Wednesday, December 17, 2014

अनीता शर्मा और संजना ने फिर दिखाया महिला शक्ति का जोश

नशे में गाडी चलाने वालो  के साथ सख्ती से निपटा जाय-बेलन ब्रिगेड 
लुधियाना: 17 दिसंबर 2014: (रेक्टर कथूरिया//पंजाब स्क्रीन):
जब लोग शीत लहर के कारण हीटर से गर्म किये बंद कमरों में दुबके हुए थे उस समय बेलन ब्रिगेड की प्रमुख  और और भाजपा महिला मंडल की संजना अपनी सहयोगी महिलाओं के साथ सड़कों पर  नशे भरी ड्राईविंग  लोगों को जागरूककर रहे थे। इनको चिंता थी कि नशा व वाहनो की तेज  रफ़्तार से सड़क दुर्घटनाओ में मरने वालो की गिणती  दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।  इन मौतों के कारण उजड़ने वाले परिवारों के दर्द का अहसास करते हुए आज बेलन ब्रिगेड की टीम ने जगराओं पुल ट्रैफिक लाइट चौक पर लगे शशीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के स्मारक पर संकेतक ट्रैफिक भी जाम किया और बहुत ही शांति पूर्ण ढंग से रोष भी व्यक्त किया। न कोई नारा न कोई हुड़दंग केवल जागरूकता को मकसद बना कर इन लोगों ने राह चलते लोगों 
और ट्रैफिक डयूटी निभा रहे पुलिस कर्मियों का भी दिल जीत लिया। कुछ समय के लिए पुलिस थाना डिवीयन नंबर पांच दुर्गा  माता मंदिर पहुँच  कर कुछ समय के  लोगो को शराब पीकर  व तेज वाहन चलाने वालो की वजह से होने वाली दुर्घटनाओ के बारे जागृत किया।  इस अवसर पर बेलन ब्रिगेड की राष्ट्रीय अध्यक्ष आर्कीटेकेट अनीता शर्मा ने बताया कि सड़को पर वाहनो की संख्या बड़ी तेजी से बढ़ रही है सड़को की चौड़ाई कम होने व  लोगो  दोबारा ट्रैफिक नियमो का पालन  न करना आज की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है दूसरी  तरफ शराब पीकर तेज गाड़ी चलाना दुर्घटनाओ का सबसे बड़ा कारण बन चूका है, सरकार ने हर गली मोहल्ले व गाँव में शराब के ठेके  खोल कर शराबी ड्राइवर लोगो को  पट्रोल पम्प  से पहले शराब पीने के लिए दारू के ठेके मिल जाते है।  ड्राइवर शराब पीकर अन्धा धुधं गाड़िया चलाकर एक दुसरे  के वाहनो को ओवर टेक करते वक्त भयानक दुर्घट्नाय होती है और हजारो लोग इसमें अपनी जान गवा चुके है। 
उन्होंने कहा कि सड़को पर शराब पीकर व स्पीड लीमट से ज्यादा तेज रफ़्तार वाहन चलाने वालो को सख्ती से निपटा जाय और शराब पीकर गाडी चलाने वालो का ड्राइवर लाइसेंस रद्द किया  जाय।  
इस अवसर पर सजना, मंजीत, शालू, दिलजोत कौर, कार्तिका सिंह और बहुत सी अन्य महिलाएं और नवयुवायें भी शामिल थीं। इस आयोजन ने बहुत सी नवयुवतियों को भी अपनी ओर आकर्षित किया। 

