Thursday, February 28, 2013

वित्‍त मंत्री श्री पी चिदंबरम के बजट भाषण का सार

28-फरवरी-2013 15:22 IST
उद्देश्‍य उच्‍च वृद्धिदर से समावेशी और टिकाऊ विकास हासिल करना
वित्‍त मंत्री श्री पी चिदंबरम ने कहा है कि वर्ष 2013-14 के आम बजट का उद्देश्‍य उच्‍च वृद्धिदर से समावेशी और टिकाऊ विकास हासिल करना है। इस मूल मंत्र के साथ वित्‍त मंत्री ने महत्‍वपूर्ण क्षेत्रों में आवंटन बढ़ाने और निवेश एवं बजट के लिए छूट देने तथा राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्‍पाद के 4.8 प्रतिशत तक बनाये रखने पर बल दिया है।
आज संसद में बजट प्रस्‍तुत करते हुए वित्‍त मंत्री ने आशा व्‍यक्‍त की कि वैश्विक आर्थिक वृद्धिदर में सुस्‍त रफ्तार के बावयजूद भारत उच्‍च आर्थिक वृद्धि हासिल करेगा।
वित्‍त मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार 2012-13 में राजकोषीय समेकन पर अमल करते हुए राजकोषीय घाटे को 5.2 प्रतिशत रखने में सफल रही है, लेकिन चालू खाते का घाटा बहुत चिंता की बात है, इसलिए विदेशी निवेश को प्रोत्‍साहन देने का प्रस्‍ताव किया गया है।

