Sunday, July 22, 2012

मकसद बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराना

करीब 74,000 बस्तियों की पहचान वित्तीय समावेश:   विशेष  लेख
              :                                                                               * शमीमा  सिद्दीकी (पीआईबी) 
वर्ष 2010-2011 के आम बजट के समय अपने भाषण में वित्त मंत्री ने सभी बैंकों को निर्देश दिया था कि व्यवसाय साथियों (बिजनेस कॉरिसपॉन्डेंट ) के जरिए शाखाहीन बैंकिंग सहित विविध मॉडलों और प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल से मार्च 2012 तक 2000 से अधिक आबादी वाली बस्तियों को समुचित बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। इस वित्तीय समावेश अभियान का नाम स्वाभिमान रखा गया । बौंकों ने राज्य स्तरीय बैंकर्स समितियों के तंत्र के जरिए वित्तीय समावेश के लिए अपना खाका तैयार किया है तथा बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 2000 से अधिक आबादी वाली देश की करीब 74,000 बस्तियों की पहचान की है। मार्च 2000 तक बैंकिंग सेवाओं के विस्तार के लिए ये बस्तियां सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, निजी क्षेत्र के बैंकों और सहकारी बैंकों को आवंटित की गई थी। राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति संयोजक बैंकों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अभियान के तहत पहचाने गए 74,398 गांवों में से 74,194 गांवों को बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध करा दी गई हैं तथा मार्च 2012 के अंत तक 3 करोड़ 16 लाख वित्तीय समावेश बैंक खाते खोले गए हैं।

इसके अतिरिक्त, बैंकों को व्यवसाय साथी मॉडलों के तहत शामिल गांवों में अति लघु शाखाएं खोलने की सलाह दी गई है जहां बैंक की तरफ से नामित अधिकारी सप्ताह में पूर्वनिर्धारित दिन और समय पर लैप टॉप के साथ उपलब्ध होंगे। व्यवसाय साथी एजेंट रोकड़ सेवाएं उपलब्ध कराएंगे जबकि बैंक अधिकारी बैंक द्वारा पेश अन्य सेवाएं उपलब्ध कराएंगे, फील्ड जांच करेंगे और बैंकिंग लेन-देन का अनुवर्ती निरीक्षण करेंगे।

सरकार ने अक्तूबर 2011 में वित्तीय समावेश के बारे में रणनीति और दिशानिर्देश जारी किए हैं जिनके जरिए बैंकों को यह सलाह दी गई कि बैंक वाले जिलों के तहत 5,000 या अधिक आबादी वाली सभी बस्तियों और अन्य जिलों में 10,000 या अधिक आबादी वाली बस्तियों में सितंबर 2012 तक बैंक शाखाएं खोली जाएं। राज्य स्तरीय बैंकर्स समितियों के संयोजक बैंकों से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार खोली जाने वाली 3,905 बैंक शाखाओं में से अप्रैल, 2012 के आखिर तक 739 बैंक शाखाएं खोली गई हैं।

क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को भी इस तरह से शाखा विस्तार योजना तैयार करने की सलाह दी गई कि 2011-12 में बैंक शाखाओं में 10 प्रतिशत वृद्धि और 2012-13 में भी इतनी ही वृद्धि हो। अनंतिम आंकड़ों के अनुसार 2011-12 के दौरान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों ने 914 शाखाएं खोली हैं।

सरकार के निरंतर प्रयासों से 31 मार्च, 2011 के अनुसार देश में बिना बैंक वाले 71 विकास खंडों में से सभी विकास खंडों में 31 मार्च, 2012 के आखिर तक बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई हैं। अगले कदम के रूप में ऐसे सभी विकास खंडों में व्यवसाय साथी और अति लघु शाखा उपलब्ध कराने की सलाह दी गई है जहां अब तक सिर्फ मोबाइल बैंकिंग  ही उपलब्ध है।

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’निदेशक (मीडिया एवं संचार) , पसूका, वित्त मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के आधार पर

 21-जुलाई-2012 21:07 IST  
  

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