Tuesday, July 30, 2013

सरोजिनी साहू एक विशिष्ट नाम-कमलेश्वर

Mon, Jul 29, 2013 at 7:45 AM
इनकी कहानियां मन को झकझोरती हैं               -नब्बे के दशक में  कहा था 
प्रिय मित्र,
नब्बे के दशक में कमलेश्वर ने ओडिया की लेखिका सरोजिनी साहू के सन्दर्भ
में लिखा था:
"प्रखरतम लेखिका के रूप में और यथार्थ स्पष्टवादिता के लिए सरोजिनी साहू
एक विशिष्ट नाम है. इनकी कहानियां मन को झकझोरती है. मध्यमवर्ग के
पारिवारिक जीवन की समस्याएं, उलझाने, सुख-दुःख, आशा-निराशा, संजोए-बिखरते
सपने, आम जिन्दगी के संघर्षशील अनुभवों को लेकर वे बड़े ही प्रखर शैली
में अपनी बात कहती हैं. ओडिया कथा-साहित्य में सरोजिनी साहू एक विशिष्ट
प्रतिभा का नाम है. अबतक उनका एक ही संकलन 'सुखर मुहाँ-मुहिं' प्रकाशित
हुआ है. यों नियमित रूप से पत्र-पत्रिकाओं में उनकी कहानियां प्रकशिओत
होती रहती हैं और बहु-चर्चित कथा लेखिका के रूप में उनकी ख्याति है."
देखें: भारतीय शिखर  कथा कोष   (http://bit.ly/13Rs1MB)
नब्बे के दशक की उस प्रतिभाशाली लेखिका आज भारतीय साहित्य में न केवल
शीर्ष स्थान पर हैं, बल्कि भारतीय नारीवाद को उन्होंने एक नया आयाम दिया
है. हिंदी में, इस प्रखरतम प्रतिभा के, अबतक दो उपन्यास और दो कहानी
संग्रह प्रकाशित हो चुके है.

राजपाल & संस की ओर से उपन्यास 'बंद कमरा' (ISBN :9788170289548 ) तथा
कहानी संग्रह 'रेप तथा अन्य कहानियां' (ISBN: 9788170289210 )प्रकाशित हो
चूका है.

यश प्रकाशन, दिल्ली ने प्रकाशित किया है उनका उपन्यास 'पक्षिवास' तथा
कहानी संग्रह 'सरोजिनी साहू की दलित कहानियां'.

लेखिका के सन्दर्भ में अधिक जानकारी के लिए उनके होमपेज
सरोजिनीसाहू.कॉम (http://www.sarojinisahoo.com/ )' पर मित्रों का सादर
निमंत्रण है.

सादर प्रणाम
उमा शिवप्रिया

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