वित्‍त मंत्री पी. चिदबंरम ने आज संसद में वर्ष 2013-14 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि खाद्य सुरक्षा शिक्षा और स्‍वास्‍थ्‍य देख-भाल के समान ही मनुष्‍य का मूलभूत अधिकार है। राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक सरकार का एक आश्‍वासन है। इस विधेयक की संसद में शीघ्र ही पारित होने की उम्‍मीद है। राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत संभावित वृद्धि परक लागत के लिए खाद्य सब्सिडी हेतु सामान्‍य प्रावधान से अलग 10 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्‍त प्रावधान करने की भी उन्‍होंने घोषणा की है। 
वित्‍त मंत्री ने कहा कि कृषि और संबद्ध क्षेत्र में औसत वृद्धि दर 11वीं योजना के दौरान 3.6 प्रतिशत रही तथा वर्ष 2012-13 के कुल खाद्यान्‍न उत्‍पादन 250 मिलियन टन से अधिक होगा। कृषि उत्‍पाद के न्‍यूनतम समर्थन मूल्य बढ़़ाये गये है, जिससे किसानों ने अधिक उत्‍पादन किया है। आज देश दूध, दाल और जूट के क्षेत्र में विश्‍व का सबसे बड़ा उत्‍पादक है। अप्रैल से दिसंबर 2012 तक कृषि निर्यात 1,38,403 करोड़ रुपये से अधिक मूल्‍य का हुआ है। उन्होंने कृषि‍ मंत्रालय को 27,049 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्‍ताव किया है, जो चालू वर्ष के संशोधित अनुमान से 22 प्रतिशत अधिक है। वित्‍त मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि‍ इस राशि में से 3,415 करोड़ रुपये कृषि अनुसंधान के लिए दिये जाएंगे।
श्री चिदबंरम ने कहा कि कृषि ऋण कृषि उत्‍पादन की प्रमुख शक्ति है, इसलिए उन्‍होंने वर्ष 2012-13 के लिए निर्धारित 5,75,000 करोड़ रुपये के लक्ष्‍य को बढ़ाकर 7 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्‍ताव किया है। उन्‍होंने यह भी बताया कि लघु अ‍वधि के लिए फसली ऋणों के लिए ब्‍याज माफी योजना जारी रहेगी। समय पर ऋणों का भुगतान करने वाले किसानों को प्रति वर्ष 4 प्रतिशत की दर से ऋण प्रदान किये जाएंगे। अभी तक यह योजना सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों तथा सहकारी बैंकों द्वारा दिये गये ऋणों पर लागू है, जिसके फायदे नि‍जी क्षेत्र के अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा दिये गये फसल ऋणों के लिए भी दिये जाने का भी उन्‍होंने प्रस्‍ताव किया है। 
वित्‍त मंत्री ने कहा कि पूर्वी भारत में हरित क्रांति ने उल्लेखनीय सफलता प्राप्‍त की है। उन्होंने 2013-14 में पूर्वी भारतीय राज्‍यों की सहायता के लिए 1,000 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्‍ताव किया है।  फसलों के विविधिकरण के लिए किसानों को प्रोत्‍साहित करने के‍ लिए 500 करोड़ रुपये, राष्‍ट्रीय कृषि विकास योजना और राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के लिए क्रमश: 9,954 करोड़ रुपये तथा 2,250 करोड़ रुपये प्रदान करने का भी उन्‍होंने प्रस्‍ताव किया है।
श्री चिदंबरम ने समेकित जलसंभरण कार्यक्रम के लिए 2012-13 के बजट अनुमान की राशि 3,050 करोड़ रुपये को बढ़ाकर 5,387 करोड़ रुपये के आवंटन का भी प्रस्‍ताव किया है। उन्‍होंने सूक्ष्म–पोषक तत्‍वों से संपन्‍न फसल की नई किस्मों की योजना को शुरू करने के लिए 200 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। वित्‍त मंत्री ने पौध संरक्षण मुद्दों के‍ लिए राष्‍ट्रीय जैव दबाव प्रबंधन संस्‍थान रामपुर छ‍तीसगढ़ में तथा भारतीय कृषि‍ जैव प्रौद्योगिकी संस्‍थान रांची झारखंड में स्‍थापित करने की भी घोषणा की है। केरल राज्‍य में नारियल के बागानों के पुन:रोपण तथा नवीकरण के लिए वर्ष 2013-14 में 75 करोड़ रुपये की अतिरिक्‍त राशि देने का भी प्रस्‍ताव किया है।
वित्‍त मंत्री ने कहा कि कृषि उत्‍पादक कं‍पनी (एफपीसी) और कृषि उत्‍पादक संगठन (एफपीओ) की सहायता के लिए अधिकतम 10 लाख रुपये का समतुल्य इक्विटी अनुदान दिया जाएगा, जिससे ये संगठन वित्‍तीय संस्‍थाओं से कार्यकारी पूंजी जुटाने में सक्षम हो जाएंगे। इस परियोजनाओं के लिए उन्‍होंने 50 करोड़ रुपये देने का प्रस्‍ताव किया है। इसके साथ-साथ 100 करोड़ रुपये की प्रारंभिक आधारभूत निधि के साथ लघु किसानों के कृषि व्‍यवसाय निगम में ऋण गारंटी निधि का भी सृजन किया जाएगा।
श्री चिदबंरम ने कहा कि निवेश जुटाने और स्‍थानीय कृषि-प्रास्थितिकी की स्थितियों और उत्‍पादकता बढ़ाने को ध्‍यान में रखते हुए 2013-14 में राष्‍ट्रीय पशु मिशन शुरू किया गया है। इस मिशन के लिए उन्‍होंने 307 करोड़ रुपये देने का प्रावधान किया है। उन्‍होंने यह भी बताया‍ कि दाना-चारे की उपलब्‍धता को बढ़ाने के लिए इसमें एक उपमिशन भी बनाया जाएगा।
वित्‍त मंत्री ने कहा कि निवेश जुटाने और स्‍थानीय कृषि-प्रास्थितिकी की स्थितियों और उत्‍पादकता बढ़ाने को ध्‍यान में रखते हुए 2013-14 में राष्‍ट्रीय पशु मिशन शुरू किया गया है। इस मिशन के लिए उन्‍होंने 307 करोड़ रुपये देने का प्रावधान किया है। उन्‍होंने यह भी बताया‍ कि दाना-चारे की उपलब्‍धता को बढ़ाने के लिए इसमें एक उपमिशन भी बनाया जाएगा।
वित्त मंत्री श्री पी चिदम्बरम ने सामाजिक-आर्थिक लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए आवश्यक संसाधन जुटाने की आवश्यकता पर जोर दिया। श्री चिदम्बरम ने कहा कि इस समय उच्च वित्तीय घाटे, विदेशी पूंजी पर निर्भरता, कम बचत और कम निवेश के कारण आर्थिक गुंजाइश निकालने में मुश्किल आ रही है। इसके साथ ही मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए कड़ी मौद्रिक नीति बनानी पड़ रही है। प्रतिकूल वैश्विक परिस्थितियों के कारण भी भारतीय अर्थव्यवस्था पर जोर पड़ रहा है।
वित्त मंत्री ने कहा कि विजय केलकर समिति की सिफारिशों को मानते हुए इस वर्ष वित्तीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद के 5.3 प्रतिशत तक और 2013-14 में 4.8 प्रतिशत तक रखने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। उन्होंने कहा कि तेल के आयात पर निर्भरता, बड़ी मात्रा में कोयले के आयात, सोने के लिए हमारी ललक और निर्यात में गिरावट के चलते चालू खाता घाटा लगातार अधिक बना हुआ है। इस घाटे के वित्त पोषण के लिए हमें इस वर्ष और शायद अगले वर्ष भी 75 अरब अमरीकी डॉलर की आवश्यकता होगी। हमारे सामने केवल तीन रास्ते हैं- विदेशी प्रत्यक्ष निवेश, विदेशी संस्थागत निवेश या विदेशी वाणिज्यिक ऋण। इसलिए मैं महसूस करता हूं कि विदेशी निवेश हमारे लिए लाज़मी है, लेकिन हमें अपने आर्थिक लक्ष्यों के अनुरूप ही विदेशी निवेश को बढ़ावा देना होगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि हमारे विकास के प्रयासों में मुद्रास्फीति एक और बड़ी बाधा है। कुछ मुद्रास्फीति बाहरी कारणों से है। मुद्रास्फीति के खिलाफ सभी मोर्चों पर लड़ाई लड़नी होगी। पिछले कुछ महीनों के हमारे प्रयासों से थोक मूल्य सूचकांक लगभग सात प्रतिशत तक आ गया है और मुख्य मुद्रास्फीति की दर 4.2 प्रतिशत तक आ गई है। लेकिन खाद्य मुद्रास्फीति अब भी चिंता का कारण बनी हुई है। खाद्य पदार्थों की बढ़ती मांग के लिए आपूर्ति बढ़ाने के वास्ते हम सभी संभव कदम उठायेंगे।
वित्त मंत्री पी चिदम्बरम ने कहा है कि सरकारी खर्च से कुल मांग बढ़ती है और इसके अच्छे और बुरे परिणाम निकलते हैं। इसलिए सरकारी खर्च को उचित स्तर पर रखना जरूरी है। आज लोकसभा में अगले वित्त वर्ष का आम बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि 2012-13 के बजट में हमने कुछ कड़े उपाय किए और कुछ ऐसे नीतिगत फैसले लिए, जो लम्बे समय से रूके हुए थे। इससे कुछ आर्थिक गुंजाइश हासिल करने में मदद मिली, जिसका इस्तेमाल हमने यूपीए सरकार के सामाजिक-आर्थिक उद्देश्यों को बढ़ावा देने के लिए किया।
श्री चिदम्बरम ने कहा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना के पहले वर्ष 2012-13 में वैश्विक और घरेलू स्थिति में सुधार की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए कुल खर्च 14,90,925 करोड़ रूपए तक निश्चित किया गया था। मितव्ययता के उपायों से खर्च का संशोधित अनुमान 96 प्रतिशत यानी 14,30,825 करोड़ रूपए रखा गया। इससे जो आर्थिक गुंजाइश बनी, उससे हमें 2013-14 में और अधिक महत्वकांक्षी बनने का विश्वास पैदा हुआ है।
वित्त मंत्री ने कहा कि अगले वर्ष के बजट अनुमान में कुल खर्च 16,65,297 करोड़ रूपए का निश्चित किया गया है और योजना खर्च 5,55,322 करोड़ रूपए रखा गया है। 2013-14 का योजना खर्च चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान से 29.4 प्रतिशत अधिक है। इससे सभी फ्लैगशिप कार्यक्रमों के लिए पर्याप्त धनराशि रखी गई है। प्रत्येक मंत्रालय और विभाग को भी उनके खर्च की क्षमता के अनुसार पर्याप्त राशि दी गई है, जिसका सही प्रबंधन करके वे अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि महिलाओं, बच्चों, अल्पसंख्यकों तथा अनुसूचित जातियों और जनजातियों को लाभ पहुंचाने वाले कार्यक्रमों के लिए पर्याप्त धनराशि रखी गई है। अनुसूचित जाति उपयोजना के लिए 41,561 करोड़ रूपए और जनजाति उपयोजना के लिए 24,598 करोड़ रूपए रखे गए हैं। यह राशि चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमानों से 31 प्रतिशत अधिक है। श्री चिदम्बरम ने इस बात को दोहराया कि इस राशि को किसी अन्य कार्यों में नहीं लगाया जा सकता है।
वित्त मंत्री ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में महिलाओं से संबंधित कार्यक्रमों के लिए बजट में 97,134 करोड़ रूपए और बच्चों के कार्यक्रमों के लिए 77,236 करोड़ रूपए रखे गए हैं। अकेली महिलाओं या विधवाओं सहित कमजोर वर्गों की महिलाओं पर भी विशेष ध्यान दिया गया है, ताकि वे सम्मान के साथ अपना गुजर-बसर कर सकें। इसके लिए शुरू में महिला और बाल विकास मंत्रालय को 200 करोड़ रूपए की अतिरिक्त राशि देने का प्रस्ताव है। मंत्रालय को इन महिलाओं के कल्याण से संबंधित योजनाएं बनानी चाहिएं।
श्री चिदम्बरम ने कहा कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के लिए मैंने 3,511 करोड़ रूपए रखे हैं, जो चालू वर्ष के बजट अनुमान से 12 प्रतिशत और संशोधित अनुमान से 60 प्रतिशत अधिक हैं। मौलाना आजाद शिक्षा फाउंडेशन अल्पसंख्यकों के लिए शिक्षा योजनाओं को लागू करता है और गैर-सरकारी संगठनों को आर्थिक सहायता देता है। इसकी 750 करोड़ रूपये की निधि को 12वीं योजना में बढ़ा कर 1500 करोड़ रूपए करने का उद्देश्य है। मेरा इस निधि के लिए 160 करोड़ रूपए देने का प्रस्ताव है। फाउंडेशन अपने कार्यक्रमों में चिकित्सा सहायता के कार्यक्रम को भी शामिल करना चाहता है। इसके लिए शिक्षा संस्थाओं में आवासीय डॉक्टर रखे जाएंगे। इस कार्यक्रम को शुरू करने के लिए मेरा 100 करोड़ रूपए देने का प्रस्ताव है।
विकलांग लोगों की सहायता के लिए वित्त मंत्री ने विकलांगता मामलों के विभाग के लिए 110 करोड़ रूपए की राशि देने का प्रस्ताव किया। चालू वित्त वर्ष में संशोधित अनुमानों के अनुसार यह राशि 75 करोड़ रूपए है। 
वित्त मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय को मेरा 37,330 करोड़ रूपए देने का प्रस्ताव है। इसमें से 21,239 करोड़ रूपए नए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए होंगे, जिसमें ग्रामीण मिशन और प्रस्तावित शहरी मिशन दोनों शामिल हैं। यह राशि चालू वर्ष के संशोधित अनुमान से 24.3 प्रतिशत अधिक है।
वित्त मंत्री ने चिकित्सा शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान के लिए 4,727 करोड़ रूपए राशि देने का प्रस्ताव किया।
श्री चिदम्बरम ने कहा कि बुजुर्गों के स्वास्थ्य की देखभाल के राष्ट्रीय कार्यक्रम के लिए 150 करोड़ रूपए रखे गए हैं। यह कार्यक्रम 21 राज्यों के 100 जिलों में चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत आठ जरा चिकित्सा केन्द्र चलाए जा रहे हैं।
आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी को बढ़ावा देने के लिए श्री चिदम्बरम ने आयुष विभाग को 1,069 करोड़ रूपए देने का प्रस्ताव रखा।
श्री चिदम्बरम ने कहा कि एम्स जैसे छह संस्थानों में सितंबर, 2012 से शिक्षा सत्र शुरू हो गए हैं। इन संस्थानों में अगले वर्ष अस्पताल बनाने होंगे, जिनके लिए मेरा 1650 करोड़ रूपए देने का प्रस्ताव है।
शिक्षा को सरकार की उच्च प्राथमिकता बताते हुए वित्त मंत्री ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के लिए 65,867 करोड़ रूपए देने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि सर्वशिक्षा अभियान और शिक्षा का अधिकार कानून जोरों से लागू किए जा रहे हैं। उन्होंने अगले वर्ष सर्वशिक्षा अभियान के लिए 27,258 करोड़ रूपए देने का प्रस्ताव रखा। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के लिए भी उन्होंने 3,983 करोड़ रूपए देने की बात कही, जो चालू वर्ष के संशोधित अनुमान से 25.6 प्रतिशत अधिक है।
वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2013-14 में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, पिछड़े वर्गों और अल्पसंख्यक वर्गों के छात्रों को छात्रवृत्तियां देने के लिए विभिन्न मंत्रालयों को 5,284 करोड़ रूपए दिए जा रहे हैं। चालू वर्ष के संशोधित अनुमानों में यह राशि 4,575 करोड़ रूपए थी। मिड डे मील के लिए 13,215 करोड़ रूपए रखे गए हैं। श्री चिदम्बरम ने नालंदा विश्वविद्यालय को शिक्षा के एक उत्कृष्ट केन्द्र के रूप में विकसित करने के बारे में भी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
श्री चिदम्बरम ने 2012-13 में समन्वित बाल विकास योजना की पूरी राशि 15,850 करोड़ रूपए खर्च करने की सराहना की। अगले वर्ष के उन्होंने इस योजना के लिए 17,700 करोड़ रूपए देने की घोषणा की।
वित्त मंत्री ने कहा कि माताओं और शिशुओं में कुपोषण की स्थिति में सुधार के लिए पिछले वर्ष घोषणा की गई थी कि 2013-14 में देश के 100 जिलों में एक बहुक्षेत्रीय कार्यक्रम चलाया जाएगा, जिसके लिए उन्होंने 300 करोड़ रूपए देने की घोषणा की। इससे अगले वर्ष यह कार्यक्रम 200 जिलों में लागू किया जाएगा।
वित्‍त मंत्री श्री पी. चिदम्‍बरम ने देश में निवेश बढ़ाने के उद्देश्‍य से कई उपायों की घोषणा की। श्री चिदम्‍बरम ने कहा कि अवसंरचना क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए अवसंरचना ऋण निधि (आईडीएफ) को प्रोत्‍साहित किया जायेगा। उन्‍होंने कहा कि अब तक सेबी में चार आईडीएफ को पंजीकृत कर लिया गया है और इनमें से दो ने फरवरी, 2013 से अपना काम शुरू कर दिया है। वित्‍त मंत्री ने कहा कि एशियाई विकास बैंक की सहभागिता में भारतीय अवसंरचना वित्‍त निगम लिमिटेड (आईआईएफसीएल) ने ब्रांड मार्केट में दीर्घावधि निधियों के दोहन हेतु अवसंरचना कंपनियों को अधिक ऋण प्रदान करेगा।