Tuesday, December 16, 2014

अचानक सड़क में धंसा चलता हुआ ट्रक

हैबोवाल लुधियाना के दुर्गापुरी क्षेत्र में हुआ हादसा 
लुधियाना: 15 दिसंबर 2014: (रेक्टर कथूरिया//पंजाब स्क्रीन):
बाईट: जग्गी (ट्रक ड्राईवर)
कहने को आधुनिक और विकसित युग लेकिन हकीकत में घोटालों से भरा खस्ताहाल समाज। इसका अहसास एक बार फिर हुआ उस समय जब अचानक रास्ते पर जाते ट्रक के पिछले पहिये सड़क में इस तरह धंस गए जैसे नीचे कोई कूयां हो। इलाके के लोगों में इस घटना के बाद शं सा छाया हुआ है क्यूंकि सभी लोग इन्हीं सड़कों से आते जाते हैं। यह इलाका हैबोवाल के दुर्गापुरी क्षेत्र में आता है। 
आप देख रहे हैं ईंटों से भरा एक भारी भरकम ट्रक जिसके पिछले पहिये अचानक सड़क में धंस गए हैं। धंसे भी इतना कि जैसे नीचे कोई कूए जैसा कोई खडडा हो। प्लेन सड़क पर अचानक हुए इस हादसे ने  सड़क लगे मैटीरियल की पोल ज़रूर खोल दी है। अगर इस तरह सड़क अचानक बैठ जाती है तो ज़ाहिर है कि सामग्री घटिया थी या कम थी। हकीकत का पता किसी निष्पक्ष जाँच से ही लग सकता है। 
हादसा हुआ तो ज़ोरदार आवाज़ भी आई देखते ही देखते इलाके के सभी लोग बाहर आ गए। ट्रक में भी कई जगह टूटन दिखाई दी। ट्रक के ड्राईवर जग्गी ने बताया कि वह पहले भी यहाँ आता जाता रहा है लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है। आज वह मुल्लांपुर से लुधियाना आया था। 
अब देखना है कि सड़क में पड़े मैटिरयल की निष्पक्ष जांच होती है या नहीं और अगर होती है तो उसमें क्या सामने आता है?


Saturday, December 13, 2014

लुधियाना में दो दिवसीय वैडिंग प्रदर्शनी शुरू

गोल्ड प्लेटिड और डायमंड जड़े iphone 6 ने लुधियानावासियों को लुभाया   
लुधियाना: 13 दिसंबर 2014: (रेक्टर कथूरिया//पंजाब स्क्रीन):
चंडीगढ़ में कई दिलों को लुभाने के बाद, ज़ायरा डायमंड्स अब अपने गोल्ड प्लेटिड और डायमंड जड़े Iphone 6 के साथ लुधियानावासियों के दिलों में समाने को तैयारहै। इस सिलसिले में ज़ायरा डायमन्डज़ ने लुधियाना में अपनी प्रदर्शनी की शुरूआत की है। आभूषणों के लिए विश्वसनीय माने जाने वाले ब्रांड ज़ायरा डायमन्डज़ की इसएक्स्क्लूसिव कलेक्शन की प्रदर्शनी का शुभांरभ किया जाने माने उद्योगपति बी सी नागपाल और पंजाबी फिल्मों के मशहूर अभिनेता हेक्टर संधू ने होटल पार्क प्लाज़ामें 13 दिसंबर से दो दिन की प्रीमियम वेडिंग और लाइफस्टाइल प्रदर्शनी में भी इन खास गोल्ड प्लेटिड और डायमंड जड़े आईफोन्स को प्रदर्शित किया जाएगा।
ज़ायरा डायमंड के मनोज जैन के मुताबिक,लुधियाना अपने व्यवसायिक उत्साह के लिए जाना जाता है। साथ ही इस शहर के लोग महंगे गैजेट्स के लिए अपने शौकके लिए भी मशहूर हैं। लुधियानावासियों के इसी शौक के लिए हम यहां खास गोल्ड प्लेटिड और डायमंड जड़े आईफोन्स लेकर आए हैं। इन आईफोन्स की कीमत 90हज़ार से लेकर 6 लाख रुपए तक है। आईफोन्स की कीमतें उनमें जड़े डायमंड की गुणवत्ता और संख्या पर भी निर्भर करती है।"
ये आईफोन्स खरीददारों के लिए अपने महंगे शौक को पूरा करने लायक तो हैं ही साथ ही ये किसी निवेश से भी कम नहीं है. लुधियाना में ज़ायरा डायमंड्स की प्रदर्शनीमें एक ही छत के नीचे लाइफस्टाइल और लक्ज़री आईटम्स पेश किए जाएंगे. इस दौरान ज़ायरा गोल्ड प्लेटिड और डायमंड जड़े पेन, जिनकी कीमत 50,000 से 2 लाख रुपए तक होगी, डायमंड जड़ी स्विस घड़ियां, जिनकी कीमत 2 लाख रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक होगी, ऐसे कई आईटम्स ज़ायरा डायमंड्स की दो दिनों कीप्रदर्शनी में दिखाए जाएंगे।
ज़ायरा के आभूषण IGI मार्क और हॉलमार्क प्रमाणित होते हैं इसीलिए इसकी विश्वसनीयता सौ प्रतिशत खरी होती है. चंडीगढ़ में 2010 में अपने पहले आउटलेट केखुलने के बाद से अब तक ज़ायरा ने आभूषण जगत में काफी नाम कमाया है. वर्तमान में ज़ायरा के पूरे देश में 13 स्टोर हैं और अब कंपनी ने 2015 तक देश के बाकीशहरों में 40 स्टोर शुरु करने का लक्ष्य रखा है।
लुधियाना में आयोजित ज़ायरा डायमन्डज़ की इस प्रदर्शनी में शादी ब्याह के लिए महंगे और शानदार आईटम्स पेश किए गए। इस प्रदर्शनी में महिलाओं और पुरुषों के लिए इटैलियन डिजा़यन की अंगूठियां, और बैंड्स, रिंग कम पेन्डेन्ट्स, पेन्डेन्ट्स कम नेकलेस और कॉकटेल रिंग्स जैसे वो सभी महंगे आईटम्स हैं जिसे अपनी शादीयादगार बनाने के लिए हर महिला या पुरुष खरीदने की चाह रखता हैप्रदर्शनी में आकर यकीकन आप खुद को खरीददारी से रोक नहीं पाएंगे क्योंकि यहां जो आईटम्स हैं उन्हें आप अपने पास ज़रूर देखना चाहेंगे।

