Friday, September 30, 2011

काले दिनों का सच !

पिछले दिनों किसी केन्द्रीय मंत्री ने एक ब्यान दिया था कि आतंकवाद में से भी वामपंथी आतंकवाद सबसे अधिक खतरनाक है. इस खबर को अख़बार ने भी बहुत प्रमुखता से प्रकाशित किया था. खबर देख कर मेरे पास बैठे कुछ मित्र बहुत ही अजीब मुस्कान से मुस्करा रहे थे. एक ऐसी मुस्कान जिसमें गुस्सा भी नजर आ रहा था. बोले इसे वामपंथी आतंकवाद तो सबसे खतरनाक नजर आता है पर उस आतंक की यह बात ही नहीं करता जो नवम्बर-84 में राजधानी की सडकों पर नजर आया था. घर से निकालना, फिर गले में टायर डाल डाल  कर जीवित जलाना...यह कौन सी अहिंसा थी. दुःख की बात यह है  कि आज भी इन लोगों को नवम्बर-84  की घटनाएं आतंक नहीं लगती. पंजाब की एक पूर्व मुख्यामंत्री प्रोफैसर दविंद्रपाल  सिंह भुल्लर को फाँसी देने की तो वकालत करती है पर जिन लोगों ने नवम्बर-84 में मौत का तांडव किया उनके बारे में वह एक शब्द भी नहीं बोलती.. इन लोगों को कभी भगवा आतंकवाद नजर आता है, कभी वामपंथी आतंकवाद नजर आता है..पर अपने पंजे का आतंक कभी नजर नहीं आता ! उन दिनों में क्या क्या हुआ इसे दोहराना उचित नहीं होगा पर एक सरपंच ने उन लोगों पर कुछ सवाल उठाये हैं जो मानवीय जान के नुक्सान पर भी अपनी राजनीती चलाते हैं. हरियाणा राज्य के रेवाड़ी जिले में आते गाँव होन्द चिल्ल्ड में जो कुछ हुआ उसे इस सरपंच ने अपनी आखों से देखा था.एक हाथ में तेल या पैट्रोल की पीपी और दुसरे में माचिस. हमलावर बहुत ही साफ़ शब्दों में समझाते की हमारे रास्ते से हट जयो वरना....और सरपंच हट गया. अगर नहीं हटता  तो शायद वे लोग इसे पूरी तरह से ही रास्ते से हटा देते. इस सरपंच ने अपनी जान बचाने की कीमत अदा  कर दी है, उसने सच सच बता दिया है कि उस समय क्या क्या हुआ था. अब देखना यह है कि इस वक्त आम आदमी का अगला कदम क्या होगा और लीडरों का अगला कदम क्या होगा ?

अब राजनीती के मैदान में बड़ी बड़ी बातें करने वाले लीडरों का अगला कदम भी देखा जायेगा और संगत व जनता का अगला कदम भी. उन दिनों उजाड़ी गयी इस जगह को दोबारा बसाने में सिख संगत या फिर सिख लीडरों को कौन रोक रहा है ? अगर यहाँ मारे गए उन लोगों की स्मृति में यहाँ कोई गुरुद्वारा भी बनाया जाना है तो उसमें और देरी कौन कर या करवा रहा ? अगर आप भी इस मुद्दे पर कुछ कहना चाहते हैं तो आपका स्वागत है. आपके विचारों की इंतज़ार बनी रहेगी ! सवाल किसी एक पार्टी या एक समुदाय का नहीं. सवाल है देश की संस्कृति का, देश के कानून का, देश के सदभाव का ! अगर आम नागरिक का विशवास इन चंद नेतायों की स्वार्थ भरी नीतियों के कारण भंग होता है या फिर कुछ बेगुनाहों को बचाने के लिए क़ानून और इन्साफ के साथ कोई खेल खेला जाता है तो यह निश्चय ही बहुत बड़े दुर्भाग्य की बात होगी ! गौरतलब है की इस वीडियो क्लिप को पोस्ट किया है इस स्थान का पता लगाने वाले इंजीनियर मनविन्द्र सिंह ने लेकिन आप इस सरे मुद्दे पर क्या सोचते हैं...क्या कहना चाहते हैं....क्या होना चैये इस मुद्दे पर अगला कदम ? आपके विचारों की इंतज़ार बनी रहेगी.

