बावजूद राजीव गांधी का सत्ता काल ऐतिहासिक बना रहेगा।  अमेरिका के साफ़ इंकार के बावजूद भारत ने अगर दुनिया में अपना पहला सुपर कंप्यूटर बना लिया था तो इस सारे प्रयास में राजीव गांधी की चाहत जनून की तरह काम कर रही थी। सभी विकसित देशों ने  जब इसका प्रदर्शन देखा तो मुंह में उंगलियां दबा ली थी। पहले सुपर कंप्यूटर को “8000 परम”का नाम दिया गया था। इन सभी बातों को कांग्रेस पार्टी उनकी पुण्यतिथि पर उठाने में भी नाकाम रही। 
पायलट के हवाई आकाश को छोड़ कर राजनीति में आए राजीव गांधी के प्रशंसकों ने कभी सपने में नहीं सोचा होगा कि आतंकवादी हमले में हुई हत्या के बाद उनकी पार्टी कांग्रेस धीरे धीरे भुला देगी। बेशक देश में कांग्रेस की सत्ता नहीं है लेकिन पंजाब में तो है। इसके बावजूद राजीव गाँधी की स्मृति में लुधियाना में कोई बड़ा कार्यक्रम होने की जानकारी नहीं मिली।  
इंटक के दिनेश सुंदरियाल इस संबंध में एक आयोजन अवश्य किया लेकिन इसकी जानकारी भी कार्यक्रम होने के बाद दी गयी। इसमें भी इंटक के बहुत से कार्यकर्ता और नेता नज़र नहीं आए। कुछ अन्य संगठनों ने भी इसी तरह अलग अलग आयोजन किये। 
इस आयोजन के ज़रिये कांग्रेस समर्थक मज़दूर संगठन इंटक ने आज समराला चौक स्थित डॉ प्रदीप अग्रवाल के कार्यालय में श्री राजीव गांधी जी को श्रदांजलि दी। डॉ अग्रवाल ने कहा कि रजीव गांधी विश्व के सबसे बड़े लोकतन्त्र भारत के एकमात्र ऐसे युवा प्रधानमन्त्री थे, जिनकी उदार सोच, स्वप्नदर्शी व्यापक दृष्टि ने भारतवर्ष को एक नयी ऊर्जा और एक नयी शक्ति दी  कि देश को विश्व के अन्य उन्नत राष्ट्रों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर देने वाले सबसे कम उम्र के वे ऐसे प्रधानमन्त्री थे, जिन्होंने इक्कीसवीं सदी का स्वप्न देते हुए भारत को वैज्ञानिक दिशा दी।  इंटक के महिला विंग की अध्यक्षा अनीता शर्मा ने कहा कि आज भी श्री राजीव गांधी हम में हैं। इस मौके पर इंटक टीम के अन्य लोगों ने भी अपने महबूब नेता को श्रद्धांजलि दी। इंटक के राज्य उप प्रधान जोगिन्दर सिंह टाइगर, स्टेट जनरल सेक्टरी फिरोज मास्टर,शिव चरण थापर कोर  मेंबर, विकास गुप्ता, राजीव शर्मा, अशोक बंसल ,रविंदर कौर थापर, विशाल पराशर, संजीव जोल्ली, अशवनी शर्मा और अन्य सदस्य भी शामिल थे। अब देखना यह है कि सत्ता के बावजूद नया नेता पैदा किये बिना पुराने नेताओं को भूलने की यह सोच कांग्रेस को किस अंजाम की तरफ ले जाएगी? अगर यही सब होता रहा तो गुटबंदियों और व्यक्तिगत रंजिशों में उलझी कांग्रेस शायद सत्ता का लाभ उठा कर भी खुद को मज़बूत न कर सके। 
सत्ता के बावजूद 21 मई को कांग्रेस नहीं कर सकी कोई बड़ा आयोजन 

Saturday, May 20, 2017

यू पी में दलितों पर हुए अत्याचार के विरोध में तेज़ी


बाबा साहिब दलित फ़ोर्स ने फूंका मोदी व योगी का पुतला 
लुधियाना: 20 मई 2017:(वी के बत्तरा//पंजाब स्क्रीन)::

गत दिनों उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के शबीरपुर गांव में उच्च जाति के समुदाय द्वारा दलितों पर किये अत्याचार महिलाओं का अनादर व उनके घरों को जलाए जाने के विरोध में बाबा साहिब दलित फ़ोर्स ने आज यहां तीखा विरोध व्यक्त किया।संगठन के प्रधान अजय पाल दिसावर, प्रशांत मूंग, संजीव जदेजा व अशोक सिद्धू की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला फूंक कर रोष प्रदर्शन किया।  इस मौके पर केंद्र सरकार के विरुद्ध जम कर नारेबाजी की गयी। इस अवसर पर प्रधान अजय पाल ने कहा कि आज भारत के आजाद होने के बावजूद देश में जात-पात के नाम पर भेदभाव होना व् मौजूदा सरकार का इस मामले मे चुपी साधना एक दुर्भाग्यपूर्ण बात है। उन्होंने कहा कि शबीरपुर गाँव में दलित समाज की महिलाओं के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया व् उनके घरों तक को जला दिया गया और वहां की सरकार व पुलिस प्रशासन मूक दर्शक बन कर तमाशा देखते रहे और आज आरोपी खुले घूम रहे है जिसकी जिम्मेदार योगी सरकार है। अजय पाल ने कहा कि बेशक आज संविधान में सभी नागरिको को समान अधिकार दिए गए है परन्तु आज भी देश के दलित वर्ग को दूसरे दर्ज के नागरिक माना जाता है। प्रधान अजय पाल ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि दलित परिवार के जलाये गए घरों का सरकार पुनः निर्माण करे व् आरोपियों पर केस दर्ज कर एस टी एक्ट व् एन एस ए के तहत मुकदमा दर्ज करके फास्ट ट्रैक पर केस चला कर दोषियों को सजा दी जाए नहीं तो बाबा साहिब दलित फ़ोर्स अपने आंदोलन को तेज कर पुरे देश में रोष प्रदर्शन करेगी। इस अवसर पर साहिल सिंह शैंकी,धर्मेंदर, अमित, विजय, विक्की बिरला, कर्ण मूंग, विजय, पंकज सभरवाल,वीरू मिंकल,रिक्की बिरला, रोहित फूलवाल,निक्का मेहरवान, राहुल जगीरपुर, कुणाल, कर्ण कनौजिया, साहिल,छोटे लाल, अजय सहोता, अखिल, सूरज, लंकेश, योगराज, कर्ण कल्याण आदि उपस्थित हुए।

Friday, May 19, 2017

""ठाकुर दलीप सिंह जी की कृपा से ठीक हो गया दिल का सुराख"