जादुई सुधार का चमत्कार दिखाएगी साइक्लिंग

लोगों  के स्वास्थ्य और आर्थिकता में होगा एक बार फिर नया करिश्मा 
लुधियाना: 13 दिसंबर 2014: (रेक्टर कथूरिया//पंजाब स्क्रीन):
कोई ज़माना था जब लोग साईकल चलाते थे और उम्र भर रिष्टपुष्ट रहते थे। न जवानी में सांस चढ़ता था और ही बुढ़ापे में घुटने दर्द करते थे। ऐसी बहुत सी खूबियों वाली साईक्लिंग में फिर से नया जोश जगाने का एक विशेष प्रयास हुआ पीएयू में। आइए आपको दिखाते हैं एक विशेष रिपोर्ट। 
आज लोगों ने जो देखा वे साईक्लिंग के चमत्कार हैं जो धीरे धीरे लुप्त हो चुके हैं। पहले इन चमत्कारों को पंजाब की सड़कों पर आम देखा जा सकता था। बच्चों से लेकर बज़ुर्गों तक हर कोई साइक्लि को अपनाये हुए था।  पंजाब में नशे ने अपना जोर बढ़ाया तो हैरोइन और स्मैक जैसे  नशे युवाओं के  गए।  स्मैक, मोबाईल  और मोटरसाईकल पंजाब के  युवाओं की पहली पसंद बन गए। इस तेज़ रफ्तारी और दिखावे के युग ने हमसे साईक्लि लिया और इसके साथ ही छिन  गया लोगों के उम्र भर स्वस्थ रहने का एक शानदार नुस्खा। रही सही कसर साईकल की कीमतों में हुए इज़ाफ़े पूरी कर दी। मोबाईल फोन और इस पर चलती गेमों ने साईकल को एक तरह से अवलुप्त ही कर दिया। अब साईकल बहुत कम दिखते हैं। इसके साथ ही युवाओं का वो जोश और स्वास्थ्य भी गायब हो गया जिसका लोहा साडी दुनिया मानती थी। वो गीत एक बार फिर सही साबित होने लगा---तंग पेंट पतली टांगें--लगती हैं सिगरेट जैसी। युवाओं की हालत बदतर से बदतर होती चली गयी। जिस उम्र में  चुनौतियों को ललकारना ज़माने को और बदलना होता है उस उम्र में युवा  अपना मुँह छुपाये नशे के दरिया में डूब गया।  उस इ नशे के इस नरक से  निकालने के प्रयासों में साईक्लिंग फिर एक उम्मीद बन कर सामने आई है। हमने इस संबंध में एक खिलाडी से भी बात की। 
इस संबंध में एक खिलाडी से बात की तो उसने साईक्लिंग की बहुत सी खूबियों के बारे में बताया। इन बातों का सार यही था कि साइक्लिंग अपनायो--नया स्वास्थ्य अपनायो। इसके साथ ही बचेगा रोज़ रोज़ छोटी छोटी दूरी के लिए होने वाला पैट्रोल//डीज़ल का खर्चा। जाने माने टीवी एंकर//फिल्म अदाकार और शिक्षा विशेषज्ञ कर्मदीप बिरदी हर रोज़ कई कई किलोमीटर साईक्लिंग करते हैं। स्कूटर/बाईक और कार होने के बावजूद वे साइक्लिंग करके हर रोज़ खुद की पसीने में डुबो देते हैं और यही है उनकी सदा बहार जवानी का राज़। दुनिया की परवाह किये बगैर वे अक्सर हर रोज़ खुलेआम साईक्लिंग करते हैं। 
साईक्लिंग के जादू को जगाने वाली इस पहल का उद्द्घाटन किया अकालीदल के वरिष्ठ नेता शरणजीत सिंह ढिल्लों ने।   उनकी इस पहल ने बहुत सी नई आशाएं भी जगाई हैं।उन्हीने कहा कि इस संबंध में कई और कदम भी उठाये जाएंगे। 
इसी तरह जिला परिषद के चेयरमैन भाग सिंह मल्ला भी इस ऐतिहासिक अवसर पर मौजूद थे। उन्होंने भी आश्वासन दिया कि इस मामले में नई कोशिशें होंगीं और साईकल फिर अपना चमत्कार दिखाएगी। 
अब देखना है कि साईकिल इंडस्ट्री सस्ते भाव पर साईकिल उपलब्ध कराकर इस नए अवसर का फायदा उठा पाती है या नहीं?

