Fri, Jul 25, 2014 at 10:05 PM
प्रमुख डेरा संचालकों का नाम भी लिया
यदि लुधियाना में हुक्का बार बंद हो सकते है तो पीरों के डेरे पर चलने वाले नशे कोन रोकेगा - बेलन ब्रिगेड
लुधियाना; 25 जुलाई 2014: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):
लुधियाना जिले में पीर बाबों की मजारे घरों में व सडक़ों पर बन चुकी है इन मजारों के कर्ताधर्ता जैसे कि बाबा सारी-सारी रात सिगरेटों के कश खींच -खींच कर लोगों की समस्या हल करने का दावा करते है। कुछ ही वर्षो में नये नये पीर बाबे शहर में प्रगट हो चुके है जो अपने ही घरो में पीर की फोटो के आगे तेल का दीया जला कर लोगों को उनके कष्टों से छुटकारा दिलाने के नाम पर लाखों रूपए इकठे करके अपना आलीशान जीवन जी रहे है। बेलन ब्रिगेड की प्रधान आर्किटेक्ट अनीता शर्मा ने एक सवाल नगर निगम कमिशनर व डिप्टी कमिशनर से किया है कि क्या उन्हें इन पीर बाबो के कारनामे की खबर नही है या उन्हें डर लगता है कि पीर बाबा उन पर कोई जादू करके उनका कुछ बुरा न कर दे ! आज नौजवान पीढ़ी इन पीरों फकीरों के डेरों पर जाकर सारी -सारी रात नशा करते है खुद बाबा सिगरेट पर सिगरेट जला कर मस्ती मारता है और सिर हिला हिला कर लोगो के दुखड़े दुर करने के लिए उन्हें उपाय बताता है यदि पीर बाबा में सिगरेट पीने के बिना कोई शक्ति नही आती तो यह किस बात के बाबे है जो लोगो के दु:ख दर्द दूर करने का ढोंग करते है। पीर बाबा की मस्ती व् उसकी शानो शौकत को देख कर नासमझ नौजवान इन डेरों पर बैठ कर हर तरह का नशा करने लगते है गौर तलब कि इन पीरो के डेरे पर कोई पुलिस का छापा नहीं पड़ता और उन्हें कोई पूछने वाला नहीं है। पीर बाबे साल में कई रौनक वाले मेले व महफिले लगा कर लोगों का हजूम इक्क्ठा करते है एक महफि़ल पर 5-6 लाख रूपए पीर बाबा साहेब खर्च कर डालते है। कूछ पीर बाबा जमीनों के सौदे व अन्य कारोबार में अपना पैसा लगा कर मोटी कमाई कर रहे है बयाज पर पैसे लेन देन का धन्धा भी इन पीर बाबा के भक्तों के आम चलता है। इन्ही पैसों के लेन देन की कमीशन से पीर बाबा हर महीने प्रोग्रम करते है।
नशा करने वाले चोर , उच्चके, बदमाश , डाकू, लुटेरे, चैन स्नैचर,धड़ा सुट्टा लगाने वाले व् ड्राईवर आदि इन पीर बाबा के डेरे पर आकर बिना रोक टोक नशा करते है इस लिए यह पीर बाबा के डेरे आज गलत लोग की शरणस्थळी बन चुके है। इन सभी पीर बाबा इनके मालिक प्रबंधक व सेवकों के मेडीकल टैस्ट करवाए जाए कि कौन -कौन सा नशा लेते है और इनके पास यह नशा कहा से आता है। इनके डेरो पर सरकार सी सी टी वी कैमरे लगाए और नशा करने वाले सिगरेट पीने वाले नशेड़ी लोगो को शक्ति से पेश आए। शहर की पीरखाने, मजारों की जांच की जाए कि यह सरकारी जमीन पर कब्जे वाली जगह पर बनी है य नहीं, क्योंकि धर्म की आड़ में अक्सर लोग सरकारी जमीन पर कब्ज़ा कर लेते है यदि पीर बाबा सिगरेट के चार कश खींच कर लोगो के दिल की बात जान लेता है तो बाबा को अपने मेलो की जगह जगह बोर्ड लगा कर एडवरटाइस करने की क्या जरूरत है बाबा आठ -दस सिगरेट नशे के कश खींचे और भीड़ को बिना एडवरटाइस के बुला ले। यदि सरकार किसी खुफिया एजेंसी से जांच करवाए कि जेलों में बन्द डाकू लुटेरे, चैनस्नेचर बेईमान लोग सभी किसी न किसी पीर बाबे के भक्त होंगे और तब इन पीर बाबो की असलियत खुद व खुद सामने आ जाऐंगी कि यह नशा करने वाले पीर किन के गुरू है ? कमिशनर साहिब यदि प्रसारण शहर में हुक्का बार बन्द करवा सकता है तो पीरो के डेरो पर चलने वाला नशा सिगरेटों का धुआ बन्द करवाना क्या प्रशासन का काम नही है।
