Monday, July 02, 2012

कहानी घर घर की के अंतर्गत एक ख़ास मुलाकात

जनाब अगर आपको खाने पीने की हर चीज़ घर में ही हर पल तैयार मिलने लगे तो क्या बनेगा होटल वालों का, क्या होगा ढाबा चलाने वालों का और सडक किनारे तरह तरह का माल बेचने वालों का / आप उनका ध्यान भले ही भूल जायें पर आपकी पत्नियाँ उनका भी ध्यान रखती हैं। आखिर वे लोग भी तो समाज का ही हिस्सा हैं। अगर उनमें निराशा या क्रोध पनपा तो इसका खामियाजा भी तो समाज को ही भुगतना पड़ेगा न. इस लिए कभी कभी पत्नियाँ कुछ ऐसा भी करती हैं की उन्हें कुछ फायदा हो जाये। अगर आप अभी भी नहीं सक्झे तो इस तस्वीर में प्रकाशित पंक्तियों को जरा ध्यान से पढिये।
अगर आप परिणाम अपनी मर्जी का चाहते हैं तो फिर देर मत लगायें और कर लीजिये होम साइंस या कुकिंग का कोर्स। पत्नी की मदद के बहाने आपके भी सभी स्वाद पूरे हो हया करेंगे। हैं न फायदे की बात !। 

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