Thursday, December 29, 2016

विधानसभा चुनाव में अल्पसंख्यक समुदाय निर्णायक भूमिका निभाएगें

Thu, Dec 29, 2016 at 3:36 PM
अहरार पार्टी के 87वें स्थापना दिवस पर शाही इमाम पंजाब का ऐलान
लुधियाना: 29 दिसंबर 2016: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो): 
भारत के स्वतंत्रता संग्राम में बढ़चढ़ कर कुर्बानियां देने वाली पार्टी मजलिस अहरार इस्लाम हिंद के 87वें स्थापना दिवस के मौके पर आज यहां जामा मस्जिद लुधियाना में पार्टी के महासचिव मौलाना मुहम्मद उसमान रहमानी लुधियानवी ने ध्वज लहरा कर स्थापना दिवस के कार्यक्रम की शुरूवात की। इस अवसर पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पंजाब के शाही इमाम मौलाना हबीब सानी ने कहा कि इस पार्टी की स्थापना भारत के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सैनानी रईस उल अहरार मौलाना हबीब उर रहमान लुधियानवी, सैय्यद उल अहरार, सैय्यद अताउल्लाह शाह बुखारी, चौधरी अफजल हक ने 29 दिसंबर 1929 ई0 को लाहौर के हबीब हाल में की थी। अहरार पार्टी की स्थापना इसलिए की गई थी कि हम देश में उस समय मौजूद जालिम अंग्रेज सरकार को देश से उखाड़ फैंकें और अहरार पार्टी के कार्यकत्र्ताओं ने अपने इस फर्ज को अच्छी तरह निभाया। एक-दो नहीं बल्कि हजारों अहरारी कार्यकत्र्ताओं ने स्वतंत्रता संग्राम में जेलें काटीं हैं। शाही इमाम ने कहा कि अगर आज भी जरूरत पड़ी तो हम अपने देश की सुरक्षा के लिए खून का आखिरी कतरा भी बहा देंगे। उन्होंने कहा कि अहरार किसी इतिहासकार की मुहताज नहीं है, हम अपना इतिहास अपने खून से लिखते हैं। उन्होंने कहा कि आज भी अहरारी देश की एकता और अखण्डता के लिए काम कर रहे हैं। शाही इमाम मौलाना हबीब ने कहा कि अंग्रेज तो भारत छोड़ गये, लेकिन उसके कई ‘टोढी’ आज भी देश में मौजूद हैं, जिन्हें हम बेनाब करते रहेंगे। इस अवसर पर पैगम्बरे इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्ललाहुअलैही वसल्लम की जीवनी पर रौशनी डालते हुए शाही इमाम ने कहा कि प्यारे नबी ने इंसानियत को गुलामी से आजादी दिलवा कर दुनिया भर के इंसानों को बराबरी का दर्जा दिया। उन्होंने कहा कि आज जरूरत इस बात की है कि हर खास और आम तक पैगम्बरे इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्ललाहुअलैही वसल्लम का पैगाम पहुंचाया जाये ताकि आपस की नफरतें, मुहब्बतों में बदल जायें। पंजाब विधानसभा होने वाले चुनाव को लेकर पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए शाही इमाम ने कहा कि प्रदेश के अल्पसंख्यक समुदाय चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाएगें। उन्होनें कहा कि पंजाब में एक अच्छी सरकार चुनने के लिए मुसलमान अपना दायित्व निभाएगें। इस अवसर पर कारी मोहतरम, मुहम्मद शहनवाज, अकरम अली, मुहम्मद सरफराज, मुफ्ती जमालुद्दीन, गुलाम हैसन कैसर, शाही इमाम के मुख्य सचिव मुहम्मद मुस्तकीम अहरारी आदि मौजूद थे।
फोटो कैप्शन :  स्वतंत्रता सेनानियों की अहरार पार्टी का ध्वज लहराते हुए महासचिव मुहम्मद उसमान रहमानी लुधियानवी व अन्य अहरारी कार्यकर्ता।

Wednesday, December 28, 2016

सभी बैंकों को दी गई नई करेंसी का ब्यौरा सार्वजनिक किये जाने की मांग


Wed, Dec 28, 2016 at 3:26 PM
विमुद्रीकरण योजना से हुईं समस्यायों को लेकर बैंक कर्मी हुए गंभीर  
कहा: उठें और विरोध करें-आन्दोलनात्मक कार्यक्रम लागू करें
लुधियाना: 28 दिसम्बर 2016: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):   और तस्वीरें देखने के लिए यहां क्लिक करें 
बैंक मुलाज़िमों ने नोटबन्दी के खिलाफ अब अपना आंदोलन तेज़ कर दिया है। इस से पैदा हुई समस्यायों को छुपाने के लिए अब बैंक मुलाज़िमों और आम जनता को आपस में लड़ाने की साज़िश रची गई है। बैंक मुलाज़िमों का कहना है कि हम इस नापाक साज़िश को कामयाब नहीं होने देंगें। इन मुलाज़िम नेतायों ने ज़ोरदररोश प्रदर्शन के बाद मांग की कि निजी बैंकों और सार्वजनिक बैंकों को उपलब्ध कराई गई नई करेंसी का ब्यौरा जनता के सामने रखा जाये तांकि पूरा सच लोगों के सामने आ सके। 
मुद्दे और मांगें                      और तस्वीरें देखने के लिए यहां क्लिक करें 
• सभी बैंकों और शाखाओं में पर्याप्त नकदी भेजा जाना सुनिशित किया जाये
• बिना किसी और देरी के सभी एटीएम को चालू किया जाये
• बैंकों को नकदी आपूर्ति में भेदभाव बन्द किया जाये
• बैंकों को नकदी की आपूर्ति में पारदर्शिता सुनिशिचत की जाये
• भारी पैमाने में नई करेंसी नोटों जो कुछ बड़े लोगों के पास प्राप्त हुए हैं पर सीबीआई की जांच की घोषणा की जाये क्योंकि शाखाओं में नकदी का अकाल है
• जनसामान्य, बैंक ग्राहकों और बैंक के उन स्टाफ को जिन्होंने हाल के विमुद्रीकरण कांड के कारण अपनी जान से हाथ गंवाया है, उनके परिवारों को क्षतिपूर्ति की जाये
विरोध कार्यक्रम                                 और तस्वीरें देखने के लिए यहां क्लिक करें 
29 दिसंबर 2016  हमारी सभी यूनियनों द्वारा वित्त मंत्री, भारत सरकार को संबोधित पत्र
2 जनवरी 2017 बैज धारण करना
3 जनवरी 2017आरबीआई अथवा सभी प्रादेशिक राजधानियों और प्रमुख केन्द्रों में बैंक के सम्मुख धरना
आल इण्डिया बैंक इम्पलाईज़ एसोसिएशन एंव आल इण्डिया बैंक आफिसर्स एसोसिएशन के आहवान पर पंजाब बैंक इम्पलाईज़ फैडेरेशन (लुधियाना इकाई) ने आज स्टेट बैंक आफ पटियाला, अंचलिक कार्यालय, मिल्लर गंज, लुधियाना के सामने जोरदार प्रदर्शन किया ।  कामरेड अशोक मल्हन, उप प्रधान एंव कामरेड राजेश वर्मा, उप प्रधान,पंजाब बैंक इम्पलाईज़ फैडेरेशन (लुधियाना) ने बैंक कर्मचारियों को संबोधित किया । कामरेड प्रवीण मोदगिल, उप प्रधान एंव पंजाब बैंक इम्पलाईज़ फैडेरेशन (लुधियाना) के अन्य नेता भी इस विरोध रैली में उपस्थित रहे । 
कर्मचारियों को संबोधित करते हुए फैडेरेशन के नेताओं ने कहा कि 50 दिन से ऊपर बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों को कार्य के असाधरण द्बाव और मानसिक तनाव के अन्तर्गत रहना पड़ा है जोकि विमुद्रीकरण योजना को लागू करने के दौरान उन पर लद गया । जबकि हर कोई अपेक्षा कर रहा था कि चीजें सुधर जायेंगी और तय हो जायेंगी, नई समस्यायें उठ खड़ी हुईं और कर्मचारियों और अधिकारियों को निरन्तर ग्राहकों और जनता का प्रवाह झेलना पड़ा । यद्दपि आरबीआई बार-बार बयान दे रहा है कि बैंकों को पर्याप्त नकदी आपूर्ति की जा रही है, वास्तविक रुप से हम सभी कि पता है कि आरबीआई की ओर से बैंकों को नकदी की आपूर्ति में भारी कमी है । नकदी की कम आपूर्ति के कारण, बहुत से पुर्नसंयोजित एटीएम अधिकतर समय तक नकदीरहित रहे हैं । परिणामस्वरुप ग्राहकों को शाखा परिसर में नकदी आहरण के लिए प्रेरित कर रहा है जिससे शाखाओं में द्बाव बढ़ रहा है । इन सभी से यह जाहिर हो गया है कि यह सब कुछ बिना किसी तैयारी के किया गया ।  
प्रारम्भिक दिनों में उनके द्वारा किये गये असाधारण कार्य जोकि योजना के शुरुआती किनों में था, कार्य के घण्टों से बहुत देर तक शाम और रात्रि, कई बार मध्य रात्रि तक काम किया है, उसकी उचित क्षतिपूर्ति करने में टालमटोल दुख पैदा कर रहा है क्योंकि उन्होंने अपने सामान्य कार्य के घण्टों से अधिक कार्य किया है । विभिन्न बैंकों में विभिन्न दिशानिर्देश दिये गये हैं किन्तु उन्हें वो क्षतिपूर्ति भी नहीं दी जा रही है, जोकि द्विपक्षीय समझौते में अर्न्तनिहित है । अधिकारियों के मामले में भी, क्षतिपूर्ति एकरुप और सार्वभौम नहीं है । क्यों सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ भेदभाव किया जा रहा है और उन्हें पर्याप्त मात्रा में नकदी नहीं दी जा रही ? आरबीआई की कार्यप्रणाली पारदर्शी क्यों नहीं है ? क्यों बैंक यह सुनिशिचत करने में असमर्थ है कि सभी एटीएम कार्य करें । कितने लम्बे समय तक यह एटीएम पुर्नसंयोजित हो सकेंगें ? 
क्या यह कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए अनुचित है कि वह न्यायोचित और उचित क्षतिपूर्ति की मांग करें अपने देर तक बैठने और रात्रि तक कार्य निपटाने के लिए ? हमने पहले ही सभी मुख्य केन्द्रों पर विरोध कार्यक्रम आयोजित किये हैं एंव रिजर्व बैंक के लोकल अधिकारियों को स्मरण पत्र दिये हैं । रिजर्व बैंक द्वारा अभी भी कोई कारगर कदम नहीं उठाये जा रहे हैं और जन्ता एंव बैंक के स्टाफ की निरंतर समस्यायें बढ़ रही हैं । इसीलिए हमने विरोध करने का निर्णय लिया है । 
कुछ धनवान लोंगों के पास करंसी मिलने पर शक बैंक कर्मचारियों पर किया जा रहा है । ऐसा कुछ संभव नहीं हो सकता क्योंकि इतनी बड़ी मात्रा में धन निकालाने के लिए क्म्पूटर भी इज़ाजत नहीं देता । इसलिए सरकार को चाहिए कि ऐसे सभी मामलों की सीबीआई द्वारा जांच करवाई जाये ।      
उप प्रधान अशोक मल्हन ने इस अवसर पर कहा कि नोटबन्दी से पैदाहुईन समस्यायों से ध्यान हटाने के लिए बैंक कर्मियों और जनता को आपस में लड़ाने की साजिश नाकाम करना अब आवश्यक हो गया है। इस लिए लोगों को जागरूक होना चाहिए। और तस्वीरें देखने के लिए यहां क्लिक करें 
कुछ लोगों ने यह भी सवाल किया कि निजी बैंकों और सार्वजनिक बैंकों को उपलब्ध कराई गई नई करेंसी का ब्यौरा जनता के सामने रखा जाना चाहिए। और तस्वीरें देखने के लिए यहां क्लिक करें 

Saturday, December 24, 2016

बहादुर शहनाज़ की दूसरी बरसी पर श्रद्धांजलि समागम कल


Sat, Dec 24, 2016 at 3:37 PM
गुण्डा गिरोह ने उसे ज़िंदा जला कर सच कर दिखाई थी धमकी 
लुधियाना24 दिसम्बर 2016: (*लखविन्दर//पंजाब स्क्रीन): 
दो वर्ष पहले लुधियाना के ढण्डारी इलाके में अगवा, सामूहिक बलात्कार व बेरहमी से जलाकर मारी गई शहनाज़ की मौत की दूसरी बरसी पर आज ढण्डारी बलात्कार व कत्ल काण्ड विरोध संघर्ष कमेटी द्वारा कल (25 दिसम्बर) ढण्डारी में श्रद्धांजलि समागम किया जा रहा है। महज 17वर्ष की शहानाज़ ने बहादुरी के साथ गुण्डा गिरोह का सामना किया था। वह जान से मार देने की धमकियों के आगे न झुकते हुए बलात्कारी गुण्डा गिरोह को सजा करवाने के लिए डटकर लड़ाई लड़ती रही। वह दमन-उत्पीडऩ का शिकार तमाम स्त्रियों और जनता के सामने एक बड़ी मिसाल है। गुण्डा गिरोह ने उसे 4 दिसम्बर 2014 को मिट्टी का तेल डाल कर जिन्दा जला दिया था। 8 दिसम्बर की रात उसकी मौत हो गई थी। हक, सच, इंसाफ के लिए उसकी साहसी लड़ाई और कुर्बानी को याद करते हुए श्रद्वांजलि समागम किया जा रहा है।