बांगड़ ने एक बार फिर खोली नगरनिगम लुधियाना की पोल

मीडिया के सामने किया नगरनिगम के कथित घोटाले का नया खुलासा
लुधियाना: 13 दिसंबर 2014: (रेक्टर कथूरिया//पंजाब स्क्रीन):
मीडिया से बात करते हुए रमेश बांगड़ 
भ्रष्टाचार के मामलों को अक्सर ही बेनकाब करने वाले रमेश बांगड़ ने एक बार फिर पोल खोली है एक नए मामले की। इस बार उन्होंने निशाना साधा है नगरनिगम पर। उन्होंने मीडिया की  टीम को अपने साथ ले जा कर चीमा चोक की तरफ बंद किये गए पुल का मौका भी दिखाया। मामला बेहद नाज़ुक निकला। अब सवाल उठता है कि घोटालों का पता लगाने की बजाये उन पर लीपापोती का सिलसिला कब तक जारी रहेगा?
जो मौका श्री बांगड़ ने दिखाया वह चीमा चोंक की तरफ बंद किये गए पुल का था। पुल के नीचे नज़र आ रहीं थी  ट्रैफिक जाम की लम्बी लम्बी कतारें। इनमें कोई स्कूल वैन भी हो सकती थी और कोई एम्बूलेंस भी। अगर इलाज में देरी के कारण किसी मरीज़ की मौत होती है तो हो जाये लगता है नगरनिगम को इससे कोई लेना देना नहीं है। नगरनिगम ने अपना तुगलकशाही फरमान सुनाते हुए इस पुल को आनन फानन में बंद कर दिया। जो काम एक या दो दिन में पूरा किया जा सकता 
दुसरे शहरों से आये मुसाफिर सड़कों पर  भटकते हुए 
था उसके लिए दस दिनों का समय भी घोषित कर दिया गया। इस सारे चक्र की कागज़ी करवाई पूरा करने में जो समय लगा वह है अलग। गौरतलब है कि इस पुल के 9 बीम हैं और इस काम के लिए कुछ मज़दूर एक साथ लगाये जाते तो यह काम दो दिन से अधिक का नहीं था। पर यहाँ लगाये गए केवल दो-चार मज़दूर। 
श्री बांगड़ ने इस पुल पर चल रहे काम का जायज़ा लेते हुए इसकी झलक मीडिया को भी दिखाई। उन्होंने पुल की दीवारों पर लगे सीमेंट का हाल दिखाते हुए यहाँ हुए भ्रष्टाचार की हकीकत भी दिखाई। उन्होंने सवाल भी किया कि अगर 50 वर्षों से चल रहे जगराओं पुल को कभी मुरम्मत की ज़रूरत नहीं ई तो केवल दस वर्ष पूर्व बने इस पुल के गिरने का अंदेशा कहाँ से पैदा हुआ?  ज़ाहिर है कि यदि ऐसा गंभीर खतरा पैदा हुआ है तो फिर यहाँ कोई बहुत बड़ा घपला दस वर्ष पूर्व इसके निर्माण के समय ही हुआ होगा। श्री बांगड़ ने बहुत ही आसानी से पुल पर लगे सीमेंट को उखाड़ कर भी दिखाया कि कैसे यह पलस्तर मिटटी की तरह उखड़ा जा रहा है। 
अब देखना है कि सरकार इसका तुरंत नोटिस लेकर इस घपले की जांच करवाती है या इसको भी ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है?

