Monday, March 31, 2014

लुधियाना में 16 अप्रैल को साईं संध्या

बहुत ही प्रेम और सम्मान से चल रही हैं साईं संध्या की तैयारियां 
लुधियाना: 31 मार्च 2014: (रेकटर कथूरिया//पंजाब स्क्रीन):
अब जबकि हर तरफ चुनावी माहौल है।  लोग अपने रूटीन के काम काज भूल कर चुनावों में मग्न हैं। किसी ने किसी को समर्थन देना  है--किसी ने किसी से समर्थन लेना है। हर गली मौहल्ले में नुक्कड़ बैठकों और रैलियों का सिलसिला जारी है। वायदों का बाज़ार गर्म है। मतदाता भगवान की पूजा जोरों पर है।  कोई एम् पी बनना चाहता है, कोई मंत्री तो कोई कुछ और। इस माहौल में वोटर भी अपना अपना फायदा देखने में लगे हैं। लेकिन स्वार्थ और दौड़धूप के इस चुनावी माहौल में भी कुछ लोग हैं जो उस रंग में रंगे हैं जो किसी रूहानी कृपा से ही सम्भव होता है।  इशारा साईं के रंग का है। जैसे कह रहे हों कुछ लेना न देना मग्न रहना। साईं के रंग में रंगे हुए ये कुछ लोग चुनावी शोरगुल से दूर रहते हुए बस अपने साईं में मग्न हैं। बुधवार 16 अप्रैल को करवाई जा रही साईं संध्या की तैयारियों में मग्न ये लोग प्रेम और सम्मान के साथ इस आयोजन की सफलता के लिए मग्न हैं। उनके साथ ही सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं इन लोगों के परिवार पूरी श्रद्धा के साथ।
यह आयोजन 16 अप्रैल को फवारा चौंक और ढोढा चौंक को जोड़ने वाली जानी मानी सड़क रानी झाँसी मार्ग पर बने राजकीय कन्या इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग सेंटर (ITI) परिसर में होगा।  शुभारम्भ होगा शाम को साढ़े छह बजे और यह जारी रहेगा साईं इच्छा तक। इसी तरह साईं  भंडारा भी रात को आठ बजे शुरू होकर साईं  इच्छा तक जारी रहेगा। बाबा का गुणगान करने के लिए दिल्ली से आ रहे हैं पुनीत खुराना और मुनीश भंडारी। यह निमंत्रण सभी के लिए खुला है।
गौरतलब है कि यह आयोजन श्री सत्य साईं बाबा के समाधि दिवस के उपलक्ष में हो रहा है। करीब तीन वर्ष पूर्व 24 अप्रैल 2011 को साइन बाबा का निधन हो गया था। उनके चिर समाधि में विलीन हो जाने से उनके भक्त बहुत बड़ी संख्या में उदास हो गए थे। इस  के  ही  और बाबा के मिशन को घर घर पहुँचाने में जुट गये।  अब बाबा का जन्म दिन भी मनाया जाता है और उनका समाधि दिवस भी।  लुधियाना में इस बार यह कार्यक्रम १६ अप्रैल को हो रहा है। 

लुधियाना के जैन गर्ल्स स्कूल का परिणाम रहा शत प्रतिशत

 प्रबंधन कमेटी ने दोहराया कमज़ोर बच्चों को हर मदद का आश्वासन
लुधियाना : 31 मार्च 2014: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो): शिक्षा के मामले में आज  परीक्षा परिणामों का दिन था। हालाँकि बहुत से स्कूलों के परिणाम कल पहली अप्रैल को भी सुनाए जायेंगे लेकिन अधिकतर स्कूलों में यह औपचारिकता 31 मार्च को ही पूरी कर दी गयी। इन्हीं स्कूलों में एक स्कूल है यहाँ की रूपा मिस्त्री गली में स्थित जैन गर्ल्ज़ सीनियर सेकेंडरी स्कूल। इस स्कूल का रिज़ल्ट शत-प्रतिशत रहा। स्कूल की दोंनो शाखायों में परिणाम घोषित किये गए। ये परिणाम पहली क्लास से लेकर नौवीं, 10+1-कामर्स, 10+1 -आर्टस की छात्राओं ने भी अपनी मेहनत और लगन का परिणाम सुना। स्कूल की प्रिंसिपल मैडम मीना गुप्ता ने फस्ट, सेकंड और थर्ड क्लास में आयीं छात्राओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया।  स्कूल की प्रबंधक कमेटी के प्रधान केदारनाथ जैन ने होशियार बच्चों को शाबाशी दी और कमज़ोर बच्चों को और अधिक मेहनत करने को कहा। मैनेजर शिवदेश बंधु गुप्ता ने भी आश्वासन दिया कि यह संस्थान पहले की तरह भविष्य में भी इन बच्चों के भविष्य को  तांकि को देश और समाज का भविष्य भी अच्छा हो सके।  

हिंदी साहित्य जगत के लिए एक नई खुशखबरी

दिल्ली विश्वविद्यालय के नए पाठ्यक्रम में डा. कविता की रचना 
DrKavita Vachaknavee संघर्ष, क्रांति और स्वस्थ साहित्य का प्रतीक बन चुकी डा. कविता वाचक्नवी से एक नई खुशखबरी मिली है। एक ऐसी अछि खबर जिसे पढ़कर हर साहित्य प्रेमी ओ गर्व भी होगा और प्रसन्नता भी। उन्होंने फेसबुक में अपने प्रोफाइल पर बताया है कि आज आधिकारिक रूप से यह सुखद सूचना आप सब से बाँट सकती हूँ कि - 
दिल्ली विश्वविद्यालय ने अपने नए पाठ्य क्रम में अनिवार्य हिन्दी के आधार पाठ्यक्रम की पुस्तक ("भाषा, साहित्य और सर्जनात्मकता") में मेरी कविता "जल" को सम्मिलित किया है। पुस्तक गत दिनों जारी हो गई है व इसी वर्ष से पढ़ाई जाएगी।
.... तो इस तरह अब दिल्ली विश्वविद्यालय ने भी रचनाकार के रूप में प्रसन्न होने का एक बड़ा कारण उपलब्ध करवा दिया है।
यह गौरव अपने माता-पिता, आचार्यों, शुभचिन्तकों, मित्रों व परिवार को समर्पित करती हूँ। 
यह हम सभी के लिए एक अच्छी खबर है। गौरतलब है कि डा. कविता ने अपने जीवन का विकास बहुत सी ऐसी चुनौतियों में किया है जिसका सामना शायद सभी के लिए आसान नहीं होता। ज़िंदगी हर कदम इक नई जंग है जैसे प्रसिद्ध गीत को सचमुच जीते हुए बहुत सी नई उदाहरणें स्थापित कीं--इनकी चर्चा जल्द ही पंजाब स्क्रीन में भी की जायेगी। फ़िलहाल उन्हें एक बार फिर बधाई।  

मौत और मायूसी के कारख़ाने

अरविन्‍द स्‍मृति न्‍यास के ह्यूमन लैण्‍डस्‍कैप प्रोडक्‍शन द्वारा औद्योगिक दूर्घटनाओं पर एक वृत्‍तचित्र
मौत और मायूसी के कारख़ाने
Factories of Death and Despair 

