Sunday, January 26, 2014

समाज में शर्मनाक गिरावट:बाप बेटी से करता रहा बलात्कार

हैवानियत की सभी सीमाएं पार कर  चाकू की नोक पर जारी रहा कुकर्म 
पुलिस से की शिकायत,फिर भी नहीं हुई कार्यवाई 
लुधियाना, 25 जनवरी (सतपाल सोनी//वीकेजी//पंजाब स्क्रीन):
कारण कुछ भी रहे हों पर समाज की गिरावट है।  ताज़ा मामला सामने आया है पिता की और से बेटी के साथ कथित दुष्कर्म का। हवस का शिकार बनी 25 वर्षीय महिला दो बच्चों की मां भी है। उसने लुधियाना पुलिस से गुहार लगाई है कि उसके पिता को गिरफ्तार किया जाए वर्ण वह उसे जान से मार डालेगा। उसने साफ़ कहा कि उसके पिता ने सभी मानवीय रिश्तों को भूल कर हैवानियत कि सभी हदें पार कर दीं। पीड़िता के मुताबिक उसके पिता ने इस बेहद नाज़ुक रिश्ते को तार-तार करते हुए कथित रूप से कई महीनों तक उसके साथ बलात्कार किया।
पीडि़ता जो कि आजकल किरायेदार के तौर पर ताजपुर रोड संजय गांधी कालोनी, लुधियाना में रह रही है, ने अपनी दर्द भरी कहानी मीडिया को सुनाते हुए कहा कि उसकी शादी अप्रैल 2008 में गार्डन कालोनी मोरिंडा निवासी रणजीत सिंह से हुई थी, परन्तु पति से अक्सर झगड़ा रहने के कारण वह जनवरी 2013 में अपने माता-पिता के पास अपने दोनों बच्चों सहित लुधियाना आ गई। उसके पिता राजिंद्र कुमार ने उसे अपने निवास के पास ही एक कमरा किराए पर ले दिया और वह वहां रहने लगी। इससे पहले कि उसकी समस्या का कोई हल होता उस पर मुसीबतों का एक नया पहाड़ टूट पड़ा। तीन महीने बाद उसकी मां सुशीला देवी की मौत हो गई। मां की मौत के बाद उसके साथ शुरू हुआ दरिंदगी का यह शर्मनाक सिलसिला जिसे वह बताती भी तो किसे? कौन सुनता? कौन मानता?  उसने आगे बताया कि 2 जुलाई 2013 की रात को जब वह अपने बच्चों के साथ सो रही थी तो उसका पिता उसके पास आया और शैतान बनकर उसके साथ चाकू की नोक पर कथित रूप से बलात्कार किया और धमकी दी कि अगर किसी को बताया तो वह उसे जान से मार डालेगा।
पीडि़ता ने आगे बताया कि इसके बाद उसके पिता ने कई बार उसे अपनी हैवानियत का शिकार बनाया। बाद में मैं इतना डर गई कि मुझे अपनी मौसी के यहां न्यू शिमलापुरी में शरण लेनी पड़ी। इसके बाद जब सभी रिश्तेदारों को मेरे पिता की कथित करतूतों का पता चला तो पिछले वर्ष 23 दिसम्बर को सभी ने मिलकर थाना डिवीजन नं. 7 में प्राथमिक रपट दर्ज करवाई, परन्तु अभी तक आरोपी के विरुद्ध पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है, बल्कि मेरा पिता, मेरी छोटी बहन और अन्य रिश्तेदार मुझे जान से मारने की धमकियां दे रहे हैं। ऐसे वातावरण में मेरा और मेरे बच्चों का जीना दूभर हो चुका है। उसने पुलिस आयुक्त से गुहार लगाई है कि उसे उसके पिता से बचाया जाये और उसे तुरन्त गिरफ्तार किया जाये।
कानून अपना काम करेगा ही लेकिन समाज को अपनी ज़िम्मेदारी निभानी होगी। आखिर सोचना होगा कि क्यूँ बढ़ रहे हैं ऐसे मामले? क्यूँ भूल रहे हैं रिश्ते नाते और संबंध? क्यूँ बढ़ रहा है महिलायों के साथ एक वस्तु जैसा व्यवहार? क्या होता है ऐसे मामलों के पीछे का मनोविज्ञान? इसके सभी पहलुयों पर आपके विचारों कि इंतज़ार बनी रहेगी।  अपने विचार यूनिकोड में इस पते पर प्रेषित करें : medialink32@gmail.com हम आपके विचारों को आपके नाम के साथ प्रकाशित करेंगे।  यदि आप चाहेंगे तो आपका नाम गोपनीय भी रखा जायेगा।


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