Monday, February 17, 2014

मुक्त कराये गए बंधुया मज़दूरों ने सुनाई अपनी दर्द भरी दास्तान

हम अपनी हालत को खुद ही बदलेंगे--सोनी सोरी          --Himanshu Kumar
पंजाब में से छुड़वाए गए बन्धुया मज़दूर कपूरथला के एक भठ्ठे में थे। हिमांशु कुमार बताते हैं कि छत्तीसगढ़ के इन अस्सी दलित परिवारों को पंजाब के कपूरथला जिले में ईंट भट्टा मालिक ने बंधुआ बना कर रखा हुआ था। परिवार के एक सदस्य को ही एक बार में भट्टे से बाहर जाने की इजाजत थी। 
इन्हें नहीं पता कि इनके प्रदेश छत्तीसगढ़ में रोज़गार गारंटी नाम की कोई योजना भी चलती है।

इन दलित परिवारों को आज़ाद करा कर छत्तीसगढ़ वापिस भेजा जा रहा है।  जहाँ उम्मीद है इनका पुनर्वास नहीं किया जाएगा।

जैसे पहले वाले मजदूरों का नहीं किया गया।

आज सोनी सोरी ने इन मजदूर परिवारों से बात चीत करी।

सोनी ने इन से कहा कि आखिर आजादी के इतने सालों के बाद भी आदिवासी और दलितों की ये हालत क्यों है।

क्या आज़ादी हमारे लिए नहीं आयी थी ?

सोनी ने कहा मैं वापिस छत्तीसगढ़ लौट रही हूँ हम सब अब अपनी लड़ाई छत्तीसगढ़ में ही मिल कर लड़ेंगे और अपनी हालत को खुद ही बदलेंगे। 


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