उन्होंने बताया कि शहनाज को स्कूल जाते वक्त अगवा करके तीन दिन तक सामूहिक बलात्कार का शिकार बनाया गया। माँ-बाप रिपोर्ट लिखवाने के लिए पुलिस चौंकियों-थानों में ठोकरें खाते रहे। रिपोर्ट दर्ज करने के लिए रिश्वत माँगी गई। मुश्किल से जो रिपोर्ट लिखवाई जा सकी उसमें पुलिस ने प्रवासी परिवार के साथ धोखाधड़ी करते हुए बलात्कार की धाराएँ नहीं लगाईं। उन्हें केस वापिस लेने के लिए गुण्डा गिरोह बार-बार जान से मारने की धमकियाँ दे रहा था। बार-बार अपील करने पर भी पुलिस द्वारा सुरक्षा मुहैया नहीं करवाई गई। आखिर गुण्डा गिरोह ने 4 दिसम्बर 2014 को शहनाज़ को घर में घुसकर मिट्टी का तेल डालकर बेरहमी से जिन्दा जला दिया। चार दिन तक जिन्दगी मौत की लड़ाई लड़ने के बाद उसकी 9 दिसम्बर को मौत ही गई थी। स्त्रियों सहित तमाम जनता को गुण्डा गिरोहों, सरकार, पुलिस-प्रशासन, राजनीतिक नेताओं के गुण्डा गठबंधन के ज़ोर-जुल्म का बड़े पैमाने पर सामना करना पड़ता है। शहनाज और उसके परिवार पर हुआ जुल्म इसकी एक बड़ी उदाहरण है।
संघर्ष समिती का कहना है कि हमारे समाज में स्त्रियों पर जुल्म बढ़ते जा रहे हैं। स्त्रियों के खिलाफ़ बलात्कार, कत्ल, छेड़छाड़, मारपीट, तेज़ाब फेंकने, अपहरण जैसे अपराध बढ़ते जा रहे हैं। स्त्री विरोधी वहशी मर्द मानसिकता हर कदम पर स्त्रियों को शिकार बना रही है। सिर्फ स्त्रियाँ ही नहीं, सारी जनता पूँजीपतियों, सरकार, पुलिस, राजनेताओं, गुण्डा गिरोहों द्वारा भयानक लूट-दमन का शिकार है। आम जनता गरीबी-बदहाली-लूट-दमन-अन्याय की चक्की में पिस रही है। जनता एकजुट होकर ही इसका मुकाबला कर सकती है। 
ढण्डारी बलात्कार व कत्ल काण्ड विरोधी संघर्ष कमेटी ने सभी इंसाफपसंद लोगों से अपील की है कि बहादुर शहनाज़ की साहसिक लड़ाई और हक, सच, इंसाफ़ के लिए दी गई उसकी कुर्बानी को याद करने और उसे भावभिन्नी श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए श्रद्धांजलि समागम में ज़रूर पहुँचें।

लखविन्दर ढण्डारी बलात्कार व कत्ल काण्ड विरोधी संघर्ष कमेटी के संयोजक हैं और उनका मोबाईल नम्बर है: 9646150249

Friday, December 23, 2016

भाजपा महिला मोर्चा की पठानकोट रैली में रही चंडीगढ़ जीत की गूंज

Fri, Dec 23, 2016 at 2:53 PM
सिर्फ भाजपा में ही महिलाओ को आगे आने का मौका मिला-सांपला 
पठानकोट: 23 दिसम्बर 2016: (विजय शर्मा//पंजाब स्क्रीन)
पंजाब भाजपा की महिला मोर्चा की रैल्ली आज पठानकोट में की गई। प्रदेश स्टार की रैली में भाजपा पंजाब के प्रदेशाध्यक्ष विजय सांपला केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति और महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय रहतकार विशेष तोर पर शामिल हुए। रैली के दौरान सभी वक्ताओ की स्पीच का केंद्र चंडीगढ़ भाजपा की जीत का विषय रहा। 
विजय सांपला ने आज की चंडीगढ़ की जीत के बारे में बोलते हुए कहा की की इसमें महिलाओ का बहूत योगदान रहा है और इसका जीत का असर आने वाली पंजाब विधानसभा पर ज़रूर पड़ेगा और भाजपा सिर्फ 23 सीट पर इलेक्शन नहीं लड़ती पंजाब भाजपा व अकाली दल का गठबंधन 117 सीट पर इलेक्शन लड़ेगा और गठबंधन की जीत ज़रूर होगी। इसके इलावा भाजपा अध्यक्ष का कहना था की महिलाओ के बारे में सिर्फ उनकी ही पार्टी सोचती है बाकी किसी पार्टी ने महिला सशक्तिकरण को आधार नहीं बनाया था सिर्फ भाजपा में ही महिलाओ को आगे आने का मौका मिला है और केंद्र में महिलाओ की संख्या बाकी पार्टियों की बजाये ज्यादा है। 
भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष विजया रहतकार ने पत्रकारो से बातचीत करते हुए कहा की महिलाओ को आगे आने का मौका केवल भाजपा में मिला है और आज की चंडीगढ़ की भाजपा की जीत का असर पंजाब के इलावा यू पी इलेक्शन में भी देखने को मिलेगा नोटबंदी  की वजह से लोग परेशान ज़रूर है परंतु प्रधानमंत्री पर उनको पूरा भरोसा है की जो भी प्रधानमंत्री इस देश के लिए करेंगे वो ज़रूर देश को विकास की तरफ ले जाएगा। 
यू पी से एम् पी व् केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्यूँति का कहना है की भाजपा इस बार चग्नडीगढ़ के बाद पंजाब व् यू पी में भी जीत हासिल करेगी क्योकि भाजपा ही ऐसी पार्टी है जिसमे पुरषो के साथ साथ महिलाओ को भी बराबर का मौका दिया जाता है इसके इलावा उन्होंने कहा की भाजपा में ही पहली बार केंद्र द्वारा सुकन्या योजना , जन धन योजना व उज्वल योजना जैसी स्कीम चलाई गई है जो की सिर्फ महिलाओ के लिए है और इस बार चंडीगढ़ के बाद यू पी व् पंजाब में भी जीत होगी।  

Saturday, December 17, 2016

ठाकुर दलीप सिंह ने दी नया साल वैसाखी पर मनाने की काल

भारतीय जनमानस को एकता के सूत्र में लाने का एक और प्रयास 
लुधियाना: 17 दिसम्बर 2016: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):
नामधारियों और सिक्खों के साथ साथ समुचित भारतीय जनमानस को एकजुट करके एकता के सूत्र में पिरौने में लगे नामधारी प्रमुख ठाकुर दलीप  ने अब नव वर्ष के अवसर पर कहा है कि भारतीय लोगों को वर्ष वैसाखी के दिन मनाना चाहिए। यह बात उन्होंने एक अनौपचारिक वार्ता में कही। 
नव वर्ष केवल कैलेंडर पर होने वाली समय की बदली नहीं होती। इसका सम्बन्ध मौसमों के साथ साथ पर्यावरण और मानवीय शरीर की आंतरिक सरंचना  होता है।  नारियल पानी पीने को दिल करता है और कब मूंगफली की इच्छा है-यह एक गहन विज्ञानं है। किसी समय इसकी समझ पूरे समाज को हुआ थी। धीरे धीरे जब पैसे  दुरपयोग बढ़ा तो बहुत से दिन--बहुत सी रातें शराब के जश्न में डूबने लगीं। नव वर्ष का अवसर अर्थात 31 दिसम्बर और जनवरी के दरम्यान की रात शराब और शबाब के ऐसे बेहूदा अंदाज़ का पर्याय बन गई कि इस अवसर पर पीना पिलाना  आवश्यक कृत्य गिना जाने लगा। यह अभिशाप पूरे समाज को स्वीकृत होता चला गया। आज भी नव वर्ष एक उत्सव की तरह पूरे विश्व में अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग तिथियों तथा विधियों से मनाया जाता है। विभिन्न सम्प्रदायों के नव वर्ष समारोह भिन्न-भिन्न होते हैं और इसके महत्त्व की भी विभिन्न संस्कृतियों में परस्पर भिन्नता है। धर्मकर्म और संस्कृति से जुड़े कुछ लोग आज भी अपने अपने  समाज के मुताबिक समय की इस चाल को अपनाते हैं। लेकिन पूर्व की बहुसंख्य पाश्चात्य प्रभाव के रंग ढंग में डूबती चली गई। अब हालत इतनी बदतर है कि तकरीबन हर जगह पर 31 दिसम्बर की रात को पुलिस सुरक्षा का प्रबन्ध पड़ता है। 

नशे की मदहोशी और गुंडागर्दी का आभास देते हो हल्ले के आतंक में होती है नए साल की शुरुआत। इसका इतिहास देखें तो नव वर्ष उत्सव 4000 वर्ष पहले से बेबीलोन में मनाया जाता था। लेकिन उस समय नए वर्ष का ये त्यौहार 21 मार्च को मनाया जाता था जो कि वसंत के आगमन की तिथि भी मानी जाती थी। प्राचीन रोम में भी नव वर्षोत्सव के लिए चुनी गई थी। रोम के तानाशाह जूलियस सीजर ने ईसा पूर्व 45वें वर्ष में जब जूलियन कैलेंडर की स्थापना की, उस समय विश्व में पहली बार 1 जनवरी को नए वर्ष का उत्सव मनाया गया। ऐसा करने के लिए जूलियस सीजर को पिछला वर्ष, यानि, ईसापूर्व 46 इस्वी को 445 दिनों का करना पड़ा था। 
हिब्रू मान्यताओं के अनुसार भगवान द्वारा विश्व को बनाने में सात दिन लगे थे। इस सात दिन के संधान के बाद नया वर्ष मनाया जाता है। यह दिन ग्रेगरी के कैलेंडर के मुताबिक 5 सितम्बर से 5 अक्टूबर के बीच आता है।
हिन्दुओं का नया साल चैत्र नव रात्रि के प्रथम दिन यनि गुदी पर हर साल चीनी कैलेंडर के अनुसार प्रथम मास का प्रथम चन्द्र दिवस नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है। यह प्रायः 21 जनवरी से 21 फ़रवरी के बीच पड़ता है।
भारत के विभिन्न हिस्सों में नव वर्ष अलग-अलग तिथियों को मनाया जाता है। प्रायः ये तिथि मार्च और अप्रैल के महीने में पड़ती है। पंजाब में नया साल बैशाखी नाम से 13 अप्रैल को मनाई जाती है। सिख नानकशाही कैलंडर के अनुसार 14 मार्च होला मोहल्ला नया साल होता है। इसी तिथि के आसपास बंगाली तथा तमिळ नव वर्ष भी आता है। तेलगु नया साल मार्च-अप्रैल के बीच आता है। आंध्रप्रदेश में इसे उगादी (युगादि=युग+आदि का अपभ्रंश) के रूप में मनाते हैं। यह चैत्र महीने का पहला दिन होता है। तमिल नया साल विशु 13 या 14 अप्रैल को तमिलनाडु और केरल में मनाया जाता है। तमिलनाडु में पोंगल 15 जनवरी को नए साल के रूप में आधिकारिक तौर पर भी मनाया जाता है। कश्मीरी कैलेंडर नवरेह 19 मार्च को होता है। महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा के रूप में मार्च-अप्रैल के महीने में मनाया जाता है, कन्नड नया वर्ष उगाडी कर्नाटक के लोग चैत्र माह के पहले दिन को मनाते हैं, सिंधी उत्सव चेटी चंड, उगाड़ी और गुड़ी पड़वा एक ही दिन मनाया जाता है। मदुरै में चित्रैय महीने में चित्रैय तिरूविजा नए साल के रूप में मनाया जाता है। मारवाड़ी नया साल दीपावली के दिन होता है। गुजराती नया साल दीपावली के दूसरे दिन होता है जो अक्टूबर या नवंबर में आती है। बंगाली नया साल पोहेला बैसाखी 14 या 15 अप्रैल को आता हैपश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में इसी दिन नया साल होता है।
जीवन नगर से संचालित बहुसंख्यक नामधारी संगठन के सतिगुरु ठाकुर दलीप सिंह ने इस अंदाज़ को बदलने का आहवान किया है। उन्होंने कहा है कि भारतीय लोगों को भारतीय संस्कृति भारतीय धर्म कर्म, भारतीय परिवेश और भारतीय अंदाज़ में नया साल मनाना  वो तारीख  आती है वैसाखी के पर्व पर। इस लिए नए साल को उसी अवसर पर मनाया जाना चाहिए।  