दूर बैठकर यह अन्दाज़ा लगाना भी कठिन है कि राजधानी के चमचमाते इलाक़ों के अगल-बगल ऐसे औद्योगिक क्षेत्र मौजूद हैं जहाँ मज़दूर आज भी सौ साल पहले जैसे हालात में काम कर रहे हैं। लाखों-लाख मज़दूर बस दो वक़्त की रोटी के लिए रोज़ मौत के साये में काम करते हैं।... कागज़ों पर मज़दूरों के लिए 250 से ज्यादा क़ानून बने हुए हैं लेकिन काम के घण्टे, न्यूनतम मज़दूरी, पीएफ़, ईएसआई कार्ड, सुरक्षा इन्तज़ाम जैसी चीज़ें यहाँ किसी भद्दे मज़ाक से कम नहीं... आये दिन होने वाली दुर्घटनाओं और मज़दूरों की मौतों की ख़बर या तो मज़दूर की मौत के साथ ही मर जाती है या फ़ि‍र इन कारख़ाना इलाक़ों की अदृश्य दीवारों में क़ैद होकर रह जाती है। दुर्घटनाएँ होती रहती हैं, लोग मरते रहते हैं, मगर ख़ामोशी के एक सर्द पर्दे के पीछे सबकुछ यूँ ही चलता रहता है, बदस्तूर...
फ़ैज़ के लफ़्ज़ों में:

कहीं नहीं हैकहीं भी नहीं लहू का सुराग़

न दस्त-ओ-नाख़ून-ए-क़ातिल न आस्तीं पे निशाँ

न सुर्ख़ी-ए-लब-ए-ख़ंज़रन रंग-ए-नोक-ए-सनाँ

न ख़ाक पे कोई धब्बा न बाम पे कोई दाग़

कहीं नहीं हैकहीं भी नहीं लहू का सुराग़ ...
यह डॉक्युमेण्ट्री फ़ि‍ल्म तरक़्क़ी की चकाचौंध के पीछे की अँधेरी दुनिया में दाखिल होकर स्वर्गलोक के तलघर के बाशिन्दों की ज़िन्दगी से रूबरू कराती है, तीखे सवाल उठाती है और उनके जवाब तलाशती है।


निर्देशकः चारुचन्द्र पाठक
ह्यूमन लैण्‍डस्‍कैप प्रोडक्‍शंस (अरविन्‍द स्‍मृति न्‍यास)
डीवीडी प्राप्‍त करने के लिए सम्‍पर्क करें - info@arvindtrust.org, arvind.trust@gmail.com
फोन न. - 9910462009

Sunday, March 30, 2014

ऐसे राजनीतिज्ञों ने ही सरकारी ढांचा तबाह कर लोगों को गुलाम बनाया– फूल्का

Sun, Mar 30, 2014 at 10:09 PM

“आप” प्रत्याशी एडवोकेट फूल्का की शेरपुर में विशाल जनसभा
लुधियाना30 मार्च 2014: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):
हमारे लीडरों ने सारा सरकारी ढांचा खराब किया हुआ है और लीडरों की सिफारिश या परची के बगैर आम नागरिकों का किसी भी सरकारी विभाग में कोई भी काम नही होता | इस तरह इन लीडरों के द्धारा लोगों को अपने पीछे-पीछे घूमने के लिए मजबूर किया जाता है और हम इन लोगों को, इस तरह के राजनीतिज्ञों की गुलामी से आजाद करवाना चाहते हैं। इन बातों का उल्लेख आज आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार एडवोकेट हरविंदर सिंह फूल्का ने 100 फुटी रोड,, शेरपुर में अयोजित विशाल जनसभा में किया। हजारों की संख्या में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि गुलाम बना कर रखने वाले इस सरकारी ढांचे में ईमानदार अधिकारिओं को किनारे लगा दिया जाता है और बेईमान अधिकारिओं को ऊँचे पदों पर बैठा किया जाता है, ताकि  वे खुद भी पैसे कमाएं, उन्हें भी दें और उनकी चापलूसी भी करें। उन्होंने कहा की “आप“ सरकारी ढांचे को पुनः बहाल करेगी। उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार के तीन मुख्य कर्तव्य होते हैं–सरकारी स्कूलों  के स्तर को ऊँचा करना, सरकारी स्वास्थ केन्द्रों की सेवाओं के स्तर को ऊँचा करना और आम लोगों को सुरक्षा प्रदान करना पर इन तीनों कर्तव्यों से सरकार अपना मुख मोड़ रही है। उन्होंने कहा कि  सरकारी स्कूलों के बच्चे पढाई में पीछे रहते जा रहे हैं, गरीब अपना इलाज नही करा सकते और पुलिस लोगों को छोड़ के राजनीतिज्ञों की सुरक्षा में लगी हुई है। उन्होंने कहा की राजनीतिज्ञ गुंडे इस लिए पालते हैं, भ्रष्टाचार के द्वारा पैसे इस लिए कमाते हैं क्यों कि वे सोचते हैं कि चुनाव गुंडागर्दी और पैसे के सहारे ही जीता जा सकता हैं, जबकि उन्हें यह ख्याल नही आता कि चुनाव लोगों के काम करके और लोगों की सेवा करके भी जीता जा सकता है। उन्होंने कहा की इस बार गलत तौर-तरीके अपनाने वाले इन भ्रष्ट राजनीतिज्ञों को चुनावों में लोग सबक सिखा कर यह बात साबित कर देंगे। श्री फूल्का ने बहुत बड़ी संख्या में पहुंचे मजदूर वर्ग से सम्बन्धी कानूनों को भी प्रभावशाली तरीके से लागु करवाने का भरोसा दिया। इस अवसर पर समूह कार्यकर्ताओं के आलावा केप्टन गुरविंदर सिंह कंग, कर्नल जे. एस. गिल, एडवोकेट प्रभ सहाय फूल्का और कई अन्य प्रमुख लोग भी उपस्थित थे। 

