Friday, February 27, 2015

यदि सर्वहारा बज़ट नही बनेगा तो दिल्ली जैसे परिणाम भुगतने होंगें

Fri, Feb 27, 2015 at 8:20 PM
जो केजरीवाल की तरह ज़मीन से जुडेगा ,वही शासन करेगा !
आज भी भारत वर्ष मे रेल गरीब की सवारी है और कम किराये के कारण अन्य अवागमन के साधनो से अधिक प्राथमिकता के कारण सर्व ग्राह्य है! स्वतंत्रता के 67 वर्ष बाद भी प्रजातांत्रिक देश का नागरिक भेड़ बकरी की तरह यात्रा करने के लिये मज़बूर है, कारण यहाँ की बढती हुई आबादी, जो प्रतिवर्ष एक नया आस्ट्रेलिया जोड देती है। फ़िर भी नये रेल बज़ट मे किसी नई ट्रेन का संचालन न करके पुरानी ट्रेनो की हालत सुधारना, 400 वाई-फ़ाई स्टेशन बनाना एस्क्लेटर लगाना,लन्च आन मोबाईल आदि हास्यास्पद है या फ़िर पूँजी-पति वर्ग जो हवाई यात्रा करने के लिये सक्षम है, उसी को सहूलियतें पहुँचाने का प्रयास है! आखिर कब तक हम इस मानसिकता से ग्रसित रहेगे कि ए०सी मे बैठने और लेटने वाले नेता और सेक्रेटरीज़ अपनी सुविधाओं को ही ध्यान मे रखकर बज़ट
बनाते रहें? यदि सर्व हारा वर्ग ,जो वास्तव मे वोटर है,को ध्यान मे रखकर बज़ट नही बनेगा तो दिल्ली जैसे परिणाम भुगतने के लिये भा०ज०पा० को तैयार रहना होगा ! अब समय आ गया है कि जो केजरीवाल की तरह ज़मीन से जुडेगा ,वही शासन करेगा ! 
बोधिसत्व क्स्तूरिया, 202-नीरव निकुन्ज सिकन्दरा, आगरा- 282007

हर आंख से आंसू पोंछना:

27-फरवरी-2015 12:27 IST
जन धन योजना, आधार और मोबाईल नंबर हल प्रदान करेंगे
केंद्रीय सरकार और राज्य सरकारें दोनों, अनेक उत्पादों की कीमत में सब्सिडी देती है जिनका सुविवेचित आशय गरीब के लिए उन्हें वहनीय कीमतों पर सामाग्री उपलब्ध कराना होता है। चावल, गेहूं, दाल चीनी, कैरोसिन, एलपीजी, नाफ्था, पानी, बिजली, डीजल, उर्वर, लौह अयस्क, रेलवे-जिंसों और सेवाओं, जिनके लिए सरकार सब्सिडी देती है, उनका केवल एक उपभाग है।हमेशा यह सवाल रहा है कि इनमें से कितनी सुविधाओं का लाभ गरीबों तक पहुंच रहा है-मूल्य सब्सिडियां प्राय: पश्चगामी हैं जिसका मतलब है कि इन सुविधाओं के फायदे गरीब व्यक्ति के मुकाबले धनी व्यक्ति को अधिक मिलते हैं।

Ø      बिजली में दी जाने वाली मुल्य सब्सिडी के बारे में बात करें तो इस अनुदानों से केवल 67.2 प्रतिशत परिवारों जिन्हें पहुंचायी गयी, को ही फायदा मिल सकता है।

Ø      सबसे गरीब परिवारों में से 50 प्रतिशत परिवार एलपीजी का 25 प्रतिशत उपभोग करते हैं।

Ø      मूल्य सब्सिडीकृत केरोसीन के अपेक्षाकृत अधिक भाग (41 प्रतिशत) का उपभोग ऐसे परिवारों द्वारा किया जाता है जो गरीब नहीं हैं और वास्तव में इसके 15 प्रतिशत का उपभोग अपेक्षाकृत संपन्न परिवारों (सबसे धनी 40 प्रतिशत) द्वारा किया जाता है।

Ø      जल यूटिलिटी के लिए आबंटित मूल्य सब्सिडी का बड़ा हिस्सा एक अनुमान से 85 प्रतिशत तक सब्सिडाइजिंग प्राइवेट नलों पर खर्च किया जाता है, जबकि गरीब परिवारों के 60 प्रतिशत परिवार सरकारी नलों से पानी लेते हैं।

Ø      अधीन रेल कीमतों का अधिकतर फायदा गरीब परिवारों की अपेक्षा अमीर परिवारों को ज्यादा मिलता है।

मूल्य सब्सिडी बाजारों में इस तरह की गड़बड़ी कर सकती है कि उनसे अंतत: गरीब आदमी आहत हो।

·     सब्सिडी परिवारों एवं फर्मों के प्रोत्साहनों में ग़़ड़बडी कर सकती है, इससे उत्पादकता कम हो जाती है और अक्सर गरीब एवं कमजोर वर्ग ही सबसे ज्यादा आहत होता है।