Friday, December 16, 2016

दीनानगर:बेटी सहित ट्रेन के सामने कूद कर दे दी जान

कौन पता लगाएगा उस दुःख का जिसने ले ली जान 
गुरदासपुर: 16 दिसम्बर 2016: (विजय शर्मा//पंजाब स्क्रीन):
विकास और खुशियों के लम्बे चौड़े दावों के दरम्यान मां बेटी की आत्महत्या बता रही है हमारे समाज की आंतरिक हालत। एक औरत ज़िन्दगी देते वक़्त ज़रा भी नहीं हिचकिचाई। अपनी बेटी को साथ लेकर रेल पटरी के नज़दीक ट्रेन की इंतज़ार करती रही। उसे न खुद पर तरस आया और न ही अपनी मासूम सी तीन वर्षीय बेटी पर। केवल 23 बर्षीय महिला ने अपनी साढ़े तीन बर्ष की बच्ची के साथ जब गाड़ी के आगे छलांग लगाई तो बच्ची चिलाती रही मां रेलगाड़ी आ रही है लेकिन मां ने एक ना सूनी और कूद गई ट्रेन के नीचे। कोलियांरोड की रेलवे क्राॅसिंग पर अमृतसर से दीनानगर की तरफ जा रही रावी एक्सप्रेस के आगे कूदकर इस महिला ने अपनी तीन साल की बेटी के साथ आत्महत्या कर ली। मृतक महिला की पहचान रुचि सैनी पत्नी राज कुमार और बेटी मनप्रीत निवासी गांव जानीचक्क थाना तारागढ़ के रूप में हुई है। मृतका का पति राज कुमार सऊदी अरब में नौकरी करता है और आज ही वह अपने घर लौट रहा था। उधर, राज कुमार की फ्लाइट ने सऊदी अरब से अमृतसर के लिए उड़ान भरी, तो इधर रुचि ने ट्रेन के आगे कूद कर जान दे दी। हालांकि आत्महत्या का कारण पता नहीं चल पाया है पर एक बात साफ़ ज़ाहिर है कि समाज में फैले दुःख ने मौत को ही एक बचने का रास्ता बना दिया है। 


रुचि घर में सुबह अपनी सास को यह कहकर आई थी कि वह बैंक से पैसे निकलवाने जा रही है। लेकिन वह कोलियां रोड रेलवे क्रासिंग के पास गई। इसी रोड पर आगे पड़ते गांव न्यामता में उसके नानके हैं। रावी एक्सप्रेस सुबह करीब पौने ग्यारह बजे रेलवे क्रासिंग से गुजरती है और रुचि उससे पहले ही अपनी बेटी के साथ वहां पहुंच चुकी थी। लेकिन, ट्रेन करीब पौना घंटा लेट होने कारण वह बेटी को लेकर रेलवे क्रासिंग के पास घूमती रही। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार उसने अपनी बेटी को बिस्किट भी खिलाए। उसके हावभाव से कोई अंदाजा नहीं लगा पाया कि वह ट्रेन के आगे ख़ुदकुशी करने आई है। जब ट्रेन आने के वक्त फाटक को बंद किया गया, तो वह उसकी रेलिंग के पास आकर खड़ी हो गई। जैसे ही ट्रेन पास आई वह बेटी को खींचते हुए ट्रेन के आगे जा कूदी। रेलवे पुलिस ने उसके पर्स से मिले अाधार कार्डों से मां बेटी की पहचान की और ससुराल गांव जानीचक्क और मायके गांव डीडा सैनियां परिजनों को सूचित किया। सुसराल में अकेली बूढ़ी मां ही थी, जबकि उसके पिता जो कि रंजीत सागर डैम में नौकरी करते हैं। 31 मार्च को अपनी रिटायरमेंट संबंधी कागजात तैयार करवाने पत्नी काे लेकर कार्यालय गए थे, जबकि भाई धीरज विदेश से लौट रहे जीजा को लेने अमृतसर एयरपोर्ट गया था। रोज़ी रोटी के लिए विदेश गया व्यक्ति जब लौटेगा तो सामने होगा दुःख का पहाड़। कभी न भर पाने वाला ज़ख्म। हो सकता है उसने विदेश में कमाई करके अपने कर्ज़ उतार लिए हों।  घर में खुशहाली की सी सुविधाएं जुटा ली हों लेकिन वो सब सुख सुविधाएं मिल कर भीइस दर्द को कम नहीं कर पाएंगी। 

रेलवे पुलिस के एसएचओ सतपाल सिंह ने बताया कि हादसे संबंधी धारा 174 के तहत केस कार्रवाई कर लाशों को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल गुरदासपुर भेजा जाएगा। अभी तक सुसाइड के कारणों का पता नहीं चल पाया है। 
 

दीनानगर के गांव डीडा  की रहने वाली रूचि सैनी  की शादी गांव जैनी चक में-हुई थी उस का पति विदेश में काम करता था जो के आज ही घर आने वाला था मौके पर खडे एक लडके ने बताया की यह औरत 2 घंटे से से अपनी बच्ची को लेकर रेलवे फाटक के आस पास घूम रही थी फिर अपनी बच्ची को इसने खाने को भी लेके दिया उसके बाद जब रेलगाड़ी आई तो जबरदस्ती अपनी बच्ची को लेकर पटडी के पास चली गई और बच्ची चिलाती रही और मां ने एक ना सुनी और अपनी 3 साल की बच्ची  मनप्रीत को ले कर ट्रेन के नीचे छलांग लगा दी। मौत इतनी भयानक थी देख कर सभी की रूह कॉप रही थी। 


मौके पर मिली जानकारी के अनुसार लड़की का नाम रुचि जो जिला पठानकोट के गाँव जनीचक की रहने वाली है जिसकी पांच बर्ष पहले  राज कुमार के साथ  शादी हुई थी जो विदेश में काम करता था पुलिस की तरफ फ़िलहाल 174 की करवाई लाश को पोस्टमार्टम क्र वारिसों के हवाले कर दिया है  इस मोके पर एसएच ओ सतपाल ने बताया की रवि गाडी जो अमृतसर से पठानकोट जा रही थी उसने रेलगाड़ी के नीचे आ कर आत्महत्या कर ली है पुलिस द्वारा मृतिका लड़की के वारिसों के व्यानो के आधार पर बनती करवाई की जायगी। फ़िलहाल 174 की करवाई कर के लाश को पोस्टर्माटम के लिए भेज दिया गया है  .
एसएचओ इंसपेक्टर सतपाल ने बताया कि अगर वारिस कोई ब्यान देंगें तो रुचि और बेटी मनप्रीत की की आत्महत्या के मामले में कार्रवाई की जाएगी। 

Wednesday, December 14, 2016

नोटबन्दी से पैदा हुई स्थिति भयानक और चिंतनीय- डा. भारत

विदेशी शक्तियां इस स्थिति का फायदा उठा कर करवा सकती हैं दंगे
लुधियानाः 11 दिसम्बर 2016: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो);
जब जुर्म मुक्त नए भारत की बात चलती है तो डॉक्टर भारत का ज़िक्र भी ज़रूरी हो जाता है। विवादों और आरोपों से दूर डॉक्टर भारत  चाल में चलते हुए किसी न किसी इन्वेस्टिगेशन में लगे  रहते हैं। आरोपों की चर्चा करो तो जनाब क़तील साहिब के शब्दों में कुछ यूं कहेंगे- 
इक इक पत्थर जोड़ के मैंने जो दीवार बनाई है,
झाँकू उस के पीछे तो रुसवाई ही रुसवाई है। 
सफलता की बात करो तो इसी  शेयर सुनाएंगे-क्योंकि उनकी दी गयी जानकारी को बहुत बार नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है। तब वह बेबसी सी महसूस करते हैं। 

यों लगता है सोते जागते औरों का मोहताज हूँ मैं
आँखें मेरी अपनी हैं पर उनमें नींद पराई है
देश की सुरक्षा और बढ़ रही आतंकी घटनायों को लेकर उनका दर्द कई बार शब्दों में भी छलक  आता है। वह कहते हैं कोई न जाने दर्द मेरा। 
देख रहे हैं सब हैरत से नीले-नीले पानी को
पूछे कौन समन्दर से तुझमें कितनी गहराई है
कभी कभी उनको लगता है कि सारी उम्र यूं ही गंवा दी। न अपना कुछ बनाया न परिवार का। तब यह कहते लगते हैं-
आज हुआ मालूम मुझे इस शहर के चन्द सयानों से
अपनी राह बदलते रहना सबसे बड़ी दानाई है। 

फिर जल्द ही सम्भल कर कहेंगे तकलीफें तो बहुत आयीं पर मैंने राह नहीं बदली-इसका सकूं भी है। अब वह नोटबन्दी से पैदा हुए हालात को लेकर बेहद चिंतित हैं। राष्ट्रीय अपराध विरोधी गुप्तचर मीडिया फोर्स (क्राईम फ्री इण्डिया ब्यूरो पंजाब) के अध्यक्ष डॉ. भारत नें एक अनौपचारिक भेंट में कहा है कि नई एंव पुरानी करेंसी के चलन और बन्दी के विषय में प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी द्वारा भ्रष्टाचार, कालाधन के संदर्भ में उठाये गए कदम से देश समाज का कितना भला- फायदा होनें वाला है (अच्छे बुरे या भयानक परिणाम ) यह तो आनें वाला समय-भविष्य ही बताएगा। परन्तु जहां मौजूदा समय में पूरे देश का काम धंधा, रोजी रोजगार, कल कारखानों, सभी कार्य प्रगति रुकनें से आम नागरिकों को अनेकानेक विकराल परेशानियों कठिनाइयों के साथ मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझना पड़ रहा है वह भारत देश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ है। वहीं दूसरी तरफ ज्यादा नहीं तो कुछ अच्छे परिणाम काले धन की बरामदगी जो करोड़ रुपए और सोना चॉदी की बरामदगी भी से है जो ऊॅट के मुह में जीरा के बराबर ही है। इन लाखों करोड़ों रुपए की नई नोटों की बरामदगी नें यह साबित कर दिया है कि भ्रष्टाचार  खबल्कि त्म तो क्या होना था और बढ़ गया है, सरकार और सम्बंधित विभाग को उन कर्मचारियों-अधिकारियों पर भी सख्त कारवाई करनी चाहिए जिनके मिली भगत से इतनी नई नोटों का ऐसे जमाखोरों के पास नई करेंसी दी गई। एक तरफ तो दो चार हजार अपनें रुपयें पानें के लिए लोग दो दो दिन तक भूखे लाइन में लगकर पैसा पानें का इंतजार करते रहे और कहां ऐसे काले धंधे और जमाखोरों के पास सरकारी कर्मियों से मिलीभगत से लाखों करोड़ों रुपए की नई करेंसियों का भंडार। सरकार ऐसे गद्दारों पर क्या कारवाई करती है? उनको आशंका है कि विदेशी शक्तियां इस स्थिति का फायदा उठा कर दंगे करवा सकती हैं इस लिए इस में तुरन्त  बेहद आवश्यक है। 
 डॉ. भारत के साथ सम्पर्क करने के लिए मोबाईल नम्बर है; 93169 42755

Monday, December 12, 2016

सम्प्रदायक ताकतों की ओर से इस्लाम धर्म को आतंकवाद से जोडऩा गलत

इस्लाम धर्म आपसी भाईचारे और शांति का संदेश देता है
पैगम्बरे इसलाम हजरत मुहम्मद ने भेद-भाव खत्म कर इंसानियत को बराबरी का दर्जा दिया
सच्चा मुसलमान वही, जो हजरत मुहम्मद (स.) साहिब के बताए रास्ते पर चले: शाही इमाम
लुधियाना: 12 दिसंबर 2016: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):
दिलों से नफरतें निकाल कर आपसी भाईचारे को मजबूत कीजिए, सच्चा मुसलमान वही है, जो हजरत मुहम्मद (स.) साहिब के बताए हुए रास्ते पर चले। यह विचार आज यहां जामा मस्जिद में 12 वफात के इतिहासिक दिन के मौके पर मुसलमानों को संबोधित करते हुए पंजाब के शाही इमाम मौलाना हबीब-उर-रहमान सानी लुधियानवी ने प्रगट किये। उन्होंने कहा कि हजरत मुहम्मद सल्ललाहु अलैहीवसल्लम 12 रबी-उल-अव्वल के दिन ही 63 साल तक संसार में इंसानियत को प्यार-मुहब्बत, आपसी भाईचारे का पाठ पढ़ा कर अल्लाह तआला के पास वापिस चले गये। इसीलिए आज के दिन को 12 वफात कहा जाता है। शाही इमाम ने कहा कि आज के दिन मुसलमान अपने प्यारे नबी हजरत मुहम्मद (स.) साहिब को याद करते हुए उनकी दी हुई शिक्षाओं के अनुसार अपना जीवन व्यतीत करने का संकल्प दोहराते हैं। शाही इमाम ने कहा कि 14 सौ वर्ष बीत जाने के बाद भी आपकी शिक्षाएं किसी परिवर्तन के बिना मूल्य रूप में मौजूद हैं और मानव जाति के मार्ग दर्शन के लिए आशा की किरण हैं। उन्होंने कहा कि अल्लाह तआला ने कुरान शरीफ में यह बात स्पष्ट कर दी कि हजरत मुहम्मद (स.) साहिब आखरी नबी हैं, अब कोई और व्यक्ति कयामत तक नबी बनकर नहीं आ सकता। शाही इमाम ने कहा कि हजरत मुहम्मद (स.) साहिब के दुनिया में आने से पहले लोग बेटियों को जिंदा जमीन में दफन कर दिया करते थे। आप (स.) ने दुनिया में आकर इस जुल्म को रोका और बेटी को अल्लाह की रहमत बताया। शाही इमाम ने कहा कि इस्लाम धर्म आपसी भाईचारे और शांति का संदेश देता है, सम्प्रदायक ताकतों की ओर से इस्लाम धर्म को आतंकवाद से जोडऩा गलत है, बल्कि निंदनीय है। इस मौके पर नायब शाही इमाम मौलाना उसमान रहमानी, मौलाना कासिम, कारी मोहतरम, मौलाना महबूब आलम गोरखपुरी, अंजूम असगर, शाहनवाज अहमद, गुलाम हसन कैसर,  मुख्य सचिव मुहम्मद मुस्तकीम विशेष रूप से उपस्थित थे।

