Saturday, June 25, 2016

मालेरकोटला में पवित्र कुरआन की बेअदबी निंदनीय, अमन की अपील

बेअदबी की हर तरफ से निंदा-हिंसा के कारण माहौल में चिंता 
लुधियाना: 25 जून 2016: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):
लुधियाना-संगरूर मार्ग पर स्थित मलेरकोटला में शुक्रवार देर रात को पवित्र ग्रंथ की बेअदबी पर शहर का मुस्लिम समुदाय बुरी तरह भड़क उठा। गुस्से में आये लोगों ने लुधियाना-संगरूर हाईवे जाम कर टायर फूंके। शनिवार की दोपहर तक यह खबर हर तरफ आग की तरह फ़ैल गयी। 
घटना के बाद उत्तेजित भीड़ ने अकाली विधायक बेगम फरजाना आलम और उनके पति पूर्व डीजीपी इजहार आलम के घर पर पथराव कर सात गाड़ियां तोड़ दीं और कोठी के बाहर पुलिस चौकी को आग लगा दी। सुरक्षा कर्मियों ने भी बचाव करते हुए हवाई फायरिंग की। बात यहीं खत्म नहीं हुयी। इसके बाद गुस्साई भीड़ बस स्टैंड पहुंची और दो बसों को आग लगा दी। देखते ही देखते पूरा माहौल सुलग उठा। 

शुक्रवार देर रात को हुई इस निंदनीय और साज़िशी घटना के बाद शहर में दहशत का माहौल बना हुआ है। पंजाब के डीजीपी (कानून और व्यवस्था) हरदीप सिंह ढिल्लों ने पूरी टीम के साथ घटनास्थल का मुआयना किया। डीजीपी ने बताया कि मालेरकोटला की स्थिति नियंत्रण में है। पुलिस ने बेअदबी, आगजनी और पुलिस पर हमले की तीन एफआईआर दर्ज की हैं। कुल मिला कर हालात नाज़ुक बने हुए हैं। 
इस पूरे घटनाक्रम में पूर्व डीजीपी इजहार आलम के तीन सुरक्षाकर्मी सुरिंदर सिंह, बलविंदर राय, दर्शन सिंह, मोहम्मद याकूब व शफीक चौहान सहित आठ लोग जख्मी भी हुए हैं। मामले को गंभीरता से लेते हुए मालेरकोटला में जगह-जगह पुलिस भी तैनात कर दी गई है। 

इसी बीच लुधियाना में इस घटना का सख्त नोटिस लिया गया।  शाही इमाम ने इस पर विशेष बयान भी जारी किया। बीती रात मालेरकोटला शहर में कुछ अज्ञात शरारती तत्वों की तरफ से पवित्र कुरआन शरीफ के साथ की गई बेअदबी और फिर वहां हुई हिंसक घटना की आज यहां लुधियाना जामा मस्जिद में सख्त निंदा की गई, मजलिस अहरार इस्लाम हिंद द्वारा अमन व आपसी भाईचारे की अपील करते हुए शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी ने कहा कि पवित्र कुरआन शरीफ की बेअदबी हरगिज सहन नहीं की जाएगी। उन्होनें कहा कि अगर जल्दी दोषी गिरफ्तार नहीं किए गए तो रमजान शरीफ का आखिरी जुम्मा पंजाब भर के मुस्लमान काला दिवस (ब्लैक-डे) के तौर पर मनाएगेें। उन्होनें कहा कि इस नापाक हरकत की जितनी भी निंदा की जाए वो कम है। शाही इमाम ने कहा कि लोग अफवाहों पर ध्यान न दें और अमन और भाईचारे को टूटने न दें। शांति बनाए रखने में ही ऐकता है। उन्होनें कहा कि सरकार को चाहिए कि जल्दी ही दोषियों को गिरफ्तार करके सख्त सजा दें। शाही इमाम ने कहा कि मालेरकोटला में बीते पांच वर्षो से लगातार साजिश के तहत हालात को खराब करने की कोशिशे चल रही है और प्रशासन आंख मूंदे हुए बैठा है। हर 5-6 महीने में धार्मिक भावनाओं को भडक़ाने वाली घटना होती है और फिर अमन की अपीले करके प्रशासन पल्ला झाड़ लेता है। किसी भी साजिश का आज तक पर्दाफाश नहीं किया गया। शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान ने कहा कि पंजाब अमन और आपसी भाईचारे में देश के लिए एक मिसाल रहा है। जिसे अब सियासतदानों ने अपनी चालों से तोडऩा शुरू कर दिया है। उन्होनें कहा कि प्रशासन का सियासी दबाब के तहत चलना बदकिस्मती की बात है। इस मौके पर अब्दुल सुभान, शाहजेब खान, शाह नवाज खान, कारी मुहम्मद इब्राहिम, मुहम्मद नवाब, अजाद अली अहरारी व शाही इमाम के मुख्य सचिव मुहम्मद मुस्तकीम भी मौजूद थे।
बस्सी पठाना में पंजाब कांग्रेस प्रधान कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मालेरकोटला में पावन ग्रंथ की बेअदबी की सख्त निंदा की। कैप्टन ने कहा कि जब लोग ग्रंथ की बेअदबी की सूचना एमएलए को देने उनके घर गए तो वहां उन लोगों पर 90 गोलियां दागीं गई। कुछ लोगों ने गोलियों की संख्या १०० से भी अधिक बताई है।कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने अपने मोबाइल से उन जख्मी लोगों की फोटो भी दिखाई जो कथित रूप से इस गोलीबारी में घायल हुए। कैप्टन ने कहा कि बरगाड़ी और बहिबल कलां गोलीकांड भी बादलों की देन हैं। पंजाब का माहौल खराब करने में गहरी साजिश की जा रही है। राज्य सरकार को मामले की बारीकी से जांच कर जल्द रिपोर्ट पेश करनी चाहिए। 
इसी बीच आम आदमी पार्टी के संगरूर से सांसद भगवंत मान ने इस घटना को ेहद दुर्भागयपूर्ण बताया और इसे लेकर पंजाब सरकार की निंदा की। 

Wednesday, June 22, 2016

भारत में आपातकाल के दौर की याद में//आमंत्रण-आप सब के लिये

  नागरिक सम्मलेन, प्रेस, जनता और राज्य         
 25 और 26  जून 2016 ,रायपुर, छत्तीसगढ़ 
* पत्रकार  एवं मानव अधिकार रक्षक सुरक्षा कानून का ड्राफ्ट पर विचार करके जारी  करना.
* छत्तीसगढ़ के और छत्तीसगढ़ के लिये लिखने वाले पत्रकार को "निर्भीक पत्रकारिता सम्मान" (पीयूसीएल द्वारा)
* प्रेस ,जनता और राज्य विषय पर नागरिक सम्मेलन.
                           ***
                       संयुक्त संयोजक 
   पत्रकार सुरक्षा कानून संयुक्त संघर्ष समिति, और         लोकस्वातंत्रय संगठन PUCL  छत्तीसगढ़  
                          ****          
प्रिय साथी,
जैसा कि आपको मालुम है कि छत्तीसगढ़ में ही नहीं बल्कि पूरे देश में पत्रकारों और मीडिया के लोगों पर भयानक तरीके से सुनियोजित हमले किया जा रहे हैं, और संविधान में निहित अभिव्यक्ति की आज़ादी के मौलिक अधिकार को नज़रंदाज़ कर सचाई और तथ्यों को आम जनता तक पहुँचाने पर अघोषित पाबन्दी लगाई  जा रही है. 
इस सन्दर्भ में छत्तीसगढ़ पी.यू. सी. एल., और पत्रकार सुरक्षा कानून संयुक्त संघर्ष समिति - छत्तीसगढ़ द्वारा एक दो-दिवसीय नागरिक सम्मलेन का आयोजन 25 और 26 जून, 2016 को रायपुर में "प्रेस, जनता और राज्य" विषय पर किया गया है, जिसमें देश के प्रगतिशील पत्रकार, अधिवक्ता,  बुद्धिजीवी और सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल होंगे. 
इस सन्दर्भ में पी.यू. सी. एल. की पहल पर पत्रकारों और मानव अधिकार रक्षकों की सुरक्षा के लिए एक कानून का ड्राफ्ट भी तैयार किया गया है. प्रयास है कि इस सम्मलेन में इसको अमली जामा पहनकर इसे विधान सभा के आगामी मानसून सत्र में पेश किया जाये. 
इस पत्र के साथ सम्मलेन का आमंत्रण, कार्यक्रम की रूपरेखा , और ड्राफ्ट कानून संलग्न है. 
इस प्रयास को ठोस  स्वरुप प्रदान करने इस सम्मेलन में आपकी भागीदारी ज़रूरी है, मेहरबानी से इसमें शामिल  होकर इसे मजबूती प्रदान कर
इस कार्यक्रम में आपको विशेष  रूप से आमंत्रित किया जा रहा है. 
इसमें अपनी सक्रीय भागीदारी निभाकर इस जन-वादी प्रक्रिया को अपना योगदान और समर्थन दें, ताकि भविष्य  में अभिव्यक्ति  की स्वतंत्रता और प्रेस की आज़ादी के संवैधानिक अधिकार को मज़बूत किया जा सके.
आपके सहयोग और समर्थन की अपेक्षा में, 
संघर्ष में आपके साथी,

