Saturday, August 24, 2013

मुंबईगैंगरेप:फिर निकाला पहरावे का कसूर

मुंबई गैंगरेप पर स्पा नेता नरेश अग्रवाल का बेहूदा बयान
अकाली सांसद हरसिमरित कौर बादल ने डट कर किया एतराज़ 
नई दिल्ली: सत्ता मिलते ही समाज से कट कर आम लोगों से दूर किसी ऊंची  हवा के महल में रहने वाले नेता देश की किसी गंभीर समस्या पर भी कोई बेतुका ब्यान  न दें यह  तो अब सम्भव ही  नहीं लगता।  इस तथ्य को उजागर करता एक नया ब्यान सामने आया है सपा के नेता नरेश अग्रवाल का। मुंबई में गैंगरेप का शिकार हुई एक महिला फोटो जर्नलिस्ट के साथ हमदर्दी  की बजाये श्री अग्रवाल कह रहे हैं यह  सब  लडकी के पहरावे के कारण हुआ। गौरतलब है कि गुरुवार को मुंबई में एक फोटो जर्नलिस्ट के साथ हुई रेप के खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। सड़क से संसद तक इसकी गूंज सुनाई दे रही है लेकिन हमारे नेता लोग मुजरिमों को पहरावे से पैदा हुई उत्तेजना का शिकार हुए बेचारे मासूम लोग साबित करने में लगे हैं। 
सपा नेता नरेश अग्रवाल ने शनिवार को कहा कि सिर्फ कानून बनाने से रेप पर लगाम नहीं लगेगी, बल्कि लड़कियों के रहन सहन और पहनावे पर ज्यादा ध्यान देना होगा। यही रेप की बढ़ती वारदातों का मुख्य कारण है। इस बयान को सुन कर लगता है कि अगर देश में सपा की सत्ता आई तो यहां भी कोई बुर्के जैसा सिस्टम लागू हो जायेगा और ये लोग देश में कुछ इसी तरह का समाजवाद लायेंगे। क्या ये लोग बतायेंगे कि दुष्कर्म का शिकार होने वाली नन्ही नन्ही बच्चियां किस पहरावे के कारण इस दरिंदगी का शिकार होती हैं। देश के समाज की बीमार हो रही मानसिकता के आरोप पहरावे पर लगाने से 
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं हुआ है जब किसी नेता ने इस तरह का बयान देकर लडकी और उसके परिवार के जख्मों पर नमक छिड़का हो। इससे पहले भी जब जब देश में ऐसी घिनौनी घटना घटी है, कुछ करें न करें लेकिन नेता अपनी बयानबाजी से कभी पीछे नहीं हटते हैं। दिल्ली गैंगरेप मामले में में भी प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने कुछ ऐसी ही टिप्पणी कर डाली थी जिसकी व्यापक स्तर पर चौतरफा निंदा हुई थी। इसी तरह से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी पार्क स्ट्रीट रेप मामले पर कुछ अजीब बात ही कह डाली थी। आरएसएस नेता ने भी लड़कियों के साथ बढ़ती रेप की वारदातों के लिए उनके सही समय पर घर न आना, उनकी लाइफ स्टाइल पर सवाल उठाए थे। यही नहीं खाप पंचायत ने इस तरह के मामले को लेकर कहा था कि महिलाओं को मर्यादा में रहना चाहिए। आपको याद होगा कि लडकियों के पहरावे को निशाना बनाने वाले रेश अग्रवाल अपने सियासी कैरियर में खुद कितने सियासी लिबास बदल चुके हैं। डेट लाईन लखनऊ से छपी खबरें लोग इतनी जल्द भूलें भी नहीं होगें। लोग जानते हैं कि दिसम्बर-2011 के आखिरी दिनों में नरेश अग्रवाल अपने बेटे सहित बसपा से निकाल दिए गए थे। बसपा से निष्कासित होने के बाद वह खामोश नहीं बैठे बल्कि अपने पुत्र नितिन अग्रवाल के साथ बसपा से नाता तोड़ कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। इस मकसद के उन्होंने बस सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव से एक ही भेंट और मुलाकात को सफल बना लिया। इस मुलाकात के  तुरंत बाद ही उनकी वापसी को हरी झंडी मिल गयी। लोगों को यह भी याद होगा कि यह वही नरेश अग्रवाल हैं जिन्होंने सन 1997 में कांग्रेस से अलग होकर लोकतांत्रिक कांग्रेस बना ली थी और भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री भी हुए थे। यह उनकी राजनीतिक कलाबाजी का ही  सकता है कि फिर सन 2002 का चुनाव उन्होंने सपा के टिकट पर लड़ा और मुलायम सिंह यादव की नेतृत्व वाली सरकार में भी मंत्री रहे। सत्ता मोह का कमाल  कि वह जहां भी रहे उन्हें मंत्री पद मिला। सन 2007 के चुनाव में भी वह सपा के टिकट से जीते लेकिन बाद में वह विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर बसपा में शामिल हो गए। बसपा ने उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाने के साथ राज्यसभा का सदस्य भी बना दिया उनकी विधानसभा वाली सीट पर 2008 में हुए उपचुनाव में उनके पुत्र नितिन अग्रवाल बसपा से विधायक हुए थे। बसपा ने उनके पुत्र को 2012 के के लिए भी उम्मीदवार घोषित किया पर शनिवार को टिकट काट दिया गया। इसके बाद नरेश अग्रवाल ने सपा और कांग्रेस में जगह तलाशनी शुरू की और अन्तत: सपा में वापसी के लिए मुलायम सिंह को मनाने में सफल रहे। सत्ता और सियासत के इतने रंग देखने वाले देश में महिलायों के खिलाफ हो रहे जुर्मों की असल जद क्यूं नहीं देख पा रहे।  
इसी बीच पंजाब की एक दलेर अकाली महिला नेता और सांसद हरसिमरित कौर बादल ने नरेश अग्रवाल के इस ब्यान पर सख्त एतराज़ जताया है और जवाबी सवाल हुए पूछा है कि क्या सलवार कमीज़ पहनने वाली औरतों के बलात्कार  फिर बिलकुल ही नन्ही बच्चियों से दुष्कर्म नहीं होता?उन्होंने तथ्य और आंकड़े देते हुए कहा कि देश में महिलायों के साथ ज्यादतियों के एक  पेंडिंग पड़े हैं--क्या इन एक लाख औरतों का पहनावा गलत था? उन्होंने गंभीर स्वर में कहा कि इस तरह की दकियानूसी बातें करने की बजाये इस जुर्म के लिए ज़िम्मेदार तत्वों के खिलाफ एक्शन लेने की मांग होनी चाहिए। 
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