Sunday, December 11, 2016

12 रबी-उल-अव्वल सोमवार को: शाही इमाम पंजाब

Sun, Dec 11, 2016 at 12:54 PM
इस अवसर पर मुसलमान मस्जिदों में जाकर विशेष दुआ करते हैं
लुधियाना: 11 दिसम्बर 2016: ( पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):
आज यहां पंजाब के शाही इमाम मौलाना हबीब-उर-रहमान सानी लुधियानवी ने ऐलान किया कि 12 रबी-उल-अव्वल (12 वफात) का पवित्र दिन आज 12 दिसम्बर को पंजाब भर में मनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि 12 रबी-उल-अव्वल का दिन दुनिया के इतिहास में इसलिए विशेष है कि इस दिन अल्लाह पाक के आखरी नबी हजरत मुहम्मद (स.) साहिब का जन्म मक्का शरीफ में हुआ और अल्लाह पाक ने हजरत मुहम्मद (स.) साहिब को पूरी दुनिया के लिए रहमत बनाकर भेजा। उन्होंने बताया कि हजरत मुहम्मद (स.) साहिब ने इस्लाम धर्म के रूप में दुनिया भर के इंसानों को आपसी भाईचारे और शांति का संदेश दिया, शाही इमाम मौलाना हबीब ने बताया कि आज के दिन मुसलमान मस्जिदों में जाकर विशेष दुआ करते हैं और गरीबों तथा यतीमों को अच्छा खाना खिलाते हैं। उन्होंने बताया कि आज के दिन को 12 वफात इसलिए कहा जाता है क्योंकि 63 साल बाद आज ही के दिन हजरत मुहम्मद (स.) साहिब  इस दुनिया से वापिस तशरीफ ले गये थे। शाही इमाम ने सभी मुसलमानों को अपने संदेश में कहा है कि आज के दिन ज्यादा से ज्यादा दरूद शरीफ पढ़ें और अपने अंदर की बुराईयों को त्याग कर अच्छे काम करने का संकल्प करें। 

Friday, December 09, 2016

नशे के खिलाफ जंग में बेलन ब्रिगेड फिर सरगर्म

Fri, Dec 9, 2016 at 1:50 PM
आगामी विधानसभा चुनावों में नशों के खिलाफ ज़ोरदार अभियान  
लुधियाना: :9 दिसम्बर 2016: :(पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):: 
चुनाव सिर पर हैं। कभी भी हो सकती है औपचारिक घोषणा। इसी बीच नोटबन्दी के बाद पैदा हुए हालात भी नाज़ुक हैं। ऐसी हालत में करेंसी नोटों की बजाये दारु की बोतलों, अफीम की डिब्बियों और भुक्की के वितरण का सिलसिला तेज़ हो सकता है। इस सब की देखते हुए बेलन ब्रिगेड फिर मैदान में है। गौरतलब है कि जब बेलन ब्रिगेड नशे के खिलाफ चलाये गए तूफानी अभियान में से उभर कर सब के सामने आया था तो उस समय भी चुनावी दौर ही चल रहा था। अब फिर चुनावी माहौल है। इस हालात में हालात में बेलन ब्रिगेड की तरफ से जवाहर नगर कैम्प में नशों के खिलाफ एक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें इलाके की महिलाओं ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया। इस बार नोटबन्दी के खिलाफ  आक्रोश और गुस्सा भी शामिल हो सकता है। 
इस अवसर पर बेलन ब्रिगेड की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनीता शर्मा ने दोहराया कि आज पंजाब नशे की दल दल में धंस चुका है। नौजवान नशे का शिकार होकर बर्बाद हो रहे हैं। उनके घर परिवार नशे की बदौलत उजड़ रहे है। अनीता शर्मा ने कहा कि बेलन ब्रिगेड आगामी पंजाब में विधान सभा चुनावों में नशे के खिलाफ जोर शोर से अभियान चलाएगी और चुनावों में नशा बाँटने वाले नेताओं का विरोध किया जाएगा।
बैठक में बिमला, ज्योति, सकीना, रमेश, राज, रीता, भोली, दीपा, सिमरन, नीतू, बेबी, पूजा, कमला व सुनीता ने भाग लिया और अपने विचार रखे।  समाज को बुरी तरह खोखला कर रहे इस अभियान के साथ जुड़ने के इच्छुक मैडम अनीता शर्मा के साथ इस मोबाईल नम्बर पर सम्पर्क कर सकते हैं ;9417423238

Tuesday, December 06, 2016

सांबर घुसा रिहायशी इलाके में और तमाशबीन लोगो ने ली उसकी जान

Tue, Dec 6, 2016 at 3:21 PM
वन विभाग के अधिकारियों ने किया बचने के कई प्रयासों का दावा 
गुरदासपुर: 6 दिसम्बर 2016: (विजय शर्मा//पंजाब स्क्रीन):
जानवरों के साथ मानव की अमानवीयता को लेकर कई फिल्में बनी, कई गीत लिखे गए, बहुत से संगठन भी बने लेकिन इस में कमी नहीं आई। जान लेना, तड़पाना और फिर तमाशा देखना मानव की आदत बनती चली गयी। कई तरह के बुत और पुतले जलाते जलाते यह लोग ज़िंदा इंसानों को भी जलाने लगे। इनके अंदर की दबी छुपी हिंसा ज़रा ज़रा सी बात पर बाहर आने लगी। अब इस तरह की बर्बरता का नया मामला सामने आया है गुरदासपुर में। 

गुरदासपुर के बाहरी इलाके में एक भटका हुआ सांबर रिहाईशी इलाके में आ घुसा जहां पर लोगों को देखकर सांबर अचानक घबराकर इधर उधर भागने लगा और लोगो की भीड़ भी सांबर को भगा भगा कर तमाशा देखने लगी और आखिर थक हार कर सांबर गिर गया। गिरने के बाद लोगो ने सांबर को घेरकर पकड़ लिया और फारेस्ट के अधिकारियो को मौके पर बुलाया गया परंतु अधिकारी भी सांबर को बचा ना सके आखिरकार सांबर घबराहट से भागते भागते मौत की आगोश में चला गया और लोगो की भीड़ सांबर को घेरकर तमाशा देखती रही।  
इक जानवर की जान आज इंसानो ने ली है--गीत के बोल आज फिर महसूस किये गए। यह वाक्य आज सामने आया गुरदासपुर के बबरी इलाके में जहां पर भटके हुए सांबर को लोगो ने इतना भगाया की तमाशबीन  लोगो की वजह से सांबर की किसी चीज से टकराने से गिर कर मौत हो गई हालांकि फारेस्ट की टीम मोके पर पहुँच चुकी थी  परंतु फिर भी घायल सांबर को बचा ना सकी, भीड़ से घबराकर भागता हुआ सांबर इतना घबराया हुआ था की भीड़  से बचने के लिए भागते हुए किसी चीज से टकरा गया जिससे मौके पर उसकी मौत हो गई वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक़ उन्होंने घायल सांबर को बचाने की बहुत कोशिश की परंतु बचा ना सके सांबर की मौत की असली वजह तो  पोस्टमॉर्टम के बाद ही पता चलेगी परंतु इस वाक़्य से तो ज़रूर साबित हो गया की मेनिका गांधी द्वारा चलाया गया अभियान और सरकार द्वारा बनाये गए वन संरक्षण मंत्रालय अभी तक लोगो को यह बताने में नाकाम रहे हैं कि ऐसी स्थिति में आखिरकार लोगो को करना क्या चाहिए लोग आज भी ऐसे मौके पर तमाशबीनों की भूमिका निभाते है और एक जानवर को अपनी जान गवानी पड़ती है। अगर यही सिलसिला जारी रहा तो  अमानवीयता और तमाशबीनी का शिकार इंसान भी बन सकते हैं। यह एक खतरनाक इशारा है खतरनाक भविष्य की तरफ। 

Saturday, November 26, 2016

बेलन ब्रिगेड ने दी केजरीवाल को चुनौती

Sat, Nov 26, 2016 at 2:21 PM
पहले दिल्ली में जगह जगह खुले शराब के ठेके तो बन्द करके दिखाओ 
बेलन ब्रिगेड प्रमुख अनीता शर्मा के साथ मैडम कोमल, पूजा और अन्य 
लुधियाना:: 26 नवंबर 2016; (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो); 
किसी समय अकालीदल और भारतीय जनता पार्टी के सामने नशाबन्दी के मुद्दे को चुनौती बना कर उठाने वाले बेलन ब्रिगेड ने अब बेलिहाज हो कर आम आदमी पार्टी के सामने भी वही सवाल उठाया है। ब्रिगेड ने पूछा है कि जिस नीति के अंतर्गत पंजाब में दो महीने के अंदर अंदर नशा बन्दी का वायदा किया जा रहा है उसी नीति के अंतर्गत दिल्ली में क्यों नशा बन्द नहीं हो सकता? ब्रिगेड की प्रमुख अनीता शर्मा ने यह भी पूछा कि क्या केजरीवाल को केवल पंजाबियों से ही ज़्यादा प्यार है दिल्ली वालों से बिलकुल नहीं? उन्होंने कहा कि पंजाब में नशा दो महीने में खत्म करने का वादा करने वाले केजरीवाल पहले दिल्ली में जगह जगह खुले शराब के ठेके तो बन्द करे। 
बेलन ब्रिगेड प्रमुख अनीता शर्मा ने पंजाब में सता हासिल करने के लिए आम आदमी पार्टी के प्रमुख नेता केजरीवाल हर तरह के हथकण्डे अजमा रहे है जिनमें नशा प्रमुख मुद्दा है दूसरी तरफ  असल में अभी तक पंजाब में नशा रोकने के लिए कोई भी पार्टी अपना स्टैंड स्पष्ट नहीं कर  सकी है। 
बेलन ब्रिगेड की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनीता शर्मा ने एक बैठक के दौरान कहा कि सब से पहले आम आदमी पार्टी दिल्ली में नशो व शराब की बिक्री  पर पाबंदी लगाए क्योंकि दिल्ली के हालात यह है कि हर गरीब बस्तियों के लोग शराब का सेवन करके  अनेकों बीमारियों से ग्रस्त हो चुके  है। शराब की बिक्री दिल्ली में आम है आज कल रेडियो पर भी दिल्ली के उप मुख्यमन्त्री मुनीष ससोदिया लोगो को चेतावनी देते है की कोई भी व्यक्ति सडक़ पार्क या किसी भी सार्वजानिक जगह पर शराब पीता पकड़ा गया तो उसको जुर्माना व सजा होगी।  इससे साफ जाहिर होता है कि दिल्ली में लोग सडक़ो पर  सरेआम नशा कर  रहे है और सरकार उसे रोकने में असमर्थ है। 
अनीता शर्मा ने कहा कि हर  रोज शराब के कारण दिल्ली में अनेकों क्राइम हो रहे है। युवा पीढ़ी नशो का सेवन सरेआम करती है। स्कूल, कॉलेजों,  विश्वविद्यालयों, पार्कों व सार्वजनिक स्थानों पर युवक व युवतियां  नशे के इंजेक्शन लगाकर झूम रहे है और उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। 
यदि आम आदमी पार्टी सचमुच पंजाब में नशा खत्म करना चाहती है तो सबसे पहले शराब पर अपना प्रस्ताव पेश करे ताकि पंजाब की महिलाए जान सके कि आम आदमी पार्टी सचमुच महिलाओं की हितैषी है और पंजाब  में नशा खत्म करना चाहती है।  
आज  तक  दिल्ली में शराब बेचने वाली आम आदमी पार्टी पंजाब में नशो के खिलाफ अपनी नीति स्पष्ट  नहीं कर सकी और  पंजाब में अपना वोट बैंक मजबूत करने के लिए नशो का ढिंढोरा पीट रही है।  यदि  अरविंद केजरीवाल नशो के ऊपर  वोटो की राजनीति नहीं  कर रहे है तो  दोबारा पंजाब में पैर  रखने से पहले शराब व नशो  के खिलाफ अपनी नीति स्पष्ट  करके आए ताकि महिलाओं को आम आदमी पार्टी की सच्चाई का पता चल सके।  
इस अभियान से जुड़ने के इच्छुक अनीता शर्मा से इस नम्बर पर  सकते हैं: 094174-23238