Fri, May 19, 2017 at 10:33 AM
जालंधर की प्रिंसिपल राजपाल कौर ने किया सभी सबूत पास होने का दावा 
बच्ची प्रेम कौर और उसके माता पिता करणबीर सिंह और राजिंदर कौर 
जालंधर: 19 मई 2017: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):: 
आजकल नवजन्मे या छोटे बच्चों के दिल में सुराख होने की समस्या लगातार बढ़ रही है। ऐसा ही कुछ हुआ जम्मू के एक नामधारी परिवार के साथ। इस परिवार की बच्ची के दिल में भी सुराख था। जालंधर की प्रिंसिपल राजपाल कौर ने दावा किया है कि यह सुराख ठाकुर दलीप सिंह जी की कृप से बिना किसी इलाज के ठीक हो गया है। उनकी भेजी रिपोर्ट हम यहां प्रकाशित कर रहे हैं। इस रिपोर्ट पर आपके विचारों की भी इंतज़ार रहेगी।-सम्पादक 
राजपाल कौर की रिपोर्ट:::
सतगुरु शब्द सत्य और गुरु के सुमेल से बना है। जो अज्ञान के अन्धेरे से ज्ञान के प्रकाश की तरफ ले चले तथा जो शिष्यों को सच की राह दिखाये उसे सतगुरु कहते हैं। गुरबाणी में भी लिखा है "सति पुरखु जिनि जानिआ सतगुरु तिस का नाउ" तथा "सतिगुरु सभना दा भला मनाइदा, तिस दा बुरा किउ होई"---क्योंकि ऐसे सतगुरु रूप संसार में सभी का कल्याण करने के लिए तथा सदमार्ग दिखाने के लिए ही आते हैं और जो सच्चे मन से सतगुरु जी के चरणों से जुड़ जाता है, वह भवसागर से पार हो जाता है।                       
सतगुरु की कृपा से असम्भव काम भी हो जाते हैं सम्भव 
इस बच्ची के दिल में था सुराख 
वर्तमान समय में नामधारी प्रमुख सतगुरु दलीप सिंह जी, जो विनम्रता तथा त्याग की मूरत हैं, अपने अलौकिक रूप से सबका मन मोह लेते हैं तथा शरण आये हुए पर अपनी कृपा - मेहर करते हैं। ऐसे अनेक अलौकिक कृपाओं को मैने देखा-सुना भी है तथा अनुभव भी किया है, उनमें से केवल एक का ही जिक्र करने जा रही हूँ, जो वाकई सभी को अचंभित कर देने वाली है कि ऐसे कलयुग के समय में भी सतगुरु की कृपा से तथा नाम जपने से असम्भव कार्य भी सम्भव हो जाते हैं। जम्मू के कृष्णानगर में रहने वाले कुलदीप सिंह जी ने मुझसे मुलाकात होने पर अपनी आपबीती वार्ता के बारे में बताया ,उनके साथ उनका परिवार; उनकी पत्नी सुखविंदर कौर, बेटा करणबीर सिंह, बहु रजिन्दर कौर तथा उनकी पोती प्रेम कौर भी थे। उन्होंने बताया की जब उनकी पोती प्रेम कौर जब केवल दो महीने की ही थी तो वह बहुत बीमार रहती थी, उन्होंने उसे जम्मू के डॉक्टर सी.डी.गुप्ता से चेक करवाया तो उन्होंने बताया की आपकी पोती के दिल में सुराख़ है और इसका अभी कोई इलाज नहीं हो सकता ,जब आपकी बच्ची पाँच साल की हो जाएगी तो एक नई तकनीक द्वारा, जिसमें पैर का मांस काट कर वहां लगा कर ऑपरेट किया जा सकता है या फिर धीरे-धीरे बड़े होने पर भर सकता है। सारे परिवार वाले बहुत निराश हुए और सोच में पड़ गए कि अब क्या किया जाये क्योंकि वो मासूम बच्ची दिल में सुराख़ होने की वजह से उसे बुखार भी अक्सर हो जाया करता था तथा उसके शरीर का उचित विकास भी नहीं हो रहा था।लेकिन निराशा और दुःख में तो केवल परमात्मा ही पुकार सुन सकते है उनकी भी पुकार सुनी गई और उन्हें अपने आराध्य गुरु, सतगुरु दलीप सिंह जी के दर्शन करने का मौका मिला, उन्होंने दर्शन करके सतगुरु जी के चरणों में विनती करके अपनी पोती की हालत के बारे में बताया। सतगुरु जी ने बड़े ध्यान से सारी बात सुनी, फिर बचन किया कि बच्ची की माता उसे अपनी गोद में लेकर पांच मिनट प्रतिदिन नाम सिमरन करे और ऐसा लगातार चालीस दिन तक करे, वे सत्यवचन कहकर, सतगुरु जी को नमस्कार कर घर आ गए और उनकी बहु ने बताया की ऐसा उसने लगातार करना शुरू कर दिया और चालीस दिन के बाद बच्ची की हालत में सुधार आना शुरू हो गया और उसका  ग्रोथ (विकास) होना भी शुरू हो गया, बुखार आना भी धीरे-धीरे बंद हो गया। उसके बाद वे थोड़ा निश्चिंत हो गए और दुबारा टैस्ट कराने भी नहीं गए क्योंकि उन्हें अपने गुरु पर पूरा भरोसा था फिर भी उन्होंने सभी की तसल्ली करवाने के लिए लगभग दो साल बाद बच्ची का टैस्ट करवाने के लिए उसी डॉक्टर के पास दुबारा  गए तथा जब डॉक्टर ने टैस्ट कर लिए तो वे हैरान हो गए कि बच्ची बिल्कुल ठीक थी ,उसके दिल में कोई सुराख़ नहीं था। डॉक्टर के पूछने पर कि आपने कोई इलाज करवाया था, बच्ची नॉर्मल कैसे हो गई तो कुलदीप सिंह जी ने उन्हें सारी बात बताई कि कैसे सतगुरु जी की आज्ञा से, नाम जपने से उनकी बच्ची ठीक हो गई। गुरबाणी में भी लिखा है" सरब रोग का अउखदु नामु" पर जो इसे श्रद्धा से मानता है वही इसका लाभ प्राप्त कर सकता है, सतगुरु जी के बचनों को जीवन में श्रद्धापूर्वक अपनाकर ही खुशियाँ प्राप्त की जा सकती है। डॉक्टर ने उन्हें रिपोर्ट भी दिखाई और वे ख़ुशी-ख़ुशी घर वापिस आ गए। उन्होंने मुझे भी दोनों रिपोर्टे दिखाई पहली वाली और बाद वाली भी। मैं भी उनके बचन सुनकर धन्य हो गई। मेरे मुँह से केवल यही शब्द निकले ;धन्य सतगुरु जी और धन्य हैं उनके सिक्ख! जो श्रद्धा से उनके बताये मार्ग पर चलकर उनके कृपा-पात्र बन जाते हैं। जम्मू में रहने वाले कुलदीप सिंह जी ने मुझसे मुलाकात होने पर अपनी आपबीती वार्ता के बारे में बताया, उनके साथ उनका परिवार; उनकी पत्नी सुखविंदर कौर, बेटा करणबीर सिंह, बहु रजिन्दर कौर तथा उनकी पोती प्रेम कौर भी थे। उन्होंने बताया की जब उनकी पोती प्रेम कौर जब केवल दो महीने की ही थी तो वह बहुत बीमार रहती थी, उन्होंने उसे जम्मू के डॉक्टर सी.डी.गुप्ता से चेक करवाया तो उन्होंने बताया की आपकी पोती के दिल में सुराख़ है और इसका अभी कोई इलाज नहीं हो सकता, जब आपकी बच्ची पाँच साल की हो जाएगी तो एक नई तकनीक द्वारा, जिसमें पैर का मांस काट कर वहां लगा कर ऑपरेट किया जा सकता है या फिर धीरे-धीरे बड़े होने पर भर सकता है। सारे परिवार वाले बहुत निराश हुए और सोच में पड़ गए कि अब क्या किया जाये क्योंकि वो मासूम बच्ची दिल में सुराख़ होने की वजह से उसे बुखार भी अक्सर हो जाया करता था तथा उसके शरीर का उचित विकास भी नहीं हो रहा था।लेकिन निराशा और दुःख में तो केवल परमात्मा ही पुकार सुन सकते है उनकी भी पुकार सुनी गई और उन्हें अपने आराध्य गुरु, सतगुरु दलीप सिंह जी के दर्शन करने का मौका मिला, उन्होंने दर्शन करके सतगुरु जी के चरणों में विनती करके अपनी पोती की हालत के बारे में बताया। सतगुरु जी ने बड़े ध्यान से सारी बात सुनी, फिर बचन किया कि बच्ची की माता उसे अपनी गोद में लेकर पांच मिनट प्रतिदिन नाम सिमरन करे और ऐसा लगातार चालीस दिन तक करे, वे सत्यवचन कहकर, सतगुरु जी को नमस्कार कर घर आ गए और उनकी बहु ने बताया की ऐसा उसने लगातार करना शुरू कर दिया और चालीस दिन के बाद बच्ची की हालत में सुधार आना शुरू हो गया और उसका  ग्रोथ (विकास ) होना भी शुरू हो गया ,बुखार आना भी धीरे-धीरे बंद हो गया। उसके बाद वे थोड़ा निश्चिंत हो गए और दुबारा टैस्ट कराने भी नहीं गए क्योंकि उन्हें अपने गुरु पर पूरा भरोसा था फिर भी उन्होंने सभी की तसल्ली करवाने के लिए लगभग दो साल बाद बच्ची का टैस्ट करवाने के लिए उसी डॉक्टर के पास दुबारा  गए तथा जब डॉक्टर ने टैस्ट कर लिए तो वे हैरान हो गए कि बच्ची बिल्कुल ठीक थी, उसके दिल में कोई सुराख़ नहीं था। डॉक्टर के पूछने पर कि आपने कोई इलाज करवाया था , बच्ची नॉर्मल कैसे हो गई तो कुलदीप सिंह जी ने उन्हें सारी बात बताई कि कैसे सतगुरु जी की आज्ञा से, नाम जपने से उनकी बच्ची ठीक हो गई। गुरबाणी में भी लिखा है"सरब रोग का अउखदु नामु " पर जो इसे श्रद्धा से मानता है वही इसका लाभ प्राप्त कर सकता है, सतगुरु जी के बचनों को जीवन में श्रद्धापूर्वक अपनाकर ही खुशियाँ प्राप्त की जा सकती है। डॉक्टर ने उन्हें रिपोर्ट भी दिखाई और वे ख़ुशी-ख़ुशी घर वापिस आ गए। उन्होंने मुझे भी दोनों रिपोर्टे दिखाई पहली वाली और बाद वाली भी। मैं भी उनके बचन सुनकर धन्य हो गई। मेरे मुँह से केवल यही शब्द निकले ;धन्य सतगुरु जी और धन्य हैं उनके सिक्ख! जो श्रद्धा से उनके बताये मार्ग पर चलकर उनके कृपा-पात्र बन जाते हैं। 