Saturday, March 29, 2014

जारी है जुर्म की दहशत और वहशत

लूट-पाट, दुष्कर्म और छेड़छाड़ से छाया सहम 
लुधियाना: 28 मार्च 2014: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):
समाज में लाखों सुधारों के दावों और पुलिस की अनगिनत कोशिशों के बावजूद जुर्म की वहशत लगातार जारी है। लूट-पाट, छीना-झपटी, छेड़-छाड़ और हत्या जैसी वारदातें अखबारी पन्नों का एक अभिन्न एंग बन गयी हैं। 
छेड़छाड़ के बाद मारपीट: पुलिस थाना डिवियन नंबर-4 के अंतर्गत दुर्गापुरी इलाके में स्थित मंदिर वाली गली में युवक द्वारा लड़की से छेड़छाड़ करने से रोकने पर युवक और उसकी मां ने लड़की व उसके पिता से मारपीट कर घायल कर दिया। गौरतलब है कि छेड़छाड़ करने और फिर पीड़िता के साथ ही मारपीट के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इस बार मारपीट के दौरान लड़की के सिर पर चोट आयी व उसके पिता की बांह टूट गई। घायलों की ओर से शोर मचाने और आसपास के लोगों को इकट्ठे होते देख आरोपी मां-बेटा मौके से फरार हो गए। परिजनों ने घायलों को एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया। थाना डिवीजन नंबर 4 की पुलिस ने दुर्गापुरी के रहने वाले लड़की के पिता पवन कुमार की शिकायत पर पड़ोसी मोनू व उसकी मां के खिलाफ मामला दर्ज कर के कार्रवाई शुरु कर दी है। उम्मीद है जल्द ही आरोपी कानून के शिकंजे में होंगें। 
परेशान व्यक्ति की डूबने से मौत इसी तरह गांव खैहरा के एक व्यक्ति की नहर में डूबने से मौत हो गई। डूबने वाले की पहचान मनदीप सिंह के रूप में हुई है। मनदीप के परिजनों ने बताया कि वह तीन दिन पहले घर से गुरुद्वारा साहिब माथा टेकने निकला था, पर घर नहीं लौटा। वीरवार को उसका शव रामपुर गांव में नहर पुल के पास मिला। उसके परिजनों ने बताया कि मनदीप पुलिस में नौकरी करता था। लेकिन सड़क हादसे में उसकी बाजू टूट गई थी। इसी बात से मनदीप परेशान रहता था। इसी परेशानी के चलते उसकी जीवन लीला ही समाप्त हो गई। 
लूट की दो वारदातें: जगह जगह पर नाकाबंदी के बावजूद लूट-पाट की वारदातें जारी हैं और मोटर साईकल पर सवार लुटेरे तलवार की नोक पर वारदातें कर रहे हैं। लुधियाना के सघन क्षेत्र दरेसी ग्राऊंड के इलाके में नकाबपोश बदमाशों ने एक ही रात में लूट की दो वारदातों को अंजाम देकर दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। इन बदमाशों ने दुकान बंद करके घर लौट रहे दो दुकानदारों को अपना निशाना बनाया। आरोपी उनसे हजारों रुपयों का कैश, सोने के जेवर और अन्य सामान लूटकर फरार हो गए। थाना दरेसी की पुलिस ने घटनास्थल का जायजा लेने के बाद जांच शुरू कर दी है।
पुलिस को दिए बयान में सुंदर नगर निवासी हरीश कुमार ने बताया कि उनकी घुमार मंडी में दुकान है। दुकान बंद करने के बाद वह बुधवार रात को 12 बजे घर लौट रहे थे। जैसे ही वह बाजवा नगर पुली के पास पहुंचे, मोटरसाइकिल सवार दो बदमाशों ने जबरदस्ती उनका मोटरसाइकिल रोक लिया। पीछे बैठे बदमाश ने तलवार निकाल कर उनकी गर्दन से लगा दी। आरोपी उनकी जेब में रखे 16 हजार कैश, सोने की चेन, मोबाइल व पर्स लूट कर फरार हो गए। इस तरह लूट की इस वारदात से सहम का माहौल छाया हुआ है। 
बाजवा नगर में भी लूट: बाजवा नगर के सुनील कुमार ने बताया कि डीएमसी अस्पताल के पास रसोई वेज ढाबे में वह पार्टनर हैं। बुधवार रात को 11.30 बजे ढाबा बंद करने के बाद वह स्कूटर से घर लौटरहा था। वापसी पर ढाबे की दो दिन की सेल के 12 हजार रूपये भी उन्होंने काले रंग के बैग में डालकर स्कूटर में आगे रखे हए थे। बाजवा नगर के पास पहुंचते ही मोटरसाइकिल सवार दो बदमाशों ने जबरदस्ती उनका स्कूटर रुकवा लिया। पीछे बैठे आरोपी ने तलवार निकाल कर उनकी गर्दन पर लगा दी और स्कूटर पर रखा बैग उठा लिया। आरोपियों ने उस में रखा कैश निकाल कर बैग वहीं फेंक दिया और फरार हो गए।
आत्महत्या: जोधेवाल इलाके में स्थित बसंत विहार में वीरवार शाम को जेल से जमानत पर आए एक युवक ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। इस बहु चर्चित मामले की थाना जोधेवाल की पुलिस पूरी गहनता से जांच कर रही है। एसएचओ हरविंदर सिंह के मुताबिक राहुल के पिता ने बताया कि एक साल पहले इलाके में ही रहने वाली एक युवती ने आत्महत्या कर ली थी। इसके लिए उसके परिजनों ने राहुल को जिम्मेदार ठहराते हुए मामला दर्ज करा दिया। पुलिस ने बाद उसे गिरफ्तार कर लिया। राहुल 18 मार्च को जेल से जमानत पर आया तो लड़की के परिजनों ने उसे धमकियां देनी शुरू कर दी। इससे परेशान होकर उसने वीरवार को घर में पंखे से लटक जान दे दी। विवरण के मुताबिक नूरवाला रोड की बैंक कालोनी में वीरवार को 21 वर्षीय एक युवक राहुल बहल उर्फ बबलू देर शाम अपने घर में फंदे से लटकता मिला। पता चलने पर परिवार वाले उसे दयानंद अस्पताल लेकर पहुंचे। डाक्टरों ने कुछ समय बाद उसे मृत करार दे दिया। बबलू 9 दिन पहले ही एक युवती को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में जेल से जमानत पर छूटा था। उसके खिलाफ बस्ती जोधेवाल थाना में पिछले साल 6 नवम्बर को कोमल नामक एक युवती को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का मामला भी दर्ज हुआ था। जिसमें पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। अब बबलू के परिजनों ने युवती के परिवार वालों पर उसे आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। अब इस युवक की आत्म हत्या के पीछे कोई पश्चाताप था, कोई उकसाहट थी, कोई मजबूरी थी या कुछ और कारण--इसका पता जांच के बाद ही लग सकेगा।
इस सर मामले के संबंध में मृतक युवक राहुल के पिता रविंदर बहल ने बताया कि वीरवार होने के कारण शाम को वह और उसकी पत्नी बस्ती चौक में धार्मिक स्थल पर प्रसाद चढ़ाने गए थे। तभी उसकी साली का फोन आया कि वह राहुल से मिलने के लिए आई, लेकिन वह अपने कमरे का दरवाजा नहीं खोल रहा। इस पर वह घर पहुंचे। खिड़की से झांककर अंदर देखा तो उसका बेटा फंदे पर लटक रहा था। दरवाजा तोड़कर राहुल को फंदे से उतार कर वह उसे लेकर दयानंद अस्पताल पहुंचे लेकिन सब व्यर्थ गया। रविंदर ने बताया कि बबलू जमानत पर जब से घर आया था तो किसी से ज्यादा बातचीत नहीं करता था। कल जब बबलू घर के बाहर बैठा तो एक युवती के भाई ने उसे देख लेने की धमकी दी थी। आज उसकी मां ने आकर हंगामा किया। इससे दुखी होकर उसके बेटे ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली, जबकि युवती के परिवार वालों ने उक्त आरोपों को नकार दिया है। बस्ती जोधेवाल पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।
साढ़े 12 लाख की 25 ग्राम हैरोइन समेत गिरफ्तार: रातोरात अमीर बनने की ललक और नशे की लत व्यक्ति को कहा लेजाती है इसका एक नया मामला सामने आया है। थाना फोकल प्वाइंट की पुलिस ने हौजरी वर्कर से नशा तस्कर बने व्यक्ति को साढ़े 12 लाख की 25 ग्राम हैरोइन समेत गिरफ्तार किया है। थोडा सा माल और बदले में बड़ी सी रकम उसे एक ऐसी अँधेरी ज़िंदगी में ले गयी जिससे निकलने का शायद अब कोई मार्ग न रहा हो। ए.डी.सी.पी.-2 केहर सिंह ने बताया कि आरोपी डेविड खोसला उर्फ राजू जनता कालोनी राहों रोड का रहने वाला है। यह उस समय पुलिस की गिरफ्त में आ गया जब पुलिस स्टेशन फोकल प्वाइंट के प्रभारी गुरमीत सिंह की अगुवाई में ए.एस.आई. तरसेम सिंह ने कंटेनर यार्ड के नजदीक नाकाबंदी की हुई थी। इस दौरान उक्त आरोपी को हैरोइन सहित काबू किया गया। ए.डी.सी.पी.-2 केहर सिंह ने बताया कि आरोपी के खिलाफ एन.डी.पी.एस. एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि जब वह हौजरी का काम करता था तो उस समय वह कर्जे में डूब गया। इस दौरान उसको बलजीत सिंह मिला जो उसको नशीले पदार्थों की डिलीवरी संबंधित व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए पैसे देने लगा। लालच में वह नशा सप्लाई करने लगा। उस वक़त उसने नहीं सोचा था कि एक दिन वह सलाखों के पीछे पहुँच जायेगा। 
नाबालिगा से दुष्कर्म: समाज में बेटी भी बराबरी की मांग और आंदोलन उस समय फलाप  हैं जब कोई न कोई समाज  किसी न किसी की बेटी को अपना निशाना बना लेता है। अब एक नाबालिगा से दुष्कर्म का नया मामला सामने आया है। जसवाल कालोनी की 10 साल की एक बच्ची के साथ दुष्कर्म करने का मामले में नामजद आरोपी संजय कुमार यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी के खिलाफ पीड़िता के पिता की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था।  दूसरी तरफ बच्ची का वीरवार को चिकित्सीय परीक्षण कराने के बाद स्वैब जांच के लिए भेज दिया गया है। पीड़िता के पिता ने बताया कि आरोपी उसकी बच्ची को कैलाश नगर की डेयरी में ले गया था। जहां आरोपी ने उसको डरा-धमका कर उससे दुष्कर्म किया तथा बाद में उसे घर के पास छोड़ गया था। छोड़ते समय उसकी बेटी को धमकी देकर गया था कि अगर उसने किसी को कुछ बताया तो वह उसे जान से मार देगा, जबकि आरोपी खुद को निर्दोष बता रहा है। अब देखना है कि यह समाज लड़कियों को सुरक्षित पर्यावरण कब दे पाता है? 