कमल शुक्ल    सुधा भारद्वाज, संयोजक, महासचिव , PUCL           
पत्रकार सुरक्षा कानून             छत्तीसगढ़
संयुक्त संघर्ष समिति,               9926603877
छत्तीसगढ़
094 07 940944
                         ******
                     कार्यक्रम की संक्षेपिका
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                    25 जून 2016  शनिवार
                      प्रातः 10 से सायं 5.30 
         स्थान  : वृन्दावन हाँल सिविल लाइन रायपुर
     नागरिक सम्मेलन और पत्रकार एवं मानव अधिकार           सुरक्षा कानून के ड्राफ्ट की प्रस्तुति एवं चर्चा.
                              **
                             दूसरा सत्र
       प्रस्तावित  पत्रकारिता सुरक्षा कानून पर खुली                   चर्चा  ,सभी राजनैतिक दल 
समय : शाम 6.30 से 9.30 रात्रि  .
स्थान: गास मेमोरियल सेंटर,   जयस्तंभ चौक रायपुर
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                   26 जून 2016  रविवार 
  निर्भीक पत्रकारिता सम्मान समारोह    , पत्रकारिता सुरक्षा कानून के  ड्राफ्ट  को चर्चा के लिये घोषणा और भावी रणनीति .
समय :  10 बजे प्रातः  से 3 बजे दोपहर    
  स्थान;   शहीद स्मारक भवन, रजबंधा मैदान, प्रेस           काम्प्लेक्स, रायपुर 
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                        संम्पर्क:
कमल शुक्ला  (पत्रकार)                  094 07 940944, 
सुधा भारद्वाज ,   PUCL                 099 26 603877,
राजेन्द्र सायल,  PUCL                 098 26 804519
तामेश्वर सिन्हा (पत्रकार)                 097 54 835667 
डा. लाखन सिंहPUCL                  07773060946
                          ***

Tuesday, June 21, 2016

योग बनाए सुंदर//लेख//शहनाज हुसैन*

20-जून-2016 13:42 IST
योग से सांसों पर नियन्त्रण प्राप्त किया जा सकता है 

सौंदर्य तन और मन दोनों के स्‍वास्‍थ्‍य का आईना है। मेरा यह मानना है कि अच्छा स्वास्थ्य तथा बाहरी सौन्दर्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। यदि आप हर तरह से स्वस्थ नहीं है तो आपकी सुन्दरता में निखार कभी नहीं आ सकता। आकर्षक त्वचा, काले चमकीले बाल तथा छरहरा बदन केवल स्वस्थ होने से ही हासिल किया जा सकते हैं। मैंने समग्र स्वास्थ्य, आर्युवेदिक सिद्धान्तों को योग के माध्यम से ही प्रोत्साहित किया है। इस समग्र सौंदर्य की अनोखी अवधारणा को विश्वभर में सराहा गया। मेरे विचार में वर्तमान आधुनिक जीवनशैली में समग्र स्वास्थ्य तथा सौंदर्य को प्राप्त करने के लिए योग बहुत प्रसांगिक है। वास्तव में योग मेरे व्यक्तिगत जीवन का अभिन्न अंग है तथा मैंने इसके असंख्य लाभ प्राप्त किए है।
सुन्दर त्वचा तथा चमकीले बालों के लिए प्राणायाम योग का महत्‍वपूर्ण अंग है। इससे तनाव कम होता है तथा रक्त में आक्सीजन का संचार बढ़ता है। जिससे रक्त संचार में सुधार होता है। उत्‍तानासन, उत्‍कटासन, शीर्षासन, हलासन तथा सूर्य नमस्कार आन्तरिक तथा बाहरी सौंदर्य को निखारने में अहम भूमिका अदा करते है। 
योगासन करने से व्यक्ति शारीरिक तथा मानसिक दोनों रूप से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करता है। योग से न केवल मांसपेशियां सुदृढ़ होती है बल्कि शरीर में प्राणशक्ति बढ़ती है तथा आन्तरिक अंगों में दृढ़ता आती है तथा नाड़ी तन्त्र को संतुलन मिलता है। योग मानसिक तनाव से मुक्ति प्रदान करता है तथा मानसिक एकाग्रता प्रदान करता है। 
योग प्राचीनकाल की भारतीय विद्या है तथा योग सन्तुलित व्यक्तित्व प्राप्त करने तथा बुढ़ापे को रोकने का प्रभावी उपाय माना जाता है। योग से सांसों पर नियन्त्रण प्राप्त किया जा सकता है तथा योगक्रिया के दौरान सांसों को छोड़ने तथा सांसो को खींचने की विस्तृत वैज्ञानिक प्रक्रिया अपनाई जाती है जिससे शरीर में प्राण वायु का संचार होता है। इससे शारीरिक तथा मानसिक आनन्द की अनुभूति प्राप्त होती है। यह सौंदर्य के लिए अति आवश्यक है क्योंकि आनन्द का अहसास ही शारीरिक सौंदर्य का अनिवार्य हिस्‍सा है।
योग से रक्त संचार में सुधार आता है जिसकी वजह से त्वचा के बाहरी हिस्से तक रक्त संचार में बढोत्‍तरी  होती है तथा यह त्वचा की सुन्दरता के लिए काफी अहम भूमिका अदा करता है क्योंकि इससे त्वचा को पर्याप्त पोषाहार प्राप्त होता हैं। इससे त्वचा में विषैले पदार्थो को बाहर निकालने में भी मदद मिलती है। इससे त्वचा में रंगत आती है, आक्सीजन का संचार होता है, सुन्दर आभा का संचार होता है, तथा त्वचा में यौवनपन बना रहता है तथा त्वचा अनेक रोगों से मुक्त रहती है। यही प्रक्रिया बालों पर भी लागू होती है।

जहां तक बाहरी रूपरेखा का प्रश्न है, छरहरे बदन से आप काफी युवा दिख सकते हैं तथा लम्बे समय तक यौवन बनाए रख सकते हैं। योग से शरीर के प्रत्येक टिशू को आक्सीजन की आपूर्ति होती है जिससे स्वास्थय तथा सुन्दरता की राहें खुद ही खुल जाती है। यह बात जान लेना जरूरी है कि यदि आपके जीवन में शारीरिक सक्रियता की कमी है तो आप बुढ़ापे को आमंत्रण दे रहे हैं।  

यौगिक आसनों से रीढ़ की हड्डी तथा जोड़ों को लचीला तथा कोमल बनाया जा सकता है। इससे शरीर सुदृढ़ तथा फुर्तीला बनता है, मांसपेशिया सुदृढ़ होती है, रक्त संचार में सुधार होता है, शरीर में उत्साह तथा प्राणशक्ति का संचार होता है तथा बाहरी सौंदर्य तथा अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है।
सौंदर्य से जुड़ी अनेक समस्याऐं तनाव की वजह से उत्पन्न होती है। योग से तनाव कम होता है तथा शरीर शान्तमय स्थिति में आ जाता है, जिससे तनाव की वजह से होने वाले रोग जैसे बालों का झड़ना, मुंहासे, गंजापन तथा बालों में रूसी की समस्या से स्थाई निजात मिल जाता है। योग आसन को अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करने वाले  योगसाधकों पर किए गए एक अध्ययन में यह निष्कर्ष सामने आया है कि योग साधको के व्यक्तित्व, व्यवहार, भावनात्मक स्थायित्व, आत्मविश्वास में सकारात्मक बदलाव देखने में मिलता है। योग का मस्तिष्‍क, भावनाओं तथा मनोदशा एवं चितवृत्ति पर सीधा प्रभाव पड़ता है। वास्तव में योग नियमित रूप से तनाव को कम करता है तथा आपकी त्वचा में आभा लाता है। योग से आप तत्काल यौवन को ताजगी तथा बेहतर मूड का अहसास करेगें।                         (PIB)
*(लेखिका पदमश्री सम्‍मानित, ख्याति प्राप्त सौंदर्य विशेषज्ञ है लेख में उनके अपने विचार है।)

