Wednesday, March 23, 2016

"माल्या बन और भाग जा"

साहित्य में दर्ज हो रही है समय की चाल और चालें 
सत्ता दल या विपक्षी दल चाहे या न चाहे घटना का साहित्य पर प्रभाव अवश्य पड़ता है। सोशल मीडिया पर एक रचना नज़र आई है जिसे पोस्ट किया नूतन जी ने पर पता करने पर उन्होंने भी बताया की  किसकी है पर घूम रही है---लीजिये आप भी पढ़ कर देखिये।
कक्षा १-  हिंदी 
पाठ - १ " माल्या बन "

विजय उठ
माल्या बन
बैंक जा
लोन ले
दारू पी
पार्टी कर
नेता बुला
अभिनेता बुला
पैसे उड़ा
फिर बैंक जा
और लोन ले
फिर भाग जा ।

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