मास्टर तारा सिंह मेमोरियल महिला कालेज में होस्टल नाईट

नारी को हर मामले में विज्ञापन बनाने पर भी हुई चर्चा 
लुधियाना: 28 मार्च 2014: (रेकटर कथूरिया//पंजाब स्क्रीन):
ज़िंदगी में खुशियां भी आती हैं और गम भी। मिलन भी होता है और बिछड़ना भी। कभी अचानक कोई अच्छा मौका मिला जाता है और कभी हाथ में आया अच्छा मौका छूट भी जाता है। इन सब रंगों को मिला कर ही बनती है ज़िंदगी---कभी ख़ुशी कभी गम। ज़िंदगी के इन अलग अलग रंगों का सहजता से सामना करते हुए हर पल संतुलन में बताने के लिए होस्टल की ज़िंदगी कई अनुभव देती है। शिक्षा, अनुशासन, और परिवार से दूर पूरी छूट और अपने कमरों में अपनी खुद की ज़िम्मेदारी। इन सब अनुभवों पर आधारित था मास्टर तारा सिंह मेमोरियल महिला कालेज कालेज में हुआ होस्टल नाईट का आयोजन।
इस यादगारी संगीतमय शाम में डांस का जोश संगीत का जादू और सुंदरता का जलवा सब कुछ था। एक घंटे का कार्यक्रम दो घंटे से भी अधिक चला पर वक़त का किसी को कुछ पता ही नहीं चला। यादविंदर कौर को इस प्रोग्राम में मिस होस्टलर का खिताब मिला जबकि जसप्रीत कौर फस्ट रनरअप और स्वाति सेकंड रनरअप रहीं।
कालेज में हिंदी की लेक्चरर इंद्रमोहन कौर ने एक सवाल पूछ कर सारे माहौल को ही एक गंभीर दिशा में मोड़ दिया। उन्होंने  छात्राओं से पूछा कि क्या हर मामले में नारी को विज्ञापन बना कर दिखाना क्या उचित है? इस सवाल के जवाब में इस सोच और सिलसिले को बुरी तरह से रद किया गया। मैडम इंद्रमोहन कौर ने कार्यक्रम के बाद बताया कि उन्होंने यह सवाल लड़कियों के दिलो-दिमाग में एक चेतना लाने के लिए पूछा तांकि महिला वर्ग के अंदर इस बुराई के खिलाफ एक मनोवैज्ञानिक इनकार पैदा हो सके। इस चेतना के बाद ही नारी ऐसे विज्ञापनों का अंग बनने से ज़ोरदार इनकार कर सकेगी।
प्रिंसिपल मैडम डाकटर चावला ने मुख्य अतिथि का फ़र्ज़ भी निभाया और लड़कियों को जीवन में साकारत्मक सोच बनाने पर ज़ोर दिया क्यूंकि इस सोच के बल पर आगे बढ़ा जा सकता है। कुल मिलाकर यह एक यादगारी आयोजन रहा।    मास्टर तारा सिंह मेमोरियल महिला कालेज में होस्टल नाईट

Friday, March 28, 2014

अपनी किडनियों का ख्याल रखें- 2014

12-मार्च-2014 19:30 IST
विशेष-लेख                  विश्‍व किडनी दिवस                  --*माजिद मुश्‍ताक पंडित
बढ़ती उम्र तथा लंबी किडनी बिमारियां 
भारत में प्रत्‍येक 10 व्‍यक्तियों में से एक किडनी की बिमारियों से ग्रस्‍त है। दुर्भाग्‍य से आधे से अधिक मरीज अपनी बिमारी के बारे में तब जान पाते है जब उनकी किडनियां 60 प्रतिशत से अधिक क्षतिग्रस्‍त हो चुकी होती हैं। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान चिकित्‍सा संस्‍थान द्वारा किए गए अध्‍ययन के अनुसार लगभग 1.50 लाख नए किडनी मरीज़ों की संख्‍या हर वर्ष बढ़ जाती है जिनमें से बहुत थोड़े से लोगों को किसी प्रकार का इलाज मुहैया हो पाता है।