Tuesday, June 14, 2016

अफ्रीका, हम आपके साथ हैं- राष्ट्रपति

14-जून-2016 15:48 IST

प्रधानप्रराष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने कल (13 जून, 2016) अकरा, घाना में भारतीय समुदाय को संबोधित किया। 
इस अवसर पर राष्‍ट्रपति ने कहा कि उनकी अफ्रीका यात्रा का उद्देश्‍य यह संदेश देना है कि भारत अफ्रीका के साथ है। उन्‍होंने इस अवसर पर घाना के लोगों और वहां की सरकार को आश्‍वासन दिया कि भारत की साझेदारी और मित्रता स्‍थाई और टिकाऊ है। भारत आपसी लाभ और प्र‍गति के लिए घाना के साथ कार्य करता रहेगा। 



राष्‍ट्रपति ने कहा कि घाना में रहने वाले 10 हजार लोगों का मजबूत भारतीय समुदाय विभिन्‍न वर्गों के व्‍यक्तियों का जीवंत समावेशन है। प्रत्‍येक की अपनी कहानी है, जो अन्‍य को बेहतर काम करने के लिए प्रेरित करती है त‍था पूरी पीढ़ी को प्रोत्‍साहित करती है। इसमें कोई शक नहीं है कि घाना के मित्रवत लोगों ने उनके योगदान की कदर और सराहना की है। उन्‍होंने कहा कि घाना के भारतीय समुदाय के जरिये वहां के लोग भारतीय विविधता और अनेकता की झलक देख सकते हैं। 



राष्‍ट्रपति ने कहा कि भारत का अफ्रीका के साथ 70 बिलियन डॉलर से अधिक का व्‍यापार होता है और लगभग 35 बिलियन डॉलर का निवेश है। पिछले वर्ष अक्‍टूबर में नई दिल्‍ली में आयोजित तीसरे भारत-अफ्रीका मंच शिखर सम्‍मेलन में अफ्रीका के साथ भारत के सहयोग के लिए लम्‍बी अवधी के विजन के लिए मंच उपलब्‍ध हुआ। अफ्रीका में मौजूद भारतीय समुदाय लोग इस विजन के उद्देश्‍यों को पूरा करने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। 



राष्‍ट्रपति ने कहा कि घाना सहित अफ्रीकी देशों में मदद के लिए भारत सरकार द्वारा किए गए विदेश नीतिगत कई उपायों में घाना का भारतीय समुदाय संपूरक है। भारत ने पिछले कुछ वर्षों में विभिन्‍न परियोजनाओं के लिए घाना को 400 मिलियन डॉलर का रियायती ऋण दिया है। एक्जिम बैंक ने भी रेलवे परियोजना के लिए कोष उपलब्‍ध करवाया है। भारत और घाना के बीच आपसी व्‍यापार तीन बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है और इस देश में भारतीय निवेश अनुमानित 1 बिलियम डॉलर का हो गया है। यह भारतीय समुदाय की सक्रिय भूमिका के बिना संभव नहीं था। उनसे भारत की बढ़ती आर्थिक मजबूती को कई गुना करने में मदद मिली है। राष्‍ट्रपति ने उनकी प्रतिबद्धता के लिए आभार व्‍यक्‍त किया। 



राष्‍ट्रपति ने घाना के सामाजिक -आर्थिक विकास में भारतीय समुदाय के योगदान के जरिये भारत को गौरवान्वित करने के लिए उनको बधाई दी। उन्‍होंने भारतीय समुदाय से डिजिटल इंडिया, स्‍टैंडअप इंडिया, स्‍टार्टअप इंडिया, स्‍मार्ट सिटी, स्‍वच्‍छ भारत जैसे भारत सरकार के विभिन्‍न कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी का आग्रह भी किया। 

भारत-घाना संबंधों में प्रगाढ़ता, नवीनता लाना जरूरी- राष्ट्रपति

14-जून-2016 15:50 IST
नई सकारात्मकता परिभाषित करने की भी ज़रूरत 
राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने कल (13 जून, 2016) अकरा में घाना विश्‍वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों को संबोधित किया। 
राष्‍ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी 13 जूून, 2016 को घाना केे अकरा में भारतीय समुदाय द्वारा आयोजित स्‍वागत समारोह में संबोधित करते हुए।          (PIB photo)
The President, Shri Pranab Mukherjee addressing at the Indian Community Reception, in Accra, Ghana on June 13, 2016.
इस अवसर पर राष्‍ट्रपति ने कहा कि आपसी कल्‍याण के आधार पर हमारे बीच संबंध आगे बढ़ाने में आदर्श परिवर्तन लाना जरूरी है। हमें नई सकारात्मकता परिभाषित करने और भारत-घाना संबंधों में उज्जवलता, अभिनवता तथा नवीनीकरण लाने की जरूरत है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भविष्‍य के नेता यानी हमारे युवा सहयोग के इस नवीनीकृत और संशोधित मॉडल के लिए पूरी तरह से उपयुक्‍त होंगे। अपनी साझेदारी को फिर ताजा करने में उन्‍हें हितधारक बनाकर हम इसे नये स्‍तर पर ले जाएंगे।

राष्‍ट्रपति ने कहा कि शिक्षा एक प्रज्‍जवलित दीए के समान है, जो मार्ग प्रशस्‍त करता है और कई लोगों के जीवन में प्रकाश लाता है। उन्‍होंने घाना के युवाओं से उनकी शिक्षा और ज्ञान को अपने राष्‍ट्र और समाज सेवा में समर्पित करने का आग्रह किया। उन्‍होंने विश्‍वास व्‍यक्‍त करते हुए कहा कि इस महान राष्‍ट्र की आगामी पीढ़ी और डॉ. क्‍वामे नूरुमाह के विरासत के वारिस अपने राष्‍ट्र को गौरवान्वित करेंगे। 

राष्‍ट्रपति ने कहा कि प्रति वर्ष घाना के 250 सरकारी और अर्द्ध सरकारी अधिकारी भारत में प्रशिक्षण लेते हैं जबकि करीब 20 छात्र पूर्णकालिक छात्रवृत्ति पर स्‍नातक, स्‍नाकोत्‍तर और पीएचडी करते हैं। उन्‍होंने घोषणा की कि घाना के मानव संसाधन की क्षमता को पहचानते हुए भारत सरकार ने घाना के लिए सीटों का आवंटन बढ़ाकर 300 आईपीईसी स्‍लॉट करने और अन्‍य भारतीय योजनाओं के तहत वार्षिक छात्रवृत्ति की संख्‍या बढ़ाकर 40 करने का निर्णय लिया है। 

राष्‍ट्रपति ने इस महान विश्‍वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों से पिछले वर्ष भारत- अफ्रीका मंच शिखर सम्‍मेलन में भारत द्वारा घोषित छात्रवृत्तियों और प्रशिक्षण के अवसरों का लाभ उठाने का आग्रह किया। भारत-अफ्रीका संबंध बढ़ाने की क्षमता काफी बढ़ी है, जिसमें कृषि, जैव प्रौद्योगिकी और अपने देश से संबंधित अन्य विषयों जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान शामिल है।   (PIB)
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Monday, June 13, 2016

हिंसा जारी-अब फरीदकोट में डेरा प्रेमी को गोली मारी

दिनदिहाड़े हुई वारदात से इलाके में तनाव 

 फरीदकोट//लुधियाना: 13 जून 2016: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):