·     उच्च न्यूनतम समर्थन मूल्यों और पानी के लिए मूल्य सब्सिडी दोनों के कारण ऐसी फसलें उगाई जाने लगती हैं जिनके लिए अधिक पानी की आवश्यकता होती है। इसकी वजह से भू-जल स्तर गिर जाता है जिसके कारण किसान, विशेषकर बिना सिंचाई वाले किसानों को नुकसान होता है।

·     चूंकि कम यात्री भाडे को क्रास सब्सिडाईज्ड किया जाता है, इसलिए भाड़ा टैरिफ विश्व में सर्वाधिक है। इससे भारतीय विनिर्माण की प्रतिस्पर्धा क्षमता कम हो जाती है एवं विनिर्मित वस्तुओं की लागत बढ़ जाती है जिनका गरीब परिवारों सहित सभी परिवार उपयोग करते हैं।

·     उर्वरकों के मूल्य में सब्सिडी देने का अंतत उद्देश्य किसान के लिए सस्ते उर्वरक उपलब्ध कराना है।

हेरा-फेरी (लीकेज) से उत्पाद सब्सिडी की करागरता पर गंभीर दुष्प्रभाव

पीडीएस लीकेज के विषय पर हालिया शैक्षणिक अनुसंधान ( कैरोसीन, चावल, गेहूं आदि) से पता चला है कि लीकेजेज कम तो हो रहे हैं लेकिन यह स्वीकार्यता की सीमा से बाहर हैं।
पीडीएस लीकेजेज
सामाग्री     
कीमत (करोड़ों में)
कैरोसीन
10000
चावल
5800
गेहूं
12600
नकद अंतरण से सुलभ होने वाली संभावनाएंहाल के ही प्रौद्योगिक साक्ष्य यह दस्तावेज प्रस्तुत करते हैं कि बिना शर्त के नकद अंतरण का अगर लक्ष्य सही होता है तो यह घरेलू उपभोग और परिसंपति स्वामित्व को बढ़ावा दे सकता है और अल्ट्रा निर्धनों की खाद्य  सुरक्षा की समस्याओं का कम कर सकता है।

जेएम नम्बर त्रिसूत्री समाधान    जैम नंबर त्रिसूत्री समाधान जन धन योजना, आधार, और मोबाईल नंबर से सरकार एक लक्षित रूप में और कम विकृत रूप से गरीब परिवारों को यह सहायता दे सकती है।

·        दिसंबर 2014 की स्थिति के अनुसार 720 मिलियन से अधिक नागरिकों को आधार कार्ड आवंटित किये गये हैं। दिसबंर 2015 तक देश में कुल आधार कार्ड धारकों की संख्या 1 बिलियन हो जायेगी। आधार संख्या को एक सक्रिय बैंक खाते से जोड़ना, आय अंतरण को लागू करने में महत्वपूर्ण है।



·        जन धन योजना के शुरू होने से बैंक खातों की संख्या में और वृद्धि होने की संभावना है तथा यह गरीबों के लिए वित्तीय संसाधनों के लक्ष्य बनाने और उन्हें अंतरण करने के अत्यधिक अवसर दे रही है।

दो वैकल्पिक वित्तीय सुपर्दगी तंत्र इस प्रकार हैं-मोबाईल मनी

·        इस समय 900 मिलियन से अधिक सैल फोन प्रयोगकर्ता तथा 600 मिलियन यूनीक प्रयोगकर्ता हैं, मोबाईल मनी से जनसंख्या के एक बड़े हिस्से को सीधे लाभ की सुपर्दगी करने का अनुपूरक तंत्र प्रस्तुत करता है। और यह संख्या 2.82 मिलियन नये प्रयोगकर्ताओं की दर से प्रति माह बढ रही है।

·        आधार के पंजीकरण में उपभोक्ता का मोबाईल नंबर भी शामिल है मोबाईल नंबर को यूनिक आइडैन्टीफिकेशन नंबर के कोड से जोड़ने के लिए जूरूरी प्रचलानात्मक अड़चने भी कम हैं।

डाकघरभारत में विश्व का सबसे बडा डाक नेटवर्क है जिसमें 1,55,015 डाकघर है तथा इनमें (89.76 प्रतिशत) ग्रामीण क्षेत्रों में हैं।

·        मोबाईल मनी की तरह डाकघर भी आधार से जुडे लाभ अंतरण ढांचे में आईएफएससी कोड का आवेदन करके बडी सरलता से इसमें फिट हो सकते हैं तथा डाकघर से जुडे अपने खातों को अपने साथ सीडिंग करना शुरू कर सकते हैं।

सभी प्रकार की सब्सिडी को सीधे खातों तक पहुंचाना ही सरकार का सबसे बडा लक्ष्य है। हांलाकि इस संबंध में उपादान बाजारों में दूसरी और तीसरी पीढ़ी के सुधारों पर बल दिया जा रहा है, इस प्रकार भारत बुनियादी पहली पीढी के आर्थिक सुधारों को पूरा कर पाने में सफल होगा।

***

विजयलक्ष्मी कासोटिया/ अर्चना/ इंद्रपाल/ मनीषा/ रीता/ राजीव/ बीकेझा/ किशोर/ अवनीश/ विजय/ धर्मेंद्र/ शदीद/ यशोदा/ महेश/ गीता/ सुनील/ जगदीश- 10  

