Tuesday, May 13, 2014

महिला: एमए बीएड पढ़कर भी होना पड़ा अत्याचार का शिकार

सात माह के बच्चे सहित पहुंची पुलिस कमिश्नर से मिलने
पुलिस कमिश्नर कार्यालय के सामने मीडिया को  सुनाई अपनी दास्तान
लुधियाना: 12 मई 2014:  (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो): 
आधुनिक युग में केवल अनपढ़ या देहात की महिलाएं  ही नहीं बलकि पढ़ीलिखीं महिलायें भी खुद को पुरुष वर्ग की नाइंसाफी का शिकार हो रही बता रही हैं। परविंदर कौर  नाम की विवाहिता ने आज यहां पुलिस कमिश्नर कार्यालय के परिसर में  बताया  एम ए बीएड तक पढ़ीं लिखी होने और घर क सार खर्च चलाने की बावजूद वह अपने पति के अत्याचारों का शिकार है। अपने सात माह के बच्चे को गोद में उठाये वह बरसात में इंसाफ  की मांग कर रही थी।
उसने बताया कि उसके पिता ने न केवल हैसियत से बढ़ कर  दहेज दिया बल्कि पति की माँग पर सात लाख   रुपयों की लागत से मकान भी बना कर दिया।  इस बावजूद पति ने उसे वहशियाना अत्याचार क शिकार बनाया। उसने कहा कि उसके पति ने उसे  घर से निकाल वहां अन्य महिलाओं  के साथ भी संबंद्ध बना रखे हैँ। इस अवसर पर उसके पिता रणजीत सिंह और मां ने भी अपनी बेटी का पक्ष लिया।
 दूसरी तरफ परविंदर कौर के ससुर भजन सिंह ने इन सभी आरोपों को झुठलाया और साथ ही इस बात की पुष्टि भी की कि पति-पत्नी दोनों  के दरम्यान कुछ  झगड़ा चल रह है और उनकी बहु 15-20  दिनों से  अपने मायके में ही रह रही है। मकान के संबंध में उन्होंने कहा कि वह कई बार कह चुके हैं कि वह मकान हम कई बार बहु कि मायके वालों को वापिस लेने के लिये कह चुके हैं। 

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