लुधियाना में रंजीत सिंह ढडरियांवाले पर हमला,
लुधियाना की ही सब्ज़ी मंडी में एक आढ़ती की हत्या। 
फिर दमदमी टकसाल के कथावाचक संदीप सिंह पर हमला, 
अब फरीदकोट में डेरा प्रेमी को गोली मारी।
पंजाब में हिंसा का तांडव जारी है। गोलियां चलाने वाले पूरी तरह बेख़ौफ़ लगते हैं और निशाना बनने वाले पंजाब के फरीदकोट में आज दिनदिहाड़े कार सवार बदमाशों ने डेरा सच्चा सौदा प्रेमी को गोली मार दी। इससे इलाके में तनाव बना हुआ है। वहीं, गोली लगने से घायल व्यक्ति की हालत गंभीर बनी हुई है। मिली जानकारी के अनुसार यह वारदात सुबह 5:30 बजे के करीब घटित हुयी। गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाला के गुरुद्वारा के सामने गुरदेव सिंह (45) नामक व्यक्ति की किरयाने की दुकान थी। आज सवेरे जब वह दुकान खोलने आया तो कार सवार बदमाश कोई चीज़ लेने के बहाने वहां रुके और जब उसका ध्यान चीज़ देने की तरफ हुआ तो उसे गोली मारकर फरार हो गए।   
गोली गुरदेव के सिर में लगी। गोली चलने की आवाज सुनकर आसपास लोग दौड़े आए तो देखा कि उसकी सांसें चल रही हैं। लोगों ने तुरंत उसे इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया। गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल कालेज के डाकटरों ने उसे प्राथमिक इलाज प्रदान करने के बाद प्राथमिक इलाज के बाद उसकी नाज़ुक हालत को देखते हुए उसे डीएमसी हसपताल लुधियाना के लिए रैफर कर दिया। फिलहाल उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। बताया जा रहा है कि गुरदेव सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा का प्रेमी है और जिस गुरुद्वारे के सामने उसकी दुकान है, उससे एक साल पहले जून-2015 में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप चोरी हुए थे।

Wednesday, June 08, 2016

एक होते तो जून-84 में दरबार साहिब पर हमला नहीं होता

ठाकुर दलीप सिंह ने तेज़ किया समाज को जोड़ने का अभियान
लुधियाना: 8 जून 2016: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):

विरोधियों के आरोपों की बौछार से पूरी तरह बेअसर ठाकुर दलीप सिंह ने एक नए, स्वस्थ और एकजुट समाज के निर्माण का कार्य तेज़ कर दिया है। आंधी के खिलाफ चिराग जगाने की एक ज़ोरदार हिम्मत। खराब स्वास्थ्य के बावजूद उन्होंने संगत के दीवान में आना नहीं छोड़ा। मंगलवार सात जून की रात को गिल रोड के एक इलाके में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने स्पष्ट कहा कि  लोक सभा कौन होती है यह कहने वाली कि कौन सिख है और कौन नहीं? उन्होंने बहुत ही दुखद मन से कहा कि यदि हम सभी एकजुट होते तो न ही लोकसभा के इस प्रमाणपत्र की नौबत आती और न ही जून-1984 में ब्लू स्टार आपरेशन होता।   
वह यहाँ अपने एक अनुयाई के घर में दस्तार बंदी करवाने आये थे।  इस शुभ अवसर पर उन्होंने इस रस्म को अपने साथ साथ एक रामदासिया सिंह संत निर्मल सिंह के हाथों से भी पूरा करवाया। यह एक जंग का एलान था सिखों में अभी तक फैली जातिपाति की बुराई के खिलाफ। एक रेखा खींचने की हिम्मत कि अगर मेरे साथ आना है तो इस बुराई को छोड़ कर आना होगा। इसके साथ ही दलित और गरीब वर्ग को गले लगाने का एक आवाहन जिसे ठाकुर दलीप सिंह ने खुद अपने हाथों से सारी संगत के सामने पूरा करके दिखाया। 
फ़िज़ूल और दिखावे के खर्चों को बिलकुल बंद करके केवल ज़रूरी खर्चा करना, धार्मिक स्थानों पर सोना चढ़ाने की बजाए उस पैसे को समाज के किसी कमज़ोर वर्ग का भला करने के लिए इस्तेमाल करना कुछ ऐसे संकेत दे रहे थे जो आने वाले समय में बहुत जल्द कुछ अच्छे परिणाम दिखाएंगे।
लोक सभा और एस जी पी सी को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि जो भी गुरुनानक को मानता है वह गुरु का सिख है उसकी वेशभूषा चाहे कुछ भी हो।  उन्होंने दुनिया में मौजूद बहुत से वर्गों का उल्लेख किया जो गुरु नानक में आस्था रखते हैं।  जत्थेदार गुरदीप सिंह, जत्थेदार जोगिंद्र सिंह, ने  बहुत ही शानदार कीर्तन किया।  बीच बीच में उनको इशारों से मिलता दिशा निर्देश ठाकुर दलीप सिंह की संगीत पर पकड़ का पता दे रहा था।  इस जत्थे में मोहित सिंह नामदेव ने सुरीली बांसुरी बजाई। गंगा सिंह, भगवान सिंह और गगन सिंह सीहरा ने भी इस जत्थे में कीर्तन किया। प्रधान  हरभजन सिंह, सेवक देव सिंह, रणबीर सिंह, जसविंद्र सिंह, गुरमेल बराड़, सुश्री सतनाम कौर, हरप्रीत  कौर, गुरदीप जंडू,अरविंदर सिंह लाडी,जोगिंद्र सिंह मुक्तसर, 

अहसास चेरिटबल ऑर्गनिज़ेशन ने भी बनाई ग्रैफ़ायटी

"बेटी बचाओ ,बेटी पढ़ाओ" का दिया संदेश
लुधियाना: 7 जून 2016: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):
म्यूनिसिपल कॉर्परेशन द्वारा स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत लुधियाना को ख़ूबसूरत बनाने के लिए जो दीवारों और पिलर्ज़ पर ग्रैफ़ायटी बनाई जा रही है, उसमें अहसास चेरिटबल ऑर्गनिज़ेशन ने अपना योगदान डालते हुए रेल्वे स्टेशन के सामने दो पिलर्ज़ पर "बेटी बचाओ ,बेटी पढ़ाओ "का संदेश देते हुए पेंटिंगस बनाई। आज अडिशनल कमिशनर देवेन्द्र सिंह ने पेंटिंग स्थान का दौरा किया और अह्सास संगठन के प्रयास की प्रशंसा की। उन्होंने कहा की इस से जहाँ लुधियाना को ख़ूबसूरत बनाने में योगदान मिलेगा वहाँ एक अच्छा संदेश भी लोगों तक जाएगा। अहसास की प्रेज़िडेंट संगीता भंडारी ने कहा कि बेटीया हर क्षेत्र में बेटों से आगे निकल रही है। ज़रूरत है उन्हें एक मौक़ा देने की और लोगों की मानसिकता बदलने की। उन्होंने कहा कि अहसास संस्था पिछले 6 वर्ष से बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ के लिए काम कर है और हमे ख़ुशी है कि लुधियाना को ख़ूबसूरत बनाने में हम योगदान दे पाए और इसके द्वारा लोगों तक बेटी बचाओ, बेटी पढाओ का संदेश लोगों तक पहुँचा पाए, इसके लिए हम कमिशनर घनश्याम थोरी और अडिशनल कमिशनर देवेन्द्र सिंह का धन्यवाद करते है जिन्होंने हमें ये अवसर प्रदान किया। इस अवसर पर चाहत भंडारी, स्वाति भंडारी, रजनीश धिंगान, मीनाक्षी सूद, सुनैना जैन, रेणु नारंग, ममता तलवार, रूबी अनेजा, रमेश तलवार, रेणु आहूजा, विनीत मोंगिया, नितिन वतरा, गोल्डी सभरवाल आदि भी हाज़िर थे। 