Wednesday, September 28, 2011

अमृतसर का विश्व प्रसिद्ध लंगूर मेला

नवजात शिशु से लेकर नौजवान तक बनते हैं लंगूर 
दस दिनों तक ब्रह्मचर्य व्रत के साथ पूरा सात्विक जीवन
अमृतसर : गजिंदर सिंह किंग: 
पंजाब के जिला अमृतसर के बड़ा हनुमान मंदिर में हर वर्ष की तरह लगने वाला विश्व प्रसिद्ध लंगूर मेला नवरात्र के पहले दिन से शुरू हो जाता है, इस मेले में नवजात शिशु से लेकर नौजवान तक लंगूर बनते हैं और पूरे दस दिनों तक ब्रह्मचार्य व्रत के साथ-साथ पूरे सात्विक जीवन को व्यतीत करते हैं, इस दस दिवसीय व्रत का अंत दशहरे वाले दिन होता है, आज इस मेले में जहां स्थानीय बच्चे लंगूर बनते है, वहीं देश-विदेश से आ कर बच्चे लंगूर बनते है.
अमृतसर का विश्व प्रसिद्ध बड़ा हनुमान मंदिर, कहा जाता है कि इस मंदिर में जो श्री हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित है, वह अपने आप ही यहां पर प्रकट हुई थी, इसके बारे में कहा जाता है, कि जब श्री राम ने सीता माता को एक धोबी के कटाक्ष पर वनवास के लिए भेज दिया था, तो उन्होंने उस समय महर्षि वाल्मिकी के आश्रम में पनाह ली थी और वहीं पर अपने दो पुत्रों लव और कुश को जन्म दिया था
इस बीच श्री राम ने अश्वमेध यज्ञ करवाया और अपना घोड़ा विश्व को विजयी करने के लिए छोड़ दिया, जिसे इसी स्थान पर लव और कुश ने पकड़ कर बरगद के पेड़ के साथ बांध दिया, इस पर जब श्री हनुमान लव और कुश से घोड़ा आजाद करवाने के लिए पहुंचे, तो लव और कुश दोनों ने उन्हें भी बंदी बना लिया और इसी स्थान पर हनुमान को बैठा दिया, इसके बाद से ही यहां पर श्री हनुमान जी की प्रतिमा स्वयं प्रकट हो गई.
ऐसी मान्यता है कि जो कोई भी इस हनुमान मंदिर से अपने मन की मुराद मांगता है, वह पूरी हो जाती है और मांग पूरी होने पर वह व्यक्ति इन नवरात्रों में लंगूर का बाना पहन कर यहां हर रोज सुबह-शाम माथा टेकने के लिए आता है. 
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी पंजाब के जिला अमृतसर के बड़ा हनुमान मंदिर में लंगूरों का मेला बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है, इसके लिए खास तौर पर लोगों में उत्साह देखने को मिलता है और बड़ा हनुमान मंदिर में हनुमान जी जिनकी मुरादें पूरी करते है और जिन्हें पुत्र की प्राप्ती होती है, वह बड़ा हनुमान मंदिर में आपने पुत्र को लंगूर वेश में माथा टेकने के लिए जरूर पहुंचते हैं और ढोल की ताल पर नाचते है , विपन खन्ना उसकी पत्नी अनुराधा अपने परिवार समेत आज पुत्र प्राप्ति की मानत पूरी होने के बाद यहाँ इस मंदिर में आपने बच्चे को लंगूर बनाने के लिए आयी है, दरअसल पिछले 14 साल से यह परिवार पुत्र से वंचित था, लेकिन जब उन्होंने यहाँ इस पवित्र मंदिर में मानत माँगी, तब उन के घर में पुत्र ने जन्म लिया, वहीँ जिस के चलते आज उन्होंने आपने बेटे के वस्त्रों की पूजा कर आपने बेटे को वस्त्र पहना कर उस को लंगूर बनाया है और आज वह यहाँ पर आपनी मानत उतारने के लिए यहाँ पर आये है 
         यही नहीं जो लोग यहाँ पर आपने बच्चो को लंगूर बनाते है, उन को कुछ नियमों का पालन करना पड़ता है, जैसे कि दस दिनों तक पलंग पर नही सोना, कोई खंर वाली चीज चाक़ू से कट नही खाना, सुबह शाम नंगे पाँव आपने लंगूर बनाए बेटे के साथ ही ज़मीन पर सोना और सुबह-शाम मंदिर में माथा टेकने जाना और यहाँ पर मंदिर में उन्होंने मनोकामना की थी जो की पूरी हुई है. 
विपिन अकेला ऐसा नहीं है, दरअसल यहाँ पर हजारों ऐसी महिलाए है,  जिन की यहाँ पर मनोकामना पुरी हुई है और इस मंदिर में आपने बच्चे को एक विशेष पोशाक में लंगूर बना कर ढोल और नगाड़े की ताल पर यहाँ आ कर नाचते है और इस मंदिर में माथा टेकते है, इस दौरान  निदेविका श्रद्धालू का कहना है, कि इस मंदिर से मानत पूरी हुई है और पुत्र की प्राप्ति हुई है, आज मानत पूरी करने के लिए यहाँ पर आए है. 
यह ही नही, जहाँ इस मन्दिर में लोग पुत्र प्राप्ति के लिए आते है, वहीं इस मन्दिर में एक ऐसा परिवार भी है, जिस ने की इस पुरुष प्रधान समाज में बेटी को आगे लाया  है, यह है अनिल और उस की पत्नी पूजा  के घर में दूसरी बेटी ने जन्म लिया है और आज वह यहाँ पर आपनी बेटी सिया को लंगूर बनने के लिए आए है, इस दौरान उन्होंने बताया, कि यहाँ पर आपने बच्चे के लिए दुआ की थी और उन के घर में बेटी हुई है, लेकिन वह बेटा और बेटी में कोइ अन्तर नही समझते, जिस के चलते उन्होंने सारे रिति रिवाज़ों को खत्म कर के आज यहाँ  पर आपनी बेटी को लंगूर बनाया  है 
       यहीं नहीं इस मंदिर के पुजारी राम निवास पाठक  ने इस मंदिर की जानकारी देते हुए बताया, कि यहाँ पर खुद हनुमान जी आए थे और इस मंदिर में उन्होंने लव-कुश ने घोड़ा छुडवाने  की कोशिश की थी, तब उन को यहाँ पर इस पेड़ के साथ बाँध दिया गया था, तब से इस मंदिर में यह एक प्रथा चली आ रही है, वहीं इस मंदिर में लोग मानत मांगते है और पुत्र पाप्ति के बाद मानत पूरी करने के लिए आपने बच्चे को लंगूर बनाते है 
        फिलहाल आस्था के यह केंद्र पूरी दुनिया में एक ही है और यह ही नहीं जहाँ पूरी दुनिया माँ के नवरात्रे मानती है, वहीं हनुमान भगत यहाँ पर लंगूर बन कर नाच गा कर इस मंदिर की शोभा को बढ़ाते है 