मोदी जी के पाकिस्तान जाने के बाद भी हमले तेज़-INTUC

Fri, May 19, 2017 at 3:47 AM
डा. अग्रवाल ने किये भाजपा सरकार पर कई सवाल 

लुधियाना: 19 मई 2017: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):: 
पंजाब की सत्ता मिलते ही कांग्रेस और कांग्रेस से जुड़े संगठन पूरी तरह सक्रिय हो कर दिन रात एक कर रहे हैं। इन संगठनों में ही एक संगठन है इंटक का। कांग्रेस का यह ट्रेड यूनियन विंग जहां राज्य भर के मज़दूरों को इंटक से जोड़ रहा है वहीँ सियासी मोर्चे पर भी लोहा ले रहा है। सुविज्ञ सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस समर्थक मज़दूर संगठन इंटक के के तीन प्रमुख गुट हैं। इनमें से एक गुट दिनेश सुंदरियाल के नेतृत्व में सरगर्म है। इस गुट ने हाल ही में जहां बेलन ब्रिगेड प्रमुख अनीता शर्मा को अपने साथ जोड़ा वहीं वाम नेता मास्टर फ़िरोज़ को भी अपने साथ लाने में सफलता हासिल की। अब यह गुट उस काम में बाज़ी मार रहा है जिसमें कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस की राज्य सरकार भी पूरी तरह से मैदान में नहीं आ पायी। 
इस गट के प्रवक्ता डॉ प्रदीप अग्रवाल ने केंद्र सरकार के 3 साल पूरे होने पर मोदी सरकार  की तीखी आलोचना की है। डाक्टर अग्रवाल ने कहा कि पीएम मोदी ने हर साल 2 करोड़ नौकरी देने का वादा किया पर हालत यह है जिन नौजवानों के पास नौकरी है उन्हें निकाल दिया गया है।
साथ ही यह भी कहा कि कच्चे तेल की कीमत में लगातार कमी आने के बावजूद सरकार ने तेल पर टैक्स 70 फीसदी से बढ़ाकर 150 फीसदी कर दिया। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के तीन साल पूरे हो रहे हैं। इन तीन सालों में सरकार के कामकाज, नक्सल, बेरोजगारी, क्राइम आदि समस्याअों को लेकर ट्विटर पर  फेसबुक पर व्हाटसअप पर भी लोगो ने मोदी सरकार को घेरा है। इसके अलावा कांग्रेस ने भी मोदी सरकार को विफल करार दिया है। अग्रवाल ने कहा सांप्रदायिक सौहार्द्र, दलित सुरक्षा और भाईचारे के नुकसान का आरोप लगाया। उन्हीने कहा कि सरकार ने किसानों से किए वायदे भी पूरे नहीं किए। फसल बीमा योजना का वादा भी पूरा नहीं हुआ। फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य का वादा भी पूरा नहीं किया गया।  डॉक्टर अग्रवाल ने कहा कि वो 15 लाख रुपये कहां हैं जो लोगों के खाते में आने वाले थे। गौरतलब है की अमित शाह इस वायदे को चुनावी जुमला करार दे चुके हैं। 

अग्रवाल ने यह भी कहा कि आज महिलाओं के खिलाफ क्राइम बढ़ता जा रहा है। आजाद भारत के बाद इतना क्राइम पहली बार हो रहा है बेरोजगारी तो लगातार बढ़ती जा रही है।  उन्होंने पूछा की क्या सब कुछ महंगा हो गया है या मैं गरीब हो गया हूं?  साथ ही यह सवाल भी दागा कि बीजेपी अपने 3 साल पूरे होने का जश्न मना रही है पर जनता के कल्याण के लिए इस सर्कार ने किया ही क्या है? डाक्टर अग्रवाल ने कहा कि  मोदी सरकार घरेलू व विदेशी हर मोर्चे पर बुरी तरह विफल रही है।  डाक्टर अग्रवाल ने यह सवाल कई बार दोहराया कि आखिर 3 साल में बीजेपी सरकार क्या किया है? डाक्टर अग्रवाल ने कहा की डॉ. मनमोहन सिंह कभी पाकिस्तान नहीं गये, मोदी जी के पाकिस्तान जाने के बाद भी हमले हो रहे हैं, क्या यही राष्ट्रवाद है? 

Monday, May 15, 2017

क्रान्तिकारी संगठनों ने मनाया अमर शहीद सुखदेव का जन्म दिन


शहीद सुखदेव के जन्म स्थान नौघरा में हुआ श्रद्धांजलि कार्याक्रम

लुधियाना:15 मई, 2017: (पंजाब स्क्रीन टीम):: Click to see More Pics on Facebook
नगर निगम के ए ज़ोन, माता रानी चौंक, चौड़ा बाजार और साथ लगते अन्य इलाकों में आज इंकलाबी नारों की गूंज थी। अम्र शहीद सुखदेव के जन्मदिन पर कुर्बानियों का इतिहास याद किया और कराया जा रहा था। सरकारी कार्यक्रम और पारिवारिक कार्यक्रम से अलग रहते हुए सक्रिय वाम संगठनों ने आज अपने अंदाज़ में शहीद का जन्मदिन मनाया। शहीद सुखदेव की जन्मस्थली नौघरा मौहल्ला में पहुंच कर इन संगठनों ने गीत संगीत के साथ साथ अपने भाषणों में भी अपनी विचारधारा को व्यक्त किया। गीत वही चुने गए थे जो आम जनता के हक की बात करते थे। Click to see More Pics on Facebook
लोक मोर्चा पंजाब के कस्तूरी लाल ने स्पष्ट किया कि हम यहां माथे टेकने नहीं बल्कि शहीदों के विचारों की चर्चा करने आए हैं। बाद में बोले वक्ताओं ने भी शहीदों के अधूरे सपनों की खुल कर चर्चा की। 