Tuesday, June 07, 2016

शिक्षक बंधुओं पर एक गंभीर हास्य व्यंग्य

 एक नई और महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी आने वाली है
शिक्षक बंधुओं आपके ऊपर एक नई और महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी आने वाली है ध्यान से पढकर अपने आप को मानसिक रूप से तैयार रखे सरकारी मास्टरों पर रोज रोज थोपी जाने वाली योजनाओ पर हास्य व्यंग्य-
कभी हस भी लिया करो--
सुना है अब बच्चो को स्कूलों में दूध भी दिया जाएगा और यदि दूध के दाम इसी तरह बढते रहे तो हो सकता है ac रूम में बैठकर योजना बनाने वाले दूध की आपूर्ति हेतु निम्न योजना ना बना डाले क्युकी इन योजना बनाने वालो का कोई भरोसा नही है।
ये सिर्फ एक कल्पना जो दूध की आपूर्ति हेतु वास्तविकता बन सकती है क्युकी मास्टरों के साथ शिक्षा विभाग जो ना करे वो कम है--
दूध आपूर्ति हेतु निम्न बदलाव किये जा सकते है--
(1) प्रा• स्कूलों के बच्चों के स्वास्थ्य संवर्धन हेतु दूध के भाव देखते हुए बेसिक स्कूलों मे दूध हेतु 25 बच्चों मे एक भैंस 50 मे दो भैंस पाली जायंगी और संख्यानुसार कम ज्यादा हो सकती है।
(2) जिसकी धनराशि शीघ् ही Smc के खातों मे भेज दी जायेगी एवं अध्यक्ष व सचिव मिलकर भेंस को खरीदेंगे व उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करेंगे भुगतान चेक के माध्यम से किया जाय।
(3) जिनका दूध दुहने के लिए स•अ•का प्रशिक्षण 15से 22 जून तक बी आर सी मे होगा जिसके लिए कुछ भेंसो की व्यवस्था किराए पर की जायेगी प्रत्येक अध्यापक को 15 मिनिट प्रतिदिन प्रशिक्षण दिया जाएगा। एवं रेडिओ सुनाकर ज्यादा दूध प्राप्त करने की तकनिकी पर व्याख्यान होगा।
(4) दूध विद्यालय समय से पहले 2 Smc सदस्यों के सामने दुहा जायेगा। व प्रधान अध्यापक एक कप दूध जांच हेतु अलग रख व बच्चो को वितरित करेगा।
(5) चारा पानी की व्यवस्था प्र•अ• की होगी जो विद्यालय समय के बाद की जायगी व भण्डार गृह की तरह तबेला निर्माण भी किया जावेगा ।।
(6) भैंस के दूध की गुणवत्ता एवं भैंस के स्वास्थ्य की व्यवस्था की जिम्मेदारी प्र•अ• की रहेगी।
(7) भैंस की निगरानी हेतु प्रत्येक ग्राम मे एक भैंस अतिथि मित्र की नियुक्ति होगी जिसका चयन 23 जून तक ग्राम प्रधान करेगा।जिसका मानदेय 1000 रु, नियत है।
(8) भैंस मुर्रा ही हो जो सुक्रवारी बाजार से ख़रीदी जायेगी।
(9) प्रत्येक एन पी आर सी पर एक भैंस रहेगी। जिसमे पुराने कार्यरत आर बी सी अनुभवी cac को प्रभारी बनाया जावेगा ।
(10) प्रत्येक जनशिक्षक को 16 एवं बी आर सी को विशेष शाला व विशेष मात्र में दूध देने वाली 4 भेंसो का माहवार निरीक्षण करना होगा।
(11) भेंस खरीदी पश्चात प्र.अ.ऐंड्रॉयड फोन पर भैंस के साथ सेल्फ़ी फोटो अनिवार्य भेजे ।
(12) जिसकी संख्या व उपयोगी होने की जानकारी मिड डे मील प्राधिकरण को दी जायेगी तत्काल अपने केन्द्रो की जानकारी भेजे ।
(13) किसी भी शिथिलता या लापरवाही की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक की होगी एवं भेंस के दूध ना देने पर तत्काल जानकारी अपने वरिष्ठ कार्यलय को दी जायेगी अन्येथा प्रधान अध्यापक की जिम्मेदारी होगी।
(14) विशेष दिवसों में भेंस का श्रृंगार व स्नान महिला अध्यापिकाओ द्वारा कर समस्त स्टाफ के साथ ग्रुप फोटो लेकर नोटिस बोर्ड पर चस्पा की जाए।
(15) प्रतिदिन लंच टाइम में भेंस भ्रमण कार्य अंतर्गत भेंस को गाव का एक फेरा लगवाने की जबाबदारी समस्त स्टाफ की रहेगी जो बारी बारी से प्रतिदिन रजिस्टर में एंट्री कर अपने दिवस अनुसार भेंस को भ्रमण करवाएंगे।
(16) प्रतिवर्ष सबसे ज्यादा दूध देने वाली भेंस और शाला के प्र.अध्यापक को भेंस पालन अवार्ड व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया जाएगा।
(17)छुट्टियों में सभी भेंसे brc कार्यालय में निर्मित महातबेला जमा होंगी और सभी पर शाला का dise कोड व प्रभारी का नाम व नंबर अंकित किया जावेगा ताकि भेंस बदल ना जावे एवं उनके रख रखाव हेतु चार भेंस मित्रो को ग्रीष्म अवकाश में brc में महातबेला हेतु नियुक्त किया जाएगा एवं दूध का विक्रय कर राशि brc शाला कोष में जमा की जायेगी।
(18) भैंसो का बीमा होगा व अतिशेष होने पर बिना noc के मनपसंद शाला में जाने की सुविधा दी जायेगी llSll
शिक्षकों को समर्पित                                                       नूतन पटेरिया की वाल से साभार 
🙏🏻🙏🏻🙏🏻SP🙏🏻🙏🏻🙏🏻         

Sunday, June 05, 2016

तोहफे में पौधा पाकर बोले लोग बच्चों जैसी करेंगी परवरिश


Sun, Jun 5, 2016 at 3:23 PM
एनजीओ "अपने" ने निराले ढंग से मनाया पर्यावरण दिवस
नेशनल हाईवे पर स्टाल लगाकर बांटे 151 लोगों को पौधे

डबवाली (सिरसा):5 जून 2016: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):
रविवार को विश्व पर्यावरण दिवस एनजीओ "अपने" ने बहुत ही निराले अंदाज में मनाया। नेशनल हाईवे-54 (चौटाला रोड़) के किनारे स्टाल लगाकर लोगों को पर्यावरण का महत्व समझाते हुए पौधे उपहार स्वरूप दिए। पर्यावरण बचाने के लिए आगे आए 151 लोगों ने जिंदगी भर बच्चों की तरह पौधे की परवरिश करने की शपथ उठाई।

"अपने" के अध्यक्ष मथरा दास चलाना के नेतृत्व में सदस्य गोल चौक के निकट चौटाला रोड़ पर जुटे। जामुन, बुगन बेल, गुलमोहर, जरूपा, चांदनी, शहतूत, नीम तथा गुलाब के पौधों की स्टाल लगाकर बैठ गए। चिलचिलाती धूप के बीच सदस्यों ने राहगीरों को रोककर पर्यावरण का महत्व समझाने का प्रयास किया। स्टाल पर लोगों की भारी भीड़ जुट गई। एनजीओ अध्यक्ष ने सरल लफ्जों में संबोधित करते हुए कहा कि तापमान 45 डिग्री तक जा पहुंचा है, इसके पीछे क्या कारण हैं, कभी सोचा है? उन्होंने कहा कि हम अपने ऐशो आराम के लिए प्रकृति से खिलवाड़ कर रहे हैं, अंधाधुंध तरीके से वृक्ष काटे जा रहे हैं। जिससे पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा है। इसे हमारा एक प्रयास ही सुधार सकता है। उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति को एक पौधा गिफ्ट किया। 151 लोगों ने उपहार प्राप्त करके लिखित में शपथ ली कि आज पर्यावरण दिवस के शुभ अवसर पर 'अपनेÓ ने पौधे के रूप में खूबसूरत तोहफा दिया है। वे जिंदगी भर बच्चों की तरह परवरिश करने की शपथ लेते हैं। इस अवसर पर एनजीओ की युवा विंग के प्रधान हैप्पी बांसल, पीएनबी के चीफ मैनेजर परमजीत कोचर, जतिंद्र ऋषि,  रजनीश मैहता, इंद्र शर्मा, खुशी मोहम्मद, अशोक धवन, विजयंत शर्मा, अंग्रेज सिंह सग्गू, सुरेंद्र सचदेवा, सतपाल चलाना, गुरकिरत सिंह, सूरज चावला, बिट्टू मनन, भोला सिंह मांगेआना, हरीश सेठी, वार्ड नं. 15 के पार्षद रविंद्र बबलू मौजूद थे।

Saturday, June 04, 2016

लुधियाना में लगी तीन दिवसीय राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी

शिवांगी गुप्ता ने दिखाया सभी को एक मंच पर लाने का कमाल 
लुधियाना: 4 जून 2016: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो): 

हालात बेहद नाज़ुक हैं। किसी भी आम इंसान को दो वक़्त की  से फुर्सत नहीं। सारा परिवार कमाए  बात नहीं बनती। दिन भर काम और रात को थकावट के मरे नींद बस इसी दिनचर्या में गुम  हो कर रह गई हैं सारी इच्छाएं, सभी चाहतें,  सभी कोशिशें। सियासत और सत्ता की चली गयी महंगाई की चाल सब को मात दे रही है। इसके बावजूद कुछ लोग अपनी ज़रूरतों को कम करके कुछ थोड़ा बहुत पैसा बचाते हैं  और साथ ही निकालते हैं कुछ वक़्त तांकि आम इंसान के  मन की दुनिया भी बसी रहे। उसका दर्द, उसके सपने, उसकी इच्छाएं और उसके इरादे कला के रूप में सभी के सामने आ सकें। 
एक ऐसा ही प्रयास महसूस हुआ गत दिनों लुधियाना के पंजाबी भवन में। आर्ट ज़ोन की अध्यक्षा शिवांगी गुप्ता ने अपने कुछ ख़ास साथियों को साथ लेकर एक राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी का आयोजन किया जो तीन दिनों तक चली। एक ही छत के तले एक ही समय में बहुत ही ख़ास  कलाकृतियों के एक साथ प्रदर्शन सचमुच उपलब्धि से कम नहीं था। कलाकार दूर दराज के भी थे और आस पास के भी। प्रस्तुत  रिपोर्ट।  विस्तृत चर्चा किसी अगली पोस्ट में। 

हेरात, अफगानिस्तान होते हुए प्रधानमंत्री मोदी

The Prime Minister, Shri Narendra Modi emplanes for Herat, Afghanistan, marking the start of his 5 nation tour, in New Delhi on June 04, 2016.

