Friday, January 13, 2012

तत्काल आरक्षण के नियम बदलने से निखरेगी रेलवे की छवि

विशेष लेख                                                                                        दिलीप कुमार* 
तत्काल पी.एन.आर.पर अधिकतम 4 यात्रियों का ही टिकट
भारतीय रेल यात्रियों की सुखद यात्रा के लिए प्रतिबद्ध रहा है। इस प्रतिबद्धता का सबसे बड़ा उदाहरण रेलवे आरक्षण प्रणाली है, जिसके माध्यम से यात्रियों को अधिकतम 90 दिनों तक अग्रिम आरक्षण की सुविधा प्रदान की गई है। इस सुविधा का लाभ उठाकर अपना टिकट समय रहते बना लेना हमेशा उचित होता है, लेकिन कई बार ऐसा कर पाना संभव नहीं होता। अकस्मात परिस्थितियों में यात्रा की योजना अल्प समय में बनानी होती है। ऐसी योजनाओं को सुगम बनाने के लिए भारतीय रेलवे में तत्काल योजना लागू है, जिसके तहत आरक्षित श्रेणी की गाड़ियों में यात्रा की तिथि के कुछ समय पहले टिकट ले पाना संभव है। इस योजना के तहत शयनयान श्रेणी, द्वितीय आरक्षित श्रेणी, एसी चेयरकार, वातानुकूलित तृतीय श्रेणी, वातानुकूलित द्वितीय श्रेणी और एक्‍जक्‍यूटिव श्रेणी में आरक्षण की सुविधा दी जाती है। इसके लिए द्वितीय श्रेणी में 10 प्रतिशत और अन्य श्रेणियों में 30 प्रतिशत तक अतिरिक्त तत्काल चार्ज लिया जाता है, लेकिन तत्काल चार्ज द्वितीय आरक्षित श्रेणी में कम से कम 10 और अधिक से अधिक 15 रुपए होता है । इसी तरह शयनयान श्रेणी और एसी चेयरकार में न्यूनतम तत्काल शुल्‍क 75/- रुपए और अधिकतम तत्काल शुल्‍क 150 रुपए निर्धारित है। तृतीय वातानुकूलित श्रेणी, द्वितीय वातानुकूलित श्रेणी और एक्‍जक्‍यूटिव क्लास में न्यूनतम तत्काल शुल्‍क 200 रुपए और अधिकतम 300 रुपए है। 

रेलयात्रियों ने समय-समय पर भारतीय रेल की तत्काल सेवा का लाभ उठाया है, फिर भी ऐसा महसूस किया जाता रहा है कि कुछ टिकट दलालों की सक्रियता के कारण तत्काल सेवा का लाभ वास्तविक यात्रियों को नहीं मिल पा रहा है। कुछ खास लोग ही इस सेवा से लाभान्वित हो रहे हैं। यात्रियों की तत्काल संबंधी शिकायतों के निपटारे के लिए भारतीय रेल द्वारा विशेष पहल किया गया है। इसके तहत तत्काल नियमों में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किये गये हैं, ताकि तत्काल सेवा का लाभ टिकट एजेंटों की जगह यात्रियों को मिले। 

