Saturday, December 24, 2016

बहादुर शहनाज़ की दूसरी बरसी पर श्रद्धांजलि समागम कल


Sat, Dec 24, 2016 at 3:37 PM
गुण्डा गिरोह ने उसे ज़िंदा जला कर सच कर दिखाई थी धमकी 
लुधियाना24 दिसम्बर 2016: (*लखविन्दर//पंजाब स्क्रीन): 
दो वर्ष पहले लुधियाना के ढण्डारी इलाके में अगवा, सामूहिक बलात्कार व बेरहमी से जलाकर मारी गई शहनाज़ की मौत की दूसरी बरसी पर आज ढण्डारी बलात्कार व कत्ल काण्ड विरोध संघर्ष कमेटी द्वारा कल (25 दिसम्बर) ढण्डारी में श्रद्धांजलि समागम किया जा रहा है। महज 17वर्ष की शहानाज़ ने बहादुरी के साथ गुण्डा गिरोह का सामना किया था। वह जान से मार देने की धमकियों के आगे न झुकते हुए बलात्कारी गुण्डा गिरोह को सजा करवाने के लिए डटकर लड़ाई लड़ती रही। वह दमन-उत्पीडऩ का शिकार तमाम स्त्रियों और जनता के सामने एक बड़ी मिसाल है। गुण्डा गिरोह ने उसे 4 दिसम्बर 2014 को मिट्टी का तेल डाल कर जिन्दा जला दिया था। 8 दिसम्बर की रात उसकी मौत हो गई थी। हक, सच, इंसाफ के लिए उसकी साहसी लड़ाई और कुर्बानी को याद करते हुए श्रद्वांजलि समागम किया जा रहा है।


उन्होंने बताया कि शहनाज को स्कूल जाते वक्त अगवा करके तीन दिन तक सामूहिक बलात्कार का शिकार बनाया गया। माँ-बाप रिपोर्ट लिखवाने के लिए पुलिस चौंकियों-थानों में ठोकरें खाते रहे। रिपोर्ट दर्ज करने के लिए रिश्वत माँगी गई। मुश्किल से जो रिपोर्ट लिखवाई जा सकी उसमें पुलिस ने प्रवासी परिवार के साथ धोखाधड़ी करते हुए बलात्कार की धाराएँ नहीं लगाईं। उन्हें केस वापिस लेने के लिए गुण्डा गिरोह बार-बार जान से मारने की धमकियाँ दे रहा था। बार-बार अपील करने पर भी पुलिस द्वारा सुरक्षा मुहैया नहीं करवाई गई। आखिर गुण्डा गिरोह ने 4 दिसम्बर 2014 को शहनाज़ को घर में घुसकर मिट्टी का तेल डालकर बेरहमी से जिन्दा जला दिया। चार दिन तक जिन्दगी मौत की लड़ाई लड़ने के बाद उसकी 9 दिसम्बर को मौत ही गई थी। स्त्रियों सहित तमाम जनता को गुण्डा गिरोहों, सरकार, पुलिस-प्रशासन, राजनीतिक नेताओं के गुण्डा गठबंधन के ज़ोर-जुल्म का बड़े पैमाने पर सामना करना पड़ता है। शहनाज और उसके परिवार पर हुआ जुल्म इसकी एक बड़ी उदाहरण है।
संघर्ष समिती का कहना है कि हमारे समाज में स्त्रियों पर जुल्म बढ़ते जा रहे हैं। स्त्रियों के खिलाफ़ बलात्कार, कत्ल, छेड़छाड़, मारपीट, तेज़ाब फेंकने, अपहरण जैसे अपराध बढ़ते जा रहे हैं। स्त्री विरोधी वहशी मर्द मानसिकता हर कदम पर स्त्रियों को शिकार बना रही है। सिर्फ स्त्रियाँ ही नहीं, सारी जनता पूँजीपतियों, सरकार, पुलिस, राजनेताओं, गुण्डा गिरोहों द्वारा भयानक लूट-दमन का शिकार है। आम जनता गरीबी-बदहाली-लूट-दमन-अन्याय की चक्की में पिस रही है। जनता एकजुट होकर ही इसका मुकाबला कर सकती है। 
ढण्डारी बलात्कार व कत्ल काण्ड विरोधी संघर्ष कमेटी ने सभी इंसाफपसंद लोगों से अपील की है कि बहादुर शहनाज़ की साहसिक लड़ाई और हक, सच, इंसाफ़ के लिए दी गई उसकी कुर्बानी को याद करने और उसे भावभिन्नी श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए श्रद्धांजलि समागम में ज़रूर पहुँचें।

लखविन्दर ढण्डारी बलात्कार व कत्ल काण्ड विरोधी संघर्ष कमेटी के संयोजक हैं और उनका मोबाईल नम्बर है: 9646150249

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