Monday, August 26, 2013

पंजाब: अभी भी नहीं बने सभी के आधार कार्ड

कहीं जाली आधार कार्डों का आधार तो नहीं बन रहा-चोरी हुआ डाटा ?
सरकारी सब्सिडी के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं-राजीव शुक्ल 
आधार कार्ड बनाने का प्रचार भी जोरशोर से चला और इसका तथाकथित अभियान भी।  पर यह रहा पूरी तरह से नाकाम ही क्यूंकि इस सारे अभियान का परिणाम यह हुआ कि बहुत से लोग इस कार्ड को अभी भी नहीं बनवा पाए। कुछ "नासमझ" लोगों को यह लगा कि क्या फर्क पड़ने वाला है। कुछ ज्यादा ":अक्लमंद" लोगों को लगा की हम कोई मुजरिम थोड़े हैं कि अपनी पुतलियों की तस्वीरें भी खिंचवा कर दें और उँगलियों के निशान भी! उन्ह्वें शक था कि हर काम में किसी न किसी निर्दोष को यूं ही फंसा देने वाला यह सिस्टम कहीं हमें भी न फंसा दे। इसी बीच कुछ शातिर किस्म के लोग इसके कैंप लगवा कर इन कार्डों को  बनवाने का पुण्य भी अर्जित करते रहे और साथ ही साथ प्रति कार्ड दो दो सो रूपये कमाने का कारोबार करते भी बताये गए।  अगर कोई इनके पास जाता तो कार्ड की औपचारिकता झट से पूरी हो जाती और अगर कोई सीधा किसी सरकारी कार्यालय में जाता तो उसे हजारों झंझट और वह फिर लौट आता इन्हीं लोगों के पास।  आखिरकार हुआ यह कि समय निकल गया और बहुत से लोग अभी भी इन आधार कार्डों के बिना रह गये।  उन्हें अपना आधार खिसकता तब महसूस जब सरकार ने एक बयान के जरिये एक ऐलान जारी किया कि अब नया गैस सिलेण्डर इस आधार कार्ड के बिना बुक ही नहीं होगा। 
इस बयान के अनुसार एक सितंबर, 2013 से गैस सिलेंडर को मिलने वाली सब्सिडी, पेंशन खाताधारक के खाते में सीधी जाएगी। बस इस बयान के आते ही पूरे पंजाब में हलचल मच गई। गौरतलब है कि अभी बहुत से लोग ऐसे हैं, जिनके आधार कार्ड लाख चाहने के बावजूद भी नहीं बने हैं। पंजाब भर में बहुत से लोग ऐसे भी होंगें जिन्होंने आधार कार्ड बनने के लिए तो दिए हैं और दस माह बीतने के बावजूद उन्हें आधार कार्ड नहीं मिले। कई इसे हैं जो केवल कम्प्यूटे से निउक्लि पर्ची पर संतोष करके बैठे हैं। 
दोराहा में रामगढि़या विश्वकर्मा फ्रंट पंजाब के प्रांतीय सेक्रेटरी बरजिंदर सिंह जंडू व बलविंदर सिंह मठारू ने इस सरे मामले पर घन निराश व्यक्त करते हुए कहा कि आधार कार्ड के लिए जब भी इंटरनेट के उपर दिए गए नंबरों पर फोन करते हैं तो जवाब में उन्हें कोई ठोस उत्तर नहीं मिलता। दूसरी ओर आधार कार्ड की वेबसाइट पर दिए नंबरों पर जब संपर्क करते हैं तो वहां कोई फोन नहीं उठाता। बहुत से आधार कार्डो का जब स्टेटस चेक किया जाता है तो उनका स्टेटस आता है कि आपकी इनरोलमेंट असफल हो गई है, कृपया दोबारा इनरोल करवाएं। लोग हैरान हैं कि आखिर इतना डाटा कहां गया। जिन लोगों ने अपना कामकाज छोड़कर आधार कार्ड बनवाने के लिए जद्दोजहद की, उन्हें दोबारा से लाइनों में लगाना होगा।
इसी तरह लुधियाना के अहाता शेरगंज इलाके के कुछ लोगों ने बताया की सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बावजूद उनके कार्ड नहीं बने। अधिकारी कहते हैं की उनके कम्प्यूटर से डाटा चोरी हो गया।  अब स्वकाल उठता है की डाटा चोरी कैसे हुआ और उसका पता क्यूं नहीं लगाया गया। कहीं एस तो नहीं की वही डाटा किसी समाज विरोधी या आतंकी सन्गठन के हाथ लगा गया हो और उस डाटा के आधार पर कई लोगों के जाली आधार कार्ड तैयार हो जायें! अब देखना यह भी है कि इस तरह की चोरी और कहाँ कहाँ हुई?  
इसी बीच शुक्रवार को ही सरकार ने साफ तौर पर ख दिया था कि सरकारी सब्सिडी का फायदा लेने के लिए आधार कार्ड को अभी तक अनिवार्य नहीं बनाया गया है, फिर चाहे मामला एलपीजी का हो या कुछ भी और। संसदीय कार्य राज्यमंत्री राजीव शुक्ला ने शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि वह पहले ही संसद में साफ कर चुके हैं कि सब्सिडी वाली किसी भी सरकारी योजना के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य नहीं बनाया गया है। इसे पूरी तरह से स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि अगर कोई केंद्रीय उद्यम ऐसा कर रहा है तो उसमें सुधार किया जाएगा। उम्मीद है कि सरकार का सपष्टीकरण आने के बाद लोग राहत की सांस लेंगें और इस आधार कार्ड को बनाने बनवाने के मांमले में पारदर्शिता भी आएगी और तेज़ी भी। 
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