Friday, November 25, 2016

Bathinda: अपने मोबाईल को ही अपना बैंक बना लो-प्रधानमंत्री मोदी


PM मोदी ने रखी AIIMS की आधारशिला 
भटिंडा:: 25 नवम्बर 2016: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज भटिंडा में आल इंडिया इंसिच्यूट आफ साइंसिज की आधारशिला रखी। इस अवसर पर उन्हें सुस्वागतम कहते हुए मुख्य मंत्री प्रकाश सिंह बादल ने वहां मौजूद श्रोतायों से दो बार फतेह के जैकारे लगवाये। पहली बार आवाज़ कम आई तो श्री बादल ने कहा अरे भई मोदी साहिब आए हैं ज़रा ज़ोर से आवाज़ आनी चाहिए। 
अपने भावुक भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान की तरफ भ कर जाते पानी का विशेष उल्लेख किया और कहा कि यदि यही पानी यहाँ हमारे पंजाब के किसान को मिले तो वह मिटटी से सोना पैदा कर सकता है। साथ ही उन्होंने पाकिस्तान की जनता के दुःख दर्द की भी चर्चा की। उन्होंने कहा मैं पाकिस्तान के आवाम से कहना चाहता हूं कि यह हिंदूस्तान है। जब आपका एक सैनिक मरता है तो करोड़ों भारत वासियों का आंसू निकलता है। लड़ना हैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ो, आतंक के खिलाफ लड़ो। पाकिस्तान की जनता को हुकुमरानों से हिसाब मांगना चाहिए। श्री मोदी बहुत ही फ्लो में बोले। 
भारतीय सेना की चर्चा करते हुए उन्हने याद दिलाया कि सर्जिकल स्ट्राइक से पाकिस्तान में हड़कंप मच गया था। हमने अपनी सेना की ताकत का उन्हें एहसास करवा दिया। मोदी ने कहा कि मैं किसानों के खेतों को पानी से लबालब करने का इरादा लेकर चल रहा हूं। पानी के साथ पराली जलाने की समस्या की भी चर्चा हुई। गौरतलब है की आजकल यह बहुत गम्भीर समस्या बनी हुई है। 
पानी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में पानी चला जाए और दिल्ली में सरकारें सोती रहीं। किसान रोता रहा। अगर पानी मिल जाए तो मिट्टी सोना पैदा करे। इसके लिए दिल्ली में बैठी सरकार बादल के साथ कंधे से कंधा मिलकर चलने को तैयार है। भारत के हक का पानी किसी कीमत पर पाकिस्तान नहीं जाने देंगे। सिंधु नदी का पानी हिन्दुस्तान का है। पानी पर उन्होंने काफी चर्चा की लेकिन एस वाई एल का मुद्दा नहीं उठा। 
अपनी नीतियों की चर्चा करते हुए श्री मोदी ने कहा कि मुझे चुनाव के रिजल्ट से लेना देना नहीं है, ब​ल्कि किसान भाइयों के भले से मतलब है। जिस खेत में जो फसल होती है उसका अवशेष अगर उसी जमीन में गाड़ दें तो वह जमीन के लिए खुराक बनेगी। जैसे धरती को पानी की प्यास लगती है, वैसे ही भूख भी लगती है। इसके लिए पराली उसके पेट में ही डाल दो। इसे जलाओ मत, ये आपकी संपत्ति है। अरबों खरबों की संपत्ति है। अब देखना है कि पानी जैसे मुद्दे पर केंद्र सरकार क्या रुख लेती है। 
नोटबन्दी से पैदा हुई समस्या पर उन्हने सुझाव देते हुए कहा  अपने मोबाईल को ही अपना बैंक बना लो। यही आपका बटुआ भी होगा। 

Wednesday, November 23, 2016

IFFI-2016: सुश्री रोसाली वार्डा

गोवा के पणजी में असीम छाबरा के साथ

फ्रांस की कॉस्ट्यूम डिजाइनर और कलात्‍मक निर्देशक सुश्री रोसाली वार्डा, 23 नवंबर 2016 को गोवा के पणजी में भारत के 47वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई-2016) में असीम छाबरा के साथ कॉस्ट्यूम डिजाइनिंग मास्‍टरपीस पर बात रखते हुए। (वीएस/वाईबी, पीआईबी, हिंदी इकाई)
The Costume Designer and Artistic Director, France, Ms. Rosalie Varda at the Costume Designing Masterclass with Aseem Chhabra, during the 47th International Film Festival of India (IFFI-2016), in Panaji, Goa on November 23, 2016.


Tuesday, November 22, 2016

प्रधानमंत्री ने नोटबन्दी के सम्बन्ध में लिए फैसले पर लोगों से राय माँगी

22-नवंबर-2016 14:34 IST
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा 500 और 1000 रूपये के नोट के सम्बन्ध में लिए फैसले पर लोगों से विचार आमंत्रित किये हैं| 
नरेन्द्र मोदी ऐप पर उपलब्ध 10 सवालों वाले एक सर्वेक्षण के माध्यम से लोग अपने विचार पहुंचा सकते हैं| ट्विटर के माध्यम से सर्वेक्षण का लिंक साझा करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इस फैसले पर लोगों से पहली प्रतिक्रिया चाहते हैं| 

सर्वेक्षण के 10 प्रश्न निम्नलिखित हैं: 
1. क्या आपको लगता है कि भारत में काला धन है? a) हाँ b) नहीं 

2. क्या आपको लगता है कि भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ़ लड़ाई लड़ने और इस समस्या को दूर करने की ज़रूरत है? a) हाँ b) नहीं 

3. आप काले धन की समस्या से निपटने के लिए सरकार द्वारा उठाये गए कदमों के बारे में क्या सोचते हैं? 

4. आप भ्रष्टाचार के खिलाफ़ मोदी सरकार द्वारा अब तक किये गए प्रयासों के बारे में क्या सोचते हैं? 1 से 5 के स्केल पर – बेहतरीन, बहुत अच्छा, अच्छा, ठीक, बेकार 

5. आप 500 और 1000 के पुराने नोटों को बंद करने के मोदी सरकार के निर्णय के बारे में क्या सोचते हैं? a) सही दिशा में उठाया गया बहुत अच्छा कदम है b) अच्छा कदम है c) कोई फ़र्क नहीं पड़ेगा 
6. क्या आपको लगता है कि डिमोनेटाईजेशन से काला धन, भ्रष्टाचार और आतंकवाद को रोकने में मदद मिलेगी? a) इसका तुरंत प्रभाव पड़ेगा b) इसका प्रभाव पड़ने में समय लगेगा c) कम प्रभाव पड़ेगा d) पता नहीं, कह नहीं सकते 

7. डिमोनेटाईजेशन से रियल स्टेट, उच्च शिक्षा, हेल्थकेयर तक आम आदमी की पहुँच बनेगी? a) पूर्ण रूप से सहमत हैं b) थोड़ा सहमत हैं c) कह नहीं सकते 

8. भ्रष्टाचार, काला धन, आतंकवाद और नकली नोटों पर अंकुश लगाने की लड़ाई में हुई असुविधा को आपने कितना महसूस किया? a) बिल्कुल महसूस नहीं किया b) थोड़ा बहुत किया लेकिन यह जरुरी था c) हाँ महसूस किया 

9. क्या आप मानते हैं कि भ्रष्ट्राचार का विरोध करते रहे कई आंदोलनकारी और नेता अब वास्तव में काले धन , भ्रष्टाचार और आतंकवाद के समर्थन में लड़ रहे है ? a) हाँ b) नहीं 

10. क्या आपके पास कोई सुझाव या विचार है जो आप प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ शेयर करना चाहते हैं? 

अपने विचार शेयर करने के लिए धन्यवाद। अब अपने परिवार एवं दोस्तों को भी अपने विचार शेयर करने के लिए प्रोत्साहित करें। 

यह सर्वेक्षण प्रधानमंत्री के सहभागी शासन और प्रमुख नीतियों और मुद्दों पर देश की जनता से राय लेने की परिकल्पना को साकार करता है | 

500 और 1000 रूपये के नोट के लीगल टेंडर पर प्रतिबन्ध के मामले पर प्रधानमंत्री ने लोगों से बबाल राय माँगी है और कई पहलुओं पर विचार आमंत्रित किये हैं| उन्होंने लोगों से इस विषय पर भी फीडबैक माँगा है कि कैसे इस फैसले को लागू किये जाने की प्रक्रिया को और मजबूत बनाया जाए | 

प्रधानमंत्री का जनता से सीधे संवाद का सिद्धांत में विश्वास इस सर्वेक्षण में परिलक्षित होता है | 
***
अतुल तिवारी/हिमांशु सिंह

Monday, November 21, 2016

बेटी की शादी का कार्ड दिखाने पर भी बैंक से नहीं मिला ढाई लाख रुपया

नोटबन्दी से वाम ट्रेड यूनियन नेता डीपी मौड़ भी परेशान 
लुधियाना: 20 नवम्बर 2016: (रेक्टर कथूरिया//पंजाब स्क्रीन):
भारतीय समाज में बेटी का विवाह एक बहुत बड़ा यज्ञ मन जाता है। इस मकसद के लिए परिवारिक सदस्य बेटी का जन्म होते ही धन संचय आरम्भ कर देते हैं कर देते हैं। बेटी को पढ़ाया लिखाया जाता है और विवाह की उम्र होने पर उसे योग्य वर देख कर विदा कर दिया जाता है। इस अवसर पर अक्सर कर्ज़ भी लिए जाते हैं। इस तरह किसी न किसी तरह इस रस्म को पूरा  कर दिया जाता है। बाबुल की दुआएं लेती जा की धुन में डोली विदा हो जाती है किसी अनजान अज्ञात घर को कर बनाने संवारने के लिए। मोदी सरकार की बिना तैयारी की गई नोटबन्दी जहां बहुत सी जानें ले ली हैं वहीँ बहुत सी शादियों में भी रुकावटें खड़ी क्र दी हैं। इनमें बहुत सी शादियां बेटियों की हैं। कुछ ऐसा ही देखने को मिला पक्खोवाल रोड स्थित ग्रीन फील्ड में जहाँ पीएयू में लम्बे समय तक लोकप्रिय मुलाज़िम नेता रहे डी पी मौड़ के घर में 23 नवम्बर 2016 को बेटी की शादी है लेकिन बैंक ने उनका ही धन उनको देने  से इन्कार कर दिया है। जैसे तैसे दोस्तों से उधारी पकड़ कर काम चला रहे श्री मौड़ ने अपना दुःख मीडिया के सामने भी व्यक्त किया। उन्होंने आशंका भी व्यक्त की कि लोगों को गुमराह करके थोपी गई नोटबन्दी भी कहीं इस सरकार का नया जुमला ही न हो। 

आॅल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) के स्टेट वाइस प्रेजिडेंट डीपी मौड़ ने कहा कि 23 नवंबर को उनकी बेटी की शादी है, मगर बैंक ने उन्हें पैसे देने से इंकार कर दिया है। जिसके चलते उनके सामने बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है। 

एक मीडिया वार्ता में उन्होंने कहा कि सरकार ने एटीएम से पैसे निकालने की लिमिट दो हजार रुपये रखी है। इतनी राशि से किसी भी परिवार का गुजारा होना संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि बैंक  उनकी बेटी के विवाह का कार्ड देखने के वाबजूद केवल 24 हज़ार रूपये ही उनको दिए हैं। जो पैसे उन्होंने 8 नवम्बर से पहले निकाल लिए थे वे सभी 500 और हज़ार रुपयों के रूप में थे जो अब काला धन बना दिए गए हैं।  गरीब लोग पैसे बदलवाने के लिए सारा दिन बैंकों की लाइन में लगे रहते हैं। अमीर लोग बैंक कर्मचारियों से मिलीभगत करके अपना कैश बदलवा रहे हैं। इसकी वजह से जरूरतमंद लोग अपने ही खाते से पैसे नहीं निकलवा पा रहे। जो इस बात का सबूत है कि सरकार गरीबों को तंग करके अमीरों को मालामाल कर रही है। उनके साथ मौजूद तिलक राज कूनरा ने भी अपने घर शादी कार्ड दिखाया। इस अवसर पर लड़की के नज़दीकी रिश्तेदार प्रेम चंद गोयल ने कहा कि वह मानवाधिकार के तहत सरकार पर केस भी दायर करेंगे। इस अवसर पर केवल सिंह बनवैत, डॉ. अरुण मित्रा, रणधीर सिंह और रामाधार सिंह भी मौजूद रहे।
भाकपा नेता डाक्टर अरुण मित्रा ने कहा कि नोटबन्दी का कालेधन से कोई लेना देना नहीं। यह एलान गरीबों की मेहनत से की गई की गई कमाई पर साज़िशाना हमला है और यह रकम माल्या और अम्बानी-अडानी जैसे अमीरों की तिजौरियां भरने के लिए  जानी है। उन्होंने इस मामले से सबंधित कई बारीकियों की चर्चा करते हुए पूछा कहाँ से आएगा  काला धन?