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शहीद सुखदेव के जन्म स्थान नौघरा मोहल्ला में बिगुल मज़दूर दस्ता, लोक मोर्चा पंजाब, और इंकलाबी केन्द्र पंजाब द्वारा संयुक्त तौर पर शहीद सुखदेव का जन्मदिन मनाया गया। घण्टा घर चौंक के नज़दीक नगर निगम कार्यालय से लेकर नौघरा मोहल्ला तक पैदल मार्च किया गया। शहीद सुखदेव की यादगार पर लोगों ने श्रद्धांजलि के फूल भेंट किए। इलाके में संगठनों द्वारा जारी एक पर्चा भी बाँटा गया। जगह-जगह नुक्कड़ सभाएँ की गई। इस अवसर पर बिगुल मज़दूर दस्ता की नेता बलजीत, लोक मोर्चा पंजाब के नेता कस्तूरी लाल और इंकलाबी केन्द्र पंजाब के नेता जसवंत जीरख ने अपने विचार पेश किए। मोल्डर एण्ड स्टील वर्कर्ज यूनियन के हरजिन्दर सिंह, इंकलाबी नौजवान विद्यार्थी मंच के हर्ष ने भी विचार पेश किए। मंच संचालन बिगुल मज़दूर दस्ता के राजविन्दर ने किया।
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वक्ताओं ने कहा कि उनके लिए शहीद सुखदेव को याद करना कोई रस्मपूर्ति नहीं है। क्रान्तिकारी शहीदों की कुर्बानियाँ मानवता की लूट, दमन, अन्याय के खिलाफ़ जूझने वालों के लिए हमेशा से प्रेरणा का स्रोत रही हैं। उन्होंने कहा शहीद सुखदेव और उनके साथी सिर्फ अंग्रेज हकूमत से आजादी के लिए नहीं लड़ रहे थे। शहीद सुखदेव व उनके साथियों के विचारों के जितने बड़े दुश्मन अंग्रेज हाकिम थे, उतने ही बड़े दुश्मन भारतीय हाकिम भी हैं। अपनी फाँसी से तीन दिन पहले पंजाब के गवर्नर को लिखे खत में सुखदेव, भगतसिंह और राजगुरु ने लिखा था - ''... युद्ध छिड़ा हुआ है यह लड़ाई तब तक चलती रहेगी जब तक कि शक्तिशाली व्यक्तियों ने भारतीय जनता और श्रमिकों की आय के साधनों पर अपना एकाधिकार कर रखा है। चाहे ऐसे व्यक्ति अंग्रेज पूँजीपति या सर्वथा भारतीय ही हों या दोनों मिले हुए...इस स्थिति में कोई फर्क नहीं पड़ता।''
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वक्ताओं ने कहा कि सुखदेव का यह स्पष्ट मानना था कि सिर्फ अंग्रेजी गुलामी से मुक्ति से ही मेहनतकशों की जिन्दगी बेहतर नहीं हो जाएगी, कि जब तक समाज के समूचे स्रोत-संसाधनों पर मेहनतकश लोगों का कब्जा नहीं हो जाता तब तक जनता बदहाल ही रहेगी। वे समाज के स्रोत-साधनों पर चंद धन्नाढ्यों का कब्जा नहीं चाहते थे बल्कि उनकी लड़ाई तो समाजवादी व्यवस्था कायम करने के लिए थी। सुखदेव ने लिखा था- ''हिन्दुस्तानी सोशियलिस्ट रिपब्लिकन पार्टी के नाम से ही पता साफ पता चलता है कि क्रान्तिवादियों का आदर्श समाज-सत्तावादी प्रजातंत्र की स्थापना करना है।''
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वक्ताओं ने शहीद सुखदेव को धर्म, जाति, बिरादरी, क्षेत्र आदि से जोड़कर उनकी कुर्बानी के महत्व को घटाने व उनके विचारों पर्दा डालने की जाने-अनजाने में हो रही कोशिशें का विरोध करते हुए कहा कि उनकी लड़ाई तो समूची मानवता को हर तरह की आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक गुलामी, लूट, दमन, अन्याय से मुक्त करने की थी। मेहतनकश लोगों का गरीबी-बदहाली, बेरोज़गारी से छुटकारा धर्मों, जातियों, क्षेत्रों आदि के भेद मिटाकर एकजुट होकर लुटेरे हाकिमों के खिलाफ क्रान्तिकारी वर्ग संघर्ष के जरिए ही हो सकता है।   Click to see More Pics on Facebook
वक्ताओं ने कहा कि अमीरी-गरीबी की बढ़ती खाई, बेरोजगारी, इलाज योग्य बीमारियों से भी मौतें, बाल मज़दूरी, स्त्रियों के विरुद्ध बढ़ते अपराध, गरीबों की शिक्षा से बढ़ती दूरी, वोटों के लिए लोगों को धर्म-जाति आधारित साम्प्रदायिकता की आग में झोंक देने की तेज़ हो रही घिनौनी साजिशें, कदम-कदम पर साधारण जनता पर बढ़ता जा रहा ज़ोर-जुल्म-यही वो आज़ादी है जिसके गुणगान देश के हाकिम पिछले 70 वर्षों से करते आएँ हैं। देशी-विदेशी धन्नासेठ मालामाल हैं, लेकिन लोग कंगाल हैं। गरीबी-बदहाली के महासागर में अमीरी के कुछ टापू- यही है आज़ाद भारत की भयानक तस्वीर। जनता के हकों के लिए संघर्षशील लोगों को देशद्रोही करार देकर दमन किया जा रहा है। जब से केन्द्र में मोदी सरकार बनी है तबसे जनाधिकारों पर हमला और भी तेज़ हो गया है। उन्होंने कहा कि शहीद सुखदेव और उनके साथियों के सपनों का समाज बनना अभी बाकी है। उन्होंने शहीद सुखदेव के जन्मदिन पर इंकलाबी शहीदों की सोच अपनाने व फैलाने का प्रण करने व उनके सपनों के समाज के निर्माण की ज़ोरदार तैयारी में जुट जाने का आह्वान किया।

Saturday, May 13, 2017

अल्लाह सभी इन्सानों का रब है

अल्लाह की जात 70 माताओं से ज्यादा प्रेम करने वाली है
लुधियाना: 12 मई 2017::(पंजाब स्क्रीन ब्यूरो)::
बीती रात पंजाब के दीनी मरकज जामा मस्जिद लुधियाना में शब-ए-बरात के पवित्र मौके पर एक धार्मिक समारोह का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता पंजाब के शाही इमाम मौलाना हबीब-उर-रहमान सानी लुधियानवी ने की। समारोह का संचालन गुलाम हसन कैसर ने किया व समागम की शुरूआत पवित्र कुरान शरीफ  की तीलावत से की गई। इस मौके पर नायब शाही इमाम मौलाना उसमान रहमानी, कारी मुहम्मद मोहतरम, मुती जमालुद्दीन, मौलाना अतीक अहमद, शाहनवाज अहमद, नाफे गनी, मुजाहिद तारीक, फिरोज अहमद, मुहम्मद जीशान व शाही इमाम के मुख्य सचिव मुहम्मद मुस्तकीम विशेष रूप से उपस्थित थे।
शब-ए-बरात के मौके पर जामा मस्जिद में उपस्थित सैंकड़ों मुस्लमानों को संबोधित करते हुए पंजाब के नायब शाही इमाम मौलाना उसमान रहमानी लुधियानवी ने कहा कि इस रहमतों वाली रात में हर मुस्लमान को चाहिए कि वह अपने खुदा से अपने गुनाहों की माफी मांगे, क्योंकि अल्लाह बहुत बड़ा रहम करने वाला है। उन्होंने कहा कि हम सबको अल्लाह के बताए हुए नेक रास्ते पर चलते हुए गरीब लोगों की सहायता करनी चाहिए और कोशिश करनी चाहिए कि हमारी वजह से किसी के दिल को ठेस न पहुंचे। 
समारोह को सम्बोधित करते हुए नायब शाही इमाम मौलाना उसमान रहमानी ने कहा कि अल्लाह सभी इन्सानों का रब है और प्रत्येक व्यक्ति के लिये अल्लाह की जात 70 माताओं से ज्यादा प्रेम करने वाली है। उन्होंने कहा कि रब कभी नहीं कहता कि उसका बन्दा परेशान हो पर इन्सान ही अपने गलत कर्मों की वजह से खुद को मुसीबत में डाल लेता है। उन्होंने कहा कि आज की रात जो भी व्यक्ति अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगता है उसे अल्लाह ताआला माफ कर देते है। 
इस दौरान जामा मस्जिद लुधियाना के बाहर की रोनक देखने योग्य थी और शहर भर की सभी मस्जिदो की भी रोनक देखते ही बन रही थी। सारी रात मुसलमानों ने मस्जिदों में जाकर इबादत की। जामा मस्जिद के बाहर नमाजीयों के लिये शर्बत की छबील व लंगर का विशेष प्रबन्ध किया गया था। इस पवित्र रात में पंजाब के शाही इमाम मौलाना हबीब-उर-रहमान सानी लुधियानवी ने देश भर में अमन और शांति के लिये विशेष दुआ भी करवाई।

Thursday, May 11, 2017

मन की तरंगों ने मिलाया डा.शकुंतला यादव और नूतन पटेरिया को

कर्मभूमि के साथ प्रेम बना दोनों की मैत्री का आधार 
लुधियाना: 11 मई 2017: (पंजाब स्क्रीन टीम):: More Pics on Facebook Please
मध्य प्रदेश में रतलाम से सबंधित डाक्टर शकुंतला यादव को ज़िंदगी के रंग और रोज़ी रोटी के चक्कर देश के अलग अलग भागों में घुमाते रहे। कभी गुजरात, कभी राजस्थान, कभी चंडीगढ़ तो कभी पंजाब। इस भागदौड़ के बावजूद उन्होंने वक़्त निकाला और बहुत सी रचनाएं लिखीं। प्रेक्टिकल ज़िंदगी के मंच पर भी सी भूमिकाएं अदा की। बहुत से उतराव चढ़ाव आये। ज़िंदगी के बहुत से रंग नज़र आए जो स्मृति पटल पर छाये और फिर धीरे धीरे कलम के ज़रिये जन जन तक पहुंचने लगे। उन रचनाओं से सम्पर्क का दायरा भी बढ़ा और एक नया मित्र मंडल भी बना। प्रशंसक भी मिले। सम्मान भी हासिल हुए। किताबों के पाठक भी मिले लेकिन इसके साथ ही कुछ और भी घटित हो रहा था। इसकी भनक तक किसी को नहीं थी। मन की तरंगें दूर बैठी दो लेखिकाओं को मिलाने का कोई बहाना बना रही थीं। किसी अज्ञात दुनिया में कुछ स्नेह संबंध विकसित हो रहे थे। मैत्री के संबंध बन रहे थे। यूं लगता था जैसे मध्य प्रदेश से शुरू हुआ लेखन और मैत्री का पावन बंधन पूरे देश को अपने प्रेम बंधन में बांधता हुआ फिर मध्य प्रदेश पहुंच रहा है। डाक्टर शकुंतला यादव और नूतन पटेरिया में अचानक हुई फोन वार्ता से कुछ इसी तरह का अहसास हुआ। इस वार्ता का जरिया पंजाब स्क्रीन का फोन बना यह एक अलग बात है। More Pics on Facebook Please
कहां  मध्य प्रदेश और कहां पंजाब।  तेज़ रफ्तारी के इस युग में भी फासला काफी लम्बा है। गर्दिश के दिन बहुत कुछ भुला देते हैं। ज़िंदगी के पथ पर उड़ती हुई वक़्त की धुल बहुत से चेहरों और दृश्यों को धुंधला कर देती है। लेकिन जीवन के संघर्ष में प्रकृति का विज्ञान चुपचाप अपना काम करता रहता है। उस विज्ञान के सामने कई बार कोई तर्क भी काम नहीं करता। जिस जिस भूमि की माटी से हमारा सबंध रहा हो वो कभी कभी उभर कर सामने आता है। जिस जिस जगह का पानी पिया हो वो अपना असर छोड़ता है। जहा जहां सांस ली हो वो हवा अपना असर दिखाती है। मन की तरंगें अपने जैसे लोगों की तलाश कर लेती हैं। कभी कभी यह सब इतना अचानक होता है कि इंसान हैरान रह जाता है। More Pics on Facebook Please
लुधियाना की वरिष्ठ लेखिका और शिक्षिका डाक्टर शकुंतला यादव और दमोह में रहने वाली लेखिका और शिक्षिका नूतन पटेरिया के दरम्यान हुई फोन वार्ता कुछ इसी तरह का मिलन था। एक अलौकिक सा अहसास। दोनों ने एक दुसरे से बात करते हुए अपनी प्रसन्नता का इज़हार किया। एक दुसरे को अपने अपने शहर आने का आमंत्रण भी दिया। इस पर विस्तृत चर्चा भविष्य में फिर कभी फिलहाल आप पढ़िए-हैपी मदर्स डे..... पर नूतन पटेरिया की प्रोफ़ाइल पर प्रेषित एक रचना: (शायर का नाम पता चलते ही यहाँ जोड़ दिया जायेगा।)
हैप्पी मदर्स डे________
माँ

