Friday, January 31, 2014

पाकिस्तान में जारी है हिन्दू लड़कियों का अपहरण और धर्मांतरण

अभी भी मदरसे में है अपह्रत पूजा-परिवार को नहीं मिला इन्साफ 
सिंध पाकिस्तान में पूजा का अपहरण--जबरदस्ती मुस्लिम भी बनाया 
हथियारों के बल पर कबूल कराया इस्लाम
लुधियाना: 30 जनवरी 2014 (रेकटर कथूरिया): कभी जनाब साहिर लुधियानवी साहिब ने लिखा था,
यह फोटो:तरुण भारत से साभार 
सिंध (पाकिस्तान) में
धर्मांतरण की नयी शिकार पूजा 
पर वोह जंग का माहौल था और वोह हालात भी जंग का ही अंजाम थे लेकिन आज हम जिस युग में रह रहे हैं उसमें विकास के दावे होते हैं दोस्ती की बातें होती हैं--और लगता है जैसे आज का इंसान देवता बन गया है लेकिन वास्तविकता यह है कि आज रोटी की जंग ने भाई को इतना बेबस कर दिया है कि उसकी बहन को दिन दहाड़े उठा लिया जाता है। सिंध पाकिस्तान में हिन्दू परिवारों के साथ यह एक आम सी बात हो गयी है।   मार्च 2012 में पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि सिंध में हर महीने करीब 20 से 25 लड़कियों का जबरदस्ती धर्म परिवर्तन किया जा रहा है। इस तरह के मामलों में वहाँ तो क्या होना था यहाँ भी कुछ नहीं होता। हिन्दोस्तान के मीडिया या यहाँ के हिन्दू संगठन इस पर अखबारी बयान भी नहीं देते। समाज की मुजरिमाना ख़ामोशी के कारण इस तरह के मामलों में लगातार बढ़ोतरी जारी है। ही में 17 जनवरी 2014 के दिन पूजा नाम की एक लड़की को उसकी शादी के केवल दो दिन पूर्व भरे बाज़ार में से उस समय उठा लिया गया जब वह अपनी शादी के कपड़े सिलवाने एक बुटिक में जा रही थी। 
आयोग ने संवाददाताओं को बताया था कि ऐसा करने वाले समाज विरोधी तत्व कानून में खामी का फायदा भी उठा रहे हैं। इसके साथ ही आयोग ने अधिकारियों से अपील भी की थी कि वे इस ओर फौरी तौर पर ध्यान दें। आयोग की तरफ से अमरनाथ मोतूमेल ने बहुत ही स्प्ष्ट शब्दों में कहा था कि यह धर्म परिवर्तन पिछले 20 महीनों में हुए हैं। इसमें नाबालिग लड़कियों से लेकर विवाहित महिलाएं तक शामिल हैं। 
आयोग ने उन दिनों घटित हुए रिंकल कुमारी के एक बहु चर्चित मामले का हवाला भी दिया था।
उन दिनों 18 वर्षीय रिंकल कुमारी के जबरदस्ती धर्म परिर्वतन का मामला उजागर होने के बाद यह मुद्दा सामने आया था। रिंकल के परिवर का भी यही कहना था कि उसे अगवा किया गया और फिर उसका जबरदस्ती धर्म परिर्वतन किया गया।
इस सारे शोर शराबे के बावजूद न तो  हुआ और न ही यहाँ कुछ हलचल हुयी। 
पूजा की मां और भाई दलीप 
 लगता है कि लड़कियों के लिए यह ज़मीन लगातार तंग होती जा रही है। उन पर हर रोज़ कहीं न कहीं कहर टूटता है। जिस तरह फरीदकोट में श्रुति को दिन दिहाड़े उठाया जाता है, अमृतसर में बेटी की इज़त  बचाने आए एएसआई को  दिनदिहाड़े गोली मार दी जाती है।  दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता जैसे शहरों में किसी भी लड़की को उठाना एक आम सी बात हो गयी है उसी तरह गुंडागर्दी का यह शर्मनाक नाच वहाँ सिंध पाकिस्तान में भी हो रहा है। वहाँ लड़की को उठाकर सबसे पहले उसका मज़हब तब्दील किया जाता है और उसके बाद उसका निकाह पढ़ा दिया जाता है। नया मामला पूजा का है।  वहाँ बाज़ार से एक हिन्दू लड़की पूजा को हथियारों के ज़ोर पर उठा लिया गया और पास ही के एक मदरसे में ले जाकर उसे मुसलमान बना दिया गया। न तो वहाँ की पुलिस ने इस गंभीरता से लिए और न ही वहाँ के मीडिया ने। पूजा के बेहाल और बेबस परिवार की  निगाहें अभी भी अंतर्राष्ट्रीय मीडिया की तरफ आशा भरी नज़रों से देख रही हैं।  दो सप्ताह गुज़र जाने के बाद भी पूजा अभी तक आज़ाद नहीं हो सकी। उसे मदरसे के होस्टल में रख कर दीनी तालीम दी जा रही है। सिंध (पाकिस्तान) से आई यह खबर बहुत उदास करने वाली है। 