वित्‍त मंत्री ने कहा कि सरकार ने सड़क निर्माण के क्षेत्र में एक विनियामक प्राधिकरण गठित करने का निर्णय लिया है। उन्‍होंने कहा कि हालांकि सड़क निर्माण क्षेत्र परिपक्‍वता के एक स्‍तर पर पहुंच गया है किंतु इस क्षेत्र में वित्‍तीय दबावों, बढ़े हुए निर्माण संबंधी जोखिमों तथा प्रबंधन मामलों की देख-रेख के लिए एक स्‍वतंत्र प्राधिकरण की आवश्‍यकता महसूस हुई। उन्‍होंने कहा कि सड़क परियोजनाओं की अड़चनों को दूर कर दिया गया है और गुजरात, मध्‍य प्रदेश, महाराष्‍ट्र, राजस्‍थान और उत्‍तर प्रदेश में 3,000 किलोमीटर की सड़क परियोजनाओं को वर्ष 2013-14 की पहली छमाही में अधिनिर्णित कर दिया जायेगा।
वित्‍त मंत्री ने कहा कि बचत वृद्धि और उत्‍पादक गतिविधियों में उसके आबंटन से तीव्र आर्थिक वृद्धि का मार्ग प्रशस्‍त होता है। वित्‍त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2007-08 में 36.8 प्रतिशत के उच्‍च अनुपात के साथ सकल घरेलू बचत 2011-12 में घटकर छह प्रतिशत के नीचे आ गई। उन्‍होंने कहा कि निजी क्षेत्र की और निगम क्षेत्र ही बचत के बचत के मुख्‍य अंशदाता है। अत: निश्चित तौर पर उन्‍हें बचत के लिए प्रोत्‍साहित किया जाना चाहिए।
वित्‍त मंत्री ने राजीव गांधी इक्विटी बचत स्‍कीम को उदारीकृत करने का प्रस्‍ताव किया, जिसमें पहली बार निवेशक को म्‍यूचुअल फंडों में तथा सूचीबद्ध शेयरों में निवेश करने की अनुमति होगी। आय सीमा 10 लाख रूपये से बढ़ाकर 12 लाख रूपये कर दी जायेगी।
श्री चिदम्‍बरम ने कहा कि किसी बैंक या गृह वित्‍त पोषण निगम से पहली अप्रैल, 2013 से लेकर 31 मार्च, 2014 की अवधि के दौरान अपने पहले घर के लिए 25 लाख रूपये गृह ऋण लेने वाला व्‍यक्ति 2014-15 में एक लाख रूपये तक ब्‍याज कटौती का हकदार होगा और यदि यह सीमा पूरी नहीं होती है तो शेष आकलन वर्ष 2015-16 में लागू होगी।
वित्‍त मंत्री ने कहा कि लेह-कारगिल क्षेत्र में बिजली आपूर्ति में सुधार लाने के लिए तथा लद्दाख क्षेत्र को उत्‍तरी ग्रिड से जोड़ने के लिए सरकार 1,840 करोड़ रूपये की लागत पर श्रीनगर से लेह तक एक ट्रांसमिसन लाईन का निर्माण कर रही है। श्री चिदम्‍बरम ने इस परियोजना के लिए वर्ष 2013-14 में 226 करोड़ रूपये प्रदान करने का प्रस्‍ताव किया।
श्री चिदम्‍बरम ने कहा कि तेल और गैस के क्षेत्र में लाभ वितरण से राजस्‍व वितरण संविदाओं की तरफ बढ़ते हुए तेल और गैस दोहन नीति की पुन: समीक्षा की जायेगी। उन्‍होंने कहा कि तेल और गैस के दोहन और उत्‍पादन को बढ़ावा देने के लिए एक नीति की घोषणा की जायेगी। उन्‍होंने कहा कि प्राकृतिक गैस मूल्‍य निर्धारण की समीक्षा की जायेगी और इसके मूल्‍य निर्धा‍रण से जुड़़ी अनिश्चितओं को दूर किया जायेगा।
वित्‍त मंत्री ने कहा कि एनईएलपी ब्‍लॉक जिनका अधिग्रहण किया गया, किंतु कार्यांवित नहीं हो सके उन्‍हें क्‍लीयर किया जायेगा। श्री चिदम्‍बरम ने कहा कि महाराष्‍ट्र में पांच एमएमटीपीए एलएनजी टर्मिनल वर्ष 2013-14 में पूरी तरह से चालू हो जायेगा।
वित्‍त मंत्री ने कहा कि नौकरियों, उत्‍पादक और निर्यात में सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यमों की बहुत बड़ी भूमिका हैं। इनमें से कई उद्यम छोटे और मध्‍यम हैसियत से जुड़े लाभों को खोने के डर से और आगे तरक्‍की नहीं कर पाते हैं। वित्‍त मंत्री ने उन्‍हें बढ़ने के लिए प्रोत्‍साहित करने के उद्देश्‍य से यह प्रस्‍ताव किया कि जिस श्रेणी में उन्‍हें लाभ मिलता है, उस श्रेणी से आगे बढ़ने के बावजूद अगले तीन वर्षों तक उन्‍हें यह लाभ मिलता रहे। श्री चिदम्‍बरम ने अपने प्रस्‍ताव में बताया कि एमएसएमई, कलस्‍टर विकास कार्यक्रम, ऋण गारंटी विकास कोष, ऋण से जुड़ी पूंजी सब्सिडी स्‍कीम, राष्‍ट्रीय विनिर्माण प्रतिस्‍पर्धा कार्यक्रम तथा गुणवत्‍ता उन्‍नयन के लिए प्रोत्‍साहन एमएसएमई की एमई इकाईयों को तब तक उपलब्‍ध करायें जब तक कि वे इससे उंची श्रेणी में न पहुंच जायें।
श्री चिदम्‍बरम ने सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यमों को अधिक सहायता मुहैया कराने के लिए सीडबी की वित्‍तपोषण क्षमता को प्रतिवर्ष 5,000 करोड़ रूपये के मौजूदा स्‍तर से बढ़ाकर 10,000 करोड़ रूपये करने का प्रस्‍ताव किया।
वित्‍त मंत्री ने पूंजी निर्माण के लिए बैंकों को 2013-14 में 14,000 करोड़ रुपये देने का प्रस्‍ताव किया। उन्‍होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा बासिल-3 विनियमावली का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।श्री चिदंबरम ने कहा कि मार्च 2013 की समाप्ति से पहले सार्वजनिक क्षेत्र के 13 बैंकों को 12,517 करोड़ रुपये की अतिरिक्‍त पूंजी दी जाएगी।
श्री चिदंबरम ने वित्‍त मंत्रालय में विशेषज्ञों की स्‍थायी परिषद के गठन का प्रस्‍ताव किया जो भारतीय वित्‍तीय क्षेत्र की अंतर्राष्‍ट्रीय प्रतिस्पर्द्धात्‍मकता का विश्‍लेषण करे और भारतीय बाजार में व्‍यापार करने की लेनदेन की लागतों की समय-समय पर जांच करे तथा आवश्‍यक कारर्वाई के लिए सरकार को जानकारी दे।
वित्‍त मंत्री ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सभी शाखाओं में 31 मार्च 2014 तक एटीएम सुविधा उपलब्‍ध कराई जाएगी। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के रूप में भारत के पहले महिला बैंक की स्‍थापना का प्रस्‍ताव किया। प्रारंभिक पूंजी के रूप में इस पर 1,000 करोड़ रुपये के व्‍यय का प्रावधान किया जाएगा। 2013-14 में ग्रामीण आवास निधि को 6,000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। राष्‍ट्रीय आवास बैंक  से शहरी आवास निधि की स्‍थापना के लिए कहा गया है और 2013-14 में इस निधि में 2,000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
वित्‍त मंत्री ने हुए जीवन और साधारण दोनों तरह के बीमा के प्रसार में वृद्धि के लिए बहु-स्‍तरीय द़ृष्टिकोण अपनाने का प्रस्‍ताव किया। उन्‍होंने कहा कि आईआरडीए के पूर्व अनुमोदन के बिना टीयर-2 शहर और इससे नीचे के शहरों में शाखाएं खोलकर बीमा कंपनियों को अधिकारिता देने को अंतिम रूप दिया गया है। बीमा पालिसी प्राप्‍त करने के लिए बैंकों का केवाईसी पर्याप्‍त होगा। बैंको को बीमा ब्रोकरों के रूप में काम करने की अनुमति दी गई है। 
श्री चिदंबरम ने कहा 10,000 या उससे अधिक आबादी वाले प्रत्‍येक कस्‍बे में भारतीय जीवन बीमा निगम-एलआईसी का एक कार्यालय खोला जाएगा तथा सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनी का कम से कम एक कार्यालय होगा।
वित्‍त मंत्री ने कहा कि राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजना अन्‍य श्रेणियों जैसे रिक्‍शा चालकों, ऑटोरिक्‍शा चालकों, टैक्‍सी चालकों, सफाई कामगारों, कूड़ा बीनने वालों और खान कामगारों को प्रदान की जाएगी। उन्‍होंने कहा कि विभिन्‍न निर्गमों में विलय को आसान बनाकर असंगठित क्षेत्र के लिए समेकित सामाजिक सुरक्षा पैकेज तैयार किया जाएगा।
श्री पी चिदंबरम ने कहा कि विनियामक को सुदृढ़ बनाने के लिए सेबी अधिनियम में संशोधन करने का प्रस्‍ताव है। उन्‍होंने कहा कि सेबी की सिफारिश के अनुसार कई प्रस्‍तावों को अंतिम रूप दि‍या गया है । सेबी द्वारा प्राधि‍कृत नामि‍त नि‍क्षेपागार भागीदार वि‍भि‍न्‍न पोर्टफोलि‍यों नि‍वेशकों को केवाईसी दि‍शा नि‍र्देशों के अनुपालन के अधीन पंजीकृत कर सकते हैं । सेबी वि‍देशी पोर्टफोलि‍यो नि‍वेशकों के प्रवेश के लि‍ए प्रक्रि‍याओं को सरल बनायेगा और एक समान पंजीकरण व अन्‍य मानदण्‍ड नि‍र्धारि‍त करेगा ।
वित्‍त मंत्री श्री पी चिदंबरम ने पर्यावरण संरक्षण के लिए कई उपायों का प्रस्‍ताव किया। उन्‍होंने कहा कि भारत में प्रतिदिन कई हजार टन कचरा निकलता है। नगरों और नगरपालिकाओं को इस बात के लिए प्रोत्‍साहित किया जाएगा वे कचरे से बिजली बनाने की परियोजनाओं पर ध्‍यान दें। वित्‍त मंत्री ने कहा कि अपशिष्‍ट से ऊर्जा बनाने की परियोजनाओं को लागू करने वाली नगरपालिकाओं को सहायता दी जाएगी।
श्री चिंदबरम ने कहा कि सरकार स्‍वच्‍छ ऊर्जा निधि (एनसीईएफ) से इरेडा को कम ब्‍याज वाली निधियां उपलब्‍ध कराएगी जो आगे व्‍यवहार्य नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को उधार देगा।
वित्‍त मंत्री ने कहा कि पन बिजली परियोजनाओं के लिए सृजन आधारित प्रोत्‍साहन फिर शुरू किया गया है और इसके लिए 800 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
वित्‍त मंत्री ने कहा कि पिछड़ेपन के निर्धारण के लिए नया मानदंड  बनाया जाएगा और उन्‍हें भविष्‍य की योजना बनाने एवं निधियों के अंतरण में प्रतिबिंबित किया जाएगा।
श्री चिदंबरम ने कहा कि वर्ष 2013-14 में 90 लाख व्‍यक्तियों सहित 12वीं योजना में 5 करोड़ लोगों को कौशल प्रदान करने का लक्ष्‍य है। इसके लिए सभी बाधाएं दूर की जाएंगी। इसके वास्‍ते निधियां राष्‍ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन और राष्‍ट्रीय शहरी आजीविका मिशन से जारी की जाएंगी।
वित्‍त मंत्री ने रक्षा के लिए आवंटन पूंजी व्‍यय के लिए 86,741 करोड़ रुपये सहित बढ़ाकर  2,033,672 करोड़ रुपये किया गया है। 4 उत्‍कृष्‍ट संस्‍थाओं में से प्रत्‍येक को 100 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाएगा। अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में नई खोज करने वाले संगठनों और जनता को आवश्‍यक उत्‍पाद उपलब्‍ध कराने के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
वित्‍त मंत्री ने कहा कि सभी खेलों को सरकारी सहायता की जरूरत है। उन्‍होंने कहा कि हमारे पास अनेक पुरुष और महिला खिलाड़ी हैं लेकिन प्रशिक्षकों की कमी है। इसलिए तीन वर्ष की अवधि के दौरान 250 करोड़ रुपये की लागत से पटियाला में राष्‍ट्रीय खेल प्रशिक्षण संस्‍थान का निर्माण करने का प्रस्‍ताव है।
श्री पी चिदंबरम ने कहा कि सरकार का 294 और शहरों में निजी एफएम रेडियो की सेवाएं पहुंचाने का प्रस्‍ताव है। उन्‍होंने कहा कि वर्ष 2013-14 में करीब 839 नए एफएम चैनलों की नीलामी की जाएगी। नीलामी के बाद एक लाख से अधिक आबादी वाले सभी शहरों में निजी एफएम रेडियो सेवाएं उपलब्‍ध हो जाएंगी।
वित्‍त मंत्री ने कहा कि वर्तमान वर्ष में राजीव गांधी पंचायत सशक्तिकरण अभियान 50 करोड़ रुपये के सामान्‍य आवंटन के साथ आरंभ किया गया था। पंचायती राज संस्‍थाओं में क्षमता निर्माण की महत्‍ता को ध्‍यान में रखते हुए 2013-14 में पंचायती राज मंत्रालय के लिए 455 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। इसके अलावा 200 करोड़ रुपये देने का प्रस्‍ताव किया गया है।
श्री चिदंबरम ने कहा कि सरकार ने 4,909 करोड़ रुपये की लागत पर डाक नेटवर्क को आधुनिक बनाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी प्रेरित महत्‍वाकांक्षी परियोजना शुरू की है। डाकघर बुनियादी बैंकिंग समाधान का हिस्‍सा बन जाएंगे और साथ-साथ बैंकिंग सेवाएं भी प्रदान करेंगे। वित्‍त मंत्री ने 2013-14 में इस परियोजना के लिए 532 करोड़ रुपये देने का प्रस्‍ताव किया है।
वित्‍त मंत्री ने कहा कि सरकार गदर आंदोलन की शताब्‍दी मनाने के लिए सरकार सेन-फ्रांसिस्‍को में गदर स्‍मारक को संग्रहालय एवं पुस्‍तकालय में बदलने के लिए धनराशि देगी।