नहीं रहे जानेमाने बॉक्सर मोहम्मद अली

सांस की तकलीफ के बाद अस्पताल में हुआ निधन 
अमेरिका से एक बुरी खबर आई है। मुक्केबाज़ी की दुनिया में एक अलग सी ऊंचाई हासिल करने वाले जानेमाने मुक्केबाज मोहम्मद अली का शुक्रवार को निधन हो गया। वह फिनिक्स (एरिजोना) के एक अस्पताल में दाखिल थे। गुरुवार को उनको सांस की तकलीफ के कारण फिनिक्स क्षेत्र के एक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। इस समय मोहम्मद अली की उम्र 74 वर्ष थी। बॉक्सिंग के क्षेत्र में वह एक मिसाल बन कर रहे। उम्र के साथ साथ तनउर मन की समस्याएं जटिल होती जा रहीं थीं। 
उनका स्वास्थ्य लगातार गिर रहा था। पिछली बार जब वह अस्पताल गए थे तब की तुलना में इस बार उनकी समस्या अधिक गंभीर थी। मोहम्मद अली सांस लेने में तकलीफ की समस्या से जूझ रहे थे जो पर्किन्सन की उनकी बीमारी के कारण अधिक जटिल हो गई थी। सन 1980 के दशक में उनकी इस बीमारी का पता चला था। उसके बाद उनकी स्थिति लगातार नाज़ुक होती चली गयी। इससे पहले उन्हें 2015 के शुरू में पेशाब संबंधी परेशानी के कारण अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। सन 1942 में जन्मे मुक्केबाज मोहम्मद अली एक युग बन कर छाये रहे। उनके जाने के बाद उनके चाहने वालों में शोक की लहर है।  

Friday, June 03, 2016

ई टूरिस्ट वीजा से हुई विदेशी पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी

03-जून-2016 11:21 IST

विदेशी पर्यटकों को भारत बुलाने पर खासा ध्यान दे रही है सरकार 
                                                                                         -मंजरी चतुर्वेदी* का विशेष लेख 
पर्यटन के क्षेत्र में विकास और देश की जीडीपी में पर्यटन की हिस्सेदारी को बढ़ाना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रमुख एजेंडों में से एक है। इसके लिए केंद्र सरकार जहां एक ओर घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है तो दूसरी ओर विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए भी सरकार तमाम कोशिशें कर रही है। इसके तहत सरकार बुनियादी ढांचे को सुधारने से लेकर पर्यटन से जुड़ी सुविधाओं की बेहतरी पर जोर दे रही है। केंद्र सरकार पर्यटन के नक्शे पर भारत का नाम प्रमुखता से उभारना चाहती है, इसी के मद्देनजर वह विदेशी पर्यटकों को भारत बुलाने पर खासा ध्यान दे रही है। 
इसके तहत जहां एक ओर भारत सरकार ने ई टूरिस्ट वीजा का शुरुआत की, वहीं दूसरी ओर विदेशी पर्यटकों के लिए स्पेशल हेल्पलाइन से लेकर टूरिस्ट किट व मोबाइल सिम तक तमाम सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने नंवबर 2014 को भारत में ई टूरिस्ट वीजा की शुरुआत की थी। इसके लिए पर्यटन मंत्रालय ने गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और नागर विमानन मंत्रालय के साथ मिलकर काम किया था। 

ई टूरिस्ट वीजा योजना के शुरू में 43 देशों को ये सुविधा दी गई थी, लेकिन 2016 आते- आते यह सुविधा 150 देशों तक पहुंच चुकी हैं। जिसमें दुनिया के तमाम छोटे-बड़े देश तक सब शामिल हैं। गौरतलब है कि इस समय देश के 16 महत्वपूर्ण एयरपोर्ट पर यह सुविधा काम करने लगी है। इन महत्वपूर्ण हवाई अड्डों में दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद, बेंगलुरू, तिरुअनंतपुरम, गोवा, कोच्चि, वाराणसी, गया, अहमदाबाद, अमृतसर, तिरुचिरापल्ली, जयपुर और लखनऊ शामिल हैं। 

विदेशी पर्यटकों की आवक को लेकर की जा रही कोशिशों का असर अब दिखने लगा है। अगर आंकड़ों की बात की जाए तो देश में ई टूरिस्ट सुविधा लागू होने के बाद विदेशी पर्यटकों की आवक बढ़ी है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मुताबिक ट्रैवल एंड टूरिस्ट इंडेक्स में भारत की स्थिति पहले से मजबूत हुई है। जहां यह पहले 65वें पायदान पर था, वहीं ताजा आंकड़ों के मुताबिक 12 पायदान आगे बढ़कर अब 53 पायदान पर आ गया है। गौरतलब है कि जनवरी से दिसंबर तक साल 2015 में जहां विदेशी पर्यटकों की तादाद 80.2 लाख रही, जबकि जनवरी से दिसंबर तक साल 2014 में यह तादाद 76.8 लाख थी। एक साल में इस आंकड़े में 4.4 फीसदी की बढोतरी देखी गई। इस साल भी इसमें भरपूर बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। साल 2016 की जनवरी में भी ट्रेंड लगातार जारी है। इस साल जनवरी में जहां 8.4 लाख लोग आए, वहीं जनवरी 2015 में विदेशी पर्यटकों की आवक 7.9 लाख थी। इस तादाद में तकरीबन 6.8 फीसदी का इजाफा देखा गया। 

विदेशी पर्यटकों की आवक का एक बडा़ असर देश की विदेशी मुद्रा की आय में बढ़ोतरी के तौर पर भी दिखा। सरकारी आंकड़ें के मुताबिक, विदेशी पर्यटकों के जरिए साल 2013 में जहां 1,07,671 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा आय हुई, वहीं साल 2014 में यह बढ़कर 1,23,320 करोड़ रुपये हुई, जबकि साल 2015 में यह राशि 1,35,193 करोड़ रुपये हो गई। 

विदेशी पर्यटकों की आवक में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी ई टूरिस्ट वीजा के तहत हुई है। जनवरी से दिसंबर तक साल 2015 में ई टूरिस्ट वीजा पर 4,45,300 पर्यटक दिल्ली पहुंचे, वहीं दूसरी ओर इसी अवधि में साल 2014 में यह संख्या 39,046 थी। इस दृष्टि से यही बढ़ोतरी लगभग 1040 फीसदी रही। साल 2016 के जनवरी-फरवरी में ई टूरिस्ट वीजा के जरिए 2,05,372 पर्यटक पहुंचे, जबकि इसी अवधि में साल 2015 में यह तादाद 50,008 थी। इस लिहाज में यह वृद्धि तकरीबन 310 फीसदी रही। साल 2015 में ई टूरिस्ट के जरिए भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों में सबसे ज्यादा तादाद यूके, अमेरिका, रूस, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, फ्रांस, कनाडा, चीन, दक्षिण  कोरिया और चीन  की रही।

ई टूरिस्ट वीजा के जरिए भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों के लिए भारत सरकार ने एक स्वागत पुस्तिका या वेलकम बुकलेट की सुविधा देना भी शुरू किया है, जिसमें विदेशी पर्यटकों को एयरपोर्ट पर उतरते ही एक बुकलेट दी जाती है, जिसमें पर्यटन अधिकारियों के संपर्क नबर, ईमेल आई डी जैसी तमाम जानकारी के साथ-साथ यहां ‘क्या करें’ और ‘क्या न करें’ की एक लिस्ट भी रहती है। इसके अलावा हेल्पलाइन नंबर की जानकारी भी होती है। पर्यटन मंत्रालय ने विदेशी पर्यटकों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए एक टूरिस्ट हेल्प लाइन सेवा भी शुरू की है, जिसमें फिलाहल बारह विदेशी भाषाओं के माध्यम से जानकारी उपलब्ध है। 


यहां जानना रोचक होगा कि पर्यटन मंत्रालय विदेशी पर्यटकों के लिए अलग-अलग जरूरतों और रुचियों को ध्यान में रखते हुए पर्यटन की सुविधाओं और योजनाओं पर काम करना शुरू किया है; मसलन धार्मिक पर्यटन, मेडिकल पर्यटन, एडवेंचर व रोमांचक पर्यटन के अलावा, सामान्य पर्यटन तो है ही। भारत कई धर्मों का एक संगम है; इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने धार्मिक पर्यटन का बढ़ावा दिया है। एनडीए सरकार द्वारा शुरू किए गए बुद्ध सर्किट, रामायण सर्किट और कृष्ण सर्किट इसी मकसद से आगे बढ़ाए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि चीन, जापान, कोरिया, हांगकांग सहित तमाम पूर्वोतर एशियाई देशों में बड़ी तादाद में बौद्ध रह रहे हैं। इन सब देशों के लिए भारत एक बेहद सम्मानित और पावन स्थान के तौर पर देखा जाता है; इसी के मद्देनजर भारत सरकार देश में बुद्ध सर्किट को लेकर काफी गंभीरता से काम कर रही है। भारत बु़द्ध सर्किट को लेकर सिर्फ देश के भीतर ही नहीं, बल्कि अपने पड़ोसी देशों मसलन, नेपाल और श्रीलंका जैसे देशों के साथ मिलकर भी एक ग्रेटर बुद्ध सर्किट की दिशा में आगे बढ़ने की योजना बना रही है। 

वहीं दूसरी ओर भारत ने मेडिकल और वेलनेस पर्यटन की दिशा में भी काफी कदम आगे बढ़ाया है। इसी के मद्देनजर पर्यटन मंत्रालय ने देश में मेडिकल एंड वेलनेस टूरिजम प्रमोशन बोर्ड बनाया है। इसका मकसद देश व दुनिया के तमाम रोगियों को भारत में बेहतरीन चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करना है। उल्लेखनीय है कि भारत के मेडिकल सुविधाओं, क्वालिटी और डॉक्टरों व हॉस्पिटल्स के स्तर को देखते हुए अब पूरी दुनिया से लोग भारत इलाज के लिए आ रहे हैं। इनमें पूर्वोतर व पश्चिमी एशियाई देशों के अलावा, यूरोप व लैटिन अमेरिकी देशों के लोग शामिल हैं। दरअसल, पर्यटन से जुड़े नियोजकों का मानना है कि इलाज के लिए भारत आने वाले विदेशी अपने शिड्यूल में थोड़ा समय घूमने फिरने के लिए भी रखते हैं। दूसरी ओर अब वेलनेस भी लोगों के बीच एक बड़ा ट्रेंड हो गया है। दुनिया में अब तमाम लोग योग व नेचुरल थेरेपी, स्पा आदि के जरिए अपनी सेहत को ठीक रखने पर जोर देने लगे हैं। इसे देखते हुए केरल, सहित देश के तमाम हिस्सों में नेचुरोपैथी व योग जैसी चीजों के लिए बड़ी तादाद में विदेशी भारत आ रहे हैं। इसी को देखते हुए केंद्र सरकार इस क्षेत्रों को संगठित करने की कोशिश में लगी है।               (PIB)

*मंजरी चतुर्वेदी नवभारत टाइम्स में विशेष संवाददाता हैं। लेख में विचार उनके अपने हैं।

Thursday, June 02, 2016

विरोधियों को धमकी देने की सियासत अब नही चलेगी

Shiromani Akali Dal  Thu, Jun 2, 2016 at 6:28 PM
कोलियांवाली करेंगे कैप्टन के विरूद्ध अपराधिक मान-हानि का मामला
"कांग्रेस प्रधान आधारहीन आरोपों की बिना शर्त माफी मांगे"
कहा--कैप्टन और उसका संपूर्ण परिवार विभिन्न घपलों में शामिल 
श्री मुक्तसर साहिब: 2 जून 2016:(पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):
पंजाब एग्रो इंडस्ट्रीज कार्पोरेशन के चेयरमैन जत्थेदार दयाल सिंह कोलियांवाली ने आज कहा है कि पंजाब कांग्रेस के प्रधान कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा लगाये गये सभी झूठे आरोपों को कैप्टन 10 दिनों में वापिस ले या कोई सबूत पेश करे नहीं तो वह कैप्टन विरूद्ध अपराधिक मानहानि का मामला दर्ज करवायेंगे। कोलियांवाली ने कहा कि कैप्टन ने अपने डराने धमकाने एवं सियासी विरोधियों को बदनाम करने की पुरानी नीति तहत उनके विरूद्ध आधारहीन आरोप लगाये हैं। 
यहां जारी एक बयान में जत्थेदार कोलियांवाली जोकि मुक्तसर देहाती जिले के प्रधान भी हैं, ने कहा कि कैप्टन को सियासी विरोधियों को धमकाने की अपनी पुरानी गलतियों से सबक सीखना चाहिए जिनका खमियाजा उसको 2012 के विधानसभा चुनावों में हार का मुंह देखकर भुगतना पड़ा था। उन्होंने कहा कि 2012 में सियासी विरोधियों के  लिए ‘खुंडा ते डांग’ जैसे शब्दों का प्रयोग करने वाले कैप्टन को साधारण अकाली कार्यकत्र्ताओं ने ही धूल चटा दी थी और वह तो फिर भी जिला प्रधान हैं। 
जत्थेदार ने कैप्टन को चुनौती देते हुये कहा कि अमरिंदर उनके खिलाफ एक भी सबूत पेश करके दिखाये और अपने परिवार के घपलों पर पर्दा डालने के लिए शिरोमणि अकाली दल के बहादुर वर्करों पर आरोप ना लगाये। उन्होंने कहा कि दूसरों पर आरोप लगाने से पहले कैप्टन अमृतसर इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट और लुधियाना सिटी सैंटर घोटाले में स्वयं की श्मूलियत संबंधी बताने का साहस करे और यह भी बताये कि उसके पुत्र की इंटरानेट घपले में क्या श्मूलियत है। साथ ही अमरिंदर लोगों को यह भी बताये कि उसकी पत्नी के स्विस बैंक में ब्लैक मनी वाले खाते की क्या सच्चाई है। 
उन्होंने आगे कहा कि अमरिंदर सिंह द्वारा ‘धरने ’ लगाने का एलान महज ड्रामा है और वह अपनी डूबती नैय्या को बचाने के लिए ऐसा कर रहा है। कोलियांवाली ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अपनी अंतिम सांसों पर है और शीघ्र ही देश के मानचित्र में से इसका खात्मा हो जायेगा। उन्होंने कहा कि कैप्टन स्वयं विभिन्न घपलों के आरोपों का अलग-अलग अदालतों में सामना कर रहा है और यही कारण है कि वह लोगों को गुमराह करने के लिए ऐसे घटिया हथक ंडे अपना रहा है ताकि 2017 के चुनावों में पार्टी को मुक्कमल सफाये से बचाया जा सके। 
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नए दौर में संस्कृति और परंपराओं को बचाने की सार्थक पहल

02-जून-2016 10:46 IST                                  
‘डिजिटल इंडिया’ महज नारा नहीं              --अतुल सिन्हा*
बदलते दौर में संस्कृति और परंपराओं के साथ साथ अपने देश के गौरवशाली इतिहास को बचाने की चुनौती हर सरकार के सामने रही है। केंद्र सरकार का संस्कृति मंत्रालय इस दिशा में लगातार कोशिशें करता रहा है। तमाम कार्यक्रमों और योजनाओं के ज़रिए संस्कृति के विकास और संरक्षण के काम होते रहे हैं। लेकिन पिछले दो साल इस मामले में सबसे अहम रहे हैं। दरअसल इंटरनेट और सोशल मीडिया के इस दौर में नई पीढ़ी को अपनी संस्कृति के प्रति जागरूक बनाने, इतिहास और परंपराओं में रूचि पैदा करने की दिशा में तेजी से काम हो रहे हैं। ‘डिजिटल इंडिया’ महज नारा नहीं रह गया है बल्कि इसे ज़मीनी हकीकत बनाने में मंत्रालय के तमाम विभागों ने काफी सक्रियता दिखाई है। अगर आप संस्कृति मंत्रालय की वेबसाइट पर जाएं तो यह एहसास आपको खुद हो जाएगा कि इसमें कितना बदलाव आया है और कितनी तेजी से आपको संस्कृति से जुड़े कार्यक्रमों के बारे में नए अपडेट्स मिल रहे हैं। मंत्रालय का मोबाइल ऐप ‘संस्कृति’ इस दिशा में एक अहम कदम है।