माँ कबीर की साखी जैसी

तुलसी की चौपाई-सी
माँ मीरा की पदावली-सी
माँ है ललित रुबाई-सी

माँ वेदों की मूल चेतना
माँ गीता की वाणी-सी
माँ त्रिपिटिक के सिद्ध सुक्त-सी
लोकोक्तर कल्याणी-सी
माँ द्वारे की तुलसी जैसी
माँ बरगद की छाया-सी
माँ कविता की सहज वेदना
महाकाव्य की काया-सी
माँ अषाढ़ की पहली वर्षा
सावन की पुरवाई-सी
माँ बसन्त की सुरभि सरीखी
बगिया की अमराई-सी
माँ यमुना की स्याम लहर-सी
रेवा की गहराई-सी
माँ गंगा की निर्मल धारा
गोमुख की ऊँचाई-सी
माँ ममता का मानसरोवर
हिमगिरि-सा विश्वास है
माँ श्रृद्धा की आदि शक्ति-सी
कावा है कैलाश है
माँ धरती की हरी दूब-सी
माँ केशर की क्यारी है
पूरी सृष्टि निछावर जिस पर
माँ की छवि ही न्यारी है
माँ धरती के धैर्य सरीखी
माँ ममता की खान है
माँ की उपमा केवल है
माँ सचमुच भगवान है।...😊😊   

















Tuesday, May 09, 2017

अब भाजपा हल करेगी जन जन की समस्या

परवीन बांसल ने किया न्यू कुंदनपुरी में बीजेपी कार्यालय का उद्धघाटन 
लुधियाना: 9 मई 2017: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):: For More Pics on FB Please Click Here
पंजाब में हार और बाकी बहुत से स्थानों पर जीत--लेकिन भारतीय जनता पार्टी न तो जीत की ख़ुशी में आपे से बाहर हुयी और न ही हार से विचलित हुयी। आम जनता के साथ सम्पर्क साधना और फिर उस सबंध को मज़बूत बनाना भाजपा की आज भी प्रथम प्राथमिकता है। जब हर कोई किसी न  किसी वजह से दुखी है, परेशान है और निराश भी की अब कहीं उसकी सुनवाई नहीं उस हालात में भाजपा आश्वासन ले कर आयी है कि  हर किसी की समस्या दूर होगी आपको बस हमारे कार्यालय में आ कर लिखित आवेदन करना है। इस मकसद के कार्यालय लुधियाना के हर वार्ड में खोलने का कार्यक्रम है। इसी सिलसिले में आज वार्ड नंबर 30 में भाजपा कार्यालय खोला गया। औपचारिक उद्धघाटन किया वरिष्ठ भाजपा नेता परवीन बांसल ने। 
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उल्लेखनीय है कि जनता से अपने सम्पर्क को और मज़बूत करते हुए भारतीय जनता पार्टी अपना अभियान लगातार तेज़ कर रही है। इसी अभियान के अंतर्गत आज लुधियाना के वार्ड नंबर 30 में बीजेपी का कार्यालय खोला गया। इसकी औपचारिक रस्म वरिष्ठ भाजपा नेता परवीन बांसल ने अदा की। इस अवसर पर भाजपा के साथ साथ कुछ अकाली नेता और वर्कर भी मौजूद रहे। इस मौके पर भीड़ थी लेकिन न्यू कुंदनपुरी की आबादी के हिसाब से बहुत ही कम। चुनावी अभियान के समय श्री बांसल के साथ रहने वाले वोटर लोग इस मौके से दूर रहे। शायद चुनावी परिणामों के बाद उनकी सियासत भी बदल गयी हो। भाजपा के इस दफ्तर के ओपनिंग कार्यक्रम में वक्ताओं ने दावा किया है कि किसी को कोई भी समस्या हो वो बस एक आवेदन दे और यह कार्यालय उसकी समस्या दूर करने कराने का पूरा प्रयास करेगा।  श्री बांसल ने इस मौके पर इलाके के नाराज़ लोगों के गीले शिकवे भी सुने। इस सब के बावजूद श्री बांसल कुछ परेशान और उदास से दिखे। यह उदासी केवल थकावट की थी या कार्यालय में जुटी कम भीड़ या कोई और कारण--इसका जवाब प्रबंधक ही दे सकते हैं। सुधा खन्ना और कुछ अन्य लोग विशेष तौर पर शामिल हुए। For More Pics on FB Please Click Here
इस मौके पर अजय सौंधी, तेजिंदर राजा, जोगा सिंह, गोल्डी सिंह, हरप्रीत सिंह, गुरचरण सिंह, कुलजिंदर बाजवा और कई अन्य भी मौजूद थे। अब देखना है कि भाजपा से गठबन्धन धर्म निभाते हुए अकाली दल भी ऐसा करता है या नहीं? साथ ही वाम दल और सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी भाजपा के इस कदम का जवाब देने के लिए अपना अपना वार्ड कार्यालय खोल पाते हैं या नहीं?
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Monday, May 08, 2017

जेल सुधारों पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को गृह मंत्रालय की सलाह

08-मई-2017 17:59 IST
2016 में हुआ था जेल प्रमुखों का पांचवां राष्ट्रीय सम्मेलन
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती ललिता कुमारमंगलम 30 सितंबर,2016 को नई दिल्ली में राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के कारागार प्रमुखों के 5वें राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह में।                    (एजे/पीआईबी,हिंदी इकाई)
जेल सुधारों पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के जेल प्रमुखों के पांचवें राष्ट्रीय सम्मेलन में अपनाए गए प्रस्तावों पर गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के प्रमुख सचिवों/ गृह सचिवों (कारावास प्रभारी) को एक पत्र लिखा है।
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती ललिता कुमारमंगलम
30 सितंबर,2016 को नई दिल्ली में राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के
कारागार प्रमुखों के 5वें राष्ट्रीय सम्मेलन में समापन संबोधन
करती हुईं। (एजे/पीआईबी,हिंदी इकाई)
जेल सुधारों पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के जेल प्रमुखों का पांचवां राष्ट्रीय सम्मेलन नई दिल्ली में 29- 30 सितंबर, 2016 को हुआ था। सम्मेलन का उद्घाटन गृह राज्य मंत्री श्री हंसराज गंगाराम अहीर ने किया था, जिसमें राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों, सीपीओ, एनजीओ इत्यादि के 150 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था। कारावास प्रशासन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई थी। सम्मेलन में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को स्वीकार किया था।
राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह  दी गई है कि वे निम्नलिखित सुधारों पर गौर करें और उन्हें कार्यान्वित करें। इनका उद्देश्य कारावास प्रशासनिक प्रणाली को कारगर बनाना है :
  i.     कारावास विभाग का नाम बदल कर ‘कारावास एवं सुधारात्मक प्रशासन’ किया जाएगा, जिसके तहत एकीकृत कारावास, सुधारात्मक और परिवीक्षा सेवाएं शामिल हैं।
  ii.     हर राज्य को कारावास विभाग के तहत एक कल्याण शाखा स्थापित करनी होगी, जिसमें कल्याण अधिकारियों, विधि अधिकारियों, काउंसलर और परिवीक्षा अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी।
 iii.     कारावास नियमों और कानूनों में बुनियादी एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अपने मौजूदा जेल मैनुअल की समीक्षा करें और गृह मंत्रालय द्वारा तैयार तथा मई, 2016 में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजे गए आदर्श जेल मैनुअल, 2016 के प्रावधानों को लागू करें।
 iv.     शीघ्र सुनवाई और अदालतों तक विचाराधीन बंदियों को लाने-ले-जाने के खर्च में कमी लाने के लिए सभी जेलों को वीडियों कांफ्रेंसिंग के जरिये अदालतों से जोड़ा जाए।
  v.     कारावास विभागों में सभी पदों की मौजूदा रिक्तियों को जल्द भरा जाए।
 vi.     प्राथमिकता के आधार पर जेल ई-प्रणाली को अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क एवं प्रणालियों (सीसीटीएनएस) तथा ई-न्यायालयों के साथ एकीकृत किया जाए।
vii.     समय-समय पर विचाराधीन बंदी प्रबंधन के संबंध में जेल, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और न्याय पालिका का संयुक्त प्रशिक्षण आयोजित किया जाए। कैदियों की आपराधिक प्रवृत्ति और कट्टरता में कमी लाने के लिए अलग से प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाए जाएं।