वित्‍त मंत्री ने पचास लाख रुपये से अधिक की अचल संपत्तियों के हस्‍तांतरण मूल्‍य पर एक प्रतिशत की दर से टीडीएस का प्रस्‍ताव किया है। श्री चिदम्‍बरम ने कहा कि यह प्रस्‍ताव कृषि भूमि पर लागू नहीं होगा।
उन्‍होंने कहा कि अचल संपत्तियों में होने वाले लेनदेन का मूल्‍यांकन और रिपोर्टिंग आमतौर पर कम की जाती है। आधे मामलों में संबंधित पक्षों के पैन नम्‍बर भी नहीं दिये जाते। वित्‍त मंत्री ने कहा कि ऐसे लेनदेनों की जानकारी और पूंजी अभिलाभों में सुधार के मद्देनजर टीडीएस को लागू करने का प्रस्‍ताव किया गया है।
वित्‍त मंत्री ने प्रति वर्ष एक करोड़ रुपये से अधिक की कर योग्‍य आय वाले व्‍यक्तियों पर दस प्रतिशत का अधिभार लगाने का प्रस्‍ताव किया है। उन्‍होंने कहा कि ये अधिभार व्‍यष्टियों, हिंदु अविभक्‍त कुटुम्‍बों और समान कर स्थिति वाली फर्मों और संगठनों पर लागू होगा। श्री चिदम्‍बरम ने कहा कि मात्र 42,800 व्‍यक्ति ऐसे हैं, जिन्‍होंने प्रति वर्ष एक करोड़ से अधिक की कर-योग्‍य आय स्‍वीकार की है।
वित्‍त मंत्री ने पांच लाख रुपये तक की कुल आय वाले प्रत्‍येक व्‍यक्ति को दो हजार रुपये की कर छूट का प्रस्‍ताव किया है। श्री चिदम्‍बरम ने उम्‍मीद जताई कि इससे 1.8 करोड़ करदाताओं को 3,600 करोड़ रुपये का लाभ होगा।
     उन्‍होंने कहा हालांकि मौजूदा स्‍लैब पिछले वर्ष ही शुरू किये गए हैं, इसलिए इनकी दरों को संशोधित करने की आवश्‍यकता नहीं है। उन्‍होंने कहा कि प्रारंभिक छूट स्‍तर में मामूली सी वृद्धि से कई सौ हजार करदाता कर दायरे से बाहर हो जाएंगे और कर का आधार काफी घट जाएगा। श्री चिदम्‍बरम ने कहा इसके बावजूद भी वे दो लाख रुपये से पांच लाख रुपये तक की प्रथम स्‍लैब करदाताओं को कुछ राहत देना चाहते हैं। (PIB)
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आम बजट-2013-14 तीन वायदे

