Sunday, June 17, 2012

तलाक की वजह फेसबुक!

तलाक के ऐसे मामलों में निरंतर वृद्धि 
एक 26 वर्षीय ‘कुंवारी’ पत्नी ने दिल्ली की अदालत में तलाक की अर्जी देते हुए कहा है कि उसे उसके ‘मानसिक नपुंसक’ पति से अलग किया जाये। ‘मानसिक क्रूरता’ के आधार पर इस लड़की के तलाक के कारण को समझा जा सकता है। लेकिन अगर तलाक की वजह यह हो कि जीवनसाथी ने फेसबुक पर स्टेटस अपडेट नहीं किया है या सही नहीं दिया है तो इसे क्या कहा जायेगा?
चौंकने की आवश्यकता नहीं है। तलाक के ऐसे मामलों में निरंतर वृद्धि हो रही है जिनकी पृष्ठभूमि में फेसबुक है। इंग्लैंड में कराये गये एक ताजे सर्वेक्षण के अनुसार,  एक-तिहाई तलाक फेसबुक के कारण हो रही हैं। यह टे्रंड केवल पश्चिमी देशों तक सीमित नहीं है। परिवार न्यायालयों से संबंधित वकीलों का कहना है कि भारत में भी फेसबुक के कारण टूटने के कगार पर पहुंचे विवाहों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है।
बीती मई के आखिरी सप्ताह में एक युवा जोड़ा मुम्बई के परिवार न्यायालय के न्यायाधीश के सामने खड़ा था। दोनों का एक-दूसरे पर आरोप यह था कि दूसरा हमेशा फेसबुक से चिपका रहता है। न्यायाधीश ने दोनों को पहले तो डांटा और फिर उनकी काउंसलिंग की। आखिरकार दोनों ने स्वीकार किया कि वह अब भी एक दूसरे से प्रेम करते हैं, और ‘अनफे्रंड’ (दोस्ती तोडऩे के लिए इंटरनेट की यही अंगे्रजी है, भले ही गलत हो) करने की बजाए अपने विवाह को बचाए रखने के लिए एक और प्रयास करने के लिए तैयार हैं।
परिवार न्यायालय के हस्तक्षेप से कुछ विवाह अवश्य बच पा रहे हैं। लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि फेसबुक के कारण वैवाहिक जीवन पर कुप्रभाव पड़ रहा है। फेसबुक एक ऐसी सोशल नेटवर्किंग साइट है जो बिछड़ों को मिलाने का दावा करती है,  लेकिन यह एक ऐसी लत है जिस पर मिनट कितनी जल्दी घंटे में तबदील होते हंै, मालूम ही नहीं पड़ता। चूंकि ज्यादा समय फेसबुक पर खर्च हो जाता है, इसलिए पति-पत्नी एक-दूसरे को ज्यादा समय नहीं दे पाते। यही कारण दोनों में मनमुटाव या अलगाव का रिश्ता बनता है और अकसर मामला अदालत तक पहुंच जाता है।
वैवाहिक जीवन में फेसबुक से आने वाली एक समस्या स्टेटस अपडेट की है। फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग की हाल में शादी हुई है। लेकिन फेसबुक पर अभी तक उन्होंने अपना स्टेटस ‘विवाहित’ दर्ज नहीं किया है। इसके विपरीत उनकी पत्नी प्रेसिला चान ने स्टेटस ‘विवाहित’ घोषित किया है। इन दोनों की नई-नई शादी तो स्टेटस में विरोधाभास को फिलहाल बर्दाश्त कर रही है, लेकिन अगर यही बात मुम्बई के किसी जोड़े ने कर दी होती तो विवाद गहरा हो जाता। तमिलनाडु के एक छोटे से शहर से कुछ दिन पहले यह खबर आई कि पति ने फेसबुक पर अपनी ‘बुनियादी जानकारी’ सही/पूरी नहीं दी थी, इसलिए पत्नी ने इसे ‘मानसिक क्रूरता’ मानते हुए अदालत में तलाक के लिए दस्तक दी है।
सीधी-सी बात यह है कि अगर आप वैवाहिक या प्रेम-संबंधों में दरार पैदा नहीं करना चाहते हैं तो बेहतर यह है कि फेसबुक पर अपने बारे में सही व पूर्ण जानकारी दें और स्टेटस को नियमित अपडेट भी करते रहें। ऐसा करना आपके लिए इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि फेसबुक पोस्ट को अब अदालतें सबूतों के रूप में स्वीकार कर रही हैं।