प्रमुख डेरा संचालकों का नाम भी लिया
यदि लुधियाना में हुक्का बार बंद हो सकते है तो पीरों के डेरे पर चलने वाले नशे कोन रोकेगा - बेलन ब्रिगेड
लुधियाना; 25 जुलाई 2014: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):
लुधियाना जिले में पीर बाबों की मजारे घरों में व सडक़ों पर बन चुकी है इन मजारों के कर्ताधर्ता जैसे कि बाबा सारी-सारी रात सिगरेटों के कश खींच -खींच कर लोगों की समस्या हल करने का दावा करते है। कुछ ही वर्षो में नये नये पीर बाबे शहर में प्रगट हो चुके है जो अपने ही घरो में पीर की फोटो के आगे तेल का दीया जला कर लोगों को उनके कष्टों से छुटकारा दिलाने के नाम पर लाखों रूपए इकठे करके अपना आलीशान जीवन जी रहे है। बेलन ब्रिगेड की प्रधान आर्किटेक्ट अनीता शर्मा ने एक सवाल नगर निगम कमिशनर व डिप्टी कमिशनर से किया है कि क्या उन्हें इन पीर बाबो के कारनामे की खबर नही है या उन्हें डर लगता है कि पीर बाबा उन पर कोई जादू करके उनका कुछ बुरा न कर दे ! आज नौजवान पीढ़ी इन पीरों फकीरों के डेरों पर जाकर सारी -सारी रात नशा करते है खुद बाबा सिगरेट पर सिगरेट जला कर मस्ती मारता है और सिर हिला हिला कर लोगो के दुखड़े दुर करने के लिए उन्हें उपाय बताता है यदि पीर बाबा में सिगरेट पीने के बिना कोई शक्ति नही आती तो यह किस बात के बाबे है जो लोगो के दु:ख दर्द दूर करने का ढोंग करते है। पीर बाबा की मस्ती व् उसकी शानो शौकत को देख कर नासमझ नौजवान इन डेरों पर बैठ कर हर तरह का नशा करने लगते है गौर तलब कि इन पीरो के डेरे पर कोई पुलिस का छापा नहीं पड़ता और उन्हें कोई पूछने वाला नहीं है। पीर बाबे साल में कई रौनक वाले मेले व महफिले लगा कर लोगों का हजूम इक्क्ठा करते है एक महफि़ल पर 5-6 लाख रूपए पीर बाबा साहेब खर्च कर डालते है। कूछ पीर बाबा जमीनों के सौदे व अन्य कारोबार में अपना पैसा लगा कर मोटी कमाई कर रहे है बयाज पर पैसे लेन देन का धन्धा भी इन पीर बाबा के भक्तों के आम चलता है। इन्ही पैसों के लेन देन की कमीशन से पीर बाबा हर महीने प्रोग्रम करते है।
नशा करने वाले चोर , उच्चके, बदमाश , डाकू, लुटेरे, चैन स्नैचर,धड़ा सुट्टा लगाने वाले व् ड्राईवर आदि इन पीर बाबा के डेरे पर आकर बिना रोक टोक नशा करते है इस लिए यह पीर बाबा के डेरे आज गलत लोग की शरणस्थळी बन चुके है। इन सभी पीर बाबा इनके मालिक प्रबंधक व सेवकों के मेडीकल टैस्ट करवाए जाए कि कौन -कौन सा नशा लेते है और इनके पास यह नशा कहा से आता है। इनके डेरो पर सरकार सी सी टी वी कैमरे लगाए और नशा करने वाले सिगरेट पीने वाले नशेड़ी लोगो को शक्ति से पेश आए। शहर की पीरखाने, मजारों की जांच की जाए कि यह सरकारी जमीन पर कब्जे वाली जगह पर बनी है य नहीं, क्योंकि धर्म की आड़ में अक्सर लोग सरकारी जमीन पर कब्ज़ा कर लेते है यदि पीर बाबा सिगरेट के चार कश खींच कर लोगो के दिल की बात जान लेता है तो बाबा को अपने मेलो की जगह जगह बोर्ड लगा कर एडवरटाइस करने की क्या जरूरत है बाबा आठ -दस सिगरेट नशे के कश खींचे और भीड़ को बिना एडवरटाइस के बुला ले। यदि सरकार किसी खुफिया एजेंसी से जांच करवाए कि जेलों में बन्द डाकू लुटेरे, चैनस्नेचर बेईमान लोग सभी किसी न किसी पीर बाबे के भक्त होंगे और तब इन पीर बाबो की असलियत खुद व खुद सामने आ जाऐंगी कि यह नशा करने वाले पीर किन के गुरू है ? कमिशनर साहिब यदि प्रसारण शहर में हुक्का बार बन्द करवा सकता है तो पीरो के डेरो पर चलने वाला नशा सिगरेटों का धुआ बन्द करवाना क्या प्रशासन का काम नही है।
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