Thursday, February 26, 2015

रेल बजट 2015-16 का सारांश

 26-फरवरी-2015 14:21 IST
रेलवे बनेगा भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था का प्रमुख वाहक
उच्‍च निवेश के लिए संसाधन जुटाने पर जोर
·        रेल यात्री किराए में कोई वृद्धि नहीं
·        योजना परिव्‍यय 1,00,011 करोड़ रुपए का प्रस्‍ताव, 52% की वृद्धि
उच्‍च निवेश के लिए संसाधन जुटाने पर जोर
·        यात्री सुविधाओं के लिए आवंटन में 67% की वृद्धि
·        रेलवे भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था का प्रमुख वाहक बनेगा, पंचवर्षीय कार्ययोजना का प्रस्‍ताव
·        रेल बजट में, उच्‍च निवेश के लिए संसाधन जुटाने पर जोर
·        ग्राहकों के अनुभव में स्‍थाई और मापन योग्‍य सुधार लाने तथा रेल को यात्रा का सुरक्षित साधन बनाने पर बल
·        पांच मिनट में रेलवे टिकटों के लिए हॉट बटन्‍स, क्‍वाइन वैंडिंग मशीनें, विभिन्‍न विकल्‍पों में से भोजन के चयन के लिए ई-कैटरिंग
·        आदर्श स्‍टेशन योजना के दायरे में 200 अतिरिक्‍त स्‍टेशन लाए जाएंगे, बी श्रेणी के स्‍टेशनों में वाई-फाई की सुविधा मुहैया कराई जाएगी

·        यात्रियों की समस्‍याओं और सुरक्षा से जुड़ी शिकायतें सुनने के लिए 24X7 हैल्‍पलाइन्‍स

·        महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए उपनगरीय गाडि़यों के डिब्‍बों में निगरानी कैमरे लगाए जाएंगे

·        चिन्हित रेलगाडि़यों में सामान्‍य श्रेणी के और भी डिब्‍बे जोड़े जाएंगे।

·        नौ रेल गलियारों की रफ्तार बढ़ाकर 160 और 200 किलोमीटर प्रतिघंटा की जाएगी

·        चुनिंदा मार्गों पर ट्रेन प्रॉटैक्‍शन वार्निंग सिस्‍टम और ट्रेन कॉलिजन एवॉयडेंस सिस्‍टम लगाया जाएगा

·        9,400 किलोमीटर के दो‍हरीकरण/तिहरीकरण /चौहरीकरण की 77 नई परियोजनाओं का प्रस्‍ताव

·        स्‍वच्‍छ रेल स्‍वच्‍छ भारत अभियान के अंतर्गत स्‍टेशनों और गाडि़यों को साफ रखने के लिए नया विभाग

संसद में आज प्रस्‍तुत किए गए रेल बजट में भारतीय रेलवे को एक बार फिर से भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था का प्रमुख वाहक बनाने के उपाए सुझाए गए हैं। इसमें उच्‍च निवेश, भारी बोझ वाले मार्गों पर भीड़-भाड़ में कमी लाने और रेलगाडि़यों और प्रोजैक्‍टस डिलीवरी की गति बढ़ाने, बेहतर  यात्री सुविधाओं और सुरक्षा तथा रेलवे को जनता के लिए यातायात का पसंदीदा माध्‍यम बनाने के लिए संसाधन जुटाने की बात कही गई है। रेलमंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने संसद में बजट प्रस्‍तुत करते हुए कहा कि सभी महत्‍वपूर्ण प्रस्‍तावित कदम मिशन मोड में संपन्‍न किए जाएंगे।

बजट प्रस्‍तावों में आगामी पांच वर्षों में भारतीय रेलवे के कायाकल्‍प के लिए चार लक्ष्‍य निर्धारित किए गए हैं, जो हैं : ग्राहकों के अनुभव में स्‍थाई और मापन योग्‍य सुधार लाना,  रेलवे को यात्रा का सुरक्षित साधन बनाना, भारतीय रेलों की क्षमता में पर्याप्‍त विस्‍तार करना और उसकी असंरचना को आधुनिक बनाना, अंतत: भारतीय रेलवे को आर्थिक दृष्टि से निर्भर बनाना। इन लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करने के लिए बजट में पांच कारकों का सुझाव दिया गया है, जिनमें श्‍वेत पत्र, विजन-2030 दस्‍तावेज और पंचवर्षीय कार्ययोजना सहित मध्‍यावधि योजना अपनाने का प्रस्‍ताव शामिल है। दीर्घकालिक वित्‍त एवं विदेशों से प्रौद्योगिकी, संपर्क में सुधार लाने, चल स्‍टॉक में विस्‍तार और स्‍टेशन अवसंरचना के आधुनिकीकरण के लिए प्रमुख हित धारकों के साथ साझेदारी की जरूरत होगी। भारतीय रेलवे अतिरिक्‍त संसाधनों पर भी बल देगा, उसका अगले पांच वर्षों में 8.5 लाख करोड़ रुपए का निवेश करने का विचार है।