28-फरवरी-2013 15:23 IST
 आम बजट की मुख्‍य विशेषताएं 
· महिलाओं, युवाओं और गरीब व्‍यक्तियों से तीन वायदे
· महिलाओं से संबंधित कार्यक्रमों के लिए 97,134 करोड़ रूपये का आवंटन
· बच्‍चों से संबंधित कार्यक्रमों के लिए 77,236 करोड़ रूपये का आवंटन
·           बालिकाओं और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए 1,000 करोड़ रुपये की निर्भया निधि
·           सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के रूप में भारत का पहला महिला बैंक बनाने का प्रस्‍ताव
·           प्रत्‍यक्ष लाभ अंतरण योजना यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान देशभर में लागू की जायेगी
·           2013-14 में राजस्‍व घाटा सकल घरेलू उत्‍पाद के 4.8 प्रतिशत पर रहने का अनुमान
·           कृषि ऋण के लिए 2013-14 में 7,00,000 करोड़ रूपये का लक्ष्‍य
·           पूंजी निर्माण के लिए बैंकों को 14,000 करोड़़ रुपये देने का प्रस्‍ताव
·           सामाजिक क्षेत्र के आवंटन में महत्‍वपूर्ण वृद्धि, ग्रामीण विकास मंत्रालय के लिए 46 प्रतिशत वृद्धि के साथ 80,194 करोड़ रूपये का आवंटन
·           शहरी आवास निधि की स्‍थापना का प्रस्‍ताव
·           जीवन और साधारण बीमा के प्रसार में वृद्धि के लिए बहु-स्‍तरीय दृष्टिकोण
·           बैंको को बीमा ब्रोकरों के रूप में काम करने की अनुमति
·           10,000 तक आबादी वाले हर कस्‍बे में होगा एलआईसी और साधारण बीमा का कार्यालय
·           पूंजी बाजार को सुदृढ़ बनाने के लिए कई प्रस्‍तावों को अंतिम रूप दिया गया
·           विदेशी निवेशकों के प्रवेश की प्रक्रिया सरल बनाई जाएगी
·           लघु एवं मध्‍यम उद्यमों को बिना शर्त एसएमई एक्‍सचेंज में सूचीबद्ध होने की अनुमति दी जाएगी
·           अपशिष्‍ट से ऊर्जा बनाने की परियोजनाएं लागू करने वाली नगरपालिकाओं को सहायता
·           पन-बिजली परियोजनाओं के लिए सृजन आधारित प्रोत्‍साहन फिर शुरू
·           सृजन आधारित प्रोत्‍साहन के लिए 800 करोड़ रुपये
·           वर्ष 2013-14 में 90 लाख व्‍यक्तियों सहित 12वीं योजना में 5 करोड़ लोगों को कौशल प्रदान करने का लक्ष्‍य 
·           रक्षा के लिए 2,03,672 करोड़ रुपये का आवंटन 
·           चार उत्‍कृष्‍ट संस्‍थानों को 100-100 करोड़ रुपये का अनुदान
·           पटियाला में 250 करोड़ रुपये की लागत से राष्‍ट्रीय खेल प्रशिक्षण संस्‍थान बनाने का प्रस्‍ताव  
·           एक लाख से अधिक आबादी वाले सभी शहरों में निजी एफएम रेडियो खोलने का प्रस्‍ताव    
·           2013-14 में करीब 839 एफएम चैनलों की नीलामी
·           आयोजना व्‍यय के लिए 5,55,322 करोड़ रुपये का अनुमान
·           आयोजना से भिन्‍न व्‍यय के लिए 11,09,975 करोड़ रुपये का अनुमान
·           राजीव गांधी पंचायत सशक्तिकरण अभियान के लिए अतिरिक्‍त 200 करोड़ रुपये का प्रस्‍ताव
·           डाक नेटवर्क को आधुनिक बनाने के लिए 532 करोड़ रुपये का आवंटन
·           पांच लाख रुपये तक की आय वाले प्रति व्‍यक्ति को दो हजार रुपये की कर छूट का प्रस्‍ताव 
·           प्रति वर्ष एक करोड़ रुपये से अधिक कर योग्‍य आय वाले व्‍यक्तियों पर दस प्रतिशत का अधिभार लगाने का प्रस्‍ताव
·           दस करोड़ रुपये से अधिक कर योग्‍य आय वाली घरेलू कंपनियों पर अधिभार पांच से बढ़ाकर दस प्रतिशत करने का प्रस्‍ताव
·           नि:शक्‍त अथवा कतिपय बीमारियों से ग्रस्‍त व्‍यक्तियों के लिए जीवन बीमा पॉलिसी की पात्रता शर्तों को शिथिल करने का प्रस्‍ताव
·           केन्‍द्र और राज्‍य सरकार की योजनाओं में किये गए अंशदान को आयकर अधिनियम की धारा 80 ‘घ’ के तहत छूट
·           राष्‍ट्रीय बाल निधि में किये गए दान पर सौ प्रतिशत की छूट
·           25 लाख रुपये तक के आवास ऋण पर कर छूट का प्रस्‍ताव
·           शेयर धारकों को वितरित लाभों पर 20 प्रतिशत की दर से अंतिम विदहोल्डिंग कर का प्रस्‍ताव
·           50 लाख रुपये से अधिक मूल्‍य वाली अचल संपत्तियों के हस्‍तांतरण मूल्‍य पर एक प्रतिशत की दर से टीडीएस का प्रस्‍ताव
·           कृषि भूमि में इससे छूट का प्रस्‍ताव
·           800 सीसी या इससे अधिक क्षमता के इंजन वाली मोटरसाइकलों और ऐसी ही नावों एवं जलयानों पर सीमा शुल्‍क में वृद्धि का प्रस्‍ताव
·           दो हजार रुपये से अधिक मूल्‍य वाले मोबाइल फोनों पर उत्‍पाद शुल्‍क वृद्धि का प्रस्‍ताव 
·           सेट टॉप बॉक्‍स पर शुल्‍क पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत
·           ‘’स्‍वैच्छिक अनुपालन प्रोत्‍साहन योजना’’ आरंभ करने का प्रस्‍ताव 
·           उत्‍पाद शुल्‍क और सेवा कर की सामान्‍य दरों में कोई बदलाव नहीं
·           गैर-कृषि उत्‍पादों के लिए बुनियादी सीमा शुल्‍क की उच्‍चतम दर में भी कोई बदलाव नहीं  
·           प्रतिभूति संव्‍यवहार कर (एसटीटी) में कटौती 
·           कर शासन सुधार आयोग का गठन किया जाएगा
·           रेडिमेड गारमेंट उद्योग, हस्‍त निर्मित कारपेट, पोत निर्माण को उत्‍पाद शुल्‍क से राहत
·           सिगरेट, सिगार आदि पर  विशिष्‍ट उत्‍पाद शुल्‍क में बढ़ोतरी
·           महंगे मोबाइल फोनों, एसयूवी पर भी उत्‍पाद शुल्‍क में वृद्धि 
·           आयातित विलासिता वाली वस्‍तुओं जैसे अधिक क्षमता के मोटर वाहन, मोटरसाइकल आदि पर सीमा शुल्‍क बढ़ा
·           पर्यावरण अनुकूल वाहनों में उपलब्‍ध रियायत की अवधि को बढ़ाने का प्रस्‍ताव
·           वायु यान निर्माण, मरम्‍मत और जीर्णोद्धार उद्योग को भी राहत का प्रस्‍ताव
·           वैद्य यात्रियों की आभूषण लाने की शुल्‍क मुक्‍त सीमा में विस्‍तार
·           सड़क निर्माण के क्षेत्र में विनियामक प्राधिकरण का गठन
·           स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय के लिए 37,330 करोड़ रूपये का आवंटन
·           नव राष्‍ट्र स्‍वास्‍थ्‍य मिशन के लिए 21,239 करोड़ रूपये का आवंटन
·           मेडिकल शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान के लिए 4727 करोड़ रूपये का आवंटन
·           वृद्ध जनों के स्‍वास्‍थ्‍य की देखभाल के राष्‍ट्रीय कार्यक्रम के लिए 150 करोड़ रूपये
·           सर्वशिक्षा अभियान के लिए 27,258 करोड़ रूपये का आवंटन
·           पेयजल तथा स्‍वच्‍छता मंत्रालय के लिए 15,260 करोड़ रूपये का आवंटन
·           जवाहरलाल नेहरू राष्‍ट्रीय शहरी ग्रामीण मिशन के लिए 14,873 करोड़ रूपये का आवंटन
·           कृषि अनुसंधान के लिए 3415 करोड़ रूपये का आवंटन
·           मध्‍याहन भोजन योजना के लिए 13,215 करोड़ रूपये का आवंटन           (PIB)
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Wednesday, February 27, 2013

मैं अन्तिम साँस तक ज़िंदगी की जंग लड़ूँगी

कैंसर या मौत का भय मुझे तोड़ नहीं सकता.......जय जीवन!
कामरेड शालिनी इस समय मेटास्‍टैटिक कैंसर के विरुद्ध जीवन-मृत्‍यु 
की लड़ाई लड़ रही हैं। हमारी कोशिश है कि देश में उपलब्‍ध सर्वोन्‍नत 
चिकित्‍सा-सुविधा उन्‍हें उपलब्‍ध करायी जाये। फिलहाल धर्मशिला कैंसर 
अस्‍पताल एवं रिसर्च सेंटर, दिल्‍ली में उनका  इलाज हो रहा है 
और साथियों की मदद से टाटा मेमोरियल कैंसर इंस्‍टीट्यूट, हिन्‍दुजा
अस्‍पताल, लीलावती अस्‍पताल (मुम्‍बई) तथा आयरलैण्‍ड एवं यू.एस. 

के विशेषज्ञों  के चिकित्‍सीय परामर्श भी हमें मिल रहे हैं। इसके अतिरिक्‍त 
हम वैकल्पिक चिकित्‍सा-पद्धतियों को भी अपना रहे हैं।
लेकिन इसके लिए हमें अपने सभी दोस्‍तों, कामरेडों और प्रगतिशील,

