Wednesday, January 04, 2012

श्यामल सुमन की नयी कवितायें

Courtesy photo 
ये दुनिया तो सिर्फ मुहब्बत
आने वाले कल का स्वागत, बीते कल से सीख लिया
नहीं किसी से कोई अदावत, बीते कल से सीख लिया

भेद यहाँ पर ऊँच नीच का, हैं आपस में झगड़े भी
ये दुनिया तो सिर्फ मुहब्बत, बीते कल से सीख लिया

हंगामे होते, होने दो, इन्सां तो सच बोलेंगे
सच कहना है नहीं इनायत, बीते कल से सीख लिया

यह कोशिश प्रायः सबकी है, हों मेरे घर सुख सारे
क्या सबको मिल सकती जन्नत, बीते कल से सीख लिया

गर्माहट टूटे रिश्तों में, कोशिश हो, फिर से आए
क्या मुमकिन है सदा बगावत, बीते कल से सीख लिया

खोज रहा मुस्कान हमेशा, गम से पार उतरने को
इस दुनिया से नहीं शिकायत, बीते कल से सीख लिया

भागमभाग मची न जाने, किसको क्या क्या पाना है
सुमन सुधारो खुद की आदत, बीते कल से सीख लिया 


नये साल का शोर क्यों?

कुछ भी नया नहीं दिखता पर नये साल का शोर क्यों?
बहुत दूर सत - संकल्पों से है मदिरा पर जोर क्यों?

हरएक साल सब करे कामना हो समाज मानव जैसा
दीप जलाते ही रहते पर तिमिर यहाँ घनघोर क्यों?

अच्छाई है लोकतंत्र में सुना है जितने तंत्र हुए
जो चुनते हैं सरकारों को आज वही कमजोर क्यों?

सारे जग से हम बेहतर हैं धरम न्याय उपदेश में
लेकिन मौलिक प्रश्न सामने घर घर रिश्वतखोर क्यों?

जब से होश सम्भाला देखा सब कुछ उल्टा पुल्टा है
अँधियारे में चकाचौंध और थकी थकी सी भोर क्यों?

धूप चाँदनी उसके वश में जो कुबेर बन बैठे हैं
                                                      जेल संत को भेज दिया पर मंदिर में है चोर क्यों

है जीवन की यही हकीकत नये साल के सामने
भाव सृजन का नूतन लेकर सुमन आँख में नोर क्यों?



कामना

नव किरणें मुस्काकर लायीं नये वर्ष का नव पैगाम
कोयल कूक रही है जग में गूँजेगा भारत का नाम

वही आसमां वही फ़िज़ा है वही दिशाएँ अभी तलक
नयी चेतना नये जोश से नया सृजन होगा अविराम

बहुत रो लिये वर्तमान पर परिवर्तन की हो कोशिश
सार्थक होगा तब विचार जब हालातों पर लगे लगाम

पिंजड़े के तोते भी रट के बातें अच्छी कर लेते
बस बातों से बात न बनती करना होगा मिलकर काम

नित नूतन संकल्पों से नव सोच की धारा फूटेगी
पत्थर पे भी सुमन खिलेंगे और होगा उपवन अभिराम 



परिचय


नाम :  श्यामल किशोर झा

लेखकीय नाम :  श्यामल सुमन 

जन्म तिथि :  10.01.1960 

जन्म स्थान :  चैनपुर, जिला सहरसा, बिहार, भारत

शिक्षा :  एम० ए०-अर्थशास्त्र

तकनीकी शिक्षा : विद्युत अभियंत्रण में डिप्लोमा

वर्तमान पेशा :  प्रशासनिक पदाधिकारी टाटा स्टील, जमशेदपुर, झारखण्ड, भारत

साहित्यिक कार्यक्षेत्र :  छात्र जीवन से ही लिखने की ललक, स्थानीय समाचार पत्रों सहित देश के प्रायः सभी स्तरीय पत्रिकाओं में अनेक समसामयिक आलेख समेत कविताएँ, गीत, ग़ज़ल, हास्य-व्यंग्य आदि प्रकाशित

स्थानीय टी.वी. चैनल एवं रेडियो स्टेशन में गीत, ग़ज़ल का प्रसारण, कई राष्ट्रीय स्तर के कवि-सम्मेलनों में शिरकत और मंच संचालन

अंतरजाल पत्रिका "अनुभूति,हिन्दी नेस्ट, साहित्य कुञ्ज, साहित्य शिल्पी, प्रवासी दुनिया, आखर कलश आदि मे अनेकानेक  रचनाएँ प्रकाशित

गीत ग़ज़ल संकलन "रेत में जगती नदी" - कला मंदिर प्रकाशन दिल्ली 
                          "संवेदना के स्वर" - राज-भाषा विभाग पटना में प्रकाशनार्थ 

अपनी बात - इस प्रतियोगी युग में जीने के लिए लगातार कार्यरत एक जीवित-यंत्र, जिसे सामान्य भाषा में आदमी कहा जाता है और जो इसी आपाधापी से कुछ वक्त चुराकर अपने भोगे हुए यथार्थ की अनुभूतियों को समेट, शब्द-ब्रह्म की उपासना में विनम्रता से तल्लीन है - बस इतना ही। 

सादर  
श्यामल सुमन

09955373288

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