Wednesday, October 12, 2016

यौमे आशूरा का दिन बड़ी ही बरकतों और रहमतों वाला है

Wed, Oct 12, 2016 at 3:52 PM

जो कौमे अपने शहीदों को भूल जाती हैं, उनका बजूद खत्म हो जाता है 
शाही इमाम पंजाब ने की आयोजन की अध्यक्षता 

लुधियाना: 12 अक्तूबर 2016: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):


आज यहां पंजाब की इतिहासिक जामा मस्जिद लुधियाना में  10 मुर्हरम यौमे आशूरा के मौके पर एक धार्मिक समारोह का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता पंजाब के शाही इमाम मौलाना हबीब-उर-रहमान सानी लुधियानवी ने की। समारोह की शुरूआत करते हुए कारी मोहतरम साहिब ने पवित्र कुरान शरीफ की तिलावत की और गुलाम हसन कैसर, हस्सान नसीरावादी ने अपना नातिया कलाम पेश किया। 

इस मौके पर पंजाब के शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी ने मुसलमानों के भारी जनसमूह को संबेाधित करते हुए कहा कि करबला के मैदान में हजरत इमाम हुसैन शहीद (रजि.) ने इनसानियत को जालिमों के खिलाफ हक की आवाज बुलंद करने का वो सबक दिया है जिसे रहती दुनिया तक याद किया जाता रहेगा। 
शाही इमाम ने कहा कि आज आशूरा का दिन बड़ी ही बरकतों और रहमतों वाला दिन है। उन्होंने कहा कि आज के दिन रोजा रखना अल्लाह के रसूल हजरत मुहम्मद साहिब (स.) की सुन्नत है। उन्होंने कहा कि आज का दिन हमें ज्यादा से ज्यादा इबादत में लगाना चाहिए। शाही इमाम ने कहा कि जो लोग यह समझते हैं कि सिर्फ दान देकर वह रब को राजी करना चाहते हैं तो वह गलत सोचते हैं। दान देने से पहले अपने कर्म अल्लाह के हुकम अनुसार करने होंगे। 
शाही इमाम पंजाब ने कहा कि यौमे आशूरा के दिन ही अल्लाह पाक ने जमीन, आसमान, हवा, पानी, इंसान और हर चीज को बनाया और 10 मुहर्रम यौमे आशूरा के दिन ही कयामत आयेगी। शाही इमाम ने कहा कि आज के दिन हमें अपने घरवालों पर दिल खोलकर खर्च करना चाहिए और इस दिन गरीबों की मदद भी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जो भी मुसलमान किसी यतीम को अच्छा खाना खिलाता है, अच्छे कपड़े पहनाता है और बाद में उसी यतीम के सिर पर प्यार से हाथ फेरता है तो जितने भी बाल उस हाथ के नीचे से निकलेंगे अल्लाह पाक उसको हर बाल के बदले में नेकियां देते हैं। 
उन्होंने कहा कि करबला के मैदान में जो कुछ भी हुआ, उससे नौजवान नस्ल को सबक लेना चाहिए। शाही इमाम ने कहा कि हमारे बच्चों को यह जानकारी होनी चाहिए कि इस्लाम धर्म के लिए हजरत इमाम हुसैन (रजि.) ने कैसी-कैसी कुर्बानियां दी हैं। उन्होंने कहा कि जो कौमे अपने शहीदों को भूल जाया करती हैं, उनका बजूद खत्म हो जाया करता है। शाही इमाम ने कहा कि मुसलमान इस बात को अच्छी तरह समझ लें कि करबला के शहीदों की कुर्बानियों को कभी भी भूलाया नहीं जा सकता।
उन्होंने कहा कि हजरत इमाम हुसैन (रजि.) का दर्जा बहुत बड़ा है इमाम हुसैन (रजि.) हजरत मुहम्मद साहिब (स.) के नवासे हैं और हजरत मुहम्मद साहिब (स.) को इनसे बहुत प्यार था। उन्होंने कहा कि शहीद सब के होते, वो कौम का सरमाया होते हैं, उन्हें बांटा नहीं जा सकता। शाही इमाम मौलाना हबीब-उर-रहमान ने कहा कि हजरत इमाम हुसैन (रजि.) ने करबला के मैदान से जो शिक्षा हमें दी है, उस पर अमल करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हक की आवाज बुलंद करने वाले, जालिमों के खिलाफ आवाज उठाने वाले ही इमाम हुसैन (रजि.) के सच्चे आशिक हैं। 
शाही इमाम ने कहा कि आज यौमे आशूरा का दिन जहां हमें हजरत इमाम हुसैन (रजि.) की कर्बुानियों से सबक देता है, वहीं अपने देश के प्रति भी कुर्बानी देने की प्रेरणा देता है। इस मौके पर शाही इमाम पंजाब ने देश में आपसी भाईचारे और अमन शांति के लिए दुआ भी करवाई।
इस मौके कारी अलताफ-उर-रहमान लुधियानवी, कारी मुहम्मद मौहतरम सहारनपुरी, मौलाना अतीक-उर-रहमान फैजाबादी, नायब शाही इमाम पंजाब मौलाना उसमान रहमानी, मुफ्ती मुहम्मद जमालुद्दीन, मौलाना कारी मुहम्मद इब्राहिम, अंजुम असगर, तनवीर खान, शाकिर आलम, मुहम्मद खालिद, परवेज आलम व शाही इमाम के सचिव मुहम्मद मुस्तकीम आदि विशेष रूप से उपस्थित थे।

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