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी गई है कि वे उपरोक्त सुधारों को समयबद्ध तरीके से लागू करने के लिए समेकित प्रयास करें। बंदियों की दशा सुधारने के लिए यह नितांत आवश्यक है। इसके लिए कारावास प्रशासन में भी सुधार लाया जाए।
राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रशासनों से आग्रह किया जाता है कि वे उपरोक्त सलाह के क्रियान्वयन के संबंध में प्रगति की सूचना प्रदान करें।
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वामपंथी उग्रवाद को नेस्तनाबूद करने के लिए विशेष बैठक


08-मई-2017 13:42 IST
CRPF के 25 जवानों की शहादत से पूरा देश उद्वेलित हुआ
केंद्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों की समीक्षा बैठक को संबोधित किया 
The Union Home Secretary, Shri Rajiv Mehrishi briefing the media on
the review meeting on Left Wing Extremism (LWE), in New Delhi on May
08, 2017, The Senior officers of Ministry of Home Affairs are also seen.
केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। आज सुबह उद्घाटन सत्र के दौरान सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर दिए गए उनके भाषण का पाठ इस प्रकार है:

     विभिन्न राज्यों से आए मुख्य मंत्री गण, गृह सचिव एवं भारत सरकार के अन्‍य सचिवगण, विभिन्न राज्यों के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, केन्द्रीय सशस्त्र बलों के महानिदेशक, जिला कलेक्टरगण तथा जिला पुलिस अधीक्षकगण।

-     देश के दस वामपंथ उग्रवाद से प्रभावित राज्यों में वामपंथी उग्रवाद के विभिन्न पहलुओं को एक साथ बैठकर समझने, वामपंथी उग्रवाद का पूरी सक्षमता से मुकाबला करने और इसे नेस्तनाबूद करने हेतु तथा सर्वाधिक प्रभावित 35 जिलों में Integrated Strategy से सुरक्षा और विकास को गति देने के उद्देश्य से यह बैठक आहूत की गई है।

-     छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के बुरकापाल में 24 अप्रैल 2017 की घटना में CRPF के 25 जवानों की शहादत से पूरा देश उद्वेलित हुआ है। ऐसे वातावरण में अपनी एकाग्रता बनाए रखकर लक्ष्य की ओर Planned Way में तेजी से आगे बढ़ने की चुनौती हमारे सामने हैं।

-     वामपंथी उग्रवादियों द्वारा CRPF के कैम्प के पास हमला करने से मैं चिंतित तो हूं लेकिन विचलित नहीं। इसलिए आज की बैठक महत्वपूर्ण है, क्योंकि हमें समग्ररूप से चिंतन करना है कि अब हमारी सोच, हमारी रणनीति, हमारी तैयारी, हमारे संसाधनों का उपयोग किस प्रकार हो। मुझे आप पर और हमारे जवानों पर पूरा भरोसा है कि हम सब मिलकर नई रणनीति से, पूरी क्षमता से वामपंथी उग्रवाद  का मुकाबला करेंगे और सफलता हासिल करेंगे।

-     भारत, दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है मगर वामपंथी उग्रवाद लोकतंत्र की जड़ों को खोखला करना चाहता है। लोकतंत्र विरोधी होने के साथ-साथ वामपंथी उग्रवाद का विकास विरोधी चेहरा हम सबके सामने है। हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी जी जिस नये भारत के निर्माण की बात कर रहे हैं उसका आधार ही देश में विकास और लोकतंत्र की मजबूती है। भारत का भविष्‍य हिंसा और हत्‍या को बढ़ावा देने वाले वामपंथी उग्रवादियों के प्रभाव से मुक्‍त हो इसके लिए हम सबको इस दिशा में सोचने और कार्य करने की जरूरत है। मेरा यह विश्‍वास है की बन्‍दूक के बल पर विकास और लोकतंत्र को झुकाने और दबाने की कोशिश कभी कामयाब नहीं होगी।    

-     आज इस सभाकक्ष में 10 राज्यों के मुख्यमंत्री, प्रशासन और पुलिस के मुखिया उपस्थित हैं। आप नीति-निर्धारक भी हैं और उसका क्रियान्वयन कराने वाले भी। वामपंथी उग्रवाद का मुकाबला सुरक्षा और विकास के मोर्चें पर एक समन्वित लड़ाई है, जिसे निर्णायक रूप से लड़ना और जीतना है। इसके लिए आप से उपयुक्त और सक्षम और कौन हो सकता है? हमारे जवानों की मौजूदगी वामपंथी उग्रवादियों के बीच दहशत का तथा स्थानीय जनता एवं आदिवासियों के बीच आश्वस्ति का भाव पैदा करने वाला होना चाहिए। मैं यह कहना चाहूँगा: - "Let your action speak for itself".

पृष्ठभूमि-

-     विगत 20 वर्षों में देश के 12 हजार लोगों की जानें माओवादी उग्रवादियों की हिंसक गतिविधियों में गई है।

-     इन 12 हजार लोगों में 27 सौ सुरक्षा बलों के जवान हैं तो शेष 9 हजार 300 निर्दोष, निरीह और मासूम जनता है।

-     विकास विरोधी वामपंथी उग्रवादियों का निशाना सुरक्षा बलों के जवानों के अलावा सार्वजनिक संपत्ति जैसे सड़क, पुल-पुलिया, रेल मार्ग, बिजली तथा टेलीफोन के टॉवर, अस्पताल, स्कूल, आंगनवाड़ी तथा पंचायत के भवन आदि स्थान बने हैं, जो आम जनता की सुविधा के लिए शासन द्वारा बनाए जाते हैं।

-     वामपंथी उग्रवादियों के विध्वंस से यह जाहिर है कि वे दूरस्थ तथा दुर्गम अंचलों में विकास के साधन तथा सुविधाएं नहीं पहुंचने देना चाहते, क्योंकि ये सुविधाएं स्थानीय जनता को आर्थिक और सामाजिक प्रगति का रास्‍ता प्रशस्‍त करती है और स्‍थानीय जनता को राष्‍ट्र की मुख्‍यधारा से जोड़ती है। जबकि वामपंथी उग्रवाद जैसे नासूर, poverty or backwardness में पनपते है। उनकी तो यह रणनीति है कि इस क्षेत्र की जनता बिना बिजली, बिना सड़क, बिना शिक्षा के हमेशा गरीबी और ignorance में रहे ताकि इन ठेकेदारों की दुकान चलती रहे।

समाधान  [SAMADHAN]-

-     देश में वामपंथी उग्रवाद की समस्या का निदान किसी Silver Bullet से संभव नहीं है। इसका कोई Short-cut भी नहीं है। इसलिए अलग-अलग स्तरों पर Short-Term, Medium-Term और Long-Term नीतियां बनाने की जरूरत है। इस समस्‍या का समाधान तो निकालना ही होगा और इसी "SAMADHAN" शब्‍द में ही strategy समाहित है। यानि  -

1.      S- Smart Leadership
2.      A- Aggressive Strategy
3.      M- Motivation and Training
4.      A- Actionable Intelligence
5.      D- Dashboard Based KPIs (Key Performance                           Indicators) and KRAs (Key Result Areas)
6.      H- Harnessing Technology
7.      A- Action plan for each Theatre
8.      N- No access to Financing

Security Operations के लिए इसी नयी Docrtrine  "SAMADHAN"  को मैं elaborate करना चाहूँगा :


1. S - Smart Leadership-

-     आप भी जानते हैं कि नेतृत्व या लीडरशिप ही किसी नतीजे को तय करती है। लीडर वह होता है जो असंभव को संभव, असफलता को सफलता और हार को जीत में तब्दील कर देता है।

-     ‘स्मार्ट लीडरशिप’ के प्रमुख गुण हैं-

     Vision, Mission, Passion and Self belief

-     आत्मबल से भरपूर लीडरशिप के पास ठोस विजन होना चाहिए कि कैसे वह भविष्य की चुनौतियों को देखेगा और उसके लिए अपनी टीम को तैयार करेगा तथा अपनी टीम को अपना लक्ष्य Mission Mode पर हासिल करने के लिए ऊर्जावान बनायेगा। अपनी टीम को सुरक्षित, disciplined और victorious बनाना ही, उसके लिए सर्वोपरि होना चाहिए।

-     भारत में भी कई यशस्‍वी पुलिस अधिकारियों के किस्‍से आम जन के मानस पटल पर अंकित हैं कि वे किस तरह अपनी टीम को ऊर्जा से लबरेज रखते थे। वामपंथी उग्रवाद के मोर्चें पर हमें ऐसी लीडरशिप चाहिए, जो विपरीत परिस्थतियों के बावजूद जवानों को उत्साह से भरपूर रखें और उन्हें सिर्फ जीतना सिखाए।

-     केन्द्रीय बल हों या जिला पुलिस सभी को समन्वित रणनीति और योजना के तहत काम करना होगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ऑफिसर्स को सामने से लीड करना होगा। इस मोर्चे पर कामयाबी केवल दिल्ली, रांची या रायपुर में बैठकर ही हासिल नहीं की जा सकती।

-     वामपंथी मोर्चें पर Unified Co-Ordination तथा Command की जरूरत है। Strategic Command के साथ Operational और Tactical Level पर भी Unified Command नितांत आवश्यक है। उतना ही महत्‍वपूर्ण Intelligence sharing भी है।

2. A-Aggressive Strategy-

-     आप अवगत है कि पिछले तीन वर्षो में Left Wing Extremism के विरूद्ध सरकार की Multi Pronged Strategy के अच्छे परिणाम सामने आए हैं। वर्ष 2014 से 2016 तक के हिंसा के आंकड़े इसको दर्शाते हैं।    वर्ष-2016 में वर्ष-2015 की अपेक्षा 150 प्रतिशत अधिक Left Wing Extremists मारे गए और गिरफ्तारियों तथा आत्मसमर्पण में 47 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

-     वर्ष-2016 में Left Wing Extremists को भारी हानि उठानी पड़ी है। इसका जिक्र उन्होंने अपने बयानों एवं दस्तावेजों में भी खुलकर किया है। यह भी सच है कि Left Wing Extremists अपने Cadres के गिरते हुए मनोबल को बढ़ाने के लिए सुरक्षा बलों पर हमले की कार्रवाई करने के लिए सतत प्रयासरत् हैं  और निःसंदेह सुकमा के बुरकापाल की घटना इसका एक उदाहरण है।

-     वर्ष-2017 में भी अभी तक के आंकड़े दर्शाते हैं कि LWE संबंधित घटनाओं में 23.3 प्रतिशत (377 से 289) की कमी आई है। लेकिन 2-3 घटनाएँ ऐसी हुई है, जिनमें सुरक्षा बलों को काफी नुकसान उठाना पड़ा। अत: इन घटनाओं का विश्‍लेषण आवश्‍यक है। ऐसी घटनाएँ होती ही क्यूँ है, इसे देखने के लिए, LWE से related व्‍यवस्‍था के विषयों पर मीटिंग के पहले सत्र में चर्चा होगी।

- आज हमें इस बात पर विचार करने की जरूरत है कि क्‍या हमें घटनाओं के बाद ही react करना चाहिए? क्‍या हमारा Role Proactive नहीं होना चाहिए?

-     पुरानी घटनाओं से सीख लेते हुए हमें अपनी नीति में Agression लाने की आवश्यकता है। सोच में Agression, रणनीति में Agression, बलों की तैनाती में Agression, ऑपरेशन्स में Agression, विकास में Agression, सड़क निर्माण में Agression ।

- अत्यंत सुरक्षात्मक तैनाती से operational आक्रामकता कम हो जाती है, इसका हमें ध्यान रखना होगा।

-     हमें सोचना होगा कि वामपंथी उग्रवादियों के कैडर के surrenders के आंकड़े जरूर बढ़ रहे हैं लेकिन क्‍या इन surrendered वामपंथी उग्रवादियों से Intelligence का लाभ मिल पाया है?

-     हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि LWE के विरूद्ध राज्य operations की ownership लें, CAPFs उनका पूरा सहयोग करें। साथ ही Ground level पर बलों को Leadership का अभाव नहीं रहे। Operations की कामयाबी के लिए "Unity of Purpose" एवं "Unity of Action" नितांत आवश्यक है।

3. M - Motivation and Training -

-     सरकार के पास वामपंथी उग्रवादि‍यों से बेहतर संसाधन है, प्रशिक्षण है, प्रौद्योगिकी है। लेकिन वामपंथी उग्रवादि‍यों की रणनीति को बेधने के लिए और बेहतर  समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है।

-     इस मोर्चे पर कामयाबी सिर्फ भावनाओं से ही नहीं मिल सकती। सफलता के लिए आवश्यक है सही नजरिया, सही रणनीति, संसाधनों का कुशल उपयोग, दुश्मन की शक्ति और कमजोरियों का ज्ञान, अपने सुरक्षाबलों का प्रशिक्षण, उनकी सुविधाओं और साधनों की व्यवस्था। अत: हमें सही ढंग से बिंदुवार इन सभी विषयों पर विचार करना होगा। इसी दृष्टि से आज की बैठक महत्वपूर्ण है।

-     सुरक्षा बल जिन शिविरों में रहते हैं, उन्हें सुविधाजनक बनाना होगा, जहां बिजली, पानी, कनेक्टिविटी के साथ ही ऐसी सभी सुविधाएं हों, जहां वे तनाव रहित रह सकें और आवश्यकतानुसार घर-परिवार से सम्पर्क साध सकें।

-     पदस्थापना के स्थानों की जानकारी के साथ-साथ वहां की भाषा, बोली व परंपराओं और संस्कृति की जानकारी भी सुरक्षा बलों को होनी चाहिए ताकि वे स्थानीय परिस्थितियों में ढल सकें और स्थानीय लोगों का विश्वास अर्जित कर सकें।

-     सुरक्षा बलों में SOP के पालन की आदत डलवानी चाहिए ताकि सुरक्षा को लेकर वे स्वयं जागरूक रहे।

4.  A-Actionable Intelligence

-     Actionable Intelligence के लिए विभिन्न Intelligence एजेन्सियों एवं  सुरक्षा बलों को स्थानीय जनता के साथ अच्छा नेटवर्क विकसित करना चाहिए।

-     Surrendered वामपंथी उग्रवादियों का उपयोग सूचना एकत्र करने में अधिकाधिक होना चाहिए।

-     तेलंगाना तथा आंध्रप्रदेश की तुलना में छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल में Technical Intelligence Inputs बहुत कम हैं और इसका बड़ा कारण बस्तर में सिर्फ 20 प्रतिशत प्रभावी कनेक्टिविटी का होना है। सुकमा जैसे जिले में यह केवल 4 प्रतिशत है। सम्पूर्ण LWE प्रभावित क्षेत्र में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए Universal Service Obligation Fund (USOF) के माध्यम से विशेष कार्ययोजना बनाने कि आवश्यकता है।

-     Intelligence की दृष्टि से मैं मानता हूँ कि वामपंथी उग्रवाद से जुड़े Prominent Targets को Trace करने के लिए Shadow Intelligence Officers को depute करने की आवश्‍यकता है।

-     Intelligence के आदान-प्रदान तथा उपयोग के लिए स्थानीय पुलिस तथा केन्द्रीय बलों के बीच निश्चित कार्यप्रणाली निर्धारित करने की आवश्यकता है।

5. D-Dashboard based KPIs (Key Performance Indicators) एवं KRAs (Key Result Areas)

-     पुलिस तथा CAPFs में Key Performance Indicators (KPIs) तथा Key Result Areas (KRAs) का निर्धारण किया जाना चाहिए । इससे न सिर्फ किसी यूनिट की तैयारियों, उनके कार्य निष्पादन, नियमित प्रगति की समीक्षा की जा सकेगी, बल्कि प्रत्येक जवान की व्यक्तिगत क्षमताओं का आकलन भी किया जा सकेगा।