यह समस्‍या दिन ब दिन गंभीर होती जा रही है। आरंभिक चरण में बीमारी का पता न चल पाने, धन की कमी या फिर सही मिलान वाली किडनी के दानकर्ता के अभाव के कारण हर वर्ष अनेक मरीजों का किडनी ट्रांसप्‍लांट नहीं हो पाता और ये मरीज लाइलाज रह जाते हैं। भारत में हर साल लगभग पांच लाख किडनी ट्रांसप्‍लांट किए जाने की आवश्‍यकता होती है, लेकिन इस मंहगी प्रक्रिया के माध्‍यम से कुछ हज़ार मरीज ही नया जीवन प्राप्‍त कर पाते हैं।

इस वर्ष 13 मार्च को सारे विश्‍व में विश्‍व किडनी दिवस मनाया जाएगा। किडनी स्‍वास्‍थय की महत्‍ता तथा किडनी तथा इससे जुड़ी बीमारियों का खतरे से बचाव के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए वर्ष 2006 से प्रतिवर्ष इसे मनाया जाता है। प्रत्‍येक वर्ष इसके लिए विशेष विषय शीर्षक तय किया जाता है। इस वर्ष का विषय शीर्षक है ''बढ़ती उम्र तथा लंबी किडनी बीमारियां''।

हाइपर टेंशन तथा मधुमेह के बाद लंबी किडनी बीमारी तीसरी सबसे बड़ी गैर संक्रमणकारी बिमारी है। इतना ही नहीं ऊपर की दोनों बीमारियां भी किडनी को प्रभावित करती हैं और अक्‍सर लंबी किडनी बीमारी में परिणत हो जाती हैं। आंकड़ों के अनुसार लंबी किडनी बीमारी के 60 प्रतिशत मरीज पूर्व में या तो मधुमेह के मरीज रहे हैं या फिर उच्‍च रक्‍त चाप के मरीज रहे हैं और अनेक मामलों में इन दोनों ही बीमारियों से पूर्व में ग्रस्‍त रहे हैं। किडनी की बिमारी का यदि आरंभिक चरण में ही पता चल सके तो उसका इलाज समय से किया जा सकता है और इसके साथ जुड़ी दूसरी जटिलताओं से बचा जा सकता है परिणामस्‍वरूप मूत्र संबंधी तथा कार्डियो-वैस्‍कूलर बीमारियों के कारण होने वाली मौतों की संख्‍या में भी काफी कमी आ सकती है।

किडनी की लंबी बीमारी से जुड़े खतरों को समझना ज़रूरी है। यह ध्‍यान में रखना आवश्‍यक है कि अपने शुरूआती चरण में बीमारी के लक्षण नहीं दिखाई देते इसलिए शुरूआती चरण में इलाज भी संभव नहीं हो पाता। यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं को लंबी किडनी बीमारी के बढ़ते जा रहे मरीज़ों की बड़ी संख्‍या का सामना करना होगा।

विश्‍व किडनी दिवस लंबी किडनी बिमारी के खिलाफ कदम उठाए जाने की आवश्‍यकता याद दिलाता है ताकि शरीर के इस महत्‍वपूर्ण अंग के स्‍वास्‍थ्‍य का महत्‍व समझा जा सके और उस पर लगातार नज़र रखी जा सके। यह दिन हम सभी के लिए इस जटिल अंग को स्‍वस्‍थ्‍य रखने की जानकारी जुटाने के लिए एक अवसर है। किडनी से जुड़ी बीमारियों की समय से जानकारी मिलने से समय पर हस्‍तक्षेप और इस बीमारी के खिलाफ लड़ाई में निश्‍चय ही मदद मिलेगी।

विश्‍व किडनी दिवस मनाए जाने का उदे्दश्‍य हर व्‍यक्ति को इस विषय में जागरूक करना है कि मधुमेह तथा उच्‍च रक्‍तचाप किडनी के स्‍वास्‍थ्‍य के लिए खतरा हैं अत: मधुमेह और उच्‍च रक्‍तचाप के सभी मरीज़ों को किडनी की नियमित जांच करानी चाहिए। इस विषय में विशेषकर गंभीर खतरे वाले क्षेत्रों में रहने वाली जनसंख्‍या के बीच जागरूकता फैलाने में चिकित्‍सा बिरादरी की महत्‍वपूर्ण भूमिका हो सकती है।

लंबी किडनी बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए स्‍थानीय और राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारियों को महत्‍वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। इस दिवस के माध्‍यम से सभी सरकारी प्राधिकारियों को किडनी की जांच-सुविधाओं में निवेश करने और इस विषय में विभिन्‍न कदम उठाए जाने के लिए संदेश दिया जाता है।

किडनी फेल होने जैसी आपातकाल स्थिति में किडनी ट्रांसप्‍लांट ही सबसे बेहतर विकल्‍प है। अत: अंग दान को जीवनदायी कदम के रूप में प्रोत्‍साहित किये जाने की आवश्‍यकता है। भारत सरकार ने मानव अंग स्‍थानान्‍तरण (संशोधन) अधिनियम, 2011 लागू किया है, जिसमें किडनी दान तथा मृत्‍य व्‍यक्तियों की किडनी दान को प्रोत्‍साहित करने के लिए अनेक प्रावधान है। अभी तक सरकार ने लंबी किडनी बीमारियों के रोकथाम और इलाज के लिए अनेक कदम उठाएं हैं। सभी बड़े सरकारी अस्‍पतालों में डायलिसिस सुविधा उपलब्‍ध है।

भारत सरकार ने कैंसर, मधुमेह, कार्डियो-वेस्‍कूलर बीमारियों तथा स्‍ट्रोक (एनपीसीडीसीएस) के लिए राष्‍ट्रीय कार्यक्रम आरंभ किया है, जिससे गुर्दे संबंधी लंबी बीमारियों और गुर्दे फेल होने से बचाव संभव हो सका है।

जनता के बीच स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी और विशेषकर लंबी किडनी बीमारी सहित गैर-संक्रामक रोगों के विषय में जागरूकता फैलाने के लिए भारत सरकार द्वारा दूरदर्शन तथा ऑल इंडिया रेडियो पर विशेष कार्यक्रमों का प्रसारण किया जा रहा है।  

लंबी किडनी बीमारी के मरीजों को समय पर इलाज न मिलने के कारण उनका तथा उनके परिवार का पूरा जीवन दयनीय हो सकता है। ऐसे में यह आज के समय का आवश्‍यकता है कि हम सभी स्‍वस्‍थ्‍य जीवन शैली को अपनाएं। साथ ही बीमारी के खतरे से ग्रस्‍त व्‍यक्तियों को नियमित रूप से अपने स्‍वास्‍थ्‍य की जांच करवाने एवं निगरानी रखने की आवश्‍यकता है। इस महत्‍वपूर्ण दिवस पर आइये हम सभी इस महत्‍वपूर्ण अंग के विषय में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्‍त करने और सांझा करने का संकल्‍प लें।   (पसूका फीचर) *सूचना सहायक पसूका-जम्‍मू

Thursday, March 27, 2014

लुधियाना के हैबोवाल में गिरा मंदिर का गुंबद

एक मज़दूर की मौत और दो अन्य घायल
लुधियाना: 26 मार्च 2014: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो): 
हैबोवाल के न्यू माया नगर इलाके के श्री सिद्धि विनायक मंदिर में आज दोपहर को 12 बजे के करीब भजन कीर्तन के दौरान उस समय भगदड़ मच गई जब एक जबरदस्त धमाके के साथ मंदिर का निर्माणाधीन गुबंद नीचे आ गिरा। इस हादसे में एक बदकिसमत मजदूर की मौत हो गई, जबकि दो अन्य घायल हो गए। उन्हें डीएमसी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। इस गुंबद के गिरने से मंदिर के पीछे वाली गली के कुछ मकानों का भी नुकसान हुआ है। देर शाम तक गुंबद का मलवा नहीं हटाया जा सका था। गुंबद गिरने का कारण घटिया मैटेरियल का प्रयोग बताया जा रहा है। जहाँ इस हादसे के बाद लोगों में रोष है वहीँ इस गुंबद के  गिरने से किसी अपशकुन की आशंका सहम भी छाया हुआ है। 
इस हादसे के मामले की जानकारी रखने वाले कुछ लोगों के मुताबिक इस मंदिर की चौथी मंजिल के ऊपर गुबंद बनकर तैयार हो चुका था। उड़ीसा से आए कारीगर भारत व गणेश उस पर सीमेंट से डिजाइनिंग कर रहे थे। जबकि डाइबर (22) नीचे से सामान पकड़ा रहा था। अचानक एक तेज धमाके के साथ सीमेंट-ईट से बना मंदिर का गुबंद नीचे आ गिरा। नीचे खड़ा डाइबर मलवे में दबकर गंभीर रूप से घायल हो गया, जबकि ऊपर काम कर रहे भारत और गणेश को भी चोटें आई।
इतफ़ाक से उस समय यह सब देख रहे सामने के मकान में रहने वाले लोगों ने शोर मचाकर अपनी लेबर और आस-पास के लोगों को वहाँ बुलाया। इस घर में रहने वाले प्रिंस की पत्नी गीता अरोड़ा ने बताया कि ऐसा लगा जैसे भूकम्प आ गया हो। धरती बुरी तरह से हिल गई थी। हादसे के बाद भागते हुए सभी लोग मंदिर की चौथी मंजिल पर पहुंचे व बचाव कार्य शुरू किया। घायलों को प्राइवेट गाड़ियों में डाल कर अस्पताल ले जाया गया। जहां थोड़ी देर बाद डाइबर की मौत हो गई।
इस घटना का पता चलते ही फायर ब्रिगेड व पुलिस भी मौके पर पहुंची और अन्य लोग भी वहाँ पहुँचने शुरू हो गए। 
एडीसीपी-1 अमरीक सिंह पवार, एसएचओ डिवीजन नंबर 4 इंस्पेक्टर राम पाल पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। कुछ देर बाद फायर ब्रिगेड टीम भी मौके पर आ पहुंची। मगर संसाधनों की कमी के चलते वो बचाव कार्य नहीं कर सकी।
उड़ीसा से आए थे कारीगर
मंदिर प्रधान रवि नंदन ने बताया कि मंदिरों में गुंबद व सीमेंट की मूर्तियों का निर्माण कार्य स्पेशल डिजाइनिंग के ठेकेदार उड़ीसा निवासी रविदास को दिया गया है। वह 8 माह से मंदिर निर्माण का काम करवा रहा है। हर तरह के काम के लिए उसके पास अलग-अलग कारीगर हैं। इसलिए वह काम के अनुसार कारीगर बदल-बदल कर भेजता था। करीब 1 महीना पहले बन कर तैयार हो चुके 15 फुट ऊंचे गुबंद पर अब डिजाइनिंग का काम हो रहा था। हादसे का शिकार हुए कारीगर कुछ ही दिन पहले आए थे और मंदिर में ही रहते थे।
मामला तूल पकड़ते पकड़ते बचा
पीछे की गली में रहने वाले एक व्यक्ति महिंदर पाल ने कहा कि जिस जगह पर मंदिर बना है, कॉलोनी काटने वाले ने तो वास्तव में यह जगह पार्क के लिए निश्चित रखी थी। मगर बाद में धर्म के नाम पर वहां मंदिर बना दिया गया। वह अभी अपनी बात कर ही रहे थे कि वहां मौजूद विश्व हिंदू परिषद के रविंदर अरोड़ा व उनके साथी मंहिदर पर बिफर पड़े। एकाएक मामला इतना गरमा गया कि वहां मौजूद पुलिस को महिंदर पाल को वहां से अलग ले जाना पड़ा। अगर धर्म के नाम पर मामला बिगड़ जाता तो हालत और खराब हो सकती थी। 
पुलिस का कहना है कि ठेकेदार को जांच में शामिल किया जाएगा। मामले की जांच की जा रही है। इस जाँच में ठेकेदार को भी शामिल किया जाएगा। जांच के बाद बनती कार्रवाई भी की जाएगी। लेकिन फिलहाल इस संबंध में किसी के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया गया है। इस हादसे का पता चलते ही वहाँ अकाली दल के लोक सभा प्रत्याशी मनप्रीत सिंह अयाली भी और कांग्रेस के एम ऐल ए भारत भूषण आशू भी। 

मिनी रोज़ गार्डन में गीत की शूटिंग

लुधियाना पर भी चढ़ा बालीवुड का फ़िल्मी रंग 
लुधियाना: 26 मार्च 2014: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):  
पंजाब स्क्रीन की टीम जब आज बाद दोपहर किदवई नगर से गुज़री तो वहाँ मिनी रोज़ गार्डन में शूटिंग चल रही थी।  देखने वालों की भीड़ और शूटिंग की चमक दमक। कुल मिला कर लग रहा था कि लुधियाना भी बालीवुड के मुम्बई की तरह बनता है। 