तत्काल के नये नियम 21 नवंबर 2011 से लागू कर दिए गए हैं। नये नियमों के तहत रेल ट्रेवल एजेंट और अन्य एजेंटों को सुबह 08:00 बजे से 10:00 बजे के बीच तत्काल टिकट नहीं दिया जायेगा। इंटरनेट पर भी उन्हें प्रतिदिन प्रत्येक ट्रेन में एक से अधिक टिकट लेने पर पाबंदी लगा दी गई है। इन पाबंदियों के लागू रहने से आम यात्रियों को तत्काल योजना के तहत कन्फर्म सीटें मिलने की संभावना बढ़ गई हैं। पहले तत्काल योजना के तहत रेलगाड़ी के प्रस्थान तिथि के 02 दिन पहले से तत्काल टिकट मिलना चालू हो जाता था। नई योजना के अंतर्गत अब तत्काल टिकटों का आरक्षण प्रारंभिक स्टेशन पर रेलगाड़ी के प्रस्थान तिथि के एक दिन पहले 08:00 बजे से प्रारंभ होगी। इससे अंतिम समय में भी यात्रा की योजना बनाने वाले लोगों को लाभ होगा। नये नियमों के तहत तत्काल टिकटों को रद्द किये जाने पर सामान्यतः किसी प्रकार की धन-वापसी नहीं होगी। यदि गाड़ी काफी विलंब से चलती है या किसी परिवर्तित मार्ग से होकर गुजरती है, तभी टिकटों के रद्दीकरण पर वापसी दी जायेगी। तत्काल योजना के तहत खरीदे गये टिकटों के डुप्लीकेट टिकट जारी किये जाने पर भी रोक लगा दी गई है। यदि किसी व्यक्ति का तत्काल टिकट खो जाता है तो उसे टिकट के खोने के प्रमाण के साथ तत्काल सेवा शुल्क सहित पूर्ण किराये का भुगतान करने पर ही डुप्लीकेट टिकट जारी किया जा सकता है। पहले तत्काल टिकटों की खरीद के समय किसी प्रकार के पहचान-पत्र की आवश्यकता नहीं होती थी, लेकिन बदले हुए नियमों के तहत तत्काल टिकटों की खरीद के समय किसी एक यात्री के पहचान-पत्र की स्व-अभिप्रमाणित छायाप्रति प्रमाण के तौर पर जमा करना अनिवार्य बना दिया गया है। रेलवे में तत्काल योजना के तहत 08 तरह के पहचान-पत्रों को मान्यता प्रदान किया है। इसमें निर्वाचन आयोग द्वारा जारी मतदाता पहचान-पत्र, आयकर विभाग द्वारा निर्गत पैन कार्ड, पासपोर्ट, आर.टी.ओ. द्वारा निर्गत ड्राइविंग लाइसेंस, भारत सरकार/राज्य सरकार द्वारा निर्गत फोटो पहचान-पत्र, मान्यता प्राप्त स्कूल/कॉलेज, जिसका वह छात्र है, द्वारा निर्गत फोटो पहचानपत्र, राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा निर्गत फोटो सहित पासबुक और बैंकों द्वारा निर्गत फोटोयुक्त लेमिनेटेड क्रेडिट कार्ड शामिल हैं। अब तत्काल टिकटों पर यात्री के पहचानपत्र का नंबर भी अंकित किया जायेगा। साथ ही रेलवे के रिजर्वेशन चार्ट पर भी यात्री के पहचान पत्र का नम्बर अंकित किया जाएगा। इससे किसी दूसरे यात्री के तत्काल टिकट पर यात्रा करने की संभावना समाप्त हो जाएगी। यात्रा के दौरान टिकट चेंकिंग स्टाफ को वही पहचान पत्र दिखाना होगा जिसकी छायाप्रति आरक्षण के दौरान जमा करायी गयी हो। इस पहचान पत्र को न दिखाने पर यात्री अथवा यात्री समूह को बिना टिकट यात्रा करता हुआ मान लिया जाएगा और उनसे रेलवे के नियमानुसार जुर्माना वसूला जाएगा। इसी तरह यात्री समूह के जिस यात्री का पहचान पत्र संख्या तत्काल टिकट पर अंकित है, यदि वह यात्री यात्रा नहीं कर रहा है तो उस समूह के अन्य सभी यात्रियों को बिना टिकट का मान लिया जाएगा और उनसे रेलवे के नियमानुसार बिना टिकट यात्रा संबंधी जुर्माना वसूल किया जाएगा। 

तत्काल टिकट के नियमों को सख्त बनाते समय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा का भी ख्याल रखा है। तत्काल टिकट की खरीद के लिए यात्री का स्वयं आरक्षण काउंटर पर उपस्थित रहना अनिवार्य नहीं है, लेकिन पहचान-पत्र की स्व-अभिप्रमाणित छायाप्रति आवश्यक है। नये नियमों के तहत प्रत्येक तत्काल पी.एन.आर. पर अधिकतम चार यात्रियों का टिकट ही बनाया जाएगा जबकि सामान्य पी.एन.आर. पर अधिकतम छः यात्रियों का टिकट बनाया जाता है। 

तत्काल टिकट जारी करने के नियमों में किए गए बदलाव से एक ओर जहॉं रेलवे यात्रियों को कन्फर्म टिकट मिलने में सुविधा होगी वहीं रेलवे एजेंट भी सीमित मात्रा में तत्काल सेवा के तहत टिकट प्राप्त कर सकेगें। नये नियमों के सही अनुपालन से रेलवे की छवि में भी निखार आएगा। 

*लेखक 
पूर्व मध्य रेल, हाजीपुर में उप मुख्य वाणिज्य प्रबंधक (यात्री सेवा) के पद पट कार्यरत्त हैं 

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