जनवादी, वामपंथी बुद्धि जीवियों तथा संवेदनशील नागरिकों की सहायता 
की आसन्‍न आवश्‍यकता है। कैंसर की इस किस्‍म का इलाज भारत में 
अत्‍यधिक खर्चीला है। इसलिए, एक बहुमूल्‍य क्रान्तिकारी 
जीवन की रक्षा के लिए हम यह अर्जेन्‍ट अपील जारी कर रहे हैं।
अधिक जानने के लिए यहां क्लिक करें
नहीं, कैंसर या मौत का भय मुझे तोड़ नहीं सकता। मैं अन्तिम साँस तक ज़िंदगी की जंग लड़ूँगी। बेशक, यह दुश्मन बहुत मज़बूत है। वह मेरे प्राण ले सकता है, लेकिन आत्मसमर्पण नहीं करवा सकता। उम्मीद मेरी अक्षय पूँजी है।
इतना दर्द, इतनी तकलीफ़ मैंने कभी नहीं झेली। यह सच है। मेरे कुछ प्रिय साथी हर पल साथ हैं। कुछ रोज़ मिलने आते हैं। दर्द और रतजगे से निढाल, कुछ न खा पाने और उल्टियों से बेहाल, कई बार मैं चुपचाप पड़ी रहती हूँ। चाहकर भी उनसे कुछ बात नहीं कर पाती। शायद उन्हें लगता हो कि मैं हार मान रही हूँ। लेकिन नहीं साथियो, मेरी आत्मा अजेय है। लगातार क्षरित होता शरीर मुझे कभी भी कातर नहीं बना सकता। कल, हो सकता है, मेरे लिखने-पढ़ने-बोलने की बची-खुची ताक़त भी समापत हो जाये, तब भी मेरी क्रान्तिकारी भावनाएँ, मेरा आशावाद, मेरा संकल्प  क़ायम रहेगा। यक़ीन कीजिए।
मैं बहुत अधिक सैद्धान्तिक समझ वाली संगठनकर्ता कभी नहीं रही, पर एक कर्तव्यनिष्ठ सिपाही हमेशा रही हूँ। श्रमसाध्य कामों से कभी परहेज़ नहीं किया। नखरेबाज़, मनचाहा काम करने की चाहत रखने वालों, दिखावा करने वालों और नेता बनने को आतुर लोगों से मुझे गहरी चिढ़ होती है। ऐसे लोग इस ज़िंदगी में बहुत दिन नहीं टिक सकते। पतित और भगोड़े लोगों से घृणा मेरा स्थाई भाव है। घर बैठे नसीहत देने और ज्ञान बघारने वाले लोग मुझे गुबरैले कीड़े के समान लगते हैं।
   जबसे मेरे अंदर कुछ समझदारी आयी, तभी से, कच्ची युवावस्था से ही मैं राजनीतिक परिवेश में रही और पूरा जीवन समर्पित करके राजनीतिक काम किया। किसी नये साथी की समझदारी से भी पहले मेरा ध्‍यान इस बात पर जाता है कि उसमें कितनी सच्‍ची क्रान्तिकारी भावना है, लक्ष्‍य के प्रति कितना समर्पण है। अठारह वर्षों लम्‍बा मेरा राजनीतिक जीवन है। पर लगता है, अभी कल की ही तो बात है। अभी तो महज़ शुरुआत है। अभी तो बहुत कुछ करना है। बहुत कुछ सीखना है। पर सबकुछ अपने हाथ में नहीं होता। फिर भी अन्तिम साँस तक क्रान्तिकारी की तरह ही जीना है।
निकोलाई ओस्त्रोव्स्की मेरा प्रिय नायक है। वह मार्क्स, ऐंगल्स, लेनिन, स्टालिन, माओ या बहुतेरे नेताओं जैसा महापुरुष नहीं था। वह रूसी क्रान्ति के हज़ारों समर्पित आम युवा कार्यकर्ताओं में से एक था। बहुत कम पढ़ा-लिखा था। बहुत कम आयु उसे जीने के लिए मिली। पर बीमारी और यंत्रणा उसे कभी तोड़ नहीं पायी। ऐसे हज़ारों क्रान्तिकारी हुए हैं। ये सामान्य लोग थे, आम लोगों की मुक्ति के लक्ष्य और उसे पाने के संघर्ष में जी-जान से की गयी भागीदारी ने उन्हें असाधारण बना दिया। ओस्त्रोव्स्की का आत्मकथात्रमक उपन्यास अग्निदीक्षा' मैंने बार-बार पढ़ा है। हर युवा को पढ़ना चाहिए। उसके लेखों, साक्षातकारों, और पत्रों का संकलन है - 'जय जीवन'। उसकी बातें एकदम अपनी लगती हैं। उसी पुस्तक के कुछ अंश अपने साथियों को पढ़ाना चाहती हूँ। हो सकता है, आपने पढ़ा भी हो। फिर भी उन्हें फिर से प्रस्तुत करने की इच्छा हो रही है।
हम तन-मन से अपने नेताओं, अपने नायकों का अनुसरण करते थे और जब बीमारी ने मुझे खाट पर पटका तो मैंने अपने गुरुओं, पुराने बोल्शेवकों को यह दिखाने के लिये अपना सबकुछ सौंप दिया कि नयी पीढ़ी के युवक, कभी, किसी भी हालत में हार नहीं मानेंगे। मैंने अपनी बीमारी का मुकाबला किया। उसने मुझे तोड़ने की कोशिश की, सैन्यपंक्ति से मुझे बाहर निकालने की कोशिश की पर मैंने ललकारा - ''हम हथियार डालने वालों में नहीं हैं।'' मुझे विश्वास था कि मैं विजयी होऊॅंगा।
- निकोलाई ओस्ट्रोव्यस्की  (जय जीवन)
का. शालिनी एक ऐसी कर्मठ, युवा कम्‍युनिस्‍ट संगठनकर्ता हैं, जिनके पास
अठारह वर्षों के कठिन, चढ़ावों-उतारों भरे राजनीतिक जीवन का समृद्ध अनुभव
है। कम्‍युनिज़्म में अडिग आस्‍था के साथ उन्‍होंने एक मज़दूर की तरह खटकर
राजनीतिक काम किया है। इस दौरान, समरभूमि में बहुतों के पैर उखड़ते रहे हैं।
बहुतेरे लोग समझौते करते रहे हैं, पतन के पंककुण्‍ड में लोट लगाने जाते रहे हैं,
घोंसले बनाते रहे हैं, दूसरों को भी दुनियादारी का पाठ पढ़ाते रहे हैं या अवसरवादी
राजनीति की दुकान चलाते रहे हैं। शालिनी इन सबसे रत्तीभर भी प्रभावित हुए
बिना अपनी राह चलती रही हैं। एक बार जीवन लक्ष्‍य तय करने के बाद
कभी पीछे मुड़कर उन्‍होंने कभी कोई समझौता नहीं किया।

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दोस्ती, ईमानदारी, सामूहिकता, मानवता - ये हमारे साथी हैं। साहस और बहादुरी की शिक्षा, क्रान्ति के प्रति नि:स्‍वार्थ प्रेम और शत्रु से घृणा - ये हैं हमारे नियम।

- निकोलाई ओस्ट्रोव्यस्की

मैं जानता हूँ कि किसी भी क्षण मेरे जीवन का अन्‍त हो सकता है। जब आप मुझसे विदा होकर जायें, तो ऐन मुमकिन है कि एक तार मेरी मौत की सूचना देते हुए आपको मिले। इससे मैं डरता नहीं हूँ। इसीलिए मैं, बिना ख़तरे का ध्‍यान किये, बराबर काम किये जा रहा हूँ। अगर मैं स्‍वस्‍थ होता तो अपनी शक्ति अधिक सोच-समझकर ख़र्च करता, ता‍कि मैं अधिक काम कर सकूँ। पर मैं ऊँची चट्टान के कगार पर खड़ा हूँ, किसी समय भी मैं लुढ़ककर खाई में गिर सकता हूँ। यह मैं अच्छी तरह जानता हूँ। दो महीने हुए मुझे पित्त की बीमारी हुई। मैं हैरान हूँ कि मैं कैसे बच गया। पर ज्यों ही बुखार उतरा, मैंने काम करना शुरु कर दिया। और मैं लगातार 20 घंटे रोजा़ना तक काम करता रहा, मुझे डर था कि मैं किताब खत्म  होने से पहले मर न जाऊँ।
   मु्झे महसूस होता है कि मेरा जीवन खात्मे पर है, और मुझे उस एक-एक मिनट का उपयोग करना है जो मेरे पास बच रहा है। उस समय तक, जबतक मेरा हृदय प्रज्वलित और दिमाग साफ़ है। मौत मेरा पीछा कर रही है, इस कारण जीवन के प्रति आग्रह और भी तीव्र हो रहा है। यह कोई क्षणिक, छोटी-सी वीरता की बात नहीं है। मैंने हर उस दु:ख पर काबू पाया है जो जीवन से मुझे मिला: अंधापन, गतिहीनता, असहनीय शारीरिक पीड़ा। और मैं इस सबके बावजूद एक बड़ा सुखी आदमी हूँ।
- निकोलाई ओस्ट्रोव्यस्की की मैं अपने सपनों पर यदि दस मोटे ग्रंथ भी लिख दूँ, तो भी वे समाप्त न होंगे। मैं हर वक़्त स्वप्न देखता रहता हूँ, सुबह से शाम तक, हाँ, और रात को भी। किस चीज़ के? यह कहना मुश्किल है। यह कोई फिज़ूल का सपना नहीं जो दिन-प्रतिदिन और एक महीने के बाद दूसरे महीने तक चलता रहे। वह हर वक्‍त बदलता रहता है - सूर्योदय की तरह, या सूर्यास्‍त की तरह …मैं समझता हूँ कि स्‍वप्‍न देखना जीवन में फिर से ताज़गी लाने का अद्भुद साधन है। जब मेरी बहुत सी ताक़त ख़र्च हो जाती है, और मैं एक नि:शेष बैटरी की तरह महसूस करने लगता हूँ तब मुझे अपने को नयी ताकत प्रदान करने के साधन ढूँढने पड़ते हैं, कोई ऐसी चीज़ जिससे मेरी ताक़त फिर से जुट सके। मेरे स्‍वप्‍न - चाहे वे कभी-कभी कपोल-कल्पित जान पड़ें पर वे सदा इस धरती के होते हैं, इस जीवन के होते हैं। मैं असम्‍भव के सपने कभी नहीं देखता।...
    ...सपनों की कोई सीमा नहीं होती ... अक्‍सर मेरे मस्तिष्‍क के किसी कोने में एक छोटी सी चिन्‍गारी जल उठती है, और मेरी आँखों के सामने एक दृश्‍य बढ़ने और फैलने लगता है और एक विजयपूर्ण प्रयाण के दृश्‍य में परिणत हो जाता है। ऐसे सपनों से मुझे बहुत लाभ होता है। प्रेम, निजी सुख - मेरे सपने में इनके लिए स्‍थान बहुत कम है। आदमी अपने से झूठ कभी नहीं बोलता। उस खुशी से बढ़कर, जो एक सैनिक को मिलती है, मेरे लिए कोई और ख़ुशी नहीं। जो बिल्‍कुल निजी है, वह अल्‍पजीवी है। उसकी सम्‍भावनाएँ कभी इतनी विशाल नहीं हो पातीं, जितनी कि उस चीज़ की जो समूचे समाज से सम्‍बन्‍ध रखती है। मैं इसे अपने जीवन का सबसे गौरवमय कर्तव्‍य समझता हूँ, सबसे गौरवमय लक्ष्‍य, कि मनुष्‍य के उज्‍जवल भविष्‍य के लिए जो संघर्ष चल रहा है उससे मैं एक सैनिक बनूँ, और वह भी सबसे छोटा सैनिक नहीं। मेरा कर्तव्‍य है कि उस संघर्ष में नायक के स्‍थान पर लड़ूँ।
- निकोलाई ओस्‍त्रोव्‍स्‍की


