Monday, November 03, 2014

बिजली निगम की ज़मीन बेचने के विरोध में रोष रैली

Mon, Nov 3, 2014 at 5:39 PM
इंजीनियर्स व इम्पलाइज को-आर्डिनेशन कमेटी ने किया प्रदर्शन 
लुधियाना: 3 नवंबर 2014: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):
पीएसपीसीएल के इंजीनियर्स व इम्पलाइज को-आर्डिनेशन कमेटी ने स्थानीय फिरोज़पुर रोड स्थित मुख्य चीफ इंजीनियर के कार्यालय में पंजाब सरकार व बिजली निगम मैनजमेंट द्वारा किए जा रहे डाउन टाउनशिप प्लान के अंतर्गत ग्लाडा को बेची जा रही बिजली बोर्ड की ज़मीन के विरोध में रैली -प्रदर्शन करते हुए प्रवक्ताओं ने कहा कि बिजली निगम की करोड़ों रुपयों की ज़मीन को बेचने के लिए एड़ी चोटी  का ज़ोर लगाया जा रहा है। उक्त ज़मीन के बिक जाने से जहाँ विभाग के कर्मचारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा वहीं आम उपभोक्ता भी परेशानियों का सामना करने के लिए विवश होंगे। उन्होंने कहा कि कथित लुधियाना डाउनटाउन फिरोज़पुर मुख्य मार्ग पर 100 एकड़ ज़मीन जो बहुत उपयोगी और कीमती है,को बेचा जा रहा है। उन्होंने उपमुख्यमंत्री स.सुखबीर सिंह बादल पर आरोप लगाते  हुए कहा कि वह इस ज़मीन को कब्ज़े में लेकर यहाँ मॉल,शॉपिंग काम्पलैक्स,मनोरंजन वाले पार्क आदि बना कर नहर की सुंदरता में इज़ाफ़ा करना चाहते हैं। प्रवक्ताओं के अनुसार इस योजना के पीछे और  भी कई बड़े स्वार्थ हैं,जिनकी पूर्ती के लिए लुधियाना डाउन टाउन बनाने का ढिंढोरा पीटा जा रहा है। उहोने कहा कि लुधियाना में कोई डाउन टाउन नहीं बनेगा यह हमारा दृढ विश्वास है,यह सिर्फ करोड़ों की बिजली निगम की ज़मीन हड़पने की तैयारी है। उन्होंने कहा कि पूरे सौ एकड़ की योजना में से पहले 32 एकड़ जमीन पर कब्ज़ा करने की जल्दी और इस वक्त चल रही है। इस योजना का मुक़्क़मल मास्टर प्लान, नक्शा,खर्च क्या है? इस पर खर्च होने वाले खर्चे की पूर्ती किस तरफ होगी इसके विषय में ग्लाडा की तरफ से अभी तक कोई हिसाब का विवरण तैयार नहीं किया गया है। इस ज़मीन के बिक जाने से बिजली निगम का आर्धिक नुकसान तो होगा ही,उसके साथ साथ उपभोक्ताओं व मुलाजिमों के हित भी प्रभावित्त होंगे। प्रवक्ताओं ने आशंका जताते हुए कहा कि यदि पंजाब सरकार,बिजली निगम की मैनेजमेंट और ग्लाडा के इस पहले हमले को नहीं रोका गया तो 32 एकड़ के बाद 100 एकड़ ज़मीन भाव और 68 एकड़ जो इसी इलाके में आम लोगों की है, को भी धक्केशाही से हथियाने की कोशिश की जाएगी। इस अवसर पर अनेकों बिजली विभाग के कर्मचारी शामिल थे।  

No comments: