Thursday, August 01, 2013

पैतृक गांव में रफी को उनकी बरसी के मौके पर किया गया याद

रफ़ी की याद में लगा पैतृक गाँव में चाहनेवालों का मेला
अमृतसर: 31 जुलाई 2013 (गजिंदर सिंह किंग//पंजाब स्क्रीन): तुम मुझे यूं भुला न पाओगे, मोहम्मद रफी की आवाज में गुनगुनाते इस गानेके स्वर सुन कर आज भी उनके पैतृक गांव में मौजूद रफी को जानने वाले लोगों की आंखें नम हो जाती हैं। लेकिन इसके साथ उनके चेहरे पर रफी के इस गांव से संबंधित होने का समरण कर रौणक आ जाती है। हालांकि आज रफी के दोस्त इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनसे मोहम्मद रफी के किस्से सुनने वालों का कहना है कि उन्हें यह जान कर काफी खुशी होती है कि दुनिया के सबसे बेहतरीन गायक मोहम्मद रफी उन्हीं के गांव के हैं।   रफी का नाम सुनते ही हर किसी के मन में उनकी मधुर आवाज घनघना जाती हैं। आज भी जब हम इस सदाबहार गायक की आवाज में गाए गए गानों को सुनते हैं, तो एक अजीब सी दुनिया में पहुंच जाते हैं। आज रफी की बरसी हैं और उनके पैतृक गांव कोटला सुल्तान सिंह में उन्हें श्रद्धा सुमन भेंट कर रहे हैं। उनके दोस्त बख्शीश सिंह और कुंदन सिंह इस दुनिया में नहीं रहे। लेकिन उनके बच्चे और गांव के अन्य निवासियों का कहना है कि उन्हें इस बात का मान है कि वे उस गांव के रहने वाले हैं, जहां सुरों के सरताज ने जन्म लिया था।

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