जीवन का प्रत्‍येक दिन मेरे लिए यातना और पीड़ा के विरुद्ध विकट संघर्ष का दिन होता है। मेरे जीवन में दस साल से यही चल रहा है। जब तुम मेरे होठों पर मुस्‍कान देखते हो, तो यह मुस्‍कान सच्‍ची और सच्‍चे सुख की सूचक होती है। इन सब यातनाओं के होते हुए भी मैं खुश हूँ और इस खुशी का स्रोत है उन नित नये महान कामों की सम्‍पन्‍नता जो मेरे देश में हो रहे हैं। यातना और पीड़ा पर विजय पा लेने से बढ़कर कोई सुख नहीं। इसका अर्थ यह नहीं कि मनुष्‍य केवल जीता भर रहे, साँस भर लेता रहे (हालाँकि इसकी भी उपेक्षा नहीं की जा सकती)। मेरा अभिप्राय संघर्ष और विजय से है।

    मैं जब मास्‍को से यहाँ आया तो थका हुआ और बीमार था। मैं बहुत परिश्रम करता रहा था। पर मेरी बीमारी से मेरे ओज की क्षति नहीं हो पायी। बल्कि इससे वह एक जगह सिमटकर इकट्ठा हो गया है। मैं अपने आप से कहा करता हूँ: ''याद रखो, संभव है तुम कल मर जाओ, जबतक तुम्‍हारे पास समय है, काम करते जाओ!''
और मैं काम में जुट गया। मेरे आस-पास के लोग हैरान रह गये। मैं बड़े उत्‍साह और उल्‍लास से काम करता था।


मैं ऐसे आदमी से घृणा करता हूँ जो उँगली दुखने पर छटपटाने लगता है, जिसके लिए पत्‍नी की सनक क्रान्ति से अधिक महत्‍व रखती है, जो ओछी ईर्ष्‍या में घर की खिड़कियॉं और प्‍लेटें तक तोड़ने लगता है। या वह कवि जो हर क्षड़ ठंडी साँसें भरता हुआ व्‍याकुल रहता है, कुछ लिख पाने के विषय ढूँढता-फिरता है, और जब कभी विषय मिल जाता तो लिख नहीं पाता क्‍योंकि उसका मूड ठीक नहीं या उसे ज़ुकाम हो गया है और नाक चल रही है। उस आदमी की तरह जो गले में मफलर लपेटे डरता-काँपता घर से बाहर नहीं निकलता कि कहीं हवा न लग जाये। और उसे थोड़ी सी हरारत हो जाये तो डर से उसका खू़न सूखने लगता है, वह बिलखने लगता है, और अपना वसीयतनामा लिखने बैठ जाता है। इतना डरो नहीं, साथी! अपने ज़ुकाम के बारे में सोचना छोड़ दो। काम करने लगोगे तो तुम्‍हारा ज़ुकाम ठीक हो जायेगा।

    और उस लेखक से भी घृणा करता हूँ जो एक बैल की तरह हष्‍ट-पुष्‍ट है। पर पिछले तीन साल से अपनी किसी अपूर्ण पुस्‍तक में से एक टुकड़ा बार-बार अपने श्रोताओं को सुना-सुना कर पैसे कमा रहा है। हर बार पढ़ने के उसे दो सौ पचास रूबल भी मिल जाते हैं। ''मुझे अगले छ: साल तक एक शब्‍द भी लिखने की ज़रूरत नहीं।'' उसके पास लिखने के लिए वक्‍त ही नहीं। वह खाने सोने और औरतों के पीछे भागने में व्‍यस्‍त है - कैसी भी औरतें हों, सुन्‍दर या असुन्‍दर, सत्रह बरस की हों या सत्‍तर बरस की। स्‍वास्‍थ्‍य - हाँ, स्‍वास्‍थ्‍य का वह धनी है; पर उसके हृदय में कोई चिन्‍गारी नहीं।

मैं कई शानदार वक्‍ताओं को जानता हूँ। वे अपने शब्‍दों से अद्भुत चित्र खींच सकते हैं, और अपने श्रोताओं को सदाचार, और नेकी से रहने का उपदेश देते हैं, पर उनके जीवन में ये गुण नहीं होते। मंच पर खड़े होकर वे अपने श्रोताओं को बड़े-बड़े काम करने का सदुपदेश देते हैं, पर उनका अपना जीवन घृणित और कुत्सित होता है। आप उस चोर की कल्‍पना करें जो ईमानदारी की शिक्षा देता है, जो ऊँची आवाज में चिल्‍ला-चिल्‍लाकर कहता है कि चोरी करना पाप है - और जब वह बोल रहा होता है, तो अपने श्रोताओं को ध्‍यान से देखता भी रहता है कि किसकी जेब वह आसानी से काट सकता है। या उस भगोड़े को लीजिये, जो खुद युद्धक्षेत्र से भागकर आया है, और सच्‍चे सैनिकों को स्‍वेच्‍छा से आगे बढ़ने का उपदेश दे रहा है। हमारे सैनिकों को उस जैसों के साथ कोई हमदर्दी नहीं। अगर वह उन्‍हें कहीं मिल जाये, तो मार-मारकर उसे अधमरा कर देंगे। और हमारे बीच ऐसे लेखक भी मौजूद हैं जो कहते कुछ हैं और करते कुछ और। यह चीज़ लेखक के पेशे से मेल नहीं खाती।

   लेखक का दुर्भाग्‍य तब शुरू होता है जब उसके विचार, उत्‍कृष्‍ट और सजीव, उसकी क़लम पर नहीं आ पाते; उसके दिल में तो आग की ज्‍वाला होती है, पर वह उसे जब काग़ज़ पर रखता है, तो वह अधबुझी, ठण्‍डी राख होती है। जिस सामग्री पर लेखक काम करता है, उसको अपनी आवश्‍यकतानुसार गढ़ना इतना कठिन होता है कि उससे बढ़कर कठिन काम दुनिया में न होगा।
- निकोलाई ओस्‍त्रोव्‍स्‍की… कितनी शक्ति, कितना असीम बोल्‍शेविक प्रयास मुझे अपने-आपको किसी अँधेरे कूप में गिरने से बचाये रखने के लिए व्‍यय करना पड़ता है, मेरा मन क्षोभ से भर उठता है। यही शक्ति किसी अच्‍छे काम में लगा पाता तो उपयोगी हो सकती थी।
   मैं अपने आस-पास के लोगों को देखता हूँ - बैलों की तरह हष्‍ट-पुष्‍ट, मगर मछलियों की तरह उनकी रगों में ठण्‍डा खून बहता है - निद्राग्रस्‍त, उदासीन, शिथिल, ऊबे हुए। उनकी बातों से क़ब्र की मिट्टी की बू आती है। मैं उनसे घृणा करता हूँ। मैं समझ नहीं सकता कि किस तरह स्‍वस्‍थ और तगड़े लोग, आज के उत्‍तेजनापूर्ण ज़माने में ऊब सकते हैं। मैं कभी इस तरह नहीं रहा, और न ही रहूँगा।
- निकोलाई ओस्‍त्रोव्‍स्‍की  -----








Tuesday, February 26, 2013

रेल बजट 2013-14--नई पैसेंजर गाडियां

26-फरवरी-2013 15:58 IST
निम्नलिखित पैसेंजर गाडियों को शुरु करने का प्रस्ताव
रेल मंत्री श्री पवन कुमार बंसल ने संसद में 2013-14 का रेल बजट प्रस्तुत करते हुए निम्नलिखित पैसेंजर गाडियों को शुरु करने का प्रस्ताव किया-

1.      बठिंडा-धुरी पैसेंजर (दैनिक)

2.      बीकानेर-रतनगढ़ पैसेंजर (दैनिक)

3.      भावनगर-पलिटाना पैसेंजर (दैनिक)

4.      भावनगर-सुरेन्द्रनगर पैसेंजर (दैनिक)

5.      बरेली-लालकुआं पैसेंजर (दैनिक)

6.      छपरा-थावे पैसेंजर (दैनिक)

7.      लोहारू-सीकर पैसेंजर (दैनिक) आमान परिवर्तन के बाद

8.      मडगांव-रत्नागिरी पैसेंजर (दैनिक)

9.      मारिकुप्पम-सीतामढ़ी पैसेंजर (दैनिक)

10.  मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी पैसेंजर (दैनिक) वाया रुनिसैदपरुर

11.  नादियाड-मोडासा पैसेंजर (सप्ताह में 6 दिन)

12.  नांदयाल-कुर्नूल टाऊन पैसेंजर (सप्ताह में 6 दिन)

13.  न्यू अमरावती-नारखेड़ पैसेंजर (दैनिक)

14.  पुनलूर-कोल्लम पैसेंजर (दैनिक)

15.  पूर्णा-परली वैजनाथ पैसेंजर (दैनिक)

16.  पलानी-तिरुचंदरू पैसेंजर (दैनिक)

17.  रतनगढ़-सरदारशहर पैसेंजर (दैनिक) आमान परिवर्तन के बाद

18.  समस्तीपुर-बनमंखी पैसेंजर वाया सहरसा, मधेपुरा (दैनिक) आमान परिवर्तन के बाद

19.  शोरानूर-कोजीकोडे पैसेंजर (दैनिक)

20.  सुरेन्द्रनगर-ध्रांगध्रा पैसेंजर (दैनिक)

21.  सूरतगढ़-अनूपगढ़ पैसेंजर (दैनिक)

22.  सोमनाथ-राजकोट पैसेंजर (दैनिक)

23.  सीतामढ़ी-रक्सौल पैसेंजर (दैनिक)

24.  श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़-सादुलपुर पैसेंजर (दैनिक) आमान परिवर्तन के बाद

25.  तालगुप्पा-शिमोगा टाऊन पैसेंजर (दैनिक)

26.  त्रिशूर-गुरूवायुर पैसेंजर (दैनिक)

                                                                                                     (PIB)
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वि. कासोटिया/अल्केश/प्रदीप/प्रियंका/विजयलक्ष्मी/अंबुज/तारा/सोनिका/सुनील


रेल बजट 2013-14 में नई लाइनें:

