Sunday, October 20, 2013

आरिफ लौहार की जुगनी ने लूट लिया अमृतसर वासियों का दिल

Sun, Oct 20, 2013 at 2:40 PM
अमृत दे सुर सूफी कार्यक्रम में लौहार ने मचाया धमाल
मोहब्बत की लौ जलाने आए हैं गुरु नगरी अमृतसर-आरिफ लौहार
अमृतसर:(गजिंदर सिंह किंग//पंजाब स्क्रीन):म्युजिक इंडिया की ओर से अमृतसर में आयोजित कार्यक्रम अमृत दे सुर का दूसरा और आखिरी दिन आरिफ लौहार के नाम रहा। हालांकि आखिरी दिन कुछ और कलाकारों ने भी अपनी कला का प्रदर्शन किया। लेकिन आडिटोरियम में आया प्रत्येक श्रोता और दर्शक सिर्फ आरिफ लौहार का ही इंतजार कर रहा था। जैसे ही आरिफ लौहार स्टेज पर पहुंचे, सभी ने तालियों और सीटियों से उनका स्वागत किया। आरिफ लौहार ने इस दौरान कई गीत पेश किए और अपने ठेठ पंजाबी अंदाज में सभी का मनोरंजन भी किया। एक व्यक्ति के जीवन से लेकर मृत्यु तक के सभी गीत पेश किया। इतना ही नहीं, इस दौरान उन्होंने अपनी सहयोगी गायिका फोजिया के साथ मियां-बीवी की खरीददारी पर होने वाली तकरार का भी मंचन किया और दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। इससे पहले उन्होंने बालीवुड की एक अनाम हिंदी फिल्म में गाए गया गीत भी पेश किया। इससे पहले पत्रकारों से बातचीत के दौरान आरिफ लौहार ने कहा कि गुरु नगरी अमृतसर में वह दूसरी बार आए हैं और यहां आकर जहां उनके दिल को सकून मिलता है, वहीं उन्हें यहां की मिट्टी की खूशबू बहुत पसंद है। सूफी गायकी में पाप और राक म्युजिक की जुगलबंदी के बारे में उन्होंने कहा, कि वह अपनी मां बोली पंजाबी की सेवा करते हैं और चाहते हैं, कि इसे हर कोई सुने। उन्होंने कहा, कि यदि आज की पीढ़ी सूफी संगीत को पाप और राक म्युजिक में सुनना पसंद करती है, तो इसमें बुराई ही क्या है। इसके अलावा उन्होंने बताया, कि इससे पहले उनका एक गीत राक स्टार फिल्म में उनकी ही आवाज में आना था, परंतु आखिरी समय में वह किसी और की आवाज में पेश किया गया। लेकिन अब उनकी कुछ हिंदी फिल्म निर्माताओं के साथ बात हुई है और उन्होंने करीब दस गाने रिकार्ड कर मुंबई भेजे हैं, जो जल्द ही हिंदी फिल्मों के माध्यम से लोग सुन सकेंगे।
      इस मौके पर आरिफ लौहार के साथ आई पाकिस्तानी गायिका फौजिया ने कहा कि अमृतसर आने पर उन्हें कभी भी एहसास नहीं होता कि वह लाहौर में है या अमृतसर में। उन्होंने कहा, कि यहां की बोली, रहन-सहन सब कुछ पाकिस्तान की ही तरह है। इसके अलावा वह जब भी भारत आती हैं और यहां परफामेंस करती हैं, तो उन्हें पाकिस्तान की आवाम से भी अधिक प्यार और मोहब्बत मिलती है। फौजिया के मुताबिक दोनों मुल्कों की आवाम एक होना चाहती है, लेकिन कुछ दिक्कतों के चलते ऐसा नहीं हो पा रहा है। वीजक प्रणाली के बारे में उन्होंने कहा, कि वीजा प्रणाली को और सरल करना चाहिए, ताकि दोनों मुल्कों के बाशिंदे एक-दूसरे के देश में आकर प्यार और मोहब्बत को बढ़ाएं। 
      वहीं इस मौके पर म्युजिक इंडिया की सीईओ माला सेखड़ी ने कहा, कि सूफी गायिकी को और बुलंदी पर पहुंचाने का उनकी कंपनी का यह एक छोटा सा प्रयास है। उन्होंने कहा, कि उनकी कंपनी की ओर से किए गए इस कार्यक्रम को लोगों का काफी प्यार मिला है और इस कार्यक्रम से मिले रिस्पांस के बाद वह पंजाब के अन्य शहरों में भी इसी तरह के कार्यक्रमों का आयोजन निकट भविष्य में ही करेंगी।  

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