रेलवे द्वारा वर्ष 2015-16 के लिए 88.5% के परिचालन अनुपात का लक्ष्‍य प्राप्‍त करने के लिए,  प्रबंधन पद्धतियों, प्रणालियों, प्रक्रि‍याओं में सुधार किया जाएगा और मानव संसाधन को समर्थ बनाया जाएगा। निर्णय लेने की प्रक्रिया में तेजी लाना, जवाबदेही को सुदृढ़ बनाना, प्रबंधन सूचना प्रणाली में सुधार लाना कार्मिकों को प्रशिक्षण देकर और उनका विकास कर उनकी प्रतिभा को निखारना भी इन लक्ष्‍यों की प्राप्ति की कार्ययोजना का अंग होगा।

भारतीय रेलवे के माध्‍यम से यात्रा को सुखद अहसास बनाने के लिए बजट में साफ-सफाई पर बल दिया गया है और स्‍वच्‍छ रेल स्‍वच्‍छ भारत अभियान के अंतर्गत स्‍टेशनों और गाडि़यों की सफाई के लिए नया विभाग बनाने का प्रस्‍ताव किया गया है। 650 अतिरिक्‍त स्‍टेशनों पर नए शौचालय बनाए जाएंगे, डिस्‍पोजल बिस्‍तरों की ऑनलाइन बुकिंग उपलब्‍ध कराई जाएगी। बजट में 24X7 हैल्‍पलाईन नम्‍बर 138, सुरक्षा से जुड़ी शिकायतों के लिए निशुल्‍क नम्‍बर 182 का भी प्रस्‍ताव किया गया है।

अनारक्षित श्रेणी में यात्रा करने के इच्छुक आम आदमी के सामने सबसे बड़ी समस्या टिकट खरीदने की होती है। अनारक्षित यात्रा करने वाला यात्री 5 मिनट के भीतर टिकट खरीद सके, यह सुनिश्चित करने के लिए “ऑपरेशन फाइव मिनट” शुरू किया जाएगा।

रेलवे पश्चिम रेलवे तथा दक्षिण रेलवे के उपनगरीय खंड़ों पर स्मार्ट फोनों पर अनारक्षित टिकट को जारी करने की एक पायलट परियोजना परले ही शुरू कर दी गई। उत्तरोत्तर इस सुविधा को सभी स्टेशनों पर उपलब्ध कराया जाएगा। बहुत से स्टेशनों पर स्मार्ट कार्ड करैंसी विकल्प वाली ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन भी लगाई गई है। इस सुविधा का और विस्तार करने तथा डेबिट कार्ड द्वारा परिचालित होने वाली मशीनों को शुरू करने का भी प्रस्ताव है। जम्मू-श्रीनगर मार्ग पर रेल-सह-सड़क टिकट की तर्ज पर और अधिक स्थानों पर एकीकृत टिकट प्रणाली लागू की जाएगी।

बहादुर सिपाहियों की यात्रा को सुगम बनाने के लिए के लिए वारंट को समाप्त करने के लिए रक्षा यात्रा प्रणाली विकसित की गई है। लगभग 2000 स्थानों में से 600 स्थानों पर इस सुविधा को चालू कर दिया गया है। इस सुविधा का और विस्तार किया जाएगा।

मूल्यवान ग्राहकों को अपना भोजन चुनने के लिए दिए गए विविध विकल्पों, जिसमें स्थानीय व्यंजन भी शामिल हैं, में से वे अपने पसंद का भोजन चुनने के ले इस वर्ष जनवरी से प्रायोगिक आधार पर 108 गाड़ियों में ई-केटरिंग शुरू की गई है। यात्री टिकट को बुक करते समय आईआरसीटीसी की वेबसाइट के माध्यम से अपने भोजन के ले ऑर्डर दे सकते हैं। देश की सर्वोत्तम फूड चेनों को इस परियोजना में जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। ग्राहकों की प्रतिक्रिया के आधार पर इस सुविधा को और अधिक गाड़ियों में लागू किया जाएगा। यात्रियों को अच्छी गुणवत्ता का भोजन प्रदान करने के लिए निर्दिष्ट मंडलों में बेस किचन स्थापित करने का भी प्रस्ताव है, जिन्हें अत्यंत विश्वसनीय एजेंसियों द्वारा चलाया जाएगा।

बहुत कम दाम पर यात्रियों को पीने के स्वच्छ पानी के लिए वाटर वेंडिंग मशीने और अधिक रेलवे स्टेशनों पर उपलब्ध करायी जाएंगी।

चल टिकट परीक्षकों को हैंड हेल्ड टर्मिनल उपलब्ध कराए जाएंगे जिनका उपयोग यात्रियों का सत्यापन और चार्टों को डाउनलोड करने के लिए किया जा सकेगा। इस प्रणाली से गमें पेपरलेस टिकटिंग और चार्टिंग की ओर अग्रसर होने और इससे पेपर के रिमों की बचत होने के अलावा रिफंड के दावों को अंतिम रूप देने में भी तेजी लाने में सहायता मिलेगी।

केंद्रीय रूप से नियंत्रिक रेलवे डिस्पले नेटवर्क को अगले दो वर्षों में 2000 से ज्यादा स्टेशनों पर लागू कर देने की संभावना है, जो गाड़ी के आगमन/प्रस्थान, आरक्षण, सामान्य तथा आपात संदेशों तथा नागरिकों की रूचि की किसी अन्य सूचना को भी मुहैया कराने में सहायता प्रदान करेगा।