Thursday, November 10, 2016

लुधियाना:लोग पैसे के लिए रहे रात तक परेशान

बैंकों के आगे लगी रही भीड़-स्टाफ भी परेशान रहा-बाजार रहे सुनसान 
लुधियाना: 10 नवम्बर 2016: (रेक्टर कथूरिया//पंजाब स्क्रीन)
हफरातफरी के बाद लोग कुछ शांत थे। न उन्हें सिमी के पुलिस मुकाबला की कोई याद थी, न ही पाकिस्तान के हमलों में शहीद हो रहे सेना के जवानों की और न ही जल्द जेब में आने वाले 15-15 लाख रूपये के काले धन की और न ही बढ़ती हुई महंगाई की। बस सभी को एक ही चिंता थी--पैसे की चिंता। जमा करने में फायदा होगा या चेंज करवाने में? इस सवाल को बार बार एक दुसरे से पूछा जा रहा था। 
लोग पैसे की चिंता में थे। जेब खाली थी। बाजार सुनसान से थे। सब को सब जगहों से उधारी नहीं मिल रही थी। छोटे छोटे खर्चे पहाड़ नज़र आ रहे थे। कहीं पर लोग खुद से उलझ रहे थे तो कहीं पर बैंक के स्टाफ और सुरक्षा गार्डों से। जब यह तस्वीर क्लिक की गईं उस समय अँधेरा छा रहा था। सन्ध्या के वक़्त भी लोग बैंक के गेट पर थे। न किसी को पूजा पाठ याद था न ही कोई और ख्याल। किसी ने स्कूल में बच्चों की फीस देनी थी। किसी ने बीमार मरीज़ के लिए फ्रूट या सूप लेना था। ये लोग मध्य वर्गीय थे। इन्होंने सिर्फ बड़े से बड़ा करेंसी नोट यही देखा था और उसे हर आफत का इलाज समझ कर बैंक में सम्भाल दिया था। बैन के एलान ने उनकी नींद उड़ा दी। जिनके पास काला धन था उनकी चिंता कुछ और तरीके से बाहर आई। किसी ने बोरिया भर कर नोट जला दिए और किसी ने सड़क किनारे कूड़े में फेंक दिए। धर्म कर्म की बातों में अग्रणी रहने वाले इस समाज में आफत आने पर भी नहीं सोचा गया कि चलो कुछ फ़ालतू के नोट फेंकने या जलाने की बजाये किसी ज़रूरतमन्द को दान दे दिए जाएँ। इस सारे घटनाक्रम ने साबित कर दिया कि हमारे समाज में बस यही सत्य है----बाप बड़ा न भईया--सबसे बड़ा रुपईया। ऊपर दी गयी तस्वीरों में से एक तस्वीर है सेंटर बैंक आफ इण्डिया के गेट पर मौजूद लोगों की, दूसरी है पंजाब एंड सिंध बैंक की और तीसरी है पंजाब नेशनल बैंक की। यह तीनों शाखाएं लुधियाना के सिविल लाईन एरिया की हैं।  क्या अब भी यह समाज समझेगा कि असली धन यह करेंसी नहीं होती। असली धन उन सच्चे वायदों में छुपा होता है जो चुनावी जुमले नहीं होते। फिलहाल तो यही सच है कि एक बार फिर यही साबित हुआ--बाप बड़ा न भईया--सबसे बड़ा रुपईया। 

भारत को स्वच्छ भारत बनाने के लिए काले धन पर जबरदस्त प्रहार

09-नवंबर-2016 19:44 IST

काले धन पर प्रहार से मुद्रा स्थिति पर लगाम लगेगी
भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रधानमंत्री का कदम विश्व में अर्थव्यवस्था को स्वच्छ बनाने का पहला बड़ा कदम
                                                                                                               
*प्रकाश चावला
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 8 नवंबर को राष्ट्र को संबोधित किए जाने के दौरान की गई घोषणा के अनुसार 8 नवंबर की मध्य रात्रि से 500 रुपये और 1000 रुपये के करेंसी नोट के प्रचलन की समाप्ति को काले धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ जबरदस्त प्रहार के रूप में देखा जा रहा है। काला धन और भ्रष्टाचार अनेक दशकों से देश की अर्थव्यवस्था को दीमक की तरह खा रहे थे। सरकार के शीर्ष स्तर पर अनेक महीनों के सोच-विचार के बाद इन करेंसी नोटो को अमान्य करने की अचानक घोषणा से अंतरिम रूप से कुछ मुश्किलें आएंगी, लेकिन प्रधानमंत्री ने लोगों से ठीक ही कहा है कि भ्रष्टाचार और काले धन के दानव को परास्त करने के साथ-साथ जाली नोट के प्रचलन को रोकने के लिए प्रत्येक नागरिक को मूल्य चुकानी होगी। भ्रष्टाचार, काला धन और जाली नोट तथा आतंकवाद को वित्तीय सहायता समस्या की जड़ है।
श्री मोदी ने कहा, ‘देश के विकास के इतिहास में ऐसा समय आता है जब दृढ़ और निर्णायक कदम उठाने की आवश्यकता होती है। गलत तरीके से एकत्रित धन की जमाखोरी के विरुद्ध मोदी के कदम से काले धन को जमा करने वालों पर जबरदस्त प्रहार हुआ है और भारतीय अर्थव्यवस्था में इसका प्रभाव लंबे समय तक महसूस किया जाएगा।’
एक ओर गलियों तथा सड़कों को स्वच्छ बनाने और शौचालय निर्माण के लिए स्वच्छ भारत का कार्यक्रम चलाया जा रहा है तो दूसरी ओर भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रधानमंत्री का स्वच्छता अभियान अर्थव्यवस्था की सफाई के लिए दुनिया के किसी भी भाग में शुरू किया गया सबसे बड़ा अभियान है। काले धन और भ्रष्टाचार से ग्रसित प्रणाली की साफ-सफाई के आकार की कल्पना कीजिए। अनुमान के अनुसार 500 रुपये तथा 1000 रुपये मूल्य के 14 लाख करोड़ करेंसी नोट सर्कुलेशन में हैं यह नोट 31 दिसंबर, 2016 और अधिक से अधिक 31 मार्च, 2017 तक वापस ले लिए जाएंगे।
कुछ बैंकर्स महसूस करते हैं कि इस राशि का एक तिहाई हिस्सा बैंक में जमा नहीं कराया जा सकता, क्योंकि इतनी अधिक मात्रा में धनराशि जमा कराने से कुछ लोग दिक्कत में आ सकते हैं इसका अर्थ यह है कि देश को 4.33 लाख करोड़ रुपये मिलेंगे। यह भारतीय रिजर्व बैंक की घटी देनदारी के संदर्भ में देश को एक तरह की प्राप्ति है।
इस विशाल स्वच्छा अभियान से केन्द्र सरकार की वित्तीय स्थिति बेहतर होगी और मुद्रा स्फीति के मोर्चे पर सकारात्मक लाभ मिलेगा। यह सामान्य जानकारी की बात है कि मुद्रा स्फीति को काला धन ईंधन प्रदान करता है। वास्तव में रियल स्टेट बाजार नकदी हिस्से पर फलता-फूलता है और इस पर रोक लगेगी। रियलिटी क्षेत्र को झटका लगेगा, लेकिन यह क्षेत्र नई वास्तविकता के अनुसार को अपने को समायोजित कर लेगा। इसलिए विश्लेषक यह सही कह रहे हैं कि काले धन पर प्रहार से मुद्रा स्फीति पर लागाम लगेगा और अंततः सामान्य लोगों को मदद मिलेगी। उन्हें कुछ परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं। ऊंचे मूल्य के नोटों लोगों को अमान्य घोषित करने से लोक सेवाओं में भ्रष्टाचार पर प्रीमियम में भारी गिरावट आएगी। राष्ट्र को अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार ने पिछले दो वर्षों में काले धन पर लगाम लगाने के लिए अनेक कदम उठाए। इन कदमों में विदेशी काला धन घोषित करने के लिए कानून, बैंकिंग सूचना साझा करने के लिए अनेक देशों के साथ समझौता, बेनामी कारोबार को नियंत्रित करने के लिए कठोर कानून और जुर्माना अदा करने के बाद काले धन की घोषणा के लिए योजना शामिल हैं। इन प्रयासों से 1.25 लाख करोड़ रुपये प्राप्त हुए है। इसमें बैंकिंग प्रणाली में वापस नहीं आने वाली 4.33 लाख करोड़ रुपये को जोड़ा जाए तो कुल रकम 5.50 लाख करोड़ रुपए होती है। यह लाभ मध्यम से दीर्घ अवधि में देश को मिलेगा।
अंतरिम  व्यवस्था में सरकार के लिए एकमात्र चुनौती यह है कि वह यह सुनिश्चित करे कि सामान्य आदमी को काठनाई न हो और बैंकिंग प्रणाली लोगों में यह विश्वास भरे कि सामान्य घरों का धन पूरी तरह सुरक्षित है।
निर्णायक रूप से प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ईमानदार नागरिक चाहते हैं कि भ्रष्टाचार, कालाधन, बेनामी संपत्ति, आतंकवाद और जाली नोटों के प्रचलन के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहे। सरकारी अधिकारियों द्वारा बिस्तर के नीचे करोड़ों रुपये के करेंसी नोट रखने और बोरियों में रकम भरने की खबरों से देश के किस ईमानदार नागरिक को तकलीफ नहीं होगी?’
प्रधानमंत्री ने ठीक ही कहा कि विश्व में तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था होन के बावजूद भ्रष्टाचार के सूचकांक में भारत का स्थान ऊंचा है। अनेक कदम उठाने के बावजूद भारत अभी भी भ्रष्टाचार के सूचकांक में 76वें पायदान पर है।
शेयर बाजारों से शुरूआती प्रतिक्रिया प्रतिकूल आई है। ऐसी अपेक्षा थी बाजार में नरमी ट्रम्प की विजय से भी जुड़ी है।
मोदी का यह जबरदस्त कदम भारत के स्वच्छ भारत बनाने में एक छलांग साबित होगा।
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*प्रकाश चावला दिल्ली स्थित वरिष्ठ पत्रकार है और अधिकतर राजनीतिक-आर्थिक विषयों पर लिखते हैं।
लेख में व्यक्त विचार लेखक के अपने विचार हैं।

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एजी/डीके-49

स्वराज इंडिया ने किया नोट परिवर्तन का समर्थन

काला धन तो नहीं लेकिन जाली नोट तो जरूर रुकेंगे
*500 और 1000 के नोट को बदलना एक आवश्यक, उचित और कठिन फैसला-सब समर्थन करें
    *काले धन की पूर्णतः समाप्ति के सरकारी दावे भ्रामक और काल्पनिक
    *नोट परिवर्तन में आम जनता को कष्ट न हो यह सुनिश्चित करना सरकार का दायित्व
सरकार द्वारा 500 और 1000 रूपये के नोट बदलने के फैसले का स्वराज इंडिया समर्थन करती है। पिछले काफी समय से जाली नोटों की समस्या विकराल रूप धारण कर रही थी इसलिए 500 और 1000 के प्रचलित नोटों को रद्द कर उसकी जगह नए नोट जारी करना जरुरी हो गया था। सरकार ने इस जरुरी लेकिन कठिन फैसले को समय रहते लिया और इसे जिस स्फूर्ति से लागू किया यह स्वागत योग्य है। 
इस घोषणा से जाली नोटों पर नियंत्रण तो लगेगा, लेकिन काले धन को पूर्णतः समाप्त करने के सरकारी दावे बेबुनयादी हैं। अधिकांश काला धन कैश नहीं है बल्कि बेनामी सम्पति, शेयर और हवाला या पी नोट के जरिये विदेशी पुंजी की शक्ल में पड़ा है उन पर इस घोषणा से कोई असर नहीं पड़ेगा। बड़े नोट बंद करने से काले धन के उस छोटे से अंश पर ही असर पड़ेगा जो नोटों की गड्डियों में रखा हुआ है। इस काले धन को भी अगले 50 दिन में अनेक चोर दरवाज़ों से सफ़ेद बना दिया जा सकता है, इसलिए फ़िलहाल तो प्रधानमंत्री और बीजेपी के "काले धन पर ऐतिहासिक हमले" जैसी घोषणा काल्पनिक जान पड़ते हैं। 
जब भी नोटों में परिवर्तन होता है उससे जनता को परेशानी और घबराहट होना स्वाभाविक है। सरकार की जिम्मेवारी है कि वह इस परिवर्तन के दौर में आम जनता को नुकसान होने से बचाए। हमारे देश में आज भी अधिकांश लेन देन कैश में होता है और बहुत लोग अपने जीवन भर की कमाई बैंक में नहीं कैश में रखते हैं। यूँ भी आजकल फसल बेचने और फिर शादी का अवसर है जब कैश का व्यवहार सामान्य से भी ज़्यादा होता है। ऐसे में अचानक 500 और 1000 रूपये के नोट का प्रचलन रोकने से शहरी गरीबों और देहात के लोगों को बहुत असुविधा हो सकती है। अगर ऐसे में सरकार ने ठीक इंतजाम नहीं किये तो ये पूरी योजना खटाई में पड़ सकती है। लेकिन केवल इस असुविधा के आधार पर नोट परिवर्तन का विरोध करना देश हित में नहीं है। हम विपक्षी दलों से अपील करते हैं कि वे इस घोषणा का विरोध करने के बजाए सरकार को यह कठिन कदम उठाने में सहयोग करें।

Tuesday, November 08, 2016

मध्य रात्रि 12 बजे से 500 रुपये और 1,000 रुपये के करेंसी नोट लीगल टेंडर नहीं रहेंगे

08-नवंबर-2016 22:15 IST
प्रधानमंत्री ने किया देश के नाम सन्देश में बड़ा ऐलान 
प्रधानमंत्री का 8 नवम्बर को राष्ट्र के नाम सन्देशमेरे प्यारे देशवासियों, 
दिवाली के पावन पर्व की समाप्ति नई आशाएं और नई खुशियों के साथ हुई होंगी। आज आप सभी से कुछ विशेष निवेदन करना चाहता हूँ। 

