Monday, October 08, 2012

राष्ट्रिय विकास मंच ने किया एक और अहम एलान

गाँधी जी की विचारधारा को घर घर ले जाने का संकल्प  
13 अक्टूबर को होगा लुधियाना में बापू गाँधी का श्राद्ध
संकल्प लेते राष्ट्रिय विकास मंच के सदस्य और अन्य लोग 
महात्मा गाँधी का नाम और विचारधारा उनकी शहादत के बाद लगातार और जोर पकडती जा रही है। तेज़ी से से प्रासंगिक हो रहे गाँधी जी के विचार एक बार फिर युवायों को आकर्षित कर रहे हैं। उनके समर्थकों की सख्या भी बढ़ रही है और विरोधियों की भी। चर्चा उनक समर्थक भी उनके विचारों की करते हैं और उनके विरोधी भी। हालत यह है की गाँधी जी का विरोध करने वाले भी उनकी हत्या करने वाले नाथू राम गोडसे को सीधे सीधे नायक कहने की हालत में नहीं हैं। गत दिनों एक स्कूली छात्रा ने आरती आई के ज़रिये प्रधानमन्त्री कार्यालय से एक सवाल पूछा कि महात्मा गाँधी को बापू गाँधी की उपाधि या नाम किस ने और कब दिया। इस सवाल का जवाब न तो प्रधानमंत्री कार्यालय ने दिया और न ही गृह मन्त्रालय ने। आखिर इस बच्ची की तस्वीर, उसका सवाल और सरकार का इस पर टालमटोल का जवाब सब कुछ फेसबुक पर आ गया। राष्ट्र के बापू केसाथ यह कैसा मजाक ? जिस नमक आन्दोलन बापू ने सारी दुनिया हिला दी वही नमक देश में आजादी आ जाने के बाद महंगे भाव पर बिकने लगा। जिस स्वदेशी के नारे ने अँगरेज़ साम्राज्य की नींव हिला दी थी आजादी आ जाने के बाद आज उसी स्वदेशी की नीति को पांवों तले कुचल कर विदेशी कम्पनियों को घुटने टेक कर निमंत्रित किया जा रहा है की आईये और हमें लूटिये। देश के बापू के साथ यह कैसा खिलवाड़ ? सीधे विदेशी निवेश जको एक आवश्यक मुख्य नीती के तौर पर अपना लिया गया है। आज समझ आने लगा है की गाँधी जी ने आजादी आने के बाद कांग्रेस को भंग करने की बात क्यूं कही थी? महात्मा गाँधी का नाम लेने वाले लोग ही गाँधी जी के सपनों को धुल में मिला रहे हैं। हमारा संविधान जिस विचार, नीति और भावना की बात करता है हमारे कदम उस सब के पूरी तरह विपरीत जा रहे हैं। किसी भी तरह नहीं लगता कि  यह गाँधी जे के सपनों या विचारों की आजादी है ! 
राष्ट्रीय  विकास मंच के आयोजन की एक यादगारी तस्वीर  
हालात लगातार नाज़ुक हो रहे हैं। अमन, शांति और सदभावना के पुजारी महात्मा गाँधी को बापू कहने वाले देश में हत्या, साड्फूंक, खूनखराबा, लूटमार, बेईमानी, बलात्कार, भ्रूण हत्या, शोषण, बेरोज़गारी, छूयाछात जैसे कलंक एक आम बात हो चुकी है।  इन अत्यंत गंभीर हालात में राष्ट्रीय विकास मंच ने एक संकल्प लिया है गाँधी जी के विचारों को घर घर तक लेजाने का। इसकी औपचारिक शुरूआत की गयी दो अक्टूबर गाँधी जयंती के दिन। पहले दो छोटे छोटे से कार्यक्रम हुए लुधियाना के गोलबाग में, इसके बाद रखबाग और फिर 1 बजे गाँधी धाम पर हुआ मुख्य समारोह। गुरिंदर सूद, निर्दोष भारद्वाज, हरजीत सिंह नंदा और रवि सोई के मार्गदर्शन और संचालन में संकल्प लिया गया की वे सभी मिल कर छूआछात, साम्प्रदायिकता, भ्रष्टाचार और देश में बढ़ रहे विदेशी के चलन का दत कर विरोध किया जायेगा।  ਇਹਨਾਂ ਅੱਤ ਦੇ ਗੰਭੀਰ ਹਾਲਾਤਾਂ ਵਿੱਚ ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਵਿਕਾਸ ਮੰਚ ਨੇ ਇੱਕ ਵਾਰ ਫੇਰ ਮਹਾਤਮਾ ਗਾਂਧੀ ਦੇ ਫਲਸਫੇ ਨੂੰ ਘਰ ਘਰ ਤੱਕ ਲਿਜਾਣ ਦਾ ਬੀੜਾ ਚੁੱਕਿਆ ਹੈ। दो अक्टूबर 2012 को शुरू हुआ यह अभियान 30 जनवरी तक जरी रहेगा। इस अभियान के अंतर्गत 13 अक्टूबर 2012 को बापू गाँधी का श्राद्ध भी किया जायेगा। गौरतलब है कि बापू के श्राद्ध का आयोजन किसी भी विचार्धार्क सन्गठन की और से शायद पहली बार किया जा रहा है। उल्लेखनीय है की 13 अक्टूबर 1948 के दिन को ही बापू गाँधी की अस्थियों का विसर्जन भी हुआ था। इस श्राद्ध में भाग लेने के इच्छुक नीचे दिए गए नम्बरों पर सम्पर्क भी कर सकते हैं। 
गुरिंदर सूद:               +91 98881 23786
रवि राज सोई:             +91 98884 92198
ਨਿਰਦੋਸ਼ ਭਾਰਦਵਾਜ :    +91 99884 03850

नीचे दिए गए दो पंजाबी लिंक भी देखें:
1*ਗਾਂਧੀਵਾਦ ਅੱਜ ਦੇ ਸਮੇਂ ਵਿਚ–ਮੋਹਿਤ ਸੇਨ


2*13 ਅਕਤੂਬਰ ਨੂੰ ਹੋਵੇਗਾ ਬਾਪੂ ਗਾਂਧੀ ਦਾ ਸ਼ਰਾਧ ਲੁਧਿਆਣਾ ਵਿੱਚ 

राष्ट्रिय विकास मंच ने किया एक और अहम एलान 

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