यात्रियों को पहले ही प्रारंभिक अथवा गंतव्य स्टेशनों पर गाड़ियों के आगमन/प्रस्थान के अद्यतन समय की जानकारी देने के लिए “एसएमएस अलर्ट” सेवा शुरू करने का प्रस्ताव है। इसी प्रकार, गंतव्य स्टेशन पर गाड़ी के आगमन से 15/30 मिनट पहले “एसएमएस अलर्ट” भेजा जाएगा।

महिला यात्रियों की सुरक्षा के ले पायलट आधार पर मेनलाइन के चुनिंदा सवारी डिब्बों और उपनगरीय गाड़ियों में महिलाओं के डिब्बों में निगरानी रखने के लिए कैमरा लगाए जाएंगे परंतु ऐसा करते समय उनकी प्राइवेसी का भी ख्याल रखा जाएगा।

दिल्ली मंडल चुनिंदा शताब्दी गाड़ियों में लाइसेंस शुल्क के आधार पर ऑनबोर्ड मनोरंजन की एक परियोजना की शुरूआत कर रहा है।

साधारण श्रेणी के सवारी डिब्बों में मोबाइल फोन को चार्ज करने की सुविधा प्रदान की जाएगी और स्लीपर श्रेणी के सवारी डिब्बों में चार्जिंग सुविधाओं की संख्या में वृद्धि की जाएगी।

आदर्श स्टेशनों स्कीम के अंतर्गत यात्री सुविधाओं को अपग्रेड करने के लिए 200 और स्टेशनों को शामिल करने का प्रस्ताव है।

स्टेशनों पर धीरे-धीरे स्वयं परिचालित किए जाने वाले लॉकर की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।  गाडियों में कंर्फम सीटों के लिए बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए सवारी डिब्बों की संख्या में वृद्धि करके अधिक सीटे उपलब्ध कराई जाएंगी। ऊपरी बर्थ चढ़ने के लिए असुविधाजनक के स्थान पर सुविधाजनक सीढियों की व्यवस्था की जाएगी। चल टिकट परीक्षकों को भी निचली बर्थ प्राप्त करने के लिए वरिष्ठ नागरिकों , गर्भवती महिलाओं और भिन्न रूप से सक्षम व्यक्तियों की मदद करने की हिदायत दी जाएगी। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए सवारी डिब्बे के मध्य भाग में सीटें आरक्षित की जाएगी।

भारतीय रेल अतुल्य भारत के लिए इस अतुल्य रेल प्रयास में अपना सहयोग प्रदान करेगी। ऑटोरिक्शा तथा टैक्सी चालकों को पर्यटन गाइडों के रूप में प्रशिक्षित करके कोंकण रेलवे में पर्यटन को प्रोत्साहन देने का एक सफल प्रयोग किया गया है क्योंकि सबसे पहले यही लोग यात्रियों के संपर्क में आते हैं।

राजस्व की भागीदारी मॉडल के आधार पर ट्रैवल एजेंसियों को प्रमुक स्थलों को जोड़ने वाली चुनिंदा गाड़ियों में कुछ सवारी डिब्बे देने की संभावना तलाशने का प्रस्ताव है।

ऊपरी सड़क पुल (आरओबी) और निचले सड़क पुल (आरयूबी) के  निर्माण कार्य की अत्‍यंत आवश्यकता को सुसाध्य बनाने को देखते हुए, ऑनलाइन ड्राइंग  प्रस्‍तुत  करने  और 60 दिन के  भीतर इनके  अनुमोदन के लिए उपयोगकर्ता अनुकूल एक वेब आधारत एप्लीकेशन शुरू किया गया है। इस संबंध में हस्‍ताक्षर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापन पर भी हस्‍ताक्षर किये गये है।  अगले वित्‍त वर्ष में 6581 करोड़ रुपये के कुल रेल खर्च की लागत पर आरओबी/आरयूबी के  970 निर्माण कार्य तथा 3438 समपारों को समाप्‍त करने के लिए संरक्षा संबंधी अन्‍य निर्माण कार्य स्‍वीकृत किये गये है। यह चालू वित्‍त वर्ष से 2600 प्रतिशत अधिक है और वर्तमान समय में सबसे अधिक है।


अभिनव प्रौद्योगिकी और विकास विनिर्माण संबंधी विजन का अनुसरण करते हुए भारतीय रेल बिजनेस ई-इंजीनियरिंग तथा नवीनता की भावन जगाने के उद्देश्य से “कायाकल्प” नाम से इनोवेशन काउंसिल स्थापित करेगा।
उच्‍चतम गुणवत्‍ता वाली सेवा के लिए ‘विदेशी रेल प्रौद्योगिकी सहयोग योजना’ शुरू करने के प्रस्‍ताव की घोषणा की गई है।गति बढ़ाने और स्‍टेशन के पुनर्विकास जैसी गहन प्रौद्योगिकी और जटल परियोजनाओं के लिए प्रारंभिक कार्यों, प्रौद्योगिकी के विकल्‍प खोजने और बोली प्रक्रिया प्रबंधन के संदर्भ में विशेषज्ञता प्राप्‍त एजेंसी के सहयोग की आवश्‍यकता होती है। भारतीय रेल ने कई विदेशी रेलों और उनकी कंपनियों के साथ तकनीकी सहयोग के लिए विगत में समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए है।