इस वार्ता में कुछ गंभीर विषय, कुछ महत्वपूर्ण निर्णय आप से साझा करूंगा। आपको ध्यान होगा की जब आपने 2014 मई में हमें जिम्मेदारी सौंपी थी, तब विश्व की अर्थव्यवस्था में BRICS के सन्दर्भ में यह आम चर्चा थी की BRICS में जो “आई” अक्षर, जो India से जुड़ा हुआ है, लोग कहते थे BRICS में जो “आई” है, वह लुढ़क रहा है। लगातार 2 साल के देशव्यापी अकाल के बावजूद भी, पिछले ढाई वर्षों में सवा सौ करोड़ देशवासियों के सहयोग से आज भारत ने ग्लोबल इकॉनमी में एक “ब्राइट स्पॉट” अर्थात चमकता सितारा के रूप में अपनी उपस्तिथि दर्ज कराई है। ऐसा नहीं है की यह दावा हम कर रहे हैं, बल्कि यह आवाज इंटरनेशनल मोनेटरी फण्ड (IMF) और वर्ल्ड बैंक से गूंज रही है। 

बहनों भाइयों, 
विकास की इस दौड़ में हमारा मूल मंत्र रहा है “सबका साथ, सबका विकास”। यह सरकार गरीबों को समर्पित है और समर्पित रहेगी। गरीबी के खिलाफ हमारी लड़ाई का मुख्य शस्त्र रहा है – गरीबों का देश की अर्थव्यवस्था एवं सम्पन्नता में सक्रिय 

भागीदारी यानी गरीबों का सशक्तिकरण, गरीबों का एम्पावरमेंट। इस प्रयास की झलक आप लोगों को 

प्रधान मंत्री जन धन योजना, 

जन धन से जन सुरक्षा योजना, 

आर्थिक गतिविधियों के लिए प्रधान मंत्री मुद्रा ऋण योजना, 

दलित, आदिवासी और महिला उद्यमियों के लिए स्टैंड अप इंडिया, 

गरीबों के घर गैस का चूल्हा पहूँचाने के लिए प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना, 

किसानों की आमदनी सुरक्षित करने के लिए प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना और प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना, 

उनको अपने खेतों से सही उपज पाने के लिए Soil हेल्थ कार्ड योजना और 


सही उपज का सही दाम पाने के लिए e-NAM अर्थात राष्ट्रीय कृषि बाज़ार योजना – इन सब में ये साफ़ नजर आता है ये सरकार गाँव, गरीब और किसान को समर्पित है। 

मेरे प्यारे देशवासियों 
पिछले दशकों में हम यह अनुभव कर रहे है की देश में भ्रष्टाचार और कला धन जैसी बीमारियों ने अपनी जड़े जमा लीं हैं और देश से गरीबी हटाने में ये भ्रष्टाचार, ये कला धन, ये गोरख धंधे सबसे बड़ी बाधा है। 

एक तरफ तो विश्व में हम आर्थिक गति में तेजी से बढ़ने वाले देशों में सबसे आगे हैं। दूसरी तरफ भ्रष्टाचार की ग्लोबल रैंकिंग में दो साल पहले भारत करीब-करीब सौवें नंबर पर था। ढेर सारे कदम उठाने के बावजूद हम छेहत्तरवें नंबर पर पहुँच पाए हैं। यह इस बात को दर्शाता है कि भ्रष्टाचार और काले धन का जाल कितने व्यापक रूप से देश में बिछा है। 

भ्रष्टाचार की बीमारी को कुछ वर्ग विशेष के लोगों ने अपने स्वार्थ के कारण फैला रखा है। गरीबों के हक को नज़रंदाज़ कर ये खुद फलते-फूलते रहे हैं। कुछ लोगों ने पद का दुरुपयोग करते हुए इसका भरपूर फायदा उठाया। दूसरी तरफ, इमानदार लोगों ने इसके खिलाफ लड़ाई भी लड़ी है। देश के करोड़ों नागरिकों ने ईमानदारी को जी कर के दिखाया है। 

हम प्रायः यह सुनते हैं की गरीब ऑटो ड्राईवर अपनी गाडी में छूट गई सोने के आभूषण वाले बैग को उसके असली मालिक को कैसे ढूँढ कर लौटाता है, कई बार हम सुनते हैं कोई टैक्सी ड्राईवर यात्रियों का कोई सामान अगर छूट जाता है, मोबाइल फ़ोन रह जाता है तो अपने खर्चे से उनको ढूढने जाता है, और पहुंचा देता है, अरे सब्जी बेचने वाला भी, सामान्य दूकान वाला भी अगर ग्राहक से गलती से ज्यादा पैसे ले लिए तो तो उसको बुलाकर लौटा देता है। 

प्यारे देशवासियों, 
इस बात का ये सबूत है कि हिंदुस्तान का सामान्य से सामान्य नागरिक ईमानदार है, लेकिन प्यारे देशवासियों, हर देश के विकास के इतिहास में ऐसे क्षण आये हैं जब एक शक्तिशाली और निर्णायक कदम की आवश्यकता महसूस की गई। इस देश ने यह वर्षों से महसूस किया है कि भ्रष्टाचार, काला धन, जाली नोट और आतंकवाद - ऐसे नासूर हैं जो देश को विकास की दौड़ में पीछे धकेलती हैं। देश को, समाज को अन्दर ही अन्दर खोखला कर देती है। 

मेरे प्यारे देशवासियों, 
आतंकवाद की भयानकता को कौन नहीं जानता है? कितने निर्दोष लोगों को के मौत के घाट उतार दिया जाता है। लेकिन क्या आपने सोंचा है की इन आतंकियों को पैसा कहाँ कहाँ से मुहैया होता है? सीमा पार के हमारे शत्रु जाली नोटों के जरिये, नकली नोटों के जरिये अपना धंधा भारत में चलाते हैं और यह सालों से चल रहा है। अनेक बार 500 और हज़ार रुपये के जाली नोट का कारोबार करने वाले पकडे भी गए हैं और ये नोटें जब्त भी की गई हैं। 

बहनों भाइयों, 
एक तरफ आतंकवाद और जाली नोटों का जाल देश को तबाह कर रहा है। दूसरी ओर भ्रष्टाचार और काले धन की चुनौती देश के सामने बनी हुई है। हमने कार्य सँभालने के तुरंत बाद भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ लड़ाई की शुरुआत करते हुए अनेक प्रभावी कदम उठायें, जैसे: 

• काले धन की जाँच के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की अध्यक्षता में SIT का गठन किया।

• विदेशों में जमा काले धन के लिए 2015 में मज़बूत कानून बनाने का हमने काम किया 

• काले धन को विदेश से लाने के लिए विभिन्न देशों के साथ टैक्स समझौतों में हमने परिवर्तन किया, नए समझौते किये 

• अमेरिका सहित विभिन्न देशों के साथ सूचना के आदान प्रदान, information exchange का प्रावधान किया

• भ्रष्टाचारियों की बेनामी संपत्ति को रोकने के लिए अगस्त 2016 में एक और मज़बूत कानून

• इस कानून से एक बहुत बड़े चोर दरवाजे को बंद कर दिया गया।

• देश में अघोषित आय को पेनाल्टी के साथ घोषित करने की योजना में काफी बड़ी मात्रा में अघोषित आय उजागर हुई। 

मेरे प्यारे देशवासियों, इन सारे प्रयासों से, पिछले ढाई सालों में भ्रष्टाचारियों से करीब करीब सवा लाख करोड़ रुपये का काला धन बाहर आया है। ऐसे करोड़ों भारतवासी जिनके रग रग में ईमानदारी दौड़ती है उनका मानना है कि भ्रष्टाचार, काले धन, बेनामी संपत्ति, जाली नोट और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई निर्णायक होनी चाहिए। कौन ईमानदार नागिरक ऐसा होगा जिसे अफसरों के घर बिस्तर के नीचे से, या जगह जगह बोरियों में करोड़ों रुपये पाए जाने की खबर पीड़ा न होती हो? 

आज देश की मुद्राव्यवस्था का हाल यह है की देश में कुल सिक्कों और नोटों की मूल्य में 500 और 1,000 रुपये वाले नोटों का हिस्सा लगभग 80 से 90 प्रतिशत तक पहुँच गया है। 

देश में कैश का अत्यधिक सर्कुलेशन का एक सीधा सम्बन्ध भ्रष्टाचार से है। भ्रष्टाचार से अर्जित कैश का कारोबार महँगाई पर बड़ा असर पैदा करता है। इसकी मार गरीबों को झेलनी पड़ती है। इस का सीधा प्रभाव गरीब और मध्यम वर्ग की खरीदने की शक्ति पर पड़ता है। आपका स्वयं का अनुभव होगा, जब मकान या जमीन खरीदते वक़्त आप से कुछ धन चेक में लेंगे और ज्यादातर धनराशी कैश में मांगी जाती होगी। ईमानदार व्यक्ति के लिए कुछ भी खरीदना, एक माध्यम वर्ग के व्यक्ति के लिए घर खरीदना हो, उसके पास कला धन नहीं है तो मुसीबत हो जाती है। कैश के इस धंधे के कारण मकान, जमीन, उच्च शिक्षा और चिकित्सा जैसी अनेक सेवाओं और वस्तुओं के मूल्य में बहुत ज्यादा कृत्रिम वृद्धि होती है, artificial increase होता है।

भ्रष्टाचार से जमा किया गया धन हो या काला धन हो, ये दोनों बेनामी हवाला कारोबार को बल देते हैं। और हम जानते हैं कि हवाला का उपयोग आतंकियों ने हथियार की खरीद फरोख्त में भी किया है। चुनावों में काले धन के प्रभाव की चर्चा तो वर्षों से हो रही है। 

बहनों भाइयों, 
देश को भ्रष्टाचार और काले धन रूपी दीमक से मुक्त कराने के लिए एक और सख्त कदम उठाना ज़रूरी हो गया है। 

आज मध्य रात्रि यानि 8 नवम्बर 2016 की रात्रि 12 बजे से वर्तमान में जारी 500 रुपये और 1,000 रुपये के करेंसी नोट लीगल टेंडर नहीं रहेंगे यानि ये मुद्राएँ कानूनन अमान्य होंगी। 

500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों के जरिये लेन देन की व्यवस्था आज मध्य रात्रि से उपलब्ध नहीं होगी। 


भ्रष्टाचार, काले धन और जाली नोट के कारोबार में लिप्त देश विरोधी और समाज विरोधी तत्वों के पास मौजूद 500 एवं 1,000 रुपये के पुराने नोट अब केवल कागज़ के एक टुकड़े के समान रह जायेंगे। ऐसे नागरिक जो संपत्ति, मेहनत और इमानदारी से कमा रहें हैं, उनके हितों की और उनके हक़ की पूरी रक्षा की जायेगी। ध्यान रहे की 100 रुपये, 50 रुपये, 20 रुपये, 10 रुपये, 5 रुपये, 2 रुपये और 1 रूपया का नोट और सभी सिक्के नियमित हैं और लेन देन के लिए उपयोग हो सकते हैं। उस पर कोई रोक नहीं है। 

हमारा यह कदम देश में भ्रष्टाचार, काला धन एवं जाली नोट के खिलाफ हम जो लड़ाई लड़ रहे हैं, सामान्य नागरिक जो लड़ाई लड़ रहा है, उसको इससे ताकत मिलने वाली है। इन दिनों में देशवाशियों को कम से कम तकलीफ का सामना करना पड़े, इसके लिए हमने कुछ व्यवस्था की है: 

1. 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोट, 10 नवम्बर से लेकर 30 दिसम्बर 2016 तक अपने बैंक या डाक घर (पोस्ट ऑफिस) के खाते में बिना किसी सीमा के जमा करवा सकते हैं।

2. आपके पास लगभग 50 दिनों का समय है। अतः नोट जमा करने के लिए आपको अफरा तफरी करने की आवश्यकता नहीं है।

3. आपकी धनराशि आपकी ही रहेगी, आपको कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है।

4. 500 रुपये या 1,000 रुपये के पुराने नोटों को खाते में डाल कर आप अपनी जरूरत के अनुसार फिर से निकाल सकते हैं।

5. केवल शुरू के दिनों में खाते से धनराशि निकालने पर प्रति दिन दस हज़ार रुपये और प्रति सप्ताह बीस हज़ार रुपये की सीमा तय की गई है। ऐसा नए नोटों की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए किया गया है। इस सीमा में आने वाले दिनों में वृद्धि कर दी जायेगी।

6. खाते में जमा करने की सुविधा के साथ साथ एक दूसरी सुविधा भी दी जा रही है।

7. तत्काल आवश्यकता के लिए 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को नए एवं मान्य नोट के साथ 10 नवम्बर से 30 दिसम्बर तक आप किसी भी बैंक या प्रमुख और उप डाकघर (हेड पोस्ट ऑफिस और सब-पोस्ट पोस्ट ऑफिस) के काउंटर से अपना पहचान पत्र जैसे की आधार कार्ड, मतदाता यानी वोटर कार्ड, राशन कार्ड, पासपोर्ट, पैन कार्ड इत्यादि सबूत के रूप में पेश करके आप नोट बदल सकते हैं।

