Sunday, January 01, 2012

नववर्ष पर बोधिसत्व कस्तूरिया की एक रचना

आज सुबह से ,
सभी पूछ रहे है_
नये साल का,
क्या रिजोल्यूशन है?
मैने कहा- मै अभी असमजंस मे हूं-
मँहगाई,भ्रष्टाचार का 
क्या कोई सोल्यूशन है?आज सुबह.....
सब बोले -
यह अन्तराष्ट्रीय समस्या है,
उसका नये साल से क्या कनैक्शन है?आज सुबह.....
मैने पूछा "क्या होता है नया साल?" 
बोले बतलाता हूं ,
अरबो की दारू पी लो और करो धमाल,
मैने पूछा उनसे पहले आप बताये-
इग्लिश दारू, डान्स-पार्टी सैलीब्रेशन है!!आज सुबह.....
एक बोला ३ नई कम्पनी खोल रहाहूं,
पैसा-बैसा पास नही है,
फ़िर भी नया इमैजीनेशन है!!आज सुबह....
नये नये इश्यू निकाल पैसा बटोरेंगे,
डूबा तो पब्लिक का डूबा,
चल गया तो फ़्यूचर जैन्रेशन है!!.आज सुबह.....
एक बोले ३ नई मेरी फ़िल्मे आयेंगी,
अभिनेता के बेटे है ,
प्रोड्यूसर का एक्सप्लाइटेशन है!!आज सुबह.....
प्रजातंत्र तो वंशवाद पर चल रहा है-
पूजीपति का पूजी पति,
नेता का नेता ,अभिनेता का अभिनेता रि-क्रियेशन है!!आज सुबह.....
मै गरीब किसान का बेटा,
क्या रिसोल्यूशन पास करू!
अध्नंगा,टूटी खटिया पर लेटा,
क्यों सपनो की आस करूं ?
बोले फ़िर भी कुछ तो कहना होगा,
करना होगा,
मैने कहा-भ्रष्टाचार,मँह्गाई मिटी 
तो ज़िन्दा ,वर्ना मरना होगा !!
उन बिगडे रईसज़ादो के बात समझ न आई !
बोले- "क्या होता है भ्रष्टाचार और मँह्गाई?"
मैने कहा -यह सब आप की किस्मत मे नही,
पर उस दिन आप बटोर रहे थे ,
राम लीला मैदान चलो-अन्ना का अनशन है !!आज सुबह.....

बोधिसत्व कस्तूरिया २०२ नीरव निकुन्ज सिकन्दरा आगरा २८२००७


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