Friday, September 06, 2013

यह भारत देश है मेरा?

जहाँ हर इक गली के मोड़ पर खुलता दारू वाला ठेका 
लुधियाना,5 सितंबर 2013: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो): यह समझना मुश्किल है कि बार बार नशे के खिलाफ अभियान चलाने वाली सरकारें शराब के मामले मैं आकर आँखें क्यूं मूँद लेती हैं? कभी किसी स्कूल की दीवार में जगह तलाश कर शराब का ठेका खुल जाता है, कभी किसी मन्दिर के पास और कभी किसी गुरूद्वारे के पास। रिहायशी इलाके न्यू कुंदनपुरी में भी  कुछ ऐसा ही हुआ। मंदिर के ऐन निकट शराब का ठेका खोल दिया गया। ठेका खुला तो लोगों ने विरोध भी किया और जब विरोध बढ़ा तो ठेके बंद लेकिन कुछ ही दिनों के बाद ठेका फिर शुरू। लोग फिर संघर्ष की राह पर और शराब का ठेका खोले जाने का विरोध लगातार जारी है। बुधवार को ठेका बंद करवाने की मांग को लेकर इलाका निवासियों ने ठेके के बाहर प्रदर्शन किया था और अधिकारियों के साथ फोन पर संपर्क करना चाहा पर सफलता नहीं मिली। राज नहीं सेवा का नारा लगाने वाली सर्कार के अफसर फोन सुनने से भी कतराने लगे। जब इलाका निवासियों की सुनवाई नहीं हुई, तो लोगों ने देर रात डिस्ट्रिक्ट एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर (डी.ई.टी.सी.) ऋषिपाल की कोठी का घेराव कर दिया। शायद लोगों के पास कोई और चारा भी नहीं था। पुलिस के आलाधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को शांत किया। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे वरुण मेहता के मुताबिक कृष्णा मंदिर के निकट करीब पांच दिन पहले गलत ढंग तरीके से ठेका खोल दिया गया। लोगों ने पांच दिन पहले विरोध कर ठेका बंद ही करवा दिया था पर समस्या हल नहीं हुई। गुरूवार की शाम को ठेका फिर खोल दिया गया। इलाका निवासियों ने ठेका बंद कराने के लिए यहां प्रदर्शन कर विभागीय अधिकारियों के साथ फोन पर संपर्क भी करना चाहा। किंतु अधिकारियों ने उनका फोन रिसीव नहीं किया। इसलिए उन्हें मजबूरन देर रात अपनी आवाज अफसरों तक पहुंचाने के लिए डी.ई.टी.सी. की कोठी का घेराव कर प्रदर्शन करना पड़ा। बस डी.ई.टी.सी. की कोठी के बाहर प्रदर्शन होने की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। आनन फानन में तीन थानों के एस.एच.ओ. और आलाधिकारियों ने मौके पर पहुंच प्रदर्शनकारियों को शांत किया। फिलहाल अफसरों ने ठेका बंद करवा दिया है। किंतु इस समस्या का स्थायी हल निकालने के लिए अधिकारियों ने जांच कराने का समय मांगा है। इस रोष प्रदर्शन में मुस्लिम वैल्फेयर के प्रधान अब्बदुल शाकुर, मौजूदा पार्षद जय प्रकाश, पूर्व पार्षद अवतार कृष्ण तारी और कई अन्य भी लोग भी मौजूद थे।लोग जानना चाहते हैं कि अपनी कमाई की खातिर सरकार जगह जगह शराब के ठेके क्यूँ खोले जा रही है? धन और तरीकों से भी कमाया जा सकता है इसके लिए अपने ही देश की जनता को नशे किम लत लगाना आवश्यक क्यूं? 
यह भारत देश है मेरा? जहाँ हर इक गली के मोड़ पर खुलता दारू वाला ठेका 
न्यू कुंदनपुरी लुधियाना में शराब का ठेका विवाद 

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