8. प्रारम्भ में 10 नवम्बर से 24 नवम्बर तक चार हज़ार रुपये तक के पुराने 500 एवं 1,000 रुपये के नोट बदले जा सकते हैं। 15 दिनों के बाद यानी 25 नवम्बर से चार हज़ार रुपये की सीमा में वृद्धि कर दी जाएगी। 

9. ऐसे लोग जो इस समय सीमा के अन्दर अर्थात 30 दिसम्बर 2016 तक पुराने नोट किसी कारणवस जमा नहीं कर पाए, उनको 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोट बदलने का एक आखिरी अवसर दिया जाएगा।

10. ऐसे लोग रिज़र्व बैंक के निर्धारित ऑफिस में अपनी राशि एक घोषणा पत्र यानी declaration फॉर्म के साथ 31 मार्च 2017 तक जमा करवा सकते हैं।

11. 9 नवम्बर और कुछ स्थानों में 10 नवम्बर को भी ATM काम नहीं करेंगे। प्रारम्भ में ATM से प्रति कार्ड प्रति दिन निकाली जा सकने वाली राशि की सीमा दो हज़ार रुपये रहेगी।

12. फिर उसे कुछ अवधि के बाद बढ़ा कर चार हज़ार रुपये कर दिया जाएगा।

13. वैसे तो 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोट आज रात्रि 12 बजे से कानूनी तौर पर ख़त्म हो जायेंगे, परन्तु सामान्य जन-जीवन की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए मानवीय दृष्टिकोण से हमने इस प्रक्रिया में शुरू के 72 घंटों में यानी 11 नवम्बर की रात्रि 12 बजे तक नागरिकों के लिए कुछ विशेष व्यवस्था की है।

14. 11 नवम्बर की रात्रि 12 बजे तक सभी सरकारी अस्पतालों में भुगतान के लिए पुराने 500 या 1,000 रुपये के नोट स्वीकार किये जायेंगे।

15. इस से वैसे परिवार जिनमे कोई बीमार है उन्हें उपचार में कोई बाधा न आये।

16. ऐसे सरकारी अस्पतालों में यदि दवा के दुकान की व्यवस्था है तो डॉक्टर के दिए गए पर्चे पर 500 और हज़ार के पुराने नोटों से दवा खरीदने की सुविधा भी 72 घंटे तक उपलब्ध रहेगी।

17. ऐसे ही 11 नवम्बर की रात्रि 12 बजे तक, रेलवे के टिकट बुकिंग काउंटर, सरकारी बसों के टिकट बुकिंग काउंटर और हवाई अड्डों पर एयरलाइन्स के टिकट बुकिंग काउंटर पर केवल टिकट खरीदने के लिए पुराने नोट अर्थात 500 और 1,000 रुपये के नोट स्वीकार करने की छूट होगी। ऐसा हमने उन परिवारों की जरूरतों को देखते हुए किया है जो इस समय यात्रा कर रहे होंगे। 

18. केंद्र अथवा राज्य सरकार द्वारा प्रमाणित कोआपरेटिव की दिनचर्या की वस्तुओं की दूकान (जैसे केंद्रीय भंडार, सफल) और दुग्ध विक्रय केन्द्रों (मिल्क पार्लर) में भी 11 नवम्बर की रात 12 बजे तक पुराने 500 और 1,000 रुपये के नोट स्वीकार करने की छूट होगी। इस दौरान इन संस्थानों को प्रतिदिन अपने स्टॉक और बिक्री की सुचना रजिस्टर में रखनी होगी।

19. सार्वजनिक क्षेत्र (पब्लिक सेक्टर) के पेट्रोल और CNG गैस स्टेशन (रिटेल आउटलेट्स) पर पेट्रोल, डीजल और CNG गैस की बिक्री के लिए भी 11 नवम्बर की रात 12 बजे तक पुराने 500 और 1,000 रुपये के नोट स्वीकार करने की छूट होगी। इस दौरान प्रतिदिन अपने स्टॉक और बिक्री की सुचना रजिस्टर में रखनी होगी।

20. शवदाह गृह/ क्रेमाटोरियम जैसी जगहों पर भी 11 नवम्बर की रात 12 बजे तक पुराने 500 और 1,000 रुपये के नोट स्वीकार करने की छूट होगी।

21. अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर विदेश से आ रहे या विदेश को जा रहे लोगों को अगर उनके पास पुराने 500 और 1,000 के नोट हैं तो ऐसे नोटों की 5,000 रुपये तक की राशि को नई एवं मान्य करेंसी नोटों से बदलने की सुविधा दी जायेगी।

22. अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों को अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर विदेशी मुद्रा या 5,000 रुपये तक के पुराने नोटों को नई एवं मान्य करेंसी नोटों से बदलने की सुविधा दी जायेगी।

23. इन सारी सुविधाओं के अलावा मैं यह स्पष्ट करना चाहूँगा की इस पूरी प्रक्रिया में नॉन-कैश लेन देन में यानी चेक से पेमेंट, डिमांड ड्राफ्ट से पेमेंट, डेबिट या क्रेडिट कार्ड से पेमेंट अथवा इलेक्ट्रॉनिक फण्ड ट्रान्सफर में कोई रुकावट नहीं आएगी। ये कारोबार जैसा पहले चलता था वैसा ही चलता रहेगा। 


इन सारे इंतज़ाम के बावजूद हमारे ईमानदार देशवासियों को अगर तकलीफ का सामना करना पड़ा तो अनुभव यह बताता है कि इस देश का सामान्य नागरिक देश की भलाई के लिए त्याग करने और कठिनाई सहने के लिए कभी भी पीछे नहीं रहता है। जब मैं सुनता हूँ की कोई गरीब विधवा LPG सब्सिडी छोड़ने में आगे आती है, यह त्याग एक रिटायर्ड स्कूल टीचर में भी पाया जाता है जब वो पेंशन से स्वच्छ भारत कोष में योगदान देने कोप आगे आता है, जब हम ये सुनते हैं कि गरीब आदिवासी माँ का बकरी बेचकर शौचालय बनाने के लिए पैसे लगा देती है, एक फौजी का अपने गाँव को स्वच्छ गाँव बनाने के लिए सत्तावन हज़ार रुपये का दान देने के लिए आगे आता है। मैंने तो यह देखा है की देश के सामान्य नागरिक की एक ही तमन्ना है कि वह कुछ भी कर गुजरने को तैयार है – बस देश का कल्याण हो। 

अतः भ्रष्टाचार, काला धन, जाली नोट और आतंकवाद के खिलाफ जंग में हम लोग थोड़ी सी कठिनाई वह भी कुछ दिनों के लिए तो झेल ही सकते हैं। मेरा पूरा विश्वास है की देश का प्रत्येक नागरिक भ्रष्टाचार के खिलाफ शुचिता के इस महायज्ञ में मिल कर खड़ा होगा। 

मेरे प्यारे देशवासियों, 
दिवाली के पर्व के बाद, अब ईमानदारी के इस उत्सव में, प्रमाणिकता के इस पर्व में आप बढ़ चढ़ कर हाथ बटायें। मेरा पूरा विश्वास है कि देश के सभी राजनीतिक दल, राजनैतिक कार्यकर्ता, सामजिक और शैक्षणिक संस्थाएं, मीडिया सहित समाज के सभी वर्ग से इस महान कार्य में सरकार से भी ज्यादा बढ़ चढ़ कर भाग लेंगे, सकारात्मक भूमिका अदा करेंगे और इस कार्य को सफल बना कर ही रहेंगे। 

म्रेरे प्यारे देशवासियों, 
ये बातें जब मैं आपके समक्ष रख रहा हूँ, इसी समय सरकार के अलग-अलग विभागों को भी जानकारी हो रही है, बैंक हो, पोस्ट ऑफिस हो, रेलवे हो, अस्पताल हो, उनके अधिकारीयों को भी इस विषय की इससे पहले कोई जानकारी नहीं मिली है। क्योंकि इस काम में गोपनीयता बहुत ही आवश्यक थी। ऐसी स्थिति में रिज़र्व बैंक, सभी बैंक्स और पोस्ट ऑफिस को कम समय में बहुत सारी व्यवस्था करनी है। इस व्यवस्था में कुछ समय तो जाएगा। इसलिए रिज़र्व बैंक ने यह फैसला लिया है की 9 नवम्बर को सभी बैंक पब्लिक कार्य के लिए बंद रहेंगे। नागरिकों को असुविधा होगी। मेरा पूरा भरोसा है की बैंक और पोस्ट ऑफिस में काम करने वाले सभी साथी देश हित में इस पवित्र कार्य को सफलतापूर्वक परिपूर्ण करेंगे। भूतकाल में उन्होंने ये करके दिखाया है। मेरा जनता-जनार्दन से इतना ही आग्रह है कि सभी नागरिक धैर्य रखते हुए सभी बैंक्स और पोस्ट ऑफिस अधिकारीयों के साथ सहयोग करें, यही मेरी उनसे आग्रह और बिनती है। 

बहनों और भाइयों, 
समय समय पर मुद्रव्यवस्था को ध्यान में रख कर रिज़र्व बैंक, केंद्र सरकार की सहमति से नए अधिक मूल्य के नोट को सर्कुलेशन में लाता रहा है। 2014 में रिज़र्व बैंक ने 5,000 और 10,000 रुपये के करेंसी नोट का प्रस्ताव सरकार को भेजा था जिसे हमारी सरकार ने विचार-विमर्श के बाद अस्वीकार कर दिया था। अब इस पूरी प्रक्रिया में रिज़र्व बैंक द्वारा 2,000 रुपये के नए नोट के प्रस्ताव को स्वीकार किया गया है। पूरी तरह से नए तौर पर डिजाईन किये गए 500 रुपये और 2,000 रुपये के नए करेंसी नोट अब सर्कुलेशन में लाया जाएगा। रिज़र्व बैंक अपने पिछले अनुभवों को ध्यान में रखते हुए, करेंसी सर्कुलेशन में अधिक मूल्य के नोटों का हिस्सा अब एक सीमा के अन्दर ही रहे इसके लिए रिज़र्व बैंक आवश्यक प्रबंध करेगा। 

अंत में मेरे प्यारे देशवाशियों 
मैं यह दोहराना चाहता हूँ की किसी देश के इतिहास में ऐसे क्षण आते हैं जब हर व्यक्ति यह महसूस करता है की उसे भी उस क्षण का हिस्सा बनना है। उसे भी राष्ट्र हित में, राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देना है। परन्तु ऐसे क्षण हर किसी की जिंदगी में गिने चुने ही आते हैं। आज समय हमें फिर से एक अवसर दे रहा है। हर सामान्य नागरिक भ्रष्टाचार, काला धन, जाली नोट के खिलाफ इस महायज्ञ में , इस लड़ाई में अपना योगदान दे सकता है। 

बहनों और भाइयों आपसे इस प्रक्रिया में जितना सहयोग मिलेगा, शुद्धिकरण उतना ही सफल होगा। देश के लिए यह चिंता का कारण था कि भ्रष्टाचार और काले धन को जीवन का एक सहज हिस्सा मान लिया गया था। यह सोच आज हमारे राजनैतिक, सामाजिक, और प्रशासनिक जीवन को दीमक की तरह खाए जा रहा है। शासन व्यवस्था का कोई भी अंग इस दीमक से अछूता नहीं है। 

समय समय पर हमने देखा है की भारत के सामान्य जन मानस को अगर भ्रष्टाचार और कुछ दिनों की असुविधा में से एक को चुनना हो, तो वह बेहिचक, मैं कहता हूँ बेहिचक मेरे देश का ईमानदार नागरिक असुविधा को तो चुनेगा लेकिन भ्रष्टाचार को कदापि नहीं चुनेगा। 

आपसे मैं फिर एक बार आह्वान करता हूँ की आइये जैसे आपने दिवाली के पर्व में अपने घर और आस पड़ोस की सफाई की, वैसे ही सफाई के काम को आगे बढाते हुए, हम इस महायज्ञ में अपनी पूर्णाहुति डाल कर इसे सफल बनाइये। इतने बड़े देश में, इतनी बड़ी सफाई के महापर्व में असुविधा को ध्यान में न रखते हुए आइये सभी शुचिता की दिवाली मनाएं, पुरे विश्व को भारत की इस ईमानदारी का उत्सव दिखाएँ, पूरे देश में प्रमाणिकता का पर्व मनाएं जिससे भ्रष्टाचार पर लगाम लग सके, काले धन पर नकेल कस सके, जाली नोटों का खेल खेलने वालों को नेस्तनाबूद कर सके, जिस से की देश का धन गरीबों के काम आ सके, हर ईमानदार नागरिक को देश की सम्पन्नता में उसकी उचित हिस्सेदारी मिल सके, आने वाली पीढ़ी गर्व से अपना जीवन जी सके। मैं आप सब के सहयोग के लिए पूरे विशवास के साथ सवा सौ करोड़ देशवासियों कि मदद से भ्रष्टाचार के खिलाफ इस लड़ाई को और आगे ले जाना चाहता हूँ। मुझे विश्वास है आपका साथ, आपका सहयोग आने वाली पीढीयों के लिए प्रेरक बनेगा। मैं फिर एक बार आपका हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ। भारत माता की जय। 
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AKT/AK