Wednesday, March 26, 2014

हर-हर मोदी का मतलब?//Comrade Aman Mishra Dyfi

वोट जनता का है, लाभ कॉरपोरेट का
कामरेड मिश्रा 
नरेंद्र मोदी 

संघ-बीजेपी कर रही है- 'हर-हर मोदी। क्या मतलब है - हर-हर मोदी का? क्या यह हिंदू-राष्ट्र का उद्घोष है? यदि हां, तो हर चुनाव के बाद हिंदू-राष्ट्र का उद्घोष क्यों बदलता है? क्या मतलब है - 'जय श्री राम के बाद 'हर-हर मोदी का? क्या इसका मतलबmodi1.jpg निकाला जाय? पहले इस प्रकार के नारे को इतना बुलंद किया जाए कि विवाद पैदा हो जाए। जब विवाद पैदा होने लगे, तो इसे रोकने का स्वांग रचा जाए। हो सकता है - यह नारा 'जय श्री राम की तरह बंद भी हो जाए। मगर जो निष्ठा से युक्त नारा गढ़ा गया, लगाया गया और संपूर्ण देश में फैलाया गया, उसके मतलब और मकसद तो समझ में देशवासियों को आना चाहिए। देश को 'जय श्री राम का नारा और निष्ठा का मतलब समझ में आ चुका है। अब इस नए नारे और नए नजारे को समझने की जरूरत है।
संघ का बीजेपीकरण और बीजेपी का मोदीकरण पूर्णत: हो चुका है। आडवाणी युग का सूरज डूब चुका है। जसवंत सिंह, हिरेन पाठक, लालजी टंडन, लालमुनि चौबे, जैसे आडवाणी कैंप के समर्थकों के टिकट काटे जा चुके हैं। सुषमा स्वराज दुखी हैं। मुरली मनोहर जोशी और कलराज मिश्र का तबादला किया गया। तबादला किया गया या यों कहें कि पुराने फर्नीचरों को इधर से उधर करके अजस्ट किया गया। अजस्टमेंट की इस सूची से जसवंत सिंह बाहर हो गए और मीडिया के सामने अपने आंसू रोक नहीं सके। आखिर इनलोगों के लिए क्यों आंसू भरी हो गर्इ बीजेपी की राहें ... ? किसी जमाने में कल्याण सिंह, उमा भारती आदि पिछड़े वर्ग के नेताओं के लिए आंसू भरी थी बीजेपी की राहें...। उस जमाने में फॉरवर्ड की पार्टी थी- बीजेपी। अब बीजेपी का मोदीकरण के साथ मंडलीकरण हो गया है। जाहिर है कि मंडल-कमंडल की राजनीति पर मंडल पहले भी भारी पड़ा था। मगर ऐसा किसी ने नहीं सोचा था कि कमंडल का ही मंडलीकरण हो जाएगा।

Raj Birda Choudhary  का कमेंट 
सत्ता के लिए देश की राजनीति का कमंडलीकरण हुआ। सत्ता के लिए ही देश की राजनीति का मंडलीकरण हुआ। सत्ता के लिए ही बहन मायावती बसपा का कमंडलीकरण करती हैं और अधिक से अधिक ब्राह्मण उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारती हैं। मुलायम भी मंडल का कमंडलीकरण करते हैं और सत्ता सुख प्राप्त करते हैं। देश की राजनीति इन्हीं तंग गलियों में उलझ-पुलझ गर्इ है। कुल मिलाकर देखा जाए तो देश की राजनीति मुंबइया फिल्मी फॉर्म्युले पर ही हिट और सुपरहिट होती है। मारधाड़ से भरपूर। जात-धरम। हम लाख गाएं - 'ये जात-धरम के झगड़े इंसान की है नादानी। मजे की बात यह है कि इसी नादानी से देश की राजनीति चलती है। पता नहीं, देश की कौन-सी राजनीति पार्टी किसी अंबानी और अदानी की दुकान नहीं है ? वोट जनता का है, लाभ कॉरपोरेट का। देश की इस प्रकार की राजनीति का फायदा कौन उठाता है। बेचारी जनता तो लूजर है। गेनर लीडर, मिनिस्टर, अफसर और कॉरपोरेट घरानेवाले हैं। सत्ता में सभी दलों की किसी-न-किसी रूप में हिस्सेदारी होती है। मगर देश के किसान, मजदूर, नौजवान और आम आदमी को क्या मिलता है? न बुनियादी सुविधा, न सुरक्षा, न आजीविका, न सही शिक्षा, न न्याय। यह कैसा लोकतंत्र है? या यों कहें कि हमारे रहनुमाओं ने लोकतंत्र को कैसा बना डाला। मार डाला। क्या हम मरने के वास्ते वोट डालते हैं ? -Comrade Aman Mishra Dyfi

(posted on FB on Monday March 24, 2014 at 08:23 PM)

Tuesday, March 25, 2014

नायक कौन? जेबकतरे या सियासी लीडर?

किरण खेर ने की चंडीगढ़ को अलग राज्य बनाने की मांग 
किरण खेर 
डा. लोक राज 
कुछ लोग कहते हैं कि लक्ष्मी अपनी इच्छा से आती है---उसे दिमागी तरकीबों से नहीं पाया जा सकता---अगर ऐसा  होता तो बहुत से पढ़े लिखे बुद्धिमान लोग धन के आभाव में न होते…! अगर यह मेहनत से आती तो बहुत से लोग दिन रात मेहनत करते हैं पर यह उनके पास भी नहीं आती। मैंने उनसे पूछा यह लूट खसूट करने वालों और दूसरों का हक़ मारने वाले  शातिर लोगों के पास क्यूँ फटाफट भागी चली आती है---उनका जवाब इस मुद्दे पर भी कमाल का था---उसकी चर्चा किसी अलग पोस्ट में पर मैं इतना ज़रूर मान गया कि कुछ चीज़ें नसीब से मिलती हैं---कुछ इतफ़ाक से---यह सब बहुत अचानक होता है जिसकी न कल्पना की होती है न ही कोई योजना बनाई होती है---!
आज फेसबुक पर यह कविता भी कुछ  ऐसे ही मिली। मैं पढ़ रहा था डाकटर लोकराज की  एक पोस्ट जिसमें उन्होंने चंडीगढ़ से भाजपा की प्रत्याशी किरण खेर के उस बयान को आड़े हाथों लिया है जिसमें उन्होंने चंडीगढ़ को अलग राज्य बनाने का प्रस्ताव रखा है। लूटखसूट और अन्याय के करूप चेहरे को शब्दों के खूबसूरत मेकअप में रंग कर प्रस्तुत करना किरण जैसे नेतायों को खूब आता है। एक तो अभिनेत्री दूसरा सियासत का रंग---एक करेला दूसरा नीम चढ़ा। इस बहाने से असली चेहरे का रंग भी दिखने लगा है। आप इसे डाकटर लोक राज की प्रोफाईल पर पढ़ सकते हैं। फिलहाल पढ़िए एक रचना जो मुझे इस पोस्ट के कमेंट बॉक्स में मिली। सीधा दिल को छूती है। आप इसे पढ़ कर ही अनुमान लगा सकते हैं कि आज के सियासतदान क्या करते हैं----किसी ने कहा था--
उनसे ज़रूर मिल लो,सलीके के लोग हैं !
वो क़त्ल भी करेंगे बड़े अहतराम से ! 
इस शेयर को पढ़ कर आप को सियासतदानों के बयानों में छिपी हकीकत नज़र आने लगेगी---कभी बुल्ले शाह ने कहा था---कुत्ते --तैथों उत्ते अब लाहौर पाकिस्तान के रहने वाले बाबर जालंधरी ने शायद कुछ यूं कहा है कि इन लीडरों से तो चोर और जेबकतरे ही अच्छे।
Babar Jalandhari Translate from: English
बाबर जालंधरी 
बस से उतर कर जेब में हाथ डाला।
मैं चौंक पड़ा 
जेब कट चुकी थी 
जेब में था भी क्या? 
कुल नौ रुपये और एक पत्र 
जो मैंने माँ को लिखा था:
मेरी नौकरी छूट गई है, 

अब पैसे नहीं भेज पाऊंगा''
तीन दिनों से वह पोस्टकार्ड जेब में पड़ा था 

पोस्ट न किया तबीयत ठीक नहीं रही थी
नौ रुपये जा चुके थे 
यूँ नौ रुपए कोई बड़ी रकम नहीं थी
लेकिन
जिसकी नौकरी छूट गई हो उस के
लिए नौ सौ से कम भी तो नहीं है। 
कुछ दिन बीते ... माँ का खत मिला 

पढ़ने से पहले मैं सहम गया 
जरूर पैसे
भेजने को लिखा होगा 

लेकिन पत्र पढ़कर
मैं हैरान रह गया ! 

