Monday, December 01, 2014

कहीं174 की कार्रवाई असरदायिक लोगों का हथियार तो नहीं बन रही?

मिशी किरण कालिया की मौत का मामला फिर गर्माया 
मौत के खिलाफ परिवार ने फिर लगाई इन्साफ की गुहार  
लुधियाना: 1 दिसंबर 2014: (रेक्टर कथूरिया//पंजाब स्क्रीन):
हादसा या हत्या 
पुलिस की तरफ से अक्सर की जाती 174 की करवाई कहीं असरदायिक लोगों का हथियार तो नहीं बन रही? यह सवाल आज दिवंगत युवक मिशी कालिया के परिवार की ओर से बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में एक बार फिर उभर कर सामने आया। गौरतलब है कि मिशी कालिया की रहस्यमयी मौत एक सड़क हादसे में हुई बताई गयी थी। मृतक युवक के परिवार ने इसे एक साज़िशन हत्या बताते हुए अपना आरोप दोहराया कि पुलिस ने किसी के प्रभाव में आ कर 174 की कार्रवाई की आड़ में सारा मामला रफादफा कर दिया है। 
आज के पत्रकार सम्मेलन में माहौल बेहद सोगवार था। रहस्यमयी मौत का शिकार हुए मिशी कालिया की मौत पर फिर से चर्चा हो रही थी। मिशी की उम्र 27 अभी केवल 27 वर्ष थी। उसे अभी पूरी ज़िंदगी जीनी थी। उसने बहुत से सपने देखे थे। ज़िंदगी में बहुत कुछ कर दिखाने के इरादे और वायदे भी थे। परिवार को उससे बहुत सी उमीदें थीं। 
अचानक एक दिन आधी रात को उसके हादसे की खबर आई। उसका परिवार अस्पताल पहुंचा।  परिवार को बताया गया कि उसका इलाज चल रहा है। दोपहर होते होते उसकी मौत की पुष्टि कर दी गई। मिशी कालिया की मां मीनू कालिया ने आरोप लगाया कि उनके साथ अस्पताल में भी छल हुआ और पुलिस विभाग में भी। मीनू ने बताया कि उनके बेटे की मौत के बाद भी अस्पतालमेंइलाज का बहन जारी रखा गया। शव मुर्दाघर में था लेकिन हमें इलाज की बात कह कर महंगी दवाएं मंगवाई जाती रहीं। 
मीनू कालिया ने स्पष्ट कहा कि वह इन्साफ लिए बिना चुप नहीं बैठेगी। जिन लोगों ने  हमारा बुढ़ापे का सहारा छीना है हम उन्हें चैन से नहीं बैठने देंगे। हमारा संघर्ष आखिरी सांस तक जारी रहेगा।
अब देखना है कि 174 की करवाई को लेकर लगातार बढ़ रहा जन असंतोष सरकार  को इस मामले में किसी नए कदम के लिए तैयार कर पाता है या नहीं?

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