Thursday, February 09, 2012

रामकिंकर बैज- एक सिंहावलोकन

वह एक प्रतिष्ठित मूर्तिकार के साथ एक चित्रका और ग्राफिक आर्टिस्ट भी थे
संस्कृति और आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री कुमारी सैलजा ने आज आधुनिक भारत के सर्वोत्कृष्ट कलाकारों में से एक रामकिंकर बैज की संपूर्ण सिंहावलोकन प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। वह न केवल एक प्रतिष्ठित मूर्तिकार थे बल्कि एक चित्रकार और ग्राफिक आर्टिस्ट भी थे। राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय (एनजीएमए) में प्रस्तुत इस प्रदर्शनी के क्यूरेटर के. एस. राधाकृष्णन हैं, जिन्होंने रामकिंकर बैज से शिक्षा प्राप्त की है। समारोह में उपस्थित प्रो. के. जी. सुब्रमण्यम और प्रो. ए. रामचंद्रन इस प्रक्रिया में उनके सलाहकर रहे। इस अवसर पर संस्कृति मंत्रालय में सचिव श्री जवाहर सिरकार भी मौजूद थे। 
इस अवसर पर बोलते हुए मंत्री महोदया ने कहा कि, ‘श्री रामकिंकर बैज आधुनिक भारतीय मूर्तिकारों की प्रमुख शख्सियतों में से एक थे। स्थानीय और मौजूदा संदर्भों में अच्छी पकड़ के साथ वह अपने विषयों में आधुनिकतावादी थे। उनके काम में यूरोपीय कला और उनके भीतर अंतर-निहित भारतीय बोध का अच्छा तालमेल था।’
रामकिंकर बैज (1906-1980) का जन्म पश्चिम बंगाल के बांकुरा में एक आर्थिक और सामाजिक रुप से विपन्न परिवार में हुआ। अपने दृढ़ संकल्प से वह भारतीय कला के प्रतिष्ठित प्रारंभिक आधुनिक कलाकारों में से एक बने। भारतीय कला में उनके अतुल्य योगदान के लिए वर्ष 1970 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया। रामकिंकर जी की स्मारकीय शिल्पकृतियों ने सार्वजनिक कला में अपना एक अलग प्रतिमान स्थापित किया। उनकी कला यात्रा के छह दशकों की लगभग 350 महत्वपूर्ण चित्रकृतियों, रेखाचित्रों, ग्राफिकों और मूर्ति संग्रह इस प्रदर्शनी में शामिल है। इस प्रदर्शनी के क्यूरेटर के. एस. राधाकृष्णन ने कहा कि –‘मेरी इस प्रदर्शनी का उद्देश्य रामकिंकर बैज के जीवन के उन क्षणों को प्रस्तुत करना है जिसमें उन्होंने उनसे पहले काम करने वाले, उनके साथ काम करने वाले और उनके बाद काम करने वालों से सामंजस्य स्थापित किया।’

इस सिंहावलोकन प्रदर्शनी के अवसर पर एनजीएमए को कुछ महत्वपूर्ण प्रकाशनों को प्रस्तुत करते हुए गर्व का अनुभव हो रहा है। इन प्रकाशनों में- दिल्ली आर्ट गैलरी के गठजोड़ के साथ प्रस्तुत प्रो. आर. सिवा कुमार रचित ‘रामकिंकर बैज’, नियोगी बुक्स के गठजोड़ में मूल रुप से श्री सोमेन्द्राथ बंदापाध्याय द्वारा रचित और सुश्री भासवती घोष द्वारा अनूदित ‘माई डेज विथ रामकिंकर’, मुसुई आर्ट फाउंडेशन द्वारा प्रस्तुत और आकार प्रकार तथा नव्या गैलरी द्वारा समर्थित श्री के. एस. राधाकृष्णन कृत ‘रामकिंकर्स यक्ष यक्षी’ और मुसुई आर्ट फाउंडेशन द्वारा प्रस्तुत तथा श्री जॉनी एम. एल. द्वारा रचित ‘रामकिंकर स्ट्रेट फ्रॉम माई हार्ट’ शामिल हैं।

इन उत्कृष्ट प्रस्तुतियों के अतिरिक्त एनजीएमए द्वारा रामकिंकर पर दो व्यापक पुस्तकों का प्रकाशन भी किया जा रहा है जिसमें एक व्यक्ति और कलाकार के रुप में रामकिंकर के संपूर्ण जीवन की बानगी है। ये प्रकाशन हैं:-प्रो. के. जी. सुब्रमण्यम कृत ‘रामकिंकर एंड हिज वर्क्स’ और प्रो. ए. रामचंद्रन रचित ‘द मैन एंड द आर्टिस्ट’। एनजीएमए द्वारा रामकिंकर बैज के जलरंगो, तैल और ग्राफिक कामों से प्रेरित तीन पोर्टफोलियों की भी प्रस्तुति की गई है।

राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय के निदेशक प्रो. राजीव लोचन ने कहा कि-यह प्रदर्शनी उस महान और सृजनात्मक व्यक्तित्व के जीवन को प्रकाशित करती है जो एक फकीर और घुमक्कड़ प्रवृत्ति के व्यक्ति थे। उन्होंने अपने काम के जरिए जीवन से विशाल कलाकार व्यक्तित्व और सृजनात्मक प्रतिभा को प्रतिबिंबित किया है।

कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान करने वाले कलाकारों की जीवनकालिक उपलब्धियों का प्रदर्शन का प्रयास करने के हिस्से के रुप में यह राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय द्वारा आयोजित नौंवी सिंहावलोकन प्रदर्शनी है।

इस प्रदर्शनी का आयोजन मुंबई और बैंगलुरु स्थित क्षेत्रीय केन्द्रों में भी किया जाएगा।
 
(पी.आई.बी.).08-फरवरी-2012 20:21 IST                  ***

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