      इस वर्ष जब दक्षिण अफ्रीका से महात्मा गांधी की भारत वापसी की 100वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। आईआरसीटीसी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए गांधी संर्किट को बढ़ावा देने का कार्य करेगी। नई खेली और विपणन तकनीक के बारे में किसानों की सहायता के लिए आईआरसीटीसी एक विशेष यात्रा योजना –किसान यात्रा पर कार्य करेगी।

2015-16 में रेलवे की मंशा अधिक राजस्व प्राप्त करने और उपयुक्त निवेश सुनिश्चित करने की है जो प्रणाली के संकुलन को कम और लाइन क्षमता को बढ़ा सकता है। यात्री किराए से होने वाली आय में 16.7% की वृद्धि हुई है जिससे बजट में 50,175 करोड़ की आमदनी का लक्ष्य रखा गया है। अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण क्षेत्र, विशेषकर जहां रेल गुणांक उच्च हैं, में सुदृढ़ विकास की प्रत्याशा में अधिकतम मांग को पूरा करने के लिए पूर्ण रेलवे संभाव्यता का उपयोग करते हुए माल यातायात को 85 मिलियन टन के अब तक के सर्वाधिक वर्तमान यातायात पर निर्धारित किया गया है।

माल ढुलाई से होने वाली आमदनी को 1,21,423 करोड़ रु. रखने का प्रस्ताव है जिसमें किराया दर को युक्तिसंगत बनाना, मदों का वर्गीकरण करना और दूरी का स्लैब निर्धारित करना शामिल है। अन्य कोचिंग और विविध आमदनियों के लिए 4,612 करोड़ और 7,318 करोड़ का अनुमान है। सकल यातायात प्राप्तियों के 1,83,578 करोड़ होने का अनुमान है, जो 15.3% की वृद्धि के बराबर है। साधारण संचालन व्यय में 2014-15 के  संशोधित अनुमान की तुलना में 9.6% की मामूली वृद्धि का प्रस्ताव है। कर्षण ईंधन खर्च जो 2013-14 में साधारण संचालन व्यय का 30% था जो 2014-15 के संशोधित अनुमान में घटकर 27.4% हो गया है और 2015-16 के बजट अनुमान में साधारण संचालन व्यय के और कम होकर 25% होने की आशा है। ईंधन कुशलता मानदड के आधार पर इसमें सुधार करने का इरादा है। संरक्षा अनुरक्षण और साफ-सफाई के लिए उच्चतर प्रावधान किया गया है। पट्टा प्रभार, चालू एंव विगत में बाजार से लिए गए ऋण के ब्याज के लिए 21% की वृद्धि का प्रावधान करना होगा। इन अनुमानों सहित परिचालन अनुपात 88.5% है।

     पेंशन निधि में 35,260 करोड़ रु. के विनियोग का प्रस्ताव किया गया है और मूल्यह्रास आरक्षित निधि (मू.आ.नि.) से 7,500 करोड़ रु. की योजना निवेश की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इस निधि से 8,100 करोड़ रु. का विनयोग रखा गया है। 6,293 करोड़ रु. की योजना आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इस निधि से आईआरएफसी को पट्टा प्रभारों के  मूल घटक के भुगतान और आगामी वर्षों में ऋण दायिताओं को चुकाने के लिए इस निधि में पूंजी निधि से व्यवस्था करने के लिए भी 7,616 करोड़ रु. के विनयोग करने का प्रस्ताव है।

योजना बजट के आकार में  52%  की वृद्धि  हुई है और यह 2014-15 के  65,798 करोड़ रुपये से  बढ़कर 2015-16 म  1,00,011 करोड़ रुपये हो गया है। केन्‍द्र सरकार से  कुल योजना बजट का 41.6% और आंतरिक सृजन 17.8% की सहायता मिली है। रेलवे  बोर्ड  मे  एक वित्‍त व्‍यवस्‍था कक्ष की स्‍थापना करने का प्रस्‍ताव है, जिसके लिए इस क्षेत्र के विशेषज्ञों से परामर्श लिया जाएगा। (PIB)विजयलक्ष्‍मी कासोटिया/अर्चना/मनीषा/दुर्गाप्रसाद/नितिन/रीता/गीता/चित्रदेव/मनोज/सुमंत/महेश/सुनील/राजू-30

