10-जुलाई-2014 20:12 IST
गरीबों और दलितों के लिए आशा की नई किरण
प्रधानमंत्री ने केंद्रीय बजट के बारे में बताया कि “यह बजट लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को विश्वास में बदलने वाला; गरीबों और दलितों के लिए आशा की नई किरण है”
“बजट से जन भागीदारी तथा जनशक्ति
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने केंद्रीय बजट के बारे में बताया कि यह बजट लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को विश्वास में बदलने वाला है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह बजट भारत के लिए प्रगति की नई उंचाइयों को छूने वाला तथा समाज के गरीब तथा दलितों के लिए आशा की नई किरण लेकर आया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली को उनके प्रथम बजट पर बधाई देते हुए प्रधान मंत्री ने कहा कि बजट से जन भागीदारी तथा जनशक्ति को प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने बजट को में नवीनतम प्रौद्योगिकी को अपनाते तथा मार्गदर्शन लेते हुए भारत को कुशल तथा डिजीटल बनाने का प्रयास बताया।
उन्होंने कहा कि कि मरणासन्न अर्थव्यवस्था के लिए, यह बजट संजीवनी (नया जीवन) के रूप में तथा पंक्ति में खड़े हुए आखिरी व्यक्ति के लिए यह अरूणोदय का संकेत लेकर आया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास व्यापक (समावेशक, सार्वदेशक, सर्वस्पर्शी) होना चाहिए तथा देश के उन भागों तक भी इसकी पहुंच होनी चाहिए जो कि अभी तक अविकसित रहे हैं।
वि.कासोटिया/वाईआर/एसएनटी-2339
गरीबों और दलितों के लिए आशा की नई किरण
प्रधानमंत्री ने केंद्रीय बजट के बारे में बताया कि “यह बजट लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को विश्वास में बदलने वाला; गरीबों और दलितों के लिए आशा की नई किरण है”
“बजट से जन भागीदारी तथा जनशक्ति
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने केंद्रीय बजट के बारे में बताया कि यह बजट लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को विश्वास में बदलने वाला है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह बजट भारत के लिए प्रगति की नई उंचाइयों को छूने वाला तथा समाज के गरीब तथा दलितों के लिए आशा की नई किरण लेकर आया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली को उनके प्रथम बजट पर बधाई देते हुए प्रधान मंत्री ने कहा कि बजट से जन भागीदारी तथा जनशक्ति को प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने बजट को में नवीनतम प्रौद्योगिकी को अपनाते तथा मार्गदर्शन लेते हुए भारत को कुशल तथा डिजीटल बनाने का प्रयास बताया।
उन्होंने कहा कि कि मरणासन्न अर्थव्यवस्था के लिए, यह बजट संजीवनी (नया जीवन) के रूप में तथा पंक्ति में खड़े हुए आखिरी व्यक्ति के लिए यह अरूणोदय का संकेत लेकर आया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास व्यापक (समावेशक, सार्वदेशक, सर्वस्पर्शी) होना चाहिए तथा देश के उन भागों तक भी इसकी पहुंच होनी चाहिए जो कि अभी तक अविकसित रहे हैं।
वि.कासोटिया/वाईआर/एसएनटी-2339
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