सरकार के लिए अपनी संस्कृति और परंपराओं को बचाना, इससे नई पीढ़ी को जोड़ना और इस क्षेत्र में काम कर रहे लोगों को भरपूर मदद देना सरकार की प्राथमिकताओं में है। निजी तौर पर संस्कृति मंत्री डॉ. महेश शर्मा की दिलचस्पी अपने देश की कला, संस्कृति, संगीत, नृत्य, रंगमंच के अलावा अपनी परंपराओं और धरोहरों के संरक्षण में है और उनकी सक्रियता इस दिशा में लगातार दिखाई देती रही है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र महज सफेद हाथी बन कर न रह जाए, इसके लिए इसके स्वरूप में आमूल चूल बदलाव लाने की पहल हो चुकी है। संगीत नाटक अकादमी, साहित्य अकादमी, ललित कला अकादमी, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थान अब पहले से कहीं ज्यादा सक्रिय हैं।



आम तौर पर सांस्कृतिक महोत्सवों और कला मेलों में आने वाले कलाकार अपनी उपेक्षा और आयोजकों के रवैये से नाराज़ रहते हैं, ऐसे आयोजनों को दिखावा और महज कुछ लोगों के फायदे के लिए बताते हैं लेकिन जिस तरह दिल्ली में आठ दिनों तक चला राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव इस बार संपन्न हुआ और तकरीबन दो हज़ार से ज्यादा कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया वह अपने आप में अनूठा था। यहां संगीत का हर रंग दिखा, लोक कला के तमाम आयाम नज़र आए, सभी क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्रों ने हर विधा से जुड़े कलाकारों को मंच और सुविधाएं प्रदान कीं, सरकार के तमाम मंत्रीगण समेत कला-संस्कृति से जुड़ी जानी मानी हस्तियों ने इसमें गहरी रूचि दिखाई, यह एक बड़ी उपलब्धि है।



दूसरी तरफ आर्ट ऑफ लिविंग के विश्व संस्कृति उत्सव में जिस तरह हज़ारों कलाकारों ने दिल्ली के यमुना तट पर बने विशालकाय और बेहद आकर्षक मंच पर तीन दिनों तक समां बांधा और प्रधानमंत्री, सहित अनेक मंत्रियों ने अपनी दिलचस्पी दिखाई, वह अपने आप में एक यादगार और अनूठी पहल है। यहीं से गंगा के साथ साथ यमुना की सफाई को लेकर भी एक नई जागरूकता दिखाई पड़ी।



नेताजी सुभाषचंद्र बोस पिछले कई दशकों से सियासत के केन्द्र में रहे हैं। उनके बारे में हर उपलब्ध दस्तावेज़ सार्वजनिक करने का काम करके सरकार ने आम लोगों के भीतर बनी नेताजी की अबूझ पहेलियों को सुलझाया, उनकी विरासत को पूरे सम्मान के साथ आगे बढ़ाने की पहल की और उनके 119वें जन्मदिवस पर लोगों को ये तोहफा दिया कि वे अब ये सारे दस्तावेज़ कभी भी इंटरनेट पर देख सकते हैं। साथ ही नेताजी के परिवारवालों को नई पहचान दिलाई गई। नेशनल आर्काइव्स ऑफ इंडिया (राष्ट्रीय अभिलेखागार) की 125वीं सालगिरह पर हुए कार्यक्रम में नेताजी के भाई अमियनाथ बोस से जुड़े दस्तावेज भी अभिलेखागार को सौंपे गए।



अपने देश के पुरातत्व और इतिहास से जुड़े दस्तावेजों को लेकर, अपने धरोहरों को बचाने और इनके पुनरुद्धार को लेकर कई कोशिशें हो रही हैं। खासकर इन संस्थाओं और विभागों के डिजिटाइजेशन के साथ साथ इनसे जुड़ी सूचनाओं को आम लोगों के लिए उपलब्ध कराने और इन्हें सहेजने के काम ने तेजी पकड़ी है। कई ऐसे वेब पोर्टल और ऐप विकसित किए गए हैं जिनके ज़रिए अब हर जानकारी आम आदमी की पहुंच में आ गई है। सबसे अहम काम हो रहा है उन उपेक्षित स्मारकों की सफाई का जहां बिखरी गंदगी और अव्यवस्था से कोई वहां जाना पसंद नहीं करता। स्वच्छ भारत अभियान के तहत ‘स्वच्छ भारत, स्वच्छ स्मारक’ का  नारा अब ज़मीन पर उतारने की कोशिश जारी है।   



गंगोत्री से गंगासागर तक करीब 262 क्षेत्रों से होकर गुज़री गंगा संस्कृति यात्रा ने करीब ढाई करोड़ लोगों के बीच गंगा के प्रति आस्था और इसकी सफाई को लेकर जागरूकता पैदा करने का काम किया। गंगा को सांस्कृतिक एकता और आस्था का प्रतीक और तमाम नदियों के विकास और संरक्षण की दिशा में उठाए जा रहे कदम भी सरकार की उपलब्धियों में गिने जा सकते हैं। खासकर वाराणसी के विकास और गंगा के साथ साथ वरुणा और अस्सी जैसी नदियों के अस्तित्व को बचाने को लेकर जिस तरह प्रधानमंत्री और संस्कृति मंत्री ने निरंतर कोशिशें की हैं, उसकी वाराणसी में ही नहीं, पूरी दुनिया में चर्चा है। संस्कृति के विस्तार, इसके संरक्षण और नई पीढ़ी को इससे जोड़ने की कोशिशों के साथ साथ एक सबसे बड़ा काम उन कलाकारों और संस्कृतिकर्मियों के डाटाबैंक बनाने का भी है, जिससे देशभर के उन तमाम लोगों की पहचान की जा सके जो वास्तव में कला और संस्कृति के लिए समर्पित हैं या जिनका कोई न कोई योगदान इस क्षेत्र में है। इससे उन कलाकारों को पहचानने और उनकी जीवन शैली के साथ साथ कला और परंपरा को बेहतर बनाने की दिशा में काफी फायदा होने वाला है। अब तक तकरीबन 55 लाख संस्कृतिकर्मियों और इस क्षेत्र से जुड़े लोगों व संस्थाओं का डाटा बैंक तैयार हो चुका है।



आमतौर पर सरकारी योजनाओं और इन्हें ज़मीनी स्तर पर उतारने को लेकर गंभीर सवाल उठते रहे हैं, लेकिन इसे पारदर्शी बनाने और वास्तव में लोक और आदिवासी कला और संस्कृति के संरक्षण के साथ साथ कलाकारों के हित में काम करने की ये पहल उम्मीद जगाने वाली है। इसका अंदाज़ा मौजूदा बजट में संस्कृति मंत्रालय के लिए 17.5 फीसदी की गई बढ़ोत्तरी से लगाया जा सकता है। इस बार संस्कृति मंत्रालय को अपने कामकाज को बेहतर बनाने के लिए 2500 करोड़ रूपए का बजट दिया गया है। जाहिर है अगर इस बजट का सही और व्यावहारिक इस्तेमाल होता है तो कोई संदेह नहीं कि अपने देश की कला, संस्कृति, इतिहास, परंपराएं और धरोहर सुरक्षित ही नहीं रहेगी, लगातार फले फूलेगी और नई पीढ़ी इसके रंग को बेहतर तरीके से समझ पाएगी। इसके लिए ज़रूरी है कि सही व्यक्तियों और संस्थाओं की तलाश की जाए, उनके कामकाज, अनुभव और ईमानदारी की जांच हो और फिर समर्पित तरीके से काम करने वालों की ऐसी टीम पूरे देश में सक्रिय रहे जो न सिर्फ संस्कृति को समझती हो, बल्कि इसे आज के संदर्भों में जोड़कर, इसे सामयिक बनाकर और हाशिए पर पड़े कलाकारों को मुख्य धारा में लाकर काम करे। आज सचमुच ज़रूरत है उन कलाओं को बचाने की जो विलुप्त हो रही हैं। उन कला रूपों को, भाषा और बोलियों को, संगीत और नृत्य शैलियों को बचाने और उनके लिए ऐसे नए संस्थान, प्रतिष्ठान और अकादमियां बनाने की आज ज़रूरत है जो ज़मीनी स्तर पर काम कर सकें।                              (PIB)



*लेखक 7 रंग के संपादक हैं। लेख में विचार उनके अपने हैं।

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