आप एफबी विंडोज और फेसबुक पर जो समय गुजारते हैं उसे अदालतें ऐसे ही मान रही हैं जैसे आप ऑनलाइन पोर्न देख रहे हों। चूंकि ऑनलाइन पोर्न देखकर समय नष्ट करना अदालत की दृष्टि में मानसिक क्रूरता है, जो कि तलाक का एक आधार है, इसलिए फेसबुक पोस्ट व फोटो भी मानसिक कू्ररता के साक्ष्य बन सकते हैं।
पुणे में एक महिला ने देखा कि उसके पति को फेसबुक की ‘लत’ पड़ गई है और वह महिला दोस्तों को ‘एड’ कर रहा है। उसने परिवार न्यायालय में तलाक की अर्जी दायर कर दी। सबूत के तौर पर उसने अपने पति के फेसबुक अकाउंट को पेश किया। तसवीरें व पोस्ट होते हैं, वह अपने आप में पर्याप्त सबूत हैं यह साबित करने के लिए कि आप बेवफाई कर रहे हैंैं।
बेवफाई व व्यभिचार के मामले पहले भी हाते थे। फेसबुक से बस माध्यम बदल गया है और यह भी कि पहले झूठ बोलने व मामले को छुपाने की गुंजाइश रहती थी, लेकिन अब फेसबुक से सब कुछ सबके सामने है। चूंकि अकाउंट आपका है, इसलिए आप यह भी नहीं कह सकते कि जो कुछ पोस्ट किया गया है वह आपके खिलाफ साजिश है। शायद यही कारण है कि अदालतें भी अब फेसबुक को ठोस सबूत के रूप में स्वीकार कर रही है। चेन्नई में एक महिला ने फेसबुक पर अपने पति को दूसरी महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देखा। यह पोस्ट उस महिला की दोस्त के दोस्त के पेज पर था। फोटो को महिला ने अदालत में सबूत के तौर पर पेश किया। वह इसी आधार पर तलाक मांग रही है।
हाल ही के एक मामले में एक व्यक्ति को जब अपनी पत्नी के बारे में उसके फेसबुक अकाउंट से ‘असलियत’ मालूम हुई तो वह तलाक के लिए अदालत में पहुंच गया। अजीब बात यह है कि लोग अदालत में कुछ कहते हैं और ऑनलाइन सच पोस्ट करते हैं। फेसबुक इनसान के असली चेहरे को सबके सामने लाकर खड़ा कर देती है।
फेसबुक के जरिए लोग धोखाधड़ी भी कर रहे हैं, इसलिए उसे अदालत में साक्ष्य के तौर पर देर सवेर पेश ही किया जाता। अगर अपने बारे में फेसबुक पर गलत जानकारी देकर आप किसी को ‘फंसा’ लेते हैं तो सच खुलने के बाद फेसबुक पर दी गई झूठी जानकारी आपके खिलाफ गवाह बन जायेगी। मुम्बई की एक 21 वर्षीय लड़की को फेसबुक पर एक युवक पसंद आया। दिल्ली के इस लड़के ने लड़की को फ्लाइट का टिकट भेजा ताकि वह उसके ‘पैरेंट्स’ से मुलाकात कर सके। लड़की जब दिल्ली आई तो लड़का उसे एक पंडित के पास वैदिक विवाह के लिए ले गया। तभी लड़की को मालूम हुआ कि वह लड़का तो महिलाओं की तस्करी करता है। उसने अपने पैरेंट्स को मुम्बई से बुला लिया। लड़की को उसके पैरेंट्स वापस मुम्बई ले गए, लेकिन अब तलाक का मामला अदालत में चल रहा है। लड़के ने फेसबुक पर जितनी भी गलत जानकारियां दी थीं, वह उसके खिलाफ दफा 420 का कारण बनेंगी।
जो लोग फेसबुक पर अफेयर या फ्लर्ट कर रहे हैं, वह सावधान हो जाएं क्योंकि उनकी यही नादानियंा उनके खिलाफ न सिर्फ सबूत बनेंगी बल्कि तलाक का कारण भी बन सकती हैं।
—वीना सुखीजा  (दैनिक ट्रिब्यून से साभार)

No comments: