Tuesday, December 06, 2016

सांबर घुसा रिहायशी इलाके में और तमाशबीन लोगो ने ली उसकी जान

Tue, Dec 6, 2016 at 3:21 PM
वन विभाग के अधिकारियों ने किया बचने के कई प्रयासों का दावा 
गुरदासपुर: 6 दिसम्बर 2016: (विजय शर्मा//पंजाब स्क्रीन):
जानवरों के साथ मानव की अमानवीयता को लेकर कई फिल्में बनी, कई गीत लिखे गए, बहुत से संगठन भी बने लेकिन इस में कमी नहीं आई। जान लेना, तड़पाना और फिर तमाशा देखना मानव की आदत बनती चली गयी। कई तरह के बुत और पुतले जलाते जलाते यह लोग ज़िंदा इंसानों को भी जलाने लगे। इनके अंदर की दबी छुपी हिंसा ज़रा ज़रा सी बात पर बाहर आने लगी। अब इस तरह की बर्बरता का नया मामला सामने आया है गुरदासपुर में। 

गुरदासपुर के बाहरी इलाके में एक भटका हुआ सांबर रिहाईशी इलाके में आ घुसा जहां पर लोगों को देखकर सांबर अचानक घबराकर इधर उधर भागने लगा और लोगो की भीड़ भी सांबर को भगा भगा कर तमाशा देखने लगी और आखिर थक हार कर सांबर गिर गया। गिरने के बाद लोगो ने सांबर को घेरकर पकड़ लिया और फारेस्ट के अधिकारियो को मौके पर बुलाया गया परंतु अधिकारी भी सांबर को बचा ना सके आखिरकार सांबर घबराहट से भागते भागते मौत की आगोश में चला गया और लोगो की भीड़ सांबर को घेरकर तमाशा देखती रही।  
इक जानवर की जान आज इंसानो ने ली है--गीत के बोल आज फिर महसूस किये गए। यह वाक्य आज सामने आया गुरदासपुर के बबरी इलाके में जहां पर भटके हुए सांबर को लोगो ने इतना भगाया की तमाशबीन  लोगो की वजह से सांबर की किसी चीज से टकराने से गिर कर मौत हो गई हालांकि फारेस्ट की टीम मोके पर पहुँच चुकी थी  परंतु फिर भी घायल सांबर को बचा ना सकी, भीड़ से घबराकर भागता हुआ सांबर इतना घबराया हुआ था की भीड़  से बचने के लिए भागते हुए किसी चीज से टकरा गया जिससे मौके पर उसकी मौत हो गई वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक़ उन्होंने घायल सांबर को बचाने की बहुत कोशिश की परंतु बचा ना सके सांबर की मौत की असली वजह तो  पोस्टमॉर्टम के बाद ही पता चलेगी परंतु इस वाक़्य से तो ज़रूर साबित हो गया की मेनिका गांधी द्वारा चलाया गया अभियान और सरकार द्वारा बनाये गए वन संरक्षण मंत्रालय अभी तक लोगो को यह बताने में नाकाम रहे हैं कि ऐसी स्थिति में आखिरकार लोगो को करना क्या चाहिए लोग आज भी ऐसे मौके पर तमाशबीनों की भूमिका निभाते है और एक जानवर को अपनी जान गवानी पड़ती है। अगर यही सिलसिला जारी रहा तो  अमानवीयता और तमाशबीनी का शिकार इंसान भी बन सकते हैं। यह एक खतरनाक इशारा है खतरनाक भविष्य की तरफ। 

1 comment:

Dr.Sandeep K jain said...

Very unfortunate.Awareness level has to be raised by wildlife departnent and facilities for rescue operations has to be increased.