Wednesday, December 14, 2016

नोटबन्दी से पैदा हुई स्थिति भयानक और चिंतनीय- डा. भारत

विदेशी शक्तियां इस स्थिति का फायदा उठा कर करवा सकती हैं दंगे
लुधियानाः 11 दिसम्बर 2016: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो);
जब जुर्म मुक्त नए भारत की बात चलती है तो डॉक्टर भारत का ज़िक्र भी ज़रूरी हो जाता है। विवादों और आरोपों से दूर डॉक्टर भारत  चाल में चलते हुए किसी न किसी इन्वेस्टिगेशन में लगे  रहते हैं। आरोपों की चर्चा करो तो जनाब क़तील साहिब के शब्दों में कुछ यूं कहेंगे- 
इक इक पत्थर जोड़ के मैंने जो दीवार बनाई है,
झाँकू उस के पीछे तो रुसवाई ही रुसवाई है। 
सफलता की बात करो तो इसी  शेयर सुनाएंगे-क्योंकि उनकी दी गयी जानकारी को बहुत बार नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है। तब वह बेबसी सी महसूस करते हैं। 

यों लगता है सोते जागते औरों का मोहताज हूँ मैं
आँखें मेरी अपनी हैं पर उनमें नींद पराई है
देश की सुरक्षा और बढ़ रही आतंकी घटनायों को लेकर उनका दर्द कई बार शब्दों में भी छलक  आता है। वह कहते हैं कोई न जाने दर्द मेरा। 
देख रहे हैं सब हैरत से नीले-नीले पानी को
पूछे कौन समन्दर से तुझमें कितनी गहराई है
कभी कभी उनको लगता है कि सारी उम्र यूं ही गंवा दी। न अपना कुछ बनाया न परिवार का। तब यह कहते लगते हैं-
आज हुआ मालूम मुझे इस शहर के चन्द सयानों से
अपनी राह बदलते रहना सबसे बड़ी दानाई है। 

फिर जल्द ही सम्भल कर कहेंगे तकलीफें तो बहुत आयीं पर मैंने राह नहीं बदली-इसका सकूं भी है। अब वह नोटबन्दी से पैदा हुए हालात को लेकर बेहद चिंतित हैं। राष्ट्रीय अपराध विरोधी गुप्तचर मीडिया फोर्स (क्राईम फ्री इण्डिया ब्यूरो पंजाब) के अध्यक्ष डॉ. भारत नें एक अनौपचारिक भेंट में कहा है कि नई एंव पुरानी करेंसी के चलन और बन्दी के विषय में प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी द्वारा भ्रष्टाचार, कालाधन के संदर्भ में उठाये गए कदम से देश समाज का कितना भला- फायदा होनें वाला है (अच्छे बुरे या भयानक परिणाम ) यह तो आनें वाला समय-भविष्य ही बताएगा। परन्तु जहां मौजूदा समय में पूरे देश का काम धंधा, रोजी रोजगार, कल कारखानों, सभी कार्य प्रगति रुकनें से आम नागरिकों को अनेकानेक विकराल परेशानियों कठिनाइयों के साथ मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझना पड़ रहा है वह भारत देश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ है। वहीं दूसरी तरफ ज्यादा नहीं तो कुछ अच्छे परिणाम काले धन की बरामदगी जो करोड़ रुपए और सोना चॉदी की बरामदगी भी से है जो ऊॅट के मुह में जीरा के बराबर ही है। इन लाखों करोड़ों रुपए की नई नोटों की बरामदगी नें यह साबित कर दिया है कि भ्रष्टाचार  खबल्कि त्म तो क्या होना था और बढ़ गया है, सरकार और सम्बंधित विभाग को उन कर्मचारियों-अधिकारियों पर भी सख्त कारवाई करनी चाहिए जिनके मिली भगत से इतनी नई नोटों का ऐसे जमाखोरों के पास नई करेंसी दी गई। एक तरफ तो दो चार हजार अपनें रुपयें पानें के लिए लोग दो दो दिन तक भूखे लाइन में लगकर पैसा पानें का इंतजार करते रहे और कहां ऐसे काले धंधे और जमाखोरों के पास सरकारी कर्मियों से मिलीभगत से लाखों करोड़ों रुपए की नई करेंसियों का भंडार। सरकार ऐसे गद्दारों पर क्या कारवाई करती है? उनको आशंका है कि विदेशी शक्तियां इस स्थिति का फायदा उठा कर दंगे करवा सकती हैं इस लिए इस में तुरन्त  बेहद आवश्यक है। 
 डॉ. भारत के साथ सम्पर्क करने के लिए मोबाईल नम्बर है; 93169 42755

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