Monday, September 23, 2013

16वीं राष्‍ट्रीय एकता परिषद की बैठक में प्रस्‍ताव पारित

23-सितम्बर-2013 20:28 IST
हर प्रकार की हिंसा की निंदा की
आज यहां राष्‍ट्रीय एकता परिषद की 16वीं बैठक में पारित प्रस्‍ताव का मूलपाठ इस प्रकार है:- 

‘’राष्‍ट्रीय एकता परिषद 23 सितंबर, 2013 को आयोजित अपनी 16वीं बैठक में सर्वसम्‍मति से प्रस्‍ताव करती है:- 

सामप्रदायिक सौहार्द को भंग करने के लिए हर प्रकार की हिंसा की निंदा की जाती है और इस तरह की हिंसा करने वालों के साथ कानून के तहत तुरंत और सख्‍ती के साथ निपटा जाएगा। 

सभी समुदायों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों को कायम रखने और मजबूत बनाने तथा सामानयता समान्‍य के साथ सभी नागरिकों को आजादी के साथ जीवन बिताने के योग्‍य बनाने के लिए सभी उपाय किये जाएंगे। 

यह भी प्रस्‍ताव किया जाता है कि सरकार और हितधारक कानून के दायरे के अंदर लोगों के बीच मौजूद विवादों और असहमतियों को दूर करने के लिए सभी उपाय करेंगे। साथ ही अपने धर्मनिरपेक्ष और बहुलतावादी सामाज को मजबूत बनाने के लिए संस्‍थानों का गठन करेंगे। परिषद सर्वसम्‍मति से यह भी प्रस्‍ताव करती है- अनुसूचित जनजातियों एवं जनजातियों पर लगातार होने वाले अत्‍याचारों की निंदा की जाती है और इस संबंध में विभिन्‍न कानूनों और वशिेष अधिनियमों के तहत अत्‍याचार करने वालों के खिलाफ ऐसे अपराधों के लिए कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 

परिषद यह भी प्रस्‍ताव करती है कि उपरोक्‍त वर्गों का समावेश सामाज के अन्‍य वर्गों के साथ समान स्‍तरों पर किये जाने का अथक प्रयास किया जाता रहेगा। 

परिषद यह भी प्रस्‍ताव करती है कि मैला ढोने की अमानवीय और असम्‍मानजनक श्रम के अन्‍य तरीकों को समाप्‍त किया जाएगा। इसके साथ ही इन कार्यों में लगे हुए लोगों को वैकल्पिक रोजगार प्रदान किया जाएगा ताकि वे सम्‍मान के साथ जीवन जी सकें। 

परिषद सर्वसम्‍मति से यह भी प्रस्‍ताव करती है- 

महिलाओं के प्रति हिंसा और यौन उत्‍पीड़न की निंदा की जाती है और ऐसे अपराधियों के विरूद्ध कानून लागू करने वाली एजेंसियों द्वारा कड़ी कार्रवाई किया जाना सुनिश्चित करती है। इसके अलावा, आपराधिक न्‍याय प्रणाली के तहत ऐसे मामलों की जल्‍द सुनवाई की जाएगी। 

परिषद यह भी प्रस्‍ताव करती है यह सुनिश्चित किया जाएगा कि महिलाओं को अपने सामाजिक और आर्थिक विकास के सम्‍मान अवसर मिले और वे आजादी का लाभ उठा सकें। उन्‍हें रात और दिन किसी भी समय कहीं भी आने-जाने के अधिकार की सुरक्षा की जाएगी। 
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वि.कासोटिया/अरुण/मनोज-6345

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