Friday, February 20, 2015

जहां पीने का पानी भी बिकता अब वह देश है मेरा

आओ हालात  को बदलने के लिए एक अभियान चलायें
लुधियाना: 20 फ़रवरी 2015 : (शीबा सिंह// पंजाब स्क्रीन): 
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कभी एक गीत बहुत ही लोकप्रिय हुआ था---हम उस देश के वासी हैं जिस देश में गंगा बहती है। गंगे के देश में गंगा ही गयी। यमुना भी प्रदूषित हो गयी। पांच दरियाओं की धरती पंजाब में भी  दुर्लभः हो गया। सुबह को नहाने के लिए पानी मिलेगा या  नहीं कुछ कहा नहीं जा सकता। यात्रा में भी पीने के  लिए पानी खरीदना पड़ता है। दूध और पानी महंगे हो रहे हैं लेकिन दारू आम मिलने लगी है। इस शर्मनाक दौर में हमें एक तस्वीर मिली है सेन  फ्रांसिस्को के हालत की जिसे भेजा ज्योत्स्ना ढींगरा ने। यह तस्वीर कुछ उम्मीद बंधाती है।  एक नयी आशा जगाती है। इसे देख कर लगता है की अगर वहां ऐसा करिश्मा हो सकता है तो हम यहाँ ऐसा क्यों नहीं  कर सकते? यह तस्वीर कुछ अन्य मित्रों, पाठकों और शुभ चिंतकों ने भी पोस्ट की है। जल के बज़ारीकरण को रोकने के लिए वहां क्या कदम उठाया गया आप खुद ही पढ़िए और फिर सवाल कीजिये हमारे सिस्टम से कि आखिर हम ऐसा क्यों नहीं कर सकते? आईये कुछ करना ही होगा वरना धर्म-कर्म   भावनाओं की सभी बातें खोखली साबित होंगीं। हम चांद को भी धरती का टुकड़ा या पत्थर नहीं कहते बल्कि चंदा मां कहते हैं। भावना की इस पराकाष्ठा का कुछ तो लिहाज़ रखें।  सवाल करें की पीरों पैगंबरों की इस धरती पर जन्म लेकर भी हम  शुद्ध कारोबारी कैसे बन गए? यहाँ पीने  भी बिके यह हम सब के लिए एक शर्म की बात है।

25 से 28 फरवरी 2015 तक 4 दिवसीय हड़ताल का आह्वान





 16 मार्च 2015 से: अनिशिचतकालीन हड़ताल
* आईबीए अपने आश्वासन से पीछे हटी
* यूएफबीयू ने अपनी हड़ताली कार्यवाही को पुर्नजीवित करने का निर्णय लिया
लुधियाना: 20 फ़रवरी 2015: (रेक्टर कथूरिया//पंजाब स्क्रीन):
बरसात के बावजूद पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार एकत्र हुए बैंक मुलाज़िमों ने अपने संघर्ष के संकल्प के दोहराया और ज़ोरदार नारेबाजी की। यूएफबीयू के निर्णय के मुताबिक, सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के आफिसर्स एवं कर्मचारी 4 दिवसीय हड़ताल पर रहेंगे ।

निर्णय के मुताबिक, यूएफबीयू लुधियाना इकाई ने आज भारतीय स्टेट बैंक, सिविल लाईंन्स, नजदीक फुहारा चौंक, लुधियाना के सामने जबरद्स्त प्रदर्शन किया । कामरेड नरेश गौड़, संयोजक, युनाईटेड फोरम आफ बैंक युनियन्स,  कामरेड गुल्शन चौहान,  कामरेड जे.पी.कालड़ा (.आई.बी..सी), कामरेड डी.सी.लांडरा (एन.सी.बी.), कामरेड पवन ठाकुर, प्रधान, पंजाब बैंक इम्पलाईज़ फैडेरेशन (लुधियाना इकाई), कामरेड राकेश खन्ना, एसोसिएट बैंक्स आफिसर्स एसोसिएशन (यूनिट : स्टेट बैंक आँफ पटियाला) ने बैंक कर्मचारियों को संबोधित किया।

बैंक कर्मचारियों को संबोधित करते हुए फोरम के नेताओं ने कहा कि आईबीए द्वारा त्वरित वेतन समझौते और सकारात्मक प्रगति की पॄष्ठभूमि में यूएफबीयू ने अपनी 4 दिवसीय हड़ताल जो 21 जनवरी 2015 से होनी थी, को स्थगित कर दिया था । 3 फरवरी 2015 को हुई समझौता वार्ता में आईबीए ने अपने प्रस्ताव को 12.5% से 13% तक सुधारने का प्रस्ताव किया और यूएफबीयू से अपेक्षा की कि वह अपनी माँग को थोड़ा कम करें । यूएफबीयू के गम्भीर और समझाने के प्रयास जिससे कि एक तार्किक और पारस्परिक सहमत वेतन समझौता हो सके, को आईबीए द्वारा गलत समझा गया और सरकार द्वारा कमज़ोरी समझा गया । अत्यन्त धैर्य के साथ, विगत दो वर्षों से, यूएफबीयू अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास माँगों को सम्मानजनक रुप से तय करने में लगाये हुये हैं । हर समयान्तराल पर, हमने अपना लचीला रुख दिखाया है । किन्तु दुर्भाग्यवश आईबीए द्वारा इसका प्रत्युत्तर नहीं दिया जा रहा है ।