Sunday, September 25, 2011

नशीले पदार्थों के तस्कर लगातार सरगर्म


स्टेट स्पेशल ओपरेशन सेल ने पकड़ी 30 करोड़ की हेरोइन  
 अमृतसर: 25  सितम्बर: (गजिंदर सिंह किंग) 
पंजाब के स्टेट स्पेशल ओपरेशन सेल को उस समय बड़ी सफलता मिली, जब उन्होंने एक तस्कर को 6 किलो हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया, दरअसल जब पुलिस टीम ने इन को पकड़ने के लिए गयी, तब इस ने पुलिस टीम पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी, तकरीबन एक घंटे की मुठभेड के बाद इस को गिरफ्तार किया गया.
नशीले पदार्थों के ये तस्कर इतने बेखुअफ़ थे की इन लोगों ने पुलिस पर गोली चलाने में भी कोई हिचक्चाहत महसूस नहीं की.
पकिस्तान की तरफ हेरोइन की तस्करी का यह एक नया मामला सामने आया है, जब पंजाब के खुफिया विभाग के स्टेट स्पेशल ओपरेशन सेल ने एक व्यक्ति को हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया, दरअसल पुलिस को एक गुप्त सूचना मिली, कि आज सुबह एक व्यक्ति चीचा भकना रोड पर हेरोइन की खेप किसी को देने के लिए आ रहां है, पुलिस ने सारी खबर का बारीकी से पता लगाने के बाद अपना जाल बिछाया.
जब आरोपी तस्कर दरबारा सिंह मोटर साइकिल पर सवार हो कर आ रहा था तो  पुलिस ने वहां पर नाका लगा कर जब उस को पकड़ने की कोशिश की, तब तस्कर दरबारा सिंह ने पुलिस पर गोलियां चलानी शुरू कर दी, पुलिस ने भी जवाबी कार्यवाही तकरीबन एक घंटे तक चली, फायरिंग के बाद  एक तस्कर दरबारा सिंह को गिरफ्तार कर लिया और इन का दूसरा साथी हरजिंदर सिंह जो कि  एक बड़ा तस्कर है, वहां से भागने में सफल हो गया , वहीँ पुलिस ने पकड़े हुए तस्कर के पास से 6 किलो हेरोइन एक पाकिस्तानी पिस्तौल और दो जिंदा कारतूस बरामद की  है.
पंजाब के स्टेट स्पेशल ओपरेशन सेल के ऐ,आई,जी कौस्तुब शर्मा का कहना है, कि आरोपी दरबारा सिंह के सम्बन्ध पकिस्तान के एक बड़े तस्कर कला मसीह के साथ है और कला मसीह को स्टेट स्पेशल ओपरेशन सेल की गिरफ्त में है साथ ही दरबारा सिंह आपने इलाके में छोटी छोटी मात्र में हेरोइन बेचता था और मई के महीने में यह तकरीबन दस किलो हेरोइन की खेप पकिस्तान से भारत में भेज चूका है, 
उन्होंने कहा, कि  दरबारा सिंह पर पहले कोई ऐसा मामला दर्ज नहीं है, उसके पास से जो पिस्तौल मिली है, वह पकिस्तान की अच्छी क्वालिटी की बनी हुई है, साथ ही उन्होंने कहा, कि इस का एक साथी हरजिंदर सिंह वहां से भागने में सफल हो गया और जल्द ही उस की गिरफ्तारी की जायेगी और पकड़े तस्कर के पास से 6 किलो हेरोइन, एक पकिस्तानी पिस्तौल, दो जिंदा कारतूस और एक मोटर साइकिल बरामद किया गया है और पकड़ी गई हेरोइन की अंतर राष्ट्रीय बाज़ार में 30 करोड़ रूपए कीमत है
           
