Monday, November 07, 2016

लुधियाना के डी डी जैन महिला कालेज को मिला "ए' ग्रेड

राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) ने दिया सम्मान
लुधियाना: 7 नवम्बर 2016: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो): 
डी डी जैन महिला कालेज को "ए" ग्रेड प्राप्त हुआ है जो इस कालेज  प्रबन्धकों की लम्बी साधना का फल है। इसकी घोषणा आज कालेज में एक पत्रकार सम्मेलन में की गयी। लुधियाना के पुराने और प्रतिष्टित शिक्षा संस्थानों में से एक--देवकी देवी जैन मेमोरियल कालेज फार वीमेन को--"ए" ग्रेड मिलने से सभी जैन शिक्षा संस्थानों में प्रसन्नता की लहर है। यह ग्रेड "नेशनल असेसमेंट एंड एक्रीडिशन कॉउंसिल" ने प्रदान किया है। इस खुशी को आज मीडिया के ज़रिये पूरी दुनिया से बांटते हुए कालेज के प्रबन्धकों ने बताया कि इस कॉउंसिल की टीम ने 26 से 28 सितम्बर तक कालेज का दौरा  किया था और इस कालेज से छात्रायों को मिलती सुविधायों का बारीकी से अध्यन भी किया था। उस गहन जांच के बाद अब 5 नवम्बर को इस कॉउंसिल ने अपनी स्टैंडिंग कमेटी की 18वीं बैठक में डी डी जैन महिला कालेज को "ए" ग्रेड देने की घोषणा की।  इस पत्रकार सम्मेलन में कालेज की प्रबन्धन समिति के अध्यक्ष नन्द कुमार जैन, प्रिंसीपल-डॉक्टर सरिता बहल, कोआर्डिनेटर-सुश्री सरिता माटा और को-कोआर्डिनेटर-डॉक्टर अंतर ज्योति घई सहित मैनेजिंग कमेटी के कई प्रमुख सदस्य भी मौजूद थे।
जब वर्ष 1971 में देवकी देवी जैन मैमोरियल कालेज की स्थापना हुई उस समय हालात आज से बिलकुल अलग थे। समाज में आज की तरह चमक दमक नहीं थी। आज की तरह दिखावा भी नहीं था। आज की तरह पैसे का बोलबाला भी नहीं था। उस समय केवल उच्च शिक्षा और ऊंचे नैतिक मूल्यों को ही समाज में स्वीकार किया जाता था और जिनके पास ये सब होता उनका सम्मान भी होता था। 
लेकिन इसके साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में प्रतियोगिता का दौर भी शुरू हो चुका था। अंग्रेजी स्कूलों का चलन बढ़ने। अंग्रेजी को लोग बहुत ज़्यादा महत्व देते थे।  अंग्रेजी के साथ साथ विदेशी मूल्यों की जानकारी और साथ ही साथ स्वदेशी संस्कारों का ज्ञान, प्रतियोगी समाज के साथ रहते हुए विजय संकल्प को बलवान बनाना और ज़िन्दगी को भारतीय सरंचना में एक मिसाल बना कर दिखाना आसान नहीं था लेकिन डी डी जैन कालेज ने यह सब करके दिखाया। निरन्तर साधना का ही परिणाम है कि यह कालेज लगातार उन्नति की शिखरों को छू रहा है। कालेज से शिक्षा प्राप्त करके बहुत सी छात्रायों ने नाम भी कमाया और अपने परिवार के साथ साथ देश का नाम भी रौशन किया। आकाशवाणी और दूरदर्शन में कार्यक्रमों की रेकार्डिंग के दौरान अक्सर ऐसी बहुत सी प्रतिभायों से मुलाकात होती जिन्होंने इस कालेज से शिक्षा ग्रहण की होती और फिर इसी कालेज में शिक्षा देने की ज़िम्मेदारी भी सम्भाली होती। गर्व की बता है कि यह सिलसिला आज भी जारी है। दुनिया के बहुत से हिस्सों में फ़ैल चुकी हैं इस कालेज की प्रतिभाएं।
मीडिया मीट के दौरान कालेज की प्रबन्धन समिति ने इस सारी उपलब्धि का श्रेय कालेज के मेहनती स्टाफ और कालेज की उस विचारधारा को दिया जिसके अंतर्गत छात्रायों को वित्तीय लाभ से ऊंचा उठ कर शिक्षा दी जाती है तां कि गरीब से गरीब बच्चियां भी पढ़ाई से वंचित न रहे। गौरतलब है कि महंगाई और कारोबार के इस व्यापारिक युग में इस कालेज से सबंधित ऐसी बहुत सी बच्चियां हैं जिनका पढ़ने का सपना इस कालेज ने ही साकार किया। पैसा कमाने की धुन से अलग रहते हुए शिक्षा को ही सबसे पहला मकसद रखा।  इस लिए "ए" ग्रेड का मिलना उस साधना का सम्मान है, उस मेहनत का सम्मान है, उस लग्न संकल्प  जिस की शकरि ने कालेज को प्रगति पथ पर लगातार अग्रसर रखा हुआ है।  

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