नेताओं ने आगे कहा कि बैंकिंग क्षेत्र में कर्मचारियों एंव अधिकारियों के वेतन संबंधी मुद्दे इंडियन बैंक्स एसोसिएशन एवं बैंक कर्मचारियों तथा अधिकारियों की ट्रेड यूनियनों की आपसी बातचीत के द्वारा तय किये जाते हैं । नौवां द्विपक्षीय समझौता 31.10.2012 को समाप्त हो गया है । इसलिए 1.11.2012 से नया समझौता लागु होना था । इस परिपेक्ष्य में युनाईटेड फोरम आफ बैंक युनियन्स ने कर्मचारियों तथा अधिकारियों की मांगों से संबंधित पत्र  इंडियन बैंक्स एसोसिएशन को  30.10.2012 को दे दिया था । युनाईटेड फोरम आफ बैंक युनियन्स ने इंडियन बैंक्स एसोसिएशन को निवेदन किया था कि मांगों और समझौतों के बारे में शीघ्र से शीघ्र फैसला लिया जाये । बेशक फरवरी 2013 में औपचारिक बातचीत शुरु हो गयी थी और अभी तक कई  चरणों में चर्चा हो चुकी है । तेजी से और निरंकुश बढ़्ती कीमतों ने कर्मचारियों के वेतन पर विपरीत असर डाला है, इसलिए वेतन संशोधन और भी जरुरी हो गया है । उपभोक्ता मुल्य सूचकांक में नबंवर 2007 के बाद 2400 अंकों की बढ़ोतरी हुई है । इसलिए बढ़ती मुद्रास्फीति और बढ़ती कीमतों के कारण वेतन संशोधन तत्काल आवश्यक हो गया है । बैंक की शाखाओं में स्टाफ की कमी के चलते तथा बैंकों के व्यापार में लगातार बढ़ोतरी के कारण काम का बोझ काफी बढ़ गया है । कर्मचारी एवं अधिकारी इस कारण बहुत तनाव और दबाव में काम कर रहे हैं । स्टाफ के कार्य क्षेत्र में हाल ही में विभिन्न प्रकार के बदलाव आने के कारण उनके वेतन में समुचित बढोतरी की जरुरत है ।  लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इंडियन बैंक्स एसोसिएशन द्वारा पिछले एक साल में समझौते के प्रयासों में लगातार देरी की जा रही है ।
 यथार्थ कुछ और है                         सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का मुनाफा (करोड़ रु)
वर्ष
कुल मुनाफा                                    
 खराब ऋणों के लिए प्रावधान                               
शुद्ध मुनाफा
31.03.2012
1,16,000
66000
50000
31.03.2013
1,21,000
71000
50000
31.03.2014
1,27,000
90000
37000

अत: कुल मुनाफा बढ़ रहा है किन्तु स्पष्ट है कि शुद्ध मुनाफा खराब ऋणों पर प्रावधान करने के कारण कम है । यह भार सामान्य कर्मचारियों के कंधों पर नहीं डाला जा सकता । वास्तव में यूनियनों ने आश्वस्त किया है कि हम खराब ऋणों की वसूली कठोर उपायों से करने के मार्ग एवं उपाय ढूंढ सकते हैं जिससे कि बेहतर उत्पादकता से मुनाफा बढ़ सके आदि आदि किन्तु यह अनुचित है कि उन्हें न्यायोचित वेतन वृद्दि न दी जाये ।

जबकि बैंकिग उद्दोग का सारा कार्यबल सरकार के विभिन्न प्रयासों को लागू करने के लिए जिससे कि हालिया जन धन योजना शामिल है हर सम्भव प्रयास कर रहा है, जबकि कर्मचारी और अधिकारी अत्यन्त दबाव में और अधिकतम कठिनाई के साथ कार्य कर रहे हैं क्योंकि मानवीय बल का अभाव है और कार्यभार बढ़ रहा है, यह खेदजनक है कि सरकार एक परोक्ष दर्शक बनी हुई है और बैंक कर्मचारियों की एक वास्तविक अपेक्षा जो बेहतर और तर्कसंगत वेतन पुनरीक्षण के लिए है एक सम्मानजनक समझौता करने के लिए किसी भी कदम की पहल नहीं कर रही है । यूएफबीयू एक बार पुन: संघर्ष के मर्ग पर धकेल दी गई है ।
चूंकि आईबीए द्वारा दिया गया 0.5% वृद्धि का प्रस्ताव अत्यन्त तुच्छ, अपर्याप्त और संतोषजनक नहीं था, यूएफबीयू ने निर्णय लिया है कि अपनी हड़ताली कार्यवाही को निम्न प्रकार पुर्नजीवित किया जाय:-

20 फरवरी 2015
बैज धारण करना एवं प्रदर्शन
23 फरवरी 2015
सभी प्रादेशिक राजधानियों पर प्रैस वार्ता
24 फरवरी 2015
सभी केन्द्रों पर केन्द्रीयकृत प्रदर्शन
25 फरवरी से 28  फरवरी 2015
4 दिवसीय अखिल भारतीय बैंक हड़ताल
16 मार्च 2015
अनिशिचतकालीन हड़ताल        
साथियों-एकजुटता और एकता के साथ आगे बढें - आईये स्पष्ट रुप से प्रदर्शित करें कि हमारा एक्यबद्ध आन्दोलन सफलता और केवल सफलता लाता है...वक्ताओं दोहराया कि:-----
 "हम संघर्ष करेंगे - हम संघर्ष करेंगे - जब तक हम सफल हों - हम संघर्ष करेंगे"


Fri, Feb 20, 2015 at 4:26 PM