         फिलहाल इस घटना ने एक बार फिर सीमा पार से तस्करी के नेटवर्क का भांडा-फोड़ किया है, जहाँ पैसों का लालच दे कर सीमा पार के तस्कर भारत में नशे के जाल को बिछा रहे है और दरबारा सिंह जैसे लोग चंद पैसों की खातिर इस तरह की स्मगलिंग की गतिविधियों को अंजाम देते है.
            

श्रीनवरात्रि महामहोत्सव-2011 कार्यक्रम

विद्गव धर्म चेतना मंच
श्री ब्रह्मर्षि आश्रम, तिरुपति

R.C.Road, C.Ramapuram,
Ramachandrapuram Mandalam,
Tirupati-517561,
Tel. 918772247056,
Mob.09866622049,09395149611
Dated 25 Sept. 2011
श्री ब्रह्मर्षि आश्रम तिरुपति में

कल से विशेष आयोजन प्रारम्भ

तिरुपति, २५ सितम्बर। विद्गव धर्म चेतना मंच श्री ब्रह्मर्षि आश्रम, तिरुपति द्वारा दिनांक २८ सितम्बर से ६ अक्टुबर २०११ तक श्री नवरात्रि महामहोत्सव का आयोजन किया गया है। इस महामहोत्सव में शामिल होने के लिए देद्गा विदेद्गा से हजारों की संखया में भक्त मॉ के दरबार में दद्गानार्थ उपस्थित होंगे। आश्रम में श्री नवरात्रि महामहोत्सव की व्यापक तैयारियां चल रही है। विद्गााल माता दरबार को सजाया जा रहा है।                           
विद्गव धर्म चेतना मंच श्री ब्रह्मर्षि आश्रम, तिरुपति की राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष श्रीमती इंदु राठौड़ ने बताया कि मां भवानी के दरबार में एवं विद्गवसंत ब्रह्मर्षि श्री गुर्वानन्द जी स्वामी 'गुरुदेव' के सान्निध्य में आयोजित होने वाले इन कार्यक्रमों का प्रारम्भ २८ सितम्बर को कलद्गा स्थापना से होगा। २९ को गुरु पूजन पर्व, ३० को बसन्तोत्सव-सरस्वती वंदना, १ अक्टुबर को भक्त और भगवान, २ को मॉं के दरबार में लड्‌डू गोपाल दृद्गय, ३ को देवी मॉ के नेत्रों की पट्‌टी खोली जायेगी तथा भक्त मॉ के आलौकिक दिव्य दृष्टि को पायेंगे। ४ को सुहागिन व कन्या पूजा, ५ को महाचंडी यज्ञ तथा ६ अक्टुबर को पारणा व आद्गाीर्वाद का कार्यक्रम होगा। श्री ब्रह्मर्षि प्रांगण में मां के दरबार में प्रतिदिन युवा गुरुभक्त टीम द्वारा भक्तिपूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये जायेगें।
प्रतिदिन विद्गवसंत ब्रह्मर्षि श्री गुर्वानन्द जी स्वामी 'गुरुदेव' की दिव्य दृष्टिअमृतवाणी जीवन की दिद्गाा व दद्गाा दोनों बदल देती है। आश्रम आचार्य पंडित श्री श्रीनिवास श्रीमाली एवं उनकी टीम प्रतिदिन माता के दरबार में होने वाले कार्यक्रमों की विधि पूर्वक पूजा अर्चना करायेंगे। देद्गा के प्रसिद्ध गायक कलाकार प्रतिदिन सांयकालिन कार्यक्रमों में भक्ति रस प्रस्तुत करेगें तथा जगराता व डांडिया रास के कार्यक्रम भी होंगे।

