Monday, February 10, 2014

पेगुइन बुक इंडिया ने तत्काल प्रभाव से अपनी पुस्तक वापिस ली

Mon, Feb 10, 2014 at 8:46 PM 
पुस्तक में काफी कुछ ऐतराज़-योग्य होने का आरोप 
नई दिल्ली: 10 फरवरी 2014: (राजीव गुप्ता//पंजाब स्क्रीन):
आज दिनांक 10 फरवरी 2014 को श्री दीनानाथ बत्रा तथा अन्य और पेगुइन पब्लिसर्स के मध्य में सिविल सूट नं. 360/2011 के मध्य अनुबंध हुआ है जिसमें:-
      पेगुइन बुक इंडिया प्राईवेट लिमिटेड ने तत्काल प्रभाव से हिन्दुत्व तथा वैकल्पिक इतिहास की पुस्तक को तत्काल वापस ले लिया है तथा उसके द्वारा अपने खर्च पर सम्पूर्ण पुस्तकें देश से एकत्रित करा ली जाएगी और उनको नष्ट कर दिया जाएगा.
·         यह पुस्तक पुनः से प्रकाशित नहीं होगी.
·         पुस्तक में हिन्दु देवी-देवताओं का अपमान, क्रान्तिकारियों तथा इतिहास को विकृत रूप से प्रस्तुत करने के परिणामस्वरूप यह मुकदमा अतिरिक्त जिला न्यायाधीश साकेत की अदालत में केस दर्ज किया गया था.

आपत्तिजनक अंश जैसे:-

     गांधी जी एक विचित्र व्यक्ति थे जो छोटी-छोटी लड़कियों के साथ सोते थे - पृष्ठ-625
     स्वामी विवेकानन्द ने लोगों को गोमांस भक्षण का सुझाव दिया- पृष्ठ-639
     लक्ष्मीबाई अंग्रेजों के प्रति निष्ठावान थी- पृष्ठ-586
     हिन्दुओं का कोई मूलग्रन्थ नहीं है- पृष्ठ-25
     सीता लक्ष्मण पर आरोप लगाती है कि लक्ष्मण की उनके प्रति कामभावना है - पृष्ठ-14

शिक्षा बचाओ आन्दोलन के मीडिया प्रभारी राजीव गुप्ता ने बताया कि पेगुइन बुक इंडिया प्राईवेट लिमिटेड की ओर से कहा गया कि हम सब धर्मों का सम्मान करते है. अतः वें इस पुस्तक को वापस ले रहे है. अब यह पुस्तक न आगे से छापी जाएगी और बची हुई पुस्तकों को बेचा नहीं जाएगा. यह अनुबंध श्री बलबंत राय बंसल ए.डी. जे कोर्ट नं. 615 के न्यायालय में प्रस्तुत किया गया. माननीय न्यायधीश ने इसे स्वीकृति प्रदान की. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता श्रीमती मोनिका अरोड़ा उपस्थित रही.
 पेगुइन बुक इंडिया ने तत्काल प्रभाव से अपनी पुस्तक वापिस ली 



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