यह तस्वीर तरुण भारत से साभार 
उम्र केवल  16 बरस।  नाम पूजा। कसूर हिन्दू होने के बावजूद पाकिस्तान में रहना और वह भी लड़की हो कर। गौरतलब है कि जिस दिन पूजा अपनी शादी के कपड़े सिलवाने एक boutique  में महिला दर्जी के पास जा रही थी उस दिन उसे रास्ते में ही अगवा कर लिया गया और जबरदस्ती कराची में बनौरी टाऊन के एक मदरसे में ले जाकर उसे मुस्लिम बना दिया गया।  परिवार ने संघर Sanghar थाने में एफआईआर लिखवाई तो पुलिस ने थोड़ी सी कागज़ी खानापूरी  ज़रूर की पर उसके बाद कुछ भी नहीं। घटना 17 जनवरी 2014 की थी। कई दिनों की इंतज़ार के बाद भी  जब  परिवार ने देखा  कि पुलिस की तरफ से कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा तो उन्होंने मामला मीडिया के पास उठाया। शुक्रवार 24 जनवरी 2014 को पाकिस्तान हिन्दू वेलफेयर पंचायत, MNA (नवाज़ लीग) के भवन दास, हिन्दू पंचायत मीरपुरखास, के प्रधान लछमन दास, हिन्दू पंचायत संघर के प्रधान हीरा लाल और लड़की के भाई दिलीप कुमार ने मिल कर यह सारा मामला प्रेस कल्ब मीरपुरखास  में मीडिया के सामने रखा।  आरोपी का नाम गौहर यूसफ जाई है जिसने  हथियारों की नोक पर पूजा का अपहरण किया। अभी तक वहाँ इस मामले में जूं तक नहीं सरकी। वह मुल्क तो चलो हिन्दू परिवारों को बेगाना लगने लगा है लेकिन जिसे वह अपना समझते थे वहां भी कुछ ऐसा नहीं हुआ जिससे उन्हें लगे कि हाँ हमारा भी कोई है। 
इस अपहरण और धर्मांतरण के बाद यूसफ ने आनन फानन में कानून की नज़र में धुल झौंकने के लिए ज़िला शिक्षा अधिकारी संघड़ से पूजा का झूठा जन्म प्रमाणपत्र भी ले  लिया जिसमें पूजा को 18 वर्ष कि दिखाया गया। इस प्रमाणपत्र के हाथ आ जाने के बाद तो यूसफ के हौंसले और  भी बुलंद हो गए हैं। 
आज समाज में छपी एक खबर की कतरन साभार 
लड़की के भाई दिलीप और परिवार के अन्य सदस्यों ने पाकिस्तान के परधानमंत्री, चीफ जस्टिस और अन्य उच्च अधिकारीयों को इस सरे मामले की जानकारी भेज कर इन्साफ की गुहार  लगाई है। परिवार ने मांग की है कि आरोपी को तुरंत गिरफ्तार किया जाये और पूजा को आज़ाद करवा के परिवार के पास वापिस भेजा जाये। लेकिन अभी तक वहाँ कागज़ी खानापूरी के बाद कुछ नहीं हुआ है। पूजा को अभी भी जामिया बनौरी कराची के मदरसे में रखा जा रहा है। पूजा के परिवार का साफ़ कहना है कि पुलिस उन्हें कोई सहयोग नहीं कर रही है। पूजा को दिन दिहाड़े उढ़ाने वाले गुंडे अभी भी सरेआम खुला घूम रहे हैं।  वहाँ के हिन्दू समाज के एक मंत्री नंद कुमार गोकलानी ने भी विस्तार से कहा है कि हम हिंदुयों के साथ अन्याय हो रहा है लेकिन वहाँ मंत्री तक भी कोई सुनवाई नहीं हो रही। गौरतलब है 19 जनवरी 2014 को पूजा की शादी थी और १७ जनवरी को उसे उठा लिया गया। ज़िला शिक्षा अधिकारी यार मोहम्मद बालादी से पूजा की  बड़ी उम्र का झूठा प्रमाणपत्र भी बनवा लिया गया। 
अगर यहाँ श्रुति के साथ गुंडागर्दी का नंगा नाच हुआ था तो वहाँ सिंध पाकिस्तान में पूजा के साथ यही कुछ हुआ। अब देखना है कि यह समाज लड़कियों के लिए किसी सुरक्षित जगह की तलाश कहाँ करता है।? कब रुकेगा यह सिलसिला? आखिर  में  फिर साहिर साहिब की पंक्तियाँ याद आ रही हैं: 
औरत ने जन्म दिया मर्दों को, 
मर्दों ने उसे बाजार दिया।  
जब जी चाहा कुचला मसला, 
जब जी चाहा दुत्कार दिया।  ---(साहिर लुधियानवी साहिब)
अगर इस संबंध में आपके पास भी कोई सामग्री/फोटो हो तो अवश्य भेजें। --रेकटर कथूरिया 

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