(कमल आत्रेय)
मीडिया प्रभारी,मो. 9460061190

"अहिल्या "// अलका सैनी की नयी नज़म


कल जब मै तुम्हारे घर की तरफ आई
तो देखा दरवाजे  और खिड़कियाँ खुले थे
मेरे  अंतर्मन में हजारों पुष्प  खिल गए    
पर  देखते-देखते  दरवाजे और खिड़कियाँ बंद हो गए
यह  देख  मेरी रूह गहराई तक  काँप गई   
खुश्क आहों में  मैं   थर्रथर्राती रही 
दर्द से बिलखकर सुबकती  रही 
गिड़गिडाकर इन्तजार करती रही 
दरवाजा खुलने का 

पर कोई  दरवाजा नहीं खुला 
मै बहुत देर तक बाहर सामने की रेलिंग पर बैठी सोचती रही 
शायद समय देखकर तुम आओगे 
मुझे उठाओगे, मुझे अपने सीने से लगाओगे 
पर तुम नहीं आए 
मै वहीँ नीचे घास पर बैठे- बैठे सोने लगी 
सारी रात तुम्हारी राह देखती रही 

आसमान मेरे आँसुओं का गवाह था 
वो भी मेरे साथ पानी बरसा रहा था
धरती का आँचल भी मेरे साथ भीग रहा था 
पेड़- पौधों की हालत भी मेरे जैसी थी 
पास में बैंच के नीचे एक कुत्ता भी 
बीच- बीच में अपनी नजर उठा लेता था 
दूर एक गाय शायद प्रसव पीड़ा से तड़प रही थी 
हम सब मिलकर एक दूसरे का दुःख बाँट रहे थे   
कई राह चलते मुझ पर बेचारी सी नजर डाल कर आगे बढ़ गए 
जैसे ठंडी हवाएँ मेरे तन को छूकर जाती रही 
मै बारिश के तूफ़ान  में भीगती रही हमेशा की तरह 
पर वहाँ कोई नहीं था मेरे आंसू पोंछने वाला 
जब भी अँधेरे में कोई आकृति नजर आती 
मै उठ कर बैठ जाती कि शायद तुम आए होंगे 
फिर अपना वहम समझ कर वहीँ लेट जाती
मुझे पहली बार उस अँधेरी भयानक रात से भी डर नहीं लगा 
सुबह होते -होते 
आसमान भी  बरस कर थक गया 
धरती की प्यास भी बुझ गई 
पेड़- पौधे भी उजली किरण में खिल  गए 
कुत्ते को कहीं से एक हड्डी मिल गई 
बछड़ा अपनी माँ का दूध पीने लगा 
परन्तु मेरे नैनों का नीर कहाँ सूखा था ?
फिर मै भी मुक्त  हो गई और 
तब  मेरी रूह आँसुओं के सैलाब में विलीन हो गई  
पीछे छोड़ गई   एक बेजान पत्थर का बुत  
जो आज तक अहिल्या की तरह 
किसी राम के आने का इन्तजार कर रहा है 
पर कलयुग में कोई राम हो सकता है ?
     
                                --अलका सैनी

Friday, September 23, 2011

नवाब पटौदी के देहांत पर क्रिकेट जगत में शोक की लहर


क्रिकेट के महानायक की कमी कभी पूरी नहीं होगी-सिद्धू :     पुश्तैनी महल में किया गया सुपुर्दे खाक
पटौदी (ब्यूरो रिपोर्ट) क्रिकेट के महांनायक और भारत के पूर्व क्रिकेट कप्तान मंसूर अली खान पटौदी को आज यहां उनके पुश्तैनी महल में सुपुर्दे खाक कर दिया गया. चारो  और दुःख और शोक का माहौल था. नवाब की आखिरी झलक पाने के लिए हजारों लोग जमा हुए.
गौरतलब है कि 70 बरस के पटौदी का फेफड़े में संक्रमण के कारण दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में निधन हो गया था.  उनकी कब्र उनके पिता इफ्तिखार अली खान पटौदी की कब्र के एन बगल में बनी है जो कि भोपाल रियासत के आखिरी सत्तारूढ नवाब थे. भोपाल की जनता में आज भी इस परिवार के लिए बहुत सम्मान है.
क्रिकेट के इस महान नायक को अलविदा कहने के लिए पटौदी पैलेस के बाहर आज सुबह ही से करीब 15000 लोग जमा हो चुके थे. लोगों की तादाद बहुत बड़ी थी. मीडिया और भीड़ को काबू करने में पुलिस को भी काफी मेहनत करनी पड़ी. इस अंतिम यात्रा की कवरेज के लिए मीडिया ने भी पूरा जोर लगा रखा था. पटौदी की पत्नी और गुजरे जमाने की मशहूर बालीवुड अभिनेत्री शर्मिला टैगोर पैलेस की बालकनी में अपने परिवार की एक और महिला के साथ आई तो काफी शांत दिख रही थी. इस मौके पर शर्मिला टैगोर ने सफेद साड़ी पहन रखी थी और अपने आंसूयों की बाढ़ को रोके हुए थी. टीवी चैनलों ने शर्मिला टैगोर के चेहरे की झलक बार बार दिखाई.
परम्परा के मुताबिक पटौदी के बेटे सैफ अली खान ने जनाजे की नमाज अदा करने के बाद उनके पार्थिव शरीर को नम आंखों और भरे मन से सुपुर्दे खाक किया. सैफ की करीबी मित्र करीना कपूर गमगीन थी जबकि पटौदी की बेटियों सोहा और सबा को संभालना बहुत ही मुश्किल हो रहा था.
इसी बीच करीना की बड़ी बहन करिश्मा कपूर भी सफेद सूत औए सफेद दुप्पटे के साथ अंतिम संस्कार में शामिल हुई. वह सैफ को सांत्वना देती भी नज़र आ रही थी. क्रिकेट जगत से पूर्व कप्तान कपिल देव और अजय जडेजा सपरिवार मौजूद थे. पूर्व कप्तान और कोच अंशुमान गायकवाड़ और सरोद वादक अमजद अली खान भी इस दुखद मौके पर मौजूद थे. मीडिया से बात करते हुए फ़िल्मी दुनिया जावेद अख्तर, शबाना आज़मी, अनिल कपूर, तब्बू और बहुत से अन्य कलाकारों ने भी क्रिकेट के इस महांनायक को श्रद्धांजली दी.