26-फरवरी-2013 16:23 IST
7 नई लाइनों का निर्माण-10 लाइनों के दोहरीकरण को मंजूरी 
रेल मंत्री श्री पवन कुमार बंसल ने संसद में रेल बजट 2013-14 में नई परियोजनाओं के बारे में जानकारी दी:
नई लाइनें: 
1. भूपदेवपुर-रायगढ़ (मंड कोलरी) (सार्वजनिक-निजी भागीदारी के जरिए) 
2. गेवरा रोड-पेन्‍द्रा रोड (सार्वजनिक-निजी भागीदारी के जरिए) 
3. जैसलमेर (थियत हमीरा)-सानू 
4. केराईकल-पेरालम 
5. मकरौली तक रेवाड़ी-रोहतक नई लाइन का विस्‍तार 
6. सुल्‍तानपुर से कादीपुर 
7. तंजावूर-पट्टूकोट्टई 
मावली-बढ़ी सदड़ी खंड का आमान परिवर्तन दोहरीकरण 
1. अलवर-बांदीकुई 
2. चेन्‍नई सेंट्रल-बेसिन ब्रिज जंक्‍शन (पांचवी और छठी लाइन) 
3. दनिया-रां‍ची रोड 
4. दप्‍पर-चंडीगढ़ 
5. गढ़वा रोड-रामना 
6. हाजीपुर-रामदयालु 
7. जारगंडीह-दनिया 
8. पालनपुर-समख्‍याली (सार्वजनिक-निजी भागीदारी के जरिए) 
9. रायबरेली-अमेठी 
10. वातवा-अहमदाबाद (तीसरी लाइन) 
विद्युतीकरण 
1. कलोल-गांधीनगर-खोडियार और अलवर बांदीकुई-जयपुर-फुलेरा सहित दिल्‍ली –सराय रोहिल्‍ला-रेवाड़ी-पालनपुर-अहमदाबाद 
2. जाखल-हिसार 
3. जाखल-धुरी-लुधियाना 
4. राजपुरा-धुरी-लेहरा मोहब्‍बत 
5. सिंगापुर रोड-दामनजोड़ी 


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वि.कासोटिया/अलकेश/प्रदीप/‍प्रियंका/विजयलक्ष्‍मी/अंबुज/तारा/सोनिका/सुनील-26

RMG बनायेगी 5 पंजाबी फिल्में/लुधियाना में हुआ ऑडिशन

Mon, Feb 25, 2013 at 6:44 PM
मुख्य अतिथि थे लुधियाना सिटीजन कौंसिल के दर्शन अरोड़ा
लुधियाना:(s7 News): पंजाबी कल्चर और पंजाबी भाषा को बढावा देने के लिए ' आर एम जी फिल्म ' नामक कंपनी ने अपने पहले प्रोजेक्ट में ही पांच पंजाबी फिल्में बनाने का निर्णय लिया है। इन फिल्मों में नए कलाकारों को पहल दी जायेगी और पंजाब सहित अन्य राज्यों में ऑडिशन करवा कर फिल्म के लिए नए चेहरों को खोजा जायेगा। कंपनी के पदाधिकारियो के मुताबिक उनके द्वारा बनाई जा रही सभी फिल्मे दर्शकों की माँग पर होगी, जिसे वह अपने परिवार के साथ बैठ कर देख सकेंगे। बड़े बजट की इन फिल्मों में पूरी तरह से आधुनिक तकनीक का कमाल दिखाया जायेगा। 
आर एम जी फिल्म प्रोडैक्शन प्री . लि कंपनी द्वारा पहला ऑडिशन का आयोजन लुधियाना की काम्या एक्टिंग आकदमी के सहयोग से सिलवर कुञ्ज इलाके में कवाया गया। इस ऑडिशन में पंजाब, हरियाणा, जम्मू, राजस्थान व उत्तर प्रदेश से एक हजार के करीब पंजाबी भाषीय लडके लडकियों ने हिस्सा लिया। पंजाबी फिल्म के इस ऑडिशन में नए कलाकारों में काफी उत्साह देखा गया। ऑडिशन की जज टीम में आर एम जी के प्रोडूसर राज गिल, बॉलीवुड फिल्मों के ड्रायेक्टर वरुण खन्ना, सीनियर मैनेजर अजय कोहली शामिल हुए। ऑडिशन में अन्य राज्यों से आये पंजाबी कलाकारों ने पंजाबी भाषा में जब अपनी कला का प्रदर्शन किया तो सभी को हैरान कर दिया। इन में राजस्थान से आये रतन लाल और गाजियाबाद से आये विशेष ने एक्टिंग का अच्छा प्रदर्शन किया। इसी के साथ नन्हे बच्चों में रघुबीर व तरंवीर और नन्ही सुश्रीती ने कामेडी प्रोग्राम पेश कर सभी को हँसने के लिए मजबूर कर दिया। 
आर एम जी फिल्म प्रोडैक्शन प्री . लि कंपनी के प्रोडूसर राज गिल ने बताया की वह पांच पंजाबी फिल्मे बना रहे है यही सभी फिल्मे पंजाबी कल्चर और पंजाबी भाषा को बढावा देने वाली होगी। उनकी पहली फिल्म आधी अब्रोअड में और पंजाब में शूट होगी। उनका मुख्य मकसद नए कलाकारों को प्लेटफार्म मुहैया करवाना है। रविवार को होए इस ऑडिशन में काफी नए कलाकारों की छुपी होई प्रतिभा को देखने का मोका मिला, लुधियाना के इस ऑडिशन में हमें कुछ अच्छे कलाकार मिले है। आने वाले दिनों में पंजाब के अन्य शहरों में ऑडिशन करवाए जाने है।
बॉलीवुड फिल्मों के ड्रायेक्टर वरुण खन्ना ने बताया की आज के समय में पंजाबी दर्शक अच्छी फिल्मो की आशा रखते है, जिस में बॉलीवुड की झलक दिखाई दे।  अगर देखा जाइये तो पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री में काफी कुछ बदल गया है। लोग अपनी भाषा में नए जमाने की फिल्म पसंद करते है। आज कामेडी, प्यार और थोडा बहुत एक्शन पसंद किया जाता है, उसी को ध्यान में रख कर फिल्म बनाई जा रही है।
ऑडिशन के मुख्य अतिथि लुधियाना सिटीजन कौंसिल के चेयरमैन दर्शन अरोड़ा ने भी सभी कलाकारों को बधाई दी और अपनी कला को ओर ज्यादा निखारने को कहा।
ऑडिशन के अंत में रविकांत गुप्ता, सुरेश गोयल, विजय गोयल, अमित शर्मा, काम्या एक्टिंग आकदमी के दीप कुमार, पी एस रंधावा, जस्सी व सतनाम सिंह ने  ऑडिशन में आये कलाकारों को सम्मानित किया।  
लुधियाना में पंजाबी फिल्म के लिए ऑडिशन आयोजित 

Sunday, February 24, 2013

दक्षिणी वियतनाम में विस्फोटः सात मौतें

शहर होची मिन्ह में रविवार को दो विस्फोट होने से तीन घर ढह गए
                                                                   फ़ोटो: EPA
विस्फोट से मौतें अब आम बात होती जा रही है। शायद यह नई दुनिया के विकास का कोई साईड इफेक्ट जिससे बच पान सम्भव नहीं लगता। अब  विस्फोट का कहर दिखाई दिया है दक्षिणी वियतनाम में जहाँ सात लोग एक विस्फोट में मारे गए हैं। रेडियो रूस ने इस सम्बन्ध में एक खबर एक समाचार एजेंसी के हवाले से दी अपनी एक खबर में इसका संक्षित विवरण भी बताया है।  

वियतनाम के दक्षिणी शहर होची मिन्ह में रविवार को दो विस्फोट होने से तीन घर ढह गए जिसके परिणामस्वरूप सात लोग मारे गए। यह ख़बर सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने दी है। स्थानीय पुलिस के अनुसार, विस्फोट होने का एक कारण यह हो सकता हौ कि कि ध्वस्त घरों में से एक घर में कुछ विस्फोटक पदार्थ जमा किए हुए थे। यह भी बताया गया है कि इनमें से एक घर का निवासी फिल्मों की शूटिंग के लिए पटाखे आदि बनानेवाली एक कंपनी में काम करता है, और संभव है कि उसने ही यह विस्फोटक सामग्री अपने घर में जमा की हो।
 

दक्षिणी वियतनाम में विस्फोटः सात मौतें

Saturday, February 23, 2013

यूरोप में बेरोज़गारी का क़हरः यूरोपीय आयोग


23.02.2013, 01:36
बेरोज़गारी का स्तर बढ़कर 12 प्रतिशत से अधिक हो जाएगा
                                                                   फोटो: EPA
हमें लगता होगा कि शायद बेरोज़गारी का संकट केवल हमारे यहाँ ही है पर वास्तव में यह संकट पूरी दुनिया में गहराता जा रहा है। रेडियो रूस ने यूरोपीय आयोग के हवाले से खबर दी है कि वहन भी भी बेरोज़गारी का संकट घर रहा है। यूरोप में बेरोज़गारी का कहर शीर्षक से दी गई इस खबर में रेडियो रूस ने बताया है कि वर्ष 2013 में यूरो क्षेत्र में बेरोज़गारी का स्तर बढ़कर 12 प्रतिशत से अधिक हो जाएगा। यह बात शुक्रवार को यूरोपीय आयोग द्वारा प्रकाशित आर्थिक पूर्वानुमान संबंधी एक रिपोर्ट में कही गई है। वर्ष 2012 में यूरो क्षेत्र में बेरोज़गारी का स्तर 11.4 प्रतिशत था। विशेषज्ञों के मुताबिक, योरोप में बेरोज़गारी की उच्चतम, 27 प्रतिशत दर यूनान में होगी।

यूरोपीय आयोग की रिपोर्ट में इस बात पर ज़ोर दिया गया है कि यूरोप में लंबे समय तक बेरोज़गारी बढ़ते रहने से कई लोग अपना पेशेवाराना कौशल भी भूल सकते हैं।