Monday, December 01, 2014

चार साहिबजादे की प्रमोशन के साथ जुड़े कई और संगठन

पत्रकार सम्मेलन में आलोचना का निशाना बना कटटरवाद
लुधियाना:1 दिसंबर 2014: (रेक्टर कथूरिया//पंजाब स्क्रीन): 
धार्मिक कटटरवाद एक बार फिर समाज के निशाने पर है। बहुत से सिख बुद्धिजीवियों ने कटटरता की सख्त शब्दों में निदा  की और सिख सिद्धांत को समझने पर ज़ोर दिया। इसके साथ ही चार साहिबजादे फिल्म को घर घर तक पहुँचाने का अभियान भी तेज़ किया गया।
शायद पंजाबी फिल्मों के इतिहास में पहली बार हुआ की प्रशसंकों और बुद्धिजीवियों ने मिलकर खुद ही एक मीडिया सम्मेलन किया जिसमें फिल्म की प्रमोशन के साथ साथ कटटरवाद को भी आड़े हाथों लिया गया। इसमें मौजूद बुद्धिजीवी गुरभजन सिंह गिल, डाक्टर अनुराग सिंह, शिक्षण संस्थानों की ओर से जगतार सिंह, इंडस्ट्री की करते तरफ से डीएस चावला, मंच संचालक डाक्टर  रणजोध सिंह और डाक्टर सीबिया कटटरवाद के खिलाफ खुल कर सामने आये। जानेमाने लेखक गुरभजन गिल से जब इस चर्चा की शुरुआत हुई तो उन्होंने पंजाबी फिल्मों के अतीत की भी चर्चा की साथ ही धन्यवाद भी दिया की अब जबकि चार साहिबजादे नामक फिल्म ने एक नया इतिहास रचा है तो शुक्र है कि कोई पागल व्यक्ति कुल्हाड़ा लेकर इसके खिलाफ खड़ा नहीं हुआ।  हम इस बात के लिए आभारी हैं।

इसके साथ ही जानेमाने उद्योगपति डी एस चावला ने गुरु इतिहास की चर्चा करते हुए बहुत सी अर्थपूर्ण बातें की और कटटरता को नकारा।