क्रिकेट के महा क्रिकेट नायक मंसूर अली खान पटौदी  के अचानक देहांत होने पर पूरे देश और दुनिया में लोगो ने गहरा शोक व्यक्त किया है, वहीँ इस मौके पर भारत की टीम के पूर्व खिलाडी नवजोत सिंह सिन्धू  ने गहरा शोक व्यक्त किया और कहा, कि वह एक आकर्षक खिलाडी थे जिन की कमी कभी पूरी नहीं हो सकती  
अमृतसर से गजिंदर सिंह किंग के मुताबिक क्रिकेट के महा क्रिकेट नायक मंसूर अली खान पटौदी  हैदराबाद के मैदान में खेलने के लिए जब जाते थे, तो लोग उन के खेल को  देखने के लिए मैदान में आते थे और जब वह आउट हो जाते थे, तो लोग मैदान छोड़ जाते थे, लेकिन आज क्रिकेट के महा नायक मंसूर अली खान पटौदी  के अचानक देहांत होने पर पूरे देश और दुनिया में लोगो ने गहरा शोक व्यक्त किया है, वहीँ इस मौके पर भारत की टीम के पूर्व खिलाडी नवजोत सिंह सिन्धू  ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए  क्रिकेट के महा क्रिकेट नायक मंसूर अली खान  पटौदी  के बारे जानकारी देते ही बताया, कि  क्रिकेट के महा क्रिकेट नायक मंसूर अली खान  पटौदी  एक संस्था थे और वह एक आकर्षक खिलाडी थे, जिन की कमी इस देश को पूरी नहीं हो सकती, उन्होंने बताया, कि  हैदराबाद के मैदान में खेलने के लिए जब जाते थे, तो लोग उन के खेल को  देखने के लिए मैदान में आते थे और जब वह आउट हो जाते थे, तो लोग मैदान छोड़ जाते थे, लेकिन आज चाहे वह उस दुनिया में नहीं  है, लेकिन उन की पहचान एक चुम्बक के बराबर है, जो खत्म नहीं हो सकती, लेकिन देश के हर वर्ग के लिए वह एक मिसाल है और वह आज अमर हो चुके है, हर कोई आने वाले समय में उन को याद रखेंगा  और उन की छाप फिल्म वर्ल्ड  से ले कर क्रिकेट के मैदान तक कभी ख़त्म नहीं हो सकती.   

