Tuesday, March 04, 2014

रेत आंदोलन ने बहाल किया लाल झंडे का पुराना जलवा

प्रशासन आंदोलनकारियों को थकाकर हराने की चाल में 
लुधियाना: 3 मार्च 2014: (रेकटर कथूरिया//कैमरा-हरजस//पंजाब स्क्रीन):
सीटू का रेत आंदोलन रंग दिखा रहा है। जहाँ सियासतदानों के वास्तविक चेहरे सामने आ रहे हैं वहीँ प्रशासन का टालमटोल भरा ढिलमुल रवैया भी बेनकाब हो रहा है। इसके साथ ही लोगों के सामने आ रही है हकीकत कि प्रशासन और सत्ता दल के लोग आँदोलनों को खेल समझते हैं और उन्हें लोगों को बार बार वायदों  उलझा कर तर्कणा और थकना अच्छी तरह आता है। महंगी रेत को मुख्य एजेंडा बनाकर आंदोलन चला रही संघर्ष समिति ने सोमवार को भी रोष प्रदर्शन किया। शहर के पक्खोवाल रोड की नहर वाली पुली के पास लोक पंचायत भी आयोजित की। इस यादगारी और गंभीर आयोजन करीब डेढ़-दो घंटे बाद वहां से विभिन्न संगठनों व शहर के कई एनजीओ के हजारों वर्करों-मेंबरों ने कूच किया और चलते चलते जा पहुंचे नजदीक ही स्थित केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी के घर। वहाँ उनके निवास को घेर लिया गया। जोशीली नारेबाज़ी से माहौल में गर्मी आ गई। इन प्रदर्शनकरियों में पुरुष भी थे महिलाएं भी---बच्चे भी थे---जवान भी और बज़ुरग लोग भी। लगता था इन सब ने अब थान लिया है कि हमें कुछ करना है---या मरना है। सर पर कफ़न बाँध कर निकले इन आंदोलनकारियों में बहुत दम था। लाल झंडे और इसके महान मकसद की पवित्र भावना को अपने मनों में जगाकर ये लोग बहुत जोश से चल रहे थे। इनके चेहरों पर जो चमक थी वह नशे खिला-पिला कर और पैसे देकर लाई भीड़ के किसी एक चेहरे पर भी नहीं होती।  
इसके बाद वहां से रोष मार्च निकालते हुए ये प्रदर्शनकारी गिरफ्तारी देने के  लिए जा पहुंचे मिनी सेक्रेटेरिएट लेकिन इस बार भी पुलिस-प्रशासन ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया। साफ ज़ाहिर है कि गिरफ्तारी होती तो ये संगठन हीरो बन जाते और सरकार की किरकिरी होती। यह सब चुनावी मौसम में सत्ता पक्ष के लिए किसी भी तरह अच्छा नहीं होता। यह सब देख कर रोष में आए कुछ प्रदर्शनकारी समिति प्रमुख पूर्व विधायक कॉ.तरसेम जोधा की अगुवाई में डिप्टी कमिश्नर रजत अग्रवाल के दफ्तर के सामने जाकर नारेबाजी कर जोर शोर से गिरफ्तारी की मांग करने लगे। माहौल गरमाता देख कर डीसी की गैर-मौजूदगी के चलते जिला रेवेन्यू अफसर (डीआरओ) मुकेश कुमार उनसे मिलने पहुंचे। फिर 11 मेंबरी प्रतिनिधिमंडल को बातचीत के लिए बुलाया। जिसमें प्रशासन ने वायदा किया कि रेत खड्ढों की नीलामी के मुद्दे पर मंगलवार 4 मार्च को सुबह दस बजे जिला माइनिंग अफसर महेश खन्ना उनसे मीटिंग करेंगे। प्रदर्शन में सीटू नेता जतिंदरपाल सिंह, अमरनाथ कूमकलां, दलजीत कुमार गोरा, प्रकाश सिंह हिस्सोवाल, एनजीओ से कीमती रावल व अनीता शर्मा के अलावा छिंदर सिंह, चरनजीत सिंह, हनुमान प्रसाद, सुबेग सिंह, विनोद तिवारी, मान सिंह, परविंदर कुमार, प्रीतम सिंह की खास मौजूदगी रही। कामरेड तरसेम जोधां अपना जुझारू अंदाज़ लेकर एक बार फिर सुर्ख़ियों में हैं। 
मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी से संबद्ध श्रमिक संगठन सीटू के सदस्यों ने सोमवार को रैली निकाल सांसद मनीष तिवारी के आवास से ले कर  मिनी सचिवालय स्थित डीसी दफ्तर के बाहर रोष प्रदर्शन किया तो पूरा इलाका लाल झंडा से लालो-लाल था। । 1रैली में प्रधान तरसेम जोधा ने सरकार की लोक विरोधी नीति के खिलाफ बोलते हुए कहा कि सरकार गरीब जनता के साथ अन्याय कर रही है। महंगाई चरम पर है। युवकों को नौकरी नहीं मिल पा रही। प्रदेश में 3 लाख भट्ठा मजदूर और 12 लाख लोग बेरोजगार युवक है जो नौकरी के लिए दर-दर भटक रहे हैं। किसानों और खेत मजदूरों की मांगें पूरी नहीं होने से वे परेशान हैं। उन्होंने कहा राज्य सरकार ड्रग माफिया को शह दे रही है और प्रदेश में राशन से ज्यादा रेत का दाम हो गया है। इस कारण लोगों ने पक्के मकान बनाना छोड़ दिया है। फैक्टियों में श्रमिकों का शोषण हो रहा है और उन्हें उनका हक नहीं मिल रहा है। केंद्र सरकार ने रसोई गैस का दाम आसमान पहुंचा दिया है, जिससे लोग मुश्किल में है। उन्होंने कहा कि उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो 20 फरवरी को हजारों लोग गिरफ्तारी देने के लिए आएंगे।
इस सबका क्या परिणाम निकलता है यह तो सबके सामने आना ही है लेकिन एक बार लाल झंडे का वही पुराना जलवा फिर से बहाल होता नज़र आ रहा है। 

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