माँ ने लिखा था :
''बेटा ! तेरा भेजा पचास रुपये का मिनी आदेश मिला 

तू कितना अच्छा है रे ... 
पैसे भेजने मैं जरा कोताही नहीं करता''
काफी दिनों तक उधेड़बुन में
रहा कि आखिर माँ को पैसे किसने भेजा ?
कुछ दिन बाद एक और पत्र मिला

आड़े तिरछे शब्दों की लिखावट 
बड़ी मुश्किल से पढ़ सका :
''भाई नौ रुपए तुम्हारे 
और इकतालीस रुपये अपने मिलाकर 
मैंने तुम्हारी माँ को 
मिनी आदेश भेज दिया है.. 

चिंता मत करना, 
माँ तो सब एक जैसी होती है ना ! 
वह क्यों भूखी रहे ? 
... तुम्हारा जेब कतरा
आपने रचना पढ़ी इसके लिए धन्यवाद--अब फैसला आपके दिल की आवाज़ पर कि नायक कौन वो जेब कतरा  या आये दिन नए नए टैक्स लगा कर जीना दूभर करने वाले वे सियासतदान जो कई बार बंट चुके पंजाब को फिर बांटने पे तुले हैं। -रेकटर कथूरिया 

अन्ना को मोदी की लहर 16 मई को पता चलेगी-जेटली

 Mon, Mar 24, 2014 at 8:35 PM
अमृतसर में किया मीडीया केंद्र का उद्धघाटन 
अमृतसर: (गजिंदर सिंह किंग//पंजाब स्क्रीन ):
अमृतसर से अकाली बीजे पी के उम्मीदवार अरुण जेटली ने मीडीया केंद्र का उद्धघाटन किया, यह केंद्र हर वोटर के साथ संपर्क, पूरे हल्के का डाटा, इलेटोनिक मीडीया और सोशल मीडीया के साथ तालमेल रखे गी,  इस दौरान मीडीया से बात करते हुए अकाली बीजे पी के उम्मीदवारअरुण जेटली ने  मीडीया बारे जानकारी देते हुए कहा, कि 
   केजरी वाल मीडिया की उपज है, पहले केजरी वाल भ्रष्टाचार पर बोलते थे, अब यह मोदी के खिलाफ हो गए है, और केजरी वाल दिल्ली में शासन चलाने में असमर्थ हुए है और उनका चेहरा देश के लोगो के सामने आ गया है 
     अभी कुछ दिनों पहले जो आतंकवाद गिरफ्तार हुए है, उससे खुलासा हुआ है, कि बी जे पी के नेताओ को निशाना बनाना था, देश के रक्षा मंत्री ने कहा था, कि बी जे पी नेताओ को कोई खतरा नही है लेकिन रक्षा मंत्री की यह बात गलत साबित हो गई है
  
     जम्मू कश्मीर के बारे में उन्होेंने कहा, कि  जम्मू कश्मीर में अलगावादी और स्थानीय लोगो के विचारधारा अलग अलग है,  दोनों के अलग अलग ढ़ग से उसके विचार सुनने चाहिए
   
     आपरेशन ब्लू स्टार यादगार बारे पूछे गए सवाल बारे उनहोंने कहा, कि  यह बात बिल्कुल गलत है, कि अकाली दल कभी भी आतंकवादीयो का समर्थन नही किया और आतंकवाद के बाद अकाली दल ने पंजाब में शांति कायम की है, यादगार के मुद्दे में उन्होंने कहा, कि बी जे पी आपने लिए हुए स्टैंड में अभी भी कायम है 
     अन्ना के दिए बयान, कि देश में मोदी की लहर नही है, उन्होंने ने मोदी की लहर बारे कहा, कि मोदी की लहर 16 मई को पता चल जाएगा  
  

Monday, March 24, 2014

आम आदमी का जीना तो दूर मरना भी दूभर हो जाएगा

फूल्का ने ली भगत सिंह के साथी 110 वर्षीय मेहर सिंह की सार
बनते हक़ दिलवाने का दिया भरोसा
लुधियाना: 24 मार्च 2014: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):
23 मार्च को जहाँ सारी राजनीतिक पार्टियाँ केवल श्रद्धा  सुमन अर्पित करनें में व्यस्त रहीं वहीँ दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी “आप “ के लुधियाना लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी एडवोकेट फूल्का ने श्रद्धा सुमन अर्पित करेने के पश्चात शाम को आजादी की जंग के सरताज शहीद भगत सिंह के सहयोगी सरदार “ मेहर सिंह “ के गाँव रसूलपुर जाकर उनसे मिलकर उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी ली।सन 1904 में लायलपुर जिले (वर्तमान पाकिस्तान) के रुडके गाँव में जन्में स. मेहर सिंह से एडवोकेट फूल्का यह जानकर दुखी  हुए कि आजादी की लड़ाई के सरताज शहीद भगत सिंह के सहयोगी स. मेहर सिंह जहाँ स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को मिलने वाली सहूलियतों से वंचित हैं अपितु उन्हें वृद्धावस्था पेंशन से भी वंचित रहना पड रहा है। आगे अपनी व्यथा सुनाते हुवे स. मेहर सिंह ने कहा कि आज तक किसी भी राजनितिक दल के सदस्य ने मेरी समस्याओं के बारे में संज्ञान नही लिया जिसका मुझे बहुत दुख है | आगे स. मेहर सिंह ने कहा मुझे सरकार के द्वारा मिलने वाली सुविधाओं का लालच नही है परन्तु मैं अपना बनता हक लेना चाहता हूँ। 
एडवोकेट फूल्का ने स. मेहर सिंह से उनके द्वारा की गई सारी शिकायतों के कागजात हासिल कर उन्हें भरोसा दिलवाया की वे उनके हक़ के लिए पूरी लड़ाई लड़ेंगे और उनको मिलने वाला हक़ जरूर दिलवाएँगे | आगे एडवोकेट फूल्का ने कहा अगर स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों का भारत में अपमान हो रहा है तो आम आदमी का क्या हाल होगा, अगर अब भी समय की नजाकत को समझ हमने भ्रष्ट राजनीतिज्ञों को सदा के लिए गद्दी से नही उतारा तो आने वाले दिनों में आम आदमी का जीना तो दूर मरना भी दूभर हो जाएगा |