योजना आयोग का क्रूर मज़ाक

लुभावने नारों में छुपायी जा रही है जनता की दुर्दशा
यदि मौजूदा आंकड़े ही गलत है तो अगली नीति कैसे ठीक होगी  ?
खबर की कतरन पंजाब केसरी से साभार
योजना आयोग  द्वारा हलफनामे सहित प्रस्तुत यह आकड़े कि कौन गरीबी रेखा से नीचे है और सरकारी सुविधाओं का पात्र हो सकता है ? अत्यंत हास्यास्पद चित्रण खीच रहा है ! इस प्रकार की प्रस्तुति से यह साफ़ तौर से निकल कर सामने आ गया है कि भारतवर्ष में अधिकारीगन देश की जनता के साथ, बजट और भारतीय सुविधाओं की परिकल्पनाओ की  गलत तस्वीर प्रस्तुत कर विशवासघात  कर रहे है क्योकि यही आधार होता है देश की आने वाली पञ्च वर्षीय योजनाओं का ! यदि हमारे पास मौजूद आकडे ही गलत है तो अगली नीति का निर्धारण कैसे हो सकता है ? यह एक चितनीय विषय है कि महगाई की बढ़ती हुई दरे भारतीयों की मूलभूत सुविधाओं रोटी  ,कपड़ा और मकान को निम्नतम किस स्तर पर गरीबी रेखा से नीचे के मानक पर तय कर रहा है ? शिछा और स्वास्थ के प्रश्न की बात ही नहीं उठती है क्योकि जब तन पर कपड़ा न हो पेट भर भोजन न हो और सर छुपाने के लिए छत नहो तो शिछा और स्वास्थ भी अभिजात्य वर्ग की वस्तुए मानी जायेगी !हम बड़ी-बड़ी  समस्याओं पर आन्दोलन करते है और उपवास कर रहे है कि "विदेशो से काला धन वापस लाओ", "भ्रष्टाचार मिटाओ अन्ना हम तुम्हारे साथ है" "पर्यावरण प्रदूषण समाप्त हो " आदि-आदि ! कभी क्या यह आन्दोलन नहीं होना चाहिए कि "प्रजातात्रिक गणराज्य में जो लोग इस तरह से अरबो रुपये तनखाह में लेते है ,सरकारी अधिकारी और नेता जो मनमाने तरीको से भारतीय पूजी का दुरूपयोग बेरोक टोक करते है उन्हें फासी दो !" क्यों कि यही लोग भारतीय पूजी में दीमक की तरह व्याप्त है और विकास की गति को अवरुद्ध कर रहे है ! समयबद्ध तरीके कभी कोइ योजना पूरी नहीं होती है परन्तु दोषी अधिकारियों को न तो छाता जाता है और न ही कोइ दंड का प्रावधान है,धीरे से बज़ट बढ़ा दिया जाता है ! जैसा कि कामन वैल्थ गेम्स में हुआ ! यही  योजना आयोग का देश के साथ और इसकी १-२५ अरब आबादी के साथ क्रूर मज़ाक है कि उसने गरीबी रेखा के मानक हां अचम्भित करने वाले तय कर दिए है! 

बोधिसत्व कस्तूरिया 
२०२ नीरव निकुंज सिकंदरा 
आगरा 282007

चुनावी जीत: ज़िम्मेदारी सँभालने से पूर्व आशीर्वाद


जीत के बाद श्री हरिमंदिर साहिब में किया शुकराना 
 अमृतसर से गजिंदर सिंह किंग  
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी चुनाव में जीत के बाद शिरोमणि अकाली दल के जीते हुए उम्मीदवार वाहेगुरु का शुकराना करने और आर्शीवाद लेने के लिए सच्च्खंड श्री हरिमंदिर साहिब में नतमस्तक हुए. इन नये चुने गए सदस्यों ने अपनी जिम्मदारी सम्भालने से पहले सचखंड में माथा टेक कर गुरु घर का आशीर्वाद लिया. 
इस मौके  पर यूथ अकाली दल के प्रधान बिक्रम सिंह मजीठिया भी विशेष तौर पर मौजूद रहे. गौर तलब है की अकाली दल की इस रिकार्ड तोड़ जीत में श्री मजीठिया का विशेष योगदान रहा है. उनकी रणनीती यहाँ इस चुनावी जंग भी कामयाब रही.
अमृतसर और तरनतारण के शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी चुनाव में जीत के बाद जीते हुए अकाली उम्मीदवार बिक्रम सिंह मजीठिया की अध्यक्षता  में  सच्च्खंड श्री हरिमंदिर साहिब में नतमस्तक हो कर  माथा टेक गुरु घर का आर्शीवाद लिया. 


शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी  द्वारा इन जीते हुए उमीदवारों  को  सच्च्खंड श्री हरि मंदिर साहिब की यादगारी चिन्ह और सिरोपा दे कर  सन्मानित किया गया, इस मौके यूथ अकाली दल के प्रधान बिक्रम जीत सिंह मजीठिया ने शरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी चुनाव की जीत बारे जानकारी देते हुए बताया, कि आज वह जीते उम्मीदवार यहाँ पर गुरु घर में अरदास करने के लिए आये है और साथ ही उन्होंने कहा, कि आज गुरु घर में यह अरदास की है, कि आने वाले समय में वह सिख पंथ की सेवा करे और उन्होंने कहा, कि  इस चुनाव  में कांग्रेस की हार हुई है,  क्यों कि पंथक दल कांग्रेस का था, उन्होंने पंजाब में अकाली दल की एक तरफा जीत के लिए सब वोटरों का धन्यवाद किया और हरियाणा कमेटी बारे उन्होंने कहा, कि हरियाणा में भी हमारी पार्टी ने ग्यारह सीटी में से नौ सीटे हमारी पार्टी ने जीती है, आने वाले विधान सभा चुनाव बारे उन्होंने कहा, कि विधान सभा चुनाव में कांग्रेस को अकाली दल शिकस्त देगी.

