Sunday, July 01, 2012

ब्लैकमेलिंग के आरोपों का मामला और गरमाया

जेपीसी ने किया जवाबी जंग का एलान
ब्लैकमेलर हम नहीं बल्कि हम पर आरोप लगाने वाले अधिकारी  
79 ब्लैकमेलरों की लिस्ट जारी होने के बाद पत्रकारों ने बेशक खामोश रहना ही उचित समझा हो लेकिन इसे लेकर मचा हडकम्प जारी है इसी बीच अकाली दल का युवा विंग खुल कर नायब तहसीलदार हरमिंदर सिंह सिद्धू के पक्ष में उतर आया है। दैनिक जागरण में 1 जुलाई 2012 के अंक में प्रकाशित रक खबर के मुताबिक यूथ अकाली दल ने ब्लैकमेलरों पर पर्चे दर्ज करने की मांग भी की है। अकाली दल जैसी अनुशासित पार्टी के युवा विंग का इस तरह खुल कर मैदान में आना एक साफ़ संकेत है कि वह सर्कार को बदनाम करने वाले सभी तत्वों के खिला खुल कर दो दो हाथ करने को तैयार है। अन्ना हजारे की टीम का खुल कर साथ देने वाले मुख्य प्म्नरी प्रकाश सिंह बादल भी भ्रष्ट तत्वों से निजात पाने के लिए अब आर पार की लड़ाई का बना चुके हैं। हाल ही में 79 भ्रष्टाचारियों के नामों का खुलासा करने वाले अधिकारी का समर्थन वास्तव में इमानदार अधिकारीयों के मनोबल को बढ़ाने के प्रयासों की एक सरगर्म शुरूयात है। अकाली दल के युवा विंग का इस तरह का ब्यान एक तरह से एलान है कि वह इमानदार अधिकारीयों की पीठ नहीं लगने देगा। आने वाले दिनों में हवा का रुल्ह और साफ़ हो जायेगा फिलहाल आप पढ़िए दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर इस तरह है:   
 ब्लैकमेलरों पर दर्ज हो पर्चे:यूथ अकाली दल
जासं, लुधियाना : नायब तहसीलदार हरमिंदर सिंह सिद्धू के समर्थन में यूथ अकाली दल ने संवाददाता सम्मेलन करके ब्लैकमेलिंग के आरोपियों के खिलाफ मामले दर्ज करने की मांग की। साथ ही, नायब तहसीलदार की ओर से भ्रष्टाचार व ब्लैकमेलिंग के खिलाफ छेड़ी गई जंग को लेकर उनको सम्मानित करने का फैसला लिया गया। पक्खोवाल रोड में हुई बैठक के दौरान यूथ नेता ने कहा कि प्रदेश सरकार व प्रशासन से तहसीलों में सक्रिय ब्लैकमेलरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। गौरतलब है कि नायब तहसीलदार ने मंगलवार को कथित धमकियों से तंग आकर ब्लैकमेलिंग करने वाले 79 आरोपियों की सूची जारी की थी। पक्खोवाल रोड में हुई बैठक के दौरान यूथ अकाली दल के राष्ट्रीय महासचिव गुरप्रीत सिंह बबल, दौरान रविंदर सिंह, गगनप्रीत सिंह, तरनप्रीत सिंह, इंदर सिंह, मनदीप सिंह, अजय शर्मा, हरप्रीत सिंह, मनप्रीत माटा, हरप्रीत ंिसंह, डंग, गुरलवलीन सिंह, पवनदीप, तजिंदर सिंह, इकबालजीत सिंह, विक्की, प्रभजोत सिंह, इंदरजीत सिंह ढिल्लो, गुरमीत सिंह, जसबीर सिंह, मोहित बैंस, लक्की, राजू ठकराल, इंदरपाल सिंह विक्की, सर्बजीत सिंह व लखविंदर सिंह आदि मौजूद थे।
इसी बीच जर्नलिस्ट प्रेस काउन्सिल ने इसी सम्बन्ध में अपनी सरगर्मी तेज़ कर दी है। इस सन्गठन के प्रधान संजीव कुमार ने बताया की अगर हम बोले तो सब को नानी याद आ जाएगी। उन्होंने सवाल भी किया की अगर कोई अधिकारी खुद पूरी तरह से इमानदार हो तो उसे ब्लैकमेल कर ही कौन स्क्तःई। ब्लैमेल किया ही उसे जाता है जिसने कुछ काले काम किये हों और सबूत भी छोड़ दिए हों। ब्लैकमेलर हम नहीं बल्कि हम पर आरोप लगाने वाले इस तरह के अधिकारी खुद हैं।एक अनोपचारिक भेंट में उन्होंने यह भी कहा कि कभी तो यह अधिकारी खुद ही 79 नामों की लिस्ट जारी करता है और फिर खुद ही ख देता है जी मीडीया के नाम गलती से दल गए। जिन्हें जल्द ही निकल लिया जायेगा। संजीव कुमार ने कहा की इस तरह की गलतियाँ करने वाले अधिकारी की दिमागी हालत का इलाज कराया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा की आजकल तनाव भरे माहौल में हर कोई परेशान है पर इसका मतलब यह तो नहीं दूसरों पर कीचड़ उछालना शुरू कर दो। दूसरों को बिना कारण परेशान करना शुरू कर दो। उन्होंने कहा की हमने इस सरे मामले की रिपोर्ट अपने संगठन के केन्द्रीय कार्यालय को भेज दी है. वहां से जैसा भी आदेश आएगा आन्दोलन उसी के हिसाब से होगा। जे पी सी ने इस सम्बन्ध में मुख्य न्यायधीश  को एक पत्र भी लिखा है। इस पत्र को पूरा पढने के लिए आप इस की तस्वीर पर क्लिक करें पत्र बढ़ा हो जायेगा। आप इस सम्बन्ध में क्या सोचते हैं अवश्य लिखिए। आपके विचारों की इंतज़ार बनी रहेगी।  --रेक्टर कथूरिया 

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