6. H - Harnessing Technology -

-     हम सब अवगत हैं कि Technology एक Force Multiplier है।

-     Space, IT एवं Communication सहित कई Technologies ने दुनिया में बहुत क्रांतिकारी परिवर्तन लाया है। कानून व्यवस्था तथा अपराध से निपटने में भी अनेक नई तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। LWE मोर्चे पर latest Technologies का और अधिक इस्तेमाल करने की आवश्‍यकता है।

अब मैं कुछ Cutting edge Technology के उपयोग के सम्बन्ध में कहना चाहूँगा :-

-     वर्तमान में UAV का इस्तेमाल बहुत कम हो रहा है, जिसे बढ़ाने और सही स्थान पर उपयोग करने की जरूरत है।

-     Mini UAV की उपयोगिता अधिक है। अतः Mini UAV अधिक मात्रा में उपलब्ध होनी चाहिए। हमारा प्रयास होना चाहिए कि हर बटालियन के साथ आवश्‍यकतानुसार UAV/Mini UAV होनी चाहिए।

-     हमें High-resolution PTZ Cameras, GPS Tracking, Handheld Thermal Imaging, Radar, Satellite Image इत्‍यादि का ज्‍यादा से ज्‍यादा उपयोग करना चाहिए।

-     हम यह भी जानते हैं कि Left Wing Extremists ज्यादातर लूटे हुए हथियारों का उपयोग करते हैं, जिनको रोकने के लि‍ए हमें

-    Weapons में trackers,
-    Smart guns trigger में biometrics,
-    Shoes, BP jackets आदि में भी trackers, embed करना चाहिए,
-    इसके साथ ही Gelatine और अन्‍य explosive material में unique identification numbers का भी प्रयोग करना चाहिए।
-     राज्यों के पास इस प्रकार की अत्याधुनिक Technology के Procurement करने की विशेषज्ञता संभवतया नहीं है। यदि राज्य सरकार चाहें तो केन्द्र सरकार इसमें आपकी मदद कर सकती है।

7.   A- Action plan for each theatre-
-     आप इससे भी अवगत हैं कि विभिन्न राज्यों में वामपंथी उग्रवाद की परिस्थिति अलग-अलग है।

-     विभिन्न राज्यों में वामपंथी उग्रवाद से निपटने के लिए एक साथ अनेक मोर्चों पर लड़ने की जरूरत है और हर मोर्चें के लिए विशिष्ट एक्शन प्लान बनाना होगा, ताकि systematic तरीके से हर मोर्चे पर सफलता प्राप्‍त कर सकें।

-     इसके लिए अलग-अलग Short-Term, Medium-Term, Long-Term रणनीतियां बनाने की जरूरत है, जिसके लक्ष्य तथा समय-सीमा स्पष्ट निर्धारित हों और Implementation Mission Mode में हो तथा सतत् अनुश्रवण के लिए Key Performance Indicators (KPIs) तथा Key Result Areas (KRAs) भी इन रणनीतियों के साथ Aligned होने चाहिए।

8.   N- No access to financing-
-     यह सर्वविदित है कि किसी भी लड़ाई या काम के लिए आर्थिक संसाधन सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं, क्योंकि जब धन राशि होगी, तभी तो रहने, खाने-पीने, गोला-बारूद, हथियार खरीदने का इंतजाम संभव हो पाएगा। अतः वामपंथी उग्रवादियों की financial choking इस लड़ाई का सबसे आधारभूत मंत्र हैं।

-     मैं यह याद दिलाना चाहूंगा कि 9/11 की घटना को अमेरिका ने किस तरह से चुनौती के रूप में लिया ताकि वहां वैसी घटनाओं की पुनरावृति न हो सके। इसके लिए जो 9/11 कमीशन बनाया गया था, उसकी रिपोर्ट में कहा गया कि 9/11 की घटना सिर्फ "Intelligence का failure नहीं बल्कि Imagination का failure था।"

-     अत: मैंने आज जिस 'SAMADHAN' की चर्चा की है, उसमें imagination के समावेश की बहुत संभावनाएं हैं, हमें सम्पूर्ण परिस्थितियों पर विचार कर कल्पनाशीलता से काम लेना होगा ताकि हम वामपंथी उग्रवादियों को ''Out Think'' तथा ''Out Manoeuvre'' कर सकें।

-     वामपंथी उग्रवाद को पूर्ण रूप से परास्‍त करने की दिशा में हम काफी आगे बढ़ चुके हैं। दुर्गम इलाकों में हमारे जवान, प्राणों की बाजी लगाकर, क्षेत्र के विकास और सुरक्षा के लिए निरन्‍तर कार्यरत हैं। देश की सुरक्षा के इस यज्ञ में कई जवानों ने अपनी शहादत दी है। मुझे पूरा भरोसा है कि इनकी शहादत व्‍यर्थ नहीं जाएगी। वह दिन दूर नहीं जब यह mindless हिंसा पूर्णत: समाप्‍त होगी और पुन: शांति और सतत् विकास का वातावरण बनेगा तथा लोग तेजी से विकास की मुख्‍य धारा के साथ आगे बढ़ेंगे।

-     अब मैं केन्‍द्र सरकार द्वारा राज्‍य सरकारों को दी जारी सुरक्षा संबंधी सहायताओं के विषय में भी बताना चाहूँगा। इसके तहत CAPFs की 118 Battalion राज्यों में deploy की गयी हैं । इसके अतिरिक्त राज्य सरकारों के Security Apparatus को strengthen करने के लिए राज्‍यों  को IR Battalions तथा SIRB की स्‍वीकृति भी दी गई है। इस प्रकार की समस्‍या से निपटने के लिए विशेष प्रकार की 10 CoBRA Battalions को deploy किया गया है।

-     विगत कुछ वर्षों में गृह मंत्रालय के द्वारा राज्यों को Capacity Building के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सहायता प्रदान की गई है। SRE Scheme के अर्न्तगत राज्यों द्वारा सुरक्षा से संबंधित व्ययों, जैसे कि अनुग्रह राशि, परिवहन, प्रशिक्षण, SPO's के लिए मानदेय इत्यादि, की प्रतिपूर्ति केन्द्र सरकार के द्वारा की जाती है। यह योजना 10 राज्यों के 106 जिलों में लागू है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में गृह मंत्रालय ने रु0 210 करोड़ reimburse किये हैं ।

-     Special Infrastructure Scheme के तहत 6 राज्यों की Special Forces सुदृढ करने के लिए 122.13 करोड़ की राशि का भुगतान किया गया है । इसके अतिरिक्त 6 राज्यों में 16 CIAT School स्थापित करने के लिए 24 करोड़ की राशि का भुगतान किया गया । State Police Forces की Training के लिए Army और Greyhounds द्वारा हर वर्ष 4000 से भी ज्यादा पुलिस कर्मियों की Training कराई जा रही है।

-     इसी प्रकार Fortified Police Station Scheme के अन्तर्गत केन्द्र सरकार ने 10 राज्यों में 400 Fortified Police Station के निर्माण के लिए 624 करोड़ रुपये राज्यों को उपलब्ध कराये हैं । अभी भी इसमें से 40 थानों का निर्माण नहीं हुआ है।

-     LWE Affected States को 56 IRB तथा 10 SIRB sanction किए गए हैं। राज्यों को यह बटालियनें उनके संसाधन बढ़ाने के लिए sanction की गई हैं। SIRB तो विशेषकर सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील इलाकों में राज्यों की Infrastructure create करने की क्षमता बढाने की तरफ एक बड़ा कदम है। लेकिन अभी 20 IR Battalion और 05 SIRB को पूरी तरह से तथा 3 अन्य SIRB में Engineering component raise करना बाकी है।

गृह मंत्रालय ने इन राज्‍यों में सुरक्षा बलों को अन्‍य साधन जैसे कि Helicopter, UAV इत्‍यादि भी उपलब्‍ध कराए हैं। समय-समय पर राज्‍य सरकारों के संसाधनों की कमी को देखते हुए मूलभूत सुविधाओं हेतु CAPF को आवश्‍यक राशि उपलब्‍ध्‍ा कराई जा रही है।

-     हम राज्यों को यह आश्वासन देते हैं कि राज्यों की capacity building तथा Training आवश्यकताओं में पूर्ण सहयोग देते रहेंगे।  Intelligence sharing तथा आवश्यकतानुसार केन्द्रीय सुरक्षा बलों की  तैनाती जारी रहेगी। लेकिन साथ ही राज्यों को Operations तथा Resources के समुचित उपयोग करने के लिए पहल करनी होगी।

-     मुझे पूरा विश्‍वास है कि आज के deliberations fruitful होंगे और हम एक वामपंथी उग्रवाद मुक्‍त नव भारत के निर्माण की माननीय प्रधानमंत्रीजी की परिकल्‍पना को साकार कर पायेंगे।

     जय हिन्‍द !
वीके/आईपीएस/एसके-1293