पंगूड़े में आई एक और नन्हीं परी

अब तक 47 नन्ही मासूम जानें बचा चुका है यह भंगूड़ा     
अमृतसरसे गजिंदर सिंह किंग
जिला प्रशासन की ओर से  जिला रेडक्रास भवन  में पहली जनवरी 2008  को भ्रूण हत्या रोकने के लिए पंगुडा स्कीम शुरू की थी, ताकि जो लोग भ्रूण हत्या करवाने पर तुले हुए हैं, वहीं बेटी के पैदा होने पर उस से छुटकारा पाने के लिए  ऐसी बच्चियां को सड़कों के किनारे और झाड़ियों में  फेक  दिया करते थे, इसलिए जिला प्रशासन ने भ्रूण हत्या रोकने के लिए यह पंगूड़ा स्कीम शुरू की है,  जो लोग यहां पर बच्चे को छोड़ कर चले जाते हैं, जिला प्रशासन उनका कोई पीछा नहीं करती, क्योंकि वह समझते  हैं, कि आज ममता से बड़ी मजबूरी हो गई है, इस स्कीम के तहत पंगूड़े में  आज फिर  एक नन्ही परी (लड़की) आई है. 
यह है, जिला प्रशासन की ओर से  जिला रेडक्रास भवन के बाहर पहली जनवरी 2008  को भ्रूण हत्या रोकने के लिए लगाया गया पंगुडा और  जिला अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर रजत अग्रवाल की पत्नी रितु अग्रवाल की गोद में मुस्करा रही  वह दो-तीन  दिनों की बच्ची है, जिसे 20-09-2011 तारीख  को  कल शाम के समय 5.30 बजे रात  दो दिनों की नन्हीं परी (लड़की) को प्रशासन की ओर से रेडक्रास भवन में लगाए गए पंगूड़े में छोड़ गए है. गौर तलब है कि यह प्न्घूदा अब तक कई नन्ही मासूम जानें बचा चूका है. 
इससे पहले इस पंगूड़े में करीब 47  बच्चे आ चुके हैं, जिस का डॉक्टरी मुआयना करा कर  पालन  पोषन के लिए उसे स्वामी गंगा नंद भूरी वाले इंटरनैशनल धाम गांव तलवंडी खुर्द लुधियाना भेजा जाता है, वहा जिला प्रशासन की ओर से जरूरतमंद दंपत्तियों को सौंप दिया जाता है, अमृतसर के डी.सी.रजत अग्रवाल की पत्नी रितु अग्रवाल ने पंगूड़ा स्कीम बारे जानकारी देते हुए बताया, कि जिला प्रशासन ने यह पंगूड़ा स्कीम शुरू की थी. 
इस में आज तक इस पंगूड़े में  47  बच्चे पहुंच चुके हैं और इस स्कीम के तहत आने वाले बच्चों का पहले डॉक्टरी मुआयना कराया  कर  पालन  पोषन के लिए स्वामी गंगा नंद भूरी वाले इंटरनैशनल धाम गांव तलवंडी खुर्द लुधियाना भेज दिया जाता है और उन्होंने बताया, कि भ्रूण हत्या करने वालो को लड़का-लड़की में भेद-भाव नही करना चाहिए. दोनों को सामान समझना चाहिए और दोनों को ही जीने का बराबर अधिकार होता है और भ्रूण हत्या रोकने के लिए यह पंगुडा स्कीम चालू की गयी  है.

Thursday, September 22, 2011

पहली जनवरी से शुरू होगा नया बन रहा पुल-कहा प्रवीन बांसल ने


याद अभी भी आती है उस लकड़ी वाले पुल की
लुधियाना: कोई जमाना था जब जब शहरी क्षेत्रों और सिविल लाईन्स इलाकों में रहने वाले लोग लकड़ी के एक पुल को पार करके आया जाया करते थे. रेलवे लाईनों के ऊपर से गुजरता वह पुल लुधियाना की एक पहचान बन चूका था. वह पुल टूट तो बस जैसे एक सिलसिला सा ही शुरू हो गया. एक के बाद एक पुरानी पहचान के चिन्ह मिटने लगे.  न तो सुभानी बिल्डिंग रही और न ही नौलखा सिनेमा. उन सब के साथ याद आता रहेगा लकड़ी का वह पुल. पैदल और साईकल इस्तेमाल करने वालों के लिए यह पुल किसी वरदान से काम नहीं था.बस एक पुल पार करना और एक इलाके से दुसरे इलाके में पहुंच जाना. ऑटो वