2000 वर्ग गज की जमीन मजार के
लिए स्वीकृत
नयी दिल्ली, 17 जून (भाषा)। शहंशाह-ए-गज़ल मेहदी हसन की मज़ार उत्तरी कराची में 2000 वर्ग गज के परिसर में बनाया जायेगा। यह मज़ार कराची की धरोहरों में से एक होगी।
लंबी बीमारी से जूझने के बाद मेहदी हसन का पिछले सप्ताह कराची के आगा खान अस्पताल में निधन हो गया। उनके बेटे आरिफ ने कराची से फोन पर बताया, ‘सिंध के गर्वनर डाक्टर इशरतुल इबाद ने 2000 वर्ग गज की जमीन अब्बा की मजार के लिए स्वीकृत की है। यह उत्तरी कराची इलाके स्थित शाह मोहम्मद कब्रिस्तान में है और वहीं उनकी मजार बनाई जाएगी।’
उन्होंने कहा, ‘इस जमीन के आसपास सीमारेखा बनाई जा रही है। मजार के लिए मंजूर इस 2000 वर्ग गज के परिसर को मेहदी हसन परिवार के नाम कर दिया गया है। परिवार के बाकी सदस्यों की कब्रें भी यहां बनाई जा सकती हैं। हमारे लिए इससे खुशी की बात क्या होगी कि मरने के बाद अब्बा की मजार के बगल में ही हम सबकी भी कब्रें होंगी।’
इसके अलावा कराची मेट्रोपोलिटन कारपोरेशन ने मेहदी हसन की याद में एक संग्रहालय और संगीत लाइब्रेरी भी शुरू करने का ऐलान किया है। इसमें उनकी बेहतरीन गज़लों और गीतों के अलावा निजी सामान भी नुमाइश के लिए रखा जायेगा।
आरिफ ने बताया कि गायिकी की मेहदी हसन की विरासत को उनके बेटे कामरान मेहदी संभालेंगे जो अमेरिका के शिकागो में रहते हैं।
उन्होंने कहा, ‘कामरान बहुत अच्छा गाते हैं और उसके कई एलबम आ चुके हैं। भारत में भी फिल्मों में गाने की बात चल रही है। वह अब्बा की गायिकी की विरासत को संभालने के लिए तैयार हो रहा है। (दैनिक ट्रिब्यून से साभार)
नयी दिल्ली, 17 जून (भाषा)। शहंशाह-ए-गज़ल मेहदी हसन की मज़ार उत्तरी कराची में 2000 वर्ग गज के परिसर में बनाया जायेगा। यह मज़ार कराची की धरोहरों में से एक होगी।
लंबी बीमारी से जूझने के बाद मेहदी हसन का पिछले सप्ताह कराची के आगा खान अस्पताल में निधन हो गया। उनके बेटे आरिफ ने कराची से फोन पर बताया, ‘सिंध के गर्वनर डाक्टर इशरतुल इबाद ने 2000 वर्ग गज की जमीन अब्बा की मजार के लिए स्वीकृत की है। यह उत्तरी कराची इलाके स्थित शाह मोहम्मद कब्रिस्तान में है और वहीं उनकी मजार बनाई जाएगी।’
उन्होंने कहा, ‘इस जमीन के आसपास सीमारेखा बनाई जा रही है। मजार के लिए मंजूर इस 2000 वर्ग गज के परिसर को मेहदी हसन परिवार के नाम कर दिया गया है। परिवार के बाकी सदस्यों की कब्रें भी यहां बनाई जा सकती हैं। हमारे लिए इससे खुशी की बात क्या होगी कि मरने के बाद अब्बा की मजार के बगल में ही हम सबकी भी कब्रें होंगी।’
इसके अलावा कराची मेट्रोपोलिटन कारपोरेशन ने मेहदी हसन की याद में एक संग्रहालय और संगीत लाइब्रेरी भी शुरू करने का ऐलान किया है। इसमें उनकी बेहतरीन गज़लों और गीतों के अलावा निजी सामान भी नुमाइश के लिए रखा जायेगा।
आरिफ ने बताया कि गायिकी की मेहदी हसन की विरासत को उनके बेटे कामरान मेहदी संभालेंगे जो अमेरिका के शिकागो में रहते हैं।
उन्होंने कहा, ‘कामरान बहुत अच्छा गाते हैं और उसके कई एलबम आ चुके हैं। भारत में भी फिल्मों में गाने की बात चल रही है। वह अब्बा की गायिकी की विरासत को संभालने के लिए तैयार हो रहा है। (दैनिक ट्रिब्यून से साभार)
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