Saturday, February 04, 2017

बेलन और चलाना है--नशे को दूर भगाना है-अनीता शर्मा

Sat, Feb 4, 2017 at 3:04 PM
बेलन ब्रिगेड ने की नशे के खिलाफ जंग और तेज़ करने की घोषणा 
महिलाये अनपढ़ों की तरह वोटर मशीन पर  घोडा, ऊंट, ढूंढ कर ही वोट डालती रहेगी - बेलन ब्रिगेड 
लुधियाना::4 फरवरी 2017:: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):
बेलन ब्रिगेड की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनीता शर्मा ने अपने मतदान का प्रयोग लुधियाना के सिविल लाइन पोलिंग स्टेशन पर  किया। इसके बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मतदान समाप्त होने के बाद  और चुनावी परिणाम आने के बाद भी उनका काम अभी समाप्त नहीं हुआ। नशे के साम्राज्य को समाप्त करने में अभी और वक़्त लगेगा। उन्होंने उन सभी का धन्यवाद भी किया जिन्होंने नशे के खिलाफ चलाये संघर्ष में अपना योगदान दिया और नशे को जड़ से उखाड़ने के लिए खुल कर आगे भी आये। इसके साथ ही मैडम अनीता शर्मा ने चेतावनी भी दी कि जिन्हों ने हमारे निवेदन को अनदेखा और अनसुना करते हुए गुपचुप रह कर नशा बांटा उनका हिसाब अब वक़्त आने पर जनता के सामने रखा जायेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि घरों को बर्बाद करने वाली नशे की दुकानें अब हम नहीं चलने देंगें। उन्होंने नया नारा भी दिया: जिसने घर बर्बाद किये--वो दूकान बदलनी है 

इस अवसर पर अनीता शर्मा ने सभी महिलाओं से अपील की है कि वे घरों से बाहर निकल कर अपने मत का प्रयोग करें क्योंकि जब तक समाज में महिलाएं पुरुष प्रधान समाज में आगे आकर कोई काम नही करती तब तक हमारा समाज पिछड़ा ही रहेगा। उन्हने याद भी दिलाया कि सरकार चाहे कोई भी बने हम नशे के खिलाफ अभियान जारी रखेंगे।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर सरकार को आमदन की कोई समस्या है तो हमसे आमने सामने बात करे हम सर्कार को बताएंगे कि समाज को स्वस्थ रखते हुए आमदनी कैसे बढ़ाई जा सकती है। किसी भी समाज की शक्ति आम तौर पर यवायों पर निर्भर होती है।  बच्चों को समाज का भविष्य कहा जाता है। इस मुख्य शक्ति और भविष्य को खोखला करके, शक्तिहीन बना कर, अपाहज बना कर अगर सरकार आमदनी बढ़ाने की सोचती है तो यह खोखली आशाएं हैं। 

आज़ादी के 70 साल बाद भी न तो नेता, न सरकार, न ही लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहलाने वाले समाचार पत्र ही देश की जनता को शिक्षित करने में कामयाब हो सके है। तभी तो भारत के लोग आज भी चुनावो में अनपढ़ो की तरह  मतपत्रो पर हाथी, घोडा, ऊंट की  फोटो ढूंढ के बटन दवाते है शराब व पांच सौ के नोट लेकर उम्मीदवारों के हक़ में वोट डालते है। क्या आप ने कभी सोचा है कि इन स्वार्थी मतलब परस्त, बेईमान लीडरो ने भारत की जनता को सिर्फ वोट की लालच ने ही गरीब और भिखारी बना दिया है।
नेताओ ने लोगो को रोज़गार देने व खुद कमाने लायक आज तक नहीं बनाया है और न ही हमारे  नेता लोग देश की जनता को शिक्षित करना चाहते है क्योकि जिस  दिन  भारत की जनता शिक्षित  हो गई उस दिन चुनावो में वायदे करने वाले और नोट व  शराब देकर वोट लेने वाले नेताओ का  धन्धा ही खत्म हो जायेगा। 
उन्होंने कहा कि महिलाएं पुरुषों के बराबर कंधे से कन्धा मिलाकर समाज में कार्य नहीं करेगी तब तक  नारी आज भी इस आधुनिक युग में अबला ही रहेगी इसलिए जब तक हर औरत अपने अधिकारो  के लिए नही लड़ेगी,  तब तक भारत की महिलाये अनपढ़ों की तरह वोटर मशीन पर  घोडा, ऊंट ,कुर्सी, कुत्ता बिल्ली  ढूंढ कर ही वोट डालती रहेगी।  उन्होंने साफ़ कहा कि अब यह काम हम महिलायों को ही अपने हाथों में लेना होगा। समाज का नव निर्माण हमीं से होगा। 

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