रामगढ़िया एजूकेशन कोंसिल की तरफ से जगतार सिंह ने भी यही कि वास्तव में सिख धर्म में कटटरता के लिए कोई स्थान नहीं।
जानेमाने इतिहासकार डाक्टर अनुराग सिंह ने भी कटटरता को नकारते हुए कहा कि यूट्यूब पर तरह तरह की बेहूदा बातें  करने वालों को अगर सामने आकर बात करने के लिए कहें तो वे मैदान छोड़कर भाग जाते हैं।  
मंच संचालन कर रहे डाक्टर रणजोध सिंह ने सिख धर्म के सिद्धांत को घर घर तक पहुँचाने वाली इस शानदार फिल्म चार साहिबजादे का उल्लेख करते हुए कटटरता की निंदा की और सलाह भी दी कि भविष्य में इस फिल्म  को पैमाना बनाया जाना चाहिए अब जो भी धार्मिक फिल्म बने वह इससे कम दर्जे की नहीं होनी चाहिए। इस फिल्म को एक स्टैंडर  पर रखा जाना चाहिए।
इस ऐतिहासिक अवसर पर गुरुघर के क्लीन शेव्ड श्रद्धालु राजीव साहनी भी मौजूद थे जिन्होंने इस  प्रमोशन के लिए कैलेंडर, छल्ले, मैग्नेट, पज़ल, तीर कमान, खड्ग और ढाल के साथ साथ पेन ड्राईव जैसे  भी  तैयार किये।
बाईट: राजीव साहनी (गुरु घर के अनिनय भक्त उअर प्रमोशन प्रोडक्ट के कंट्रीब्यूटर)
उम्मीद करनी चाहिए कि इस फिल्म के बहाने मुद्द्त के बाद एकजुट हुआ सिख समुदाय कटटरवाद के खिलाफ नई हवा पैदा करने में कामयाब होगा। 

कहीं174 की कार्रवाई असरदायिक लोगों का हथियार तो नहीं बन रही?

मिशी किरण कालिया की मौत का मामला फिर गर्माया 
मौत के खिलाफ परिवार ने फिर लगाई इन्साफ की गुहार  
लुधियाना: 1 दिसंबर 2014: (रेक्टर कथूरिया//पंजाब स्क्रीन):
हादसा या हत्या 
पुलिस की तरफ से अक्सर की जाती 174 की करवाई कहीं असरदायिक लोगों का हथियार तो नहीं बन रही? यह सवाल आज दिवंगत युवक मिशी कालिया के परिवार की ओर से बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में एक बार फिर उभर कर सामने आया। गौरतलब है कि मिशी कालिया की रहस्यमयी मौत एक सड़क हादसे में हुई बताई गयी थी। मृतक युवक के परिवार ने इसे एक साज़िशन हत्या बताते हुए अपना आरोप दोहराया कि पुलिस ने किसी के प्रभाव में आ कर 174 की कार्रवाई की आड़ में सारा मामला रफादफा कर दिया है। 
आज के पत्रकार सम्मेलन में माहौल बेहद सोगवार था। रहस्यमयी मौत का शिकार हुए मिशी कालिया की मौत पर फिर से चर्चा हो रही थी। मिशी की उम्र 27 अभी केवल 27 वर्ष थी। उसे अभी पूरी ज़िंदगी जीनी थी। उसने बहुत से सपने देखे थे। ज़िंदगी में बहुत कुछ कर दिखाने के इरादे और वायदे भी थे। परिवार को उससे बहुत सी उमीदें थीं। 
अचानक एक दिन आधी रात को उसके हादसे की खबर आई। उसका परिवार अस्पताल पहुंचा।  परिवार को बताया गया कि उसका इलाज चल रहा है। दोपहर होते होते उसकी मौत की पुष्टि कर दी गई। मिशी कालिया की मां मीनू कालिया ने आरोप लगाया कि उनके साथ अस्पताल में भी छल हुआ और पुलिस विभाग में भी। मीनू ने बताया कि उनके बेटे की मौत के बाद भी अस्पतालमेंइलाज का बहन जारी रखा गया। शव मुर्दाघर में था लेकिन हमें इलाज की बात कह कर महंगी दवाएं मंगवाई जाती रहीं। 
मीनू कालिया ने स्पष्ट कहा कि वह इन्साफ लिए बिना चुप नहीं बैठेगी। जिन लोगों ने  हमारा बुढ़ापे का सहारा छीना है हम उन्हें चैन से नहीं बैठने देंगे। हमारा संघर्ष आखिरी सांस तक जारी रहेगा।
अब देखना है कि 174 की करवाई को लेकर लगातार बढ़ रहा जन असंतोष सरकार  को इस मामले में किसी नए कदम के लिए तैयार कर पाता है या नहीं?