वोट जनता का है, लाभ कॉरपोरेट का
कामरेड मिश्रा |
नरेंद्र मोदी |
संघ-बीजेपी कर रही है- 'हर-हर मोदी। क्या मतलब है - हर-हर मोदी का? क्या यह हिंदू-राष्ट्र का उद्घोष है? यदि हां, तो हर चुनाव के बाद हिंदू-राष्ट्र का उद्घोष क्यों बदलता है? क्या मतलब है - 'जय श्री राम के बाद 'हर-हर मोदी का? क्या इसका मतलबmodi1.jpg निकाला जाय? पहले इस प्रकार के नारे को इतना बुलंद किया जाए कि विवाद पैदा हो जाए। जब विवाद पैदा होने लगे, तो इसे रोकने का स्वांग रचा जाए। हो सकता है - यह नारा 'जय श्री राम की तरह बंद भी हो जाए। मगर जो निष्ठा से युक्त नारा गढ़ा गया, लगाया गया और संपूर्ण देश में फैलाया गया, उसके मतलब और मकसद तो समझ में देशवासियों को आना चाहिए। देश को 'जय श्री राम का नारा और निष्ठा का मतलब समझ में आ चुका है। अब इस नए नारे और नए नजारे को समझने की जरूरत है।
संघ का बीजेपीकरण और बीजेपी का मोदीकरण पूर्णत: हो चुका है। आडवाणी युग का सूरज डूब चुका है। जसवंत सिंह, हिरेन पाठक, लालजी टंडन, लालमुनि चौबे, जैसे आडवाणी कैंप के समर्थकों के टिकट काटे जा चुके हैं। सुषमा स्वराज दुखी हैं। मुरली मनोहर जोशी और कलराज मिश्र का तबादला किया गया। तबादला किया गया या यों कहें कि पुराने फर्नीचरों को इधर से उधर करके अजस्ट किया गया। अजस्टमेंट की इस सूची से जसवंत सिंह बाहर हो गए और मीडिया के सामने अपने आंसू रोक नहीं सके। आखिर इनलोगों के लिए क्यों आंसू भरी हो गर्इ बीजेपी की राहें ... ? किसी जमाने में कल्याण सिंह, उमा भारती आदि पिछड़े वर्ग के नेताओं के लिए आंसू भरी थी बीजेपी की राहें...। उस जमाने में फॉरवर्ड की पार्टी थी- बीजेपी। अब बीजेपी का मोदीकरण के साथ मंडलीकरण हो गया है। जाहिर है कि मंडल-कमंडल की राजनीति पर मंडल पहले भी भारी पड़ा था। मगर ऐसा किसी ने नहीं सोचा था कि कमंडल का ही मंडलीकरण हो जाएगा।
Raj Birda Choudhary का कमेंट |
(posted on FB on Monday March 24, 2014 at 08:23 PM)
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