Tuesday, October 29, 2013

भारत के बाहर आजाद भारत का पहला कौमी तराने

भारत नाम सुभागा
जय हो जय हो जय हो                जय जय जय जय हो
Neta Ji Subhash Chandra Bose नाम से बने एक प्रोफाइल पर August 11, 2011 को लिखा गया था की आज एक मित्र ने आजाद हिंद फौज के कौमी तराने की माँग की थी, तो मैंने सोचा कि भारत के बाहर आजाद भारत के इस पहले कौमी तराने को सबके लिए पेश किया जाए। यहं अप सबके लिए भी वही कौमी तराना अग्रिम धन्यवाद सहित प्रस्तुत है:
सब सुख चैन की बरखा बरसे

भारत भाग है जागा

पंजाब सिध गुजरात मराठा

द्रविड़ उत्कल बंगा

चंचल सागर विध हमालय

नीला जमुना गंगा

तेरे नित गुन गाएँ, तुझसे जीवन पाएँ

हर तमन पाए आशा

सूरज बन कर जग पर चमके

भारत नाम सुभागा

जय हो जय हो जय हो

जय जय जय जय हो



सब के दिल में प्रीत बसाए

तेरी मीठी बानी

हर सूबे के रहने वाले

हर मजहब के प्राणी

सब भेद और फरक मिटाके

सब गोद में तेरी आके

गूंथें प्रेम की माला

सूरज बन के जग पर चमके

भारत नाम सुभागा

जय हो जय हो जय हो

जय जय जय जय हो


सुबह सवेरे पंख पखेरू

तेरे ही गुन गाएं

बास भरी भरपूर हवाएँ

जीवन में रुत लाएँ

सब मिल कर हिंद पुकारे

जय आजाद हिंद के नारे

प्यारा देश हमारा

सूरज बन के जग पर चमके

भारत नाम सुभागा

जय हो जय हो जय हो

जय जय जय जय हो
Photo: आज एक मित्र ने आजाद हिंद फौज के कौमी तराने की माँग की थी, तो मैंने सोचा कि भारत के बाहर आजाद भारत के इस पहले कौमी तराने को सबके लिए पेश किया जाए

 

सब सुख चैन की बरखा बरसे

भारत भाग है जागा

पंजाब सिध गुजरात मराठा

द्रविड़ उत्कल बंगा

चंचल सागर विध हमालय

नीला जमुना गंगा

तेरे नित गुन गाएँ, तुझसे जीवन पाएँ

हर तमन पाए आशा

सूरज बन कर जग पर चमके

भारत नाम सुभागा

जय हो जय हो जय हो

जय जय जय जय हो

 

 सब के दिल में प्रीत बसाए

तेरी मीठी बानी

हर सूबे के रहने वाले

हर मजहब के प्राणी

सब भेद और फरक मिटाके

सब गोद में तेरी आके

गूंथें प्रेम की माला

सूरज बन के जग पर चमके

भारत नाम सुभागा

जय हो जय हो जय हो

जय जय जय जय हो

 

सुबह सवेरे पंख पखेरू

तेरे ही गुन गाएं

बास भरी भरपूर हवाएँ

जीवन में रुत लाएँ

सब मिल कर हिंद पुकारे

जय आजाद हिंद के नारे

प्यारा देश हमारा

सूरज बन के जग पर चमके

भारत नाम सुभागा

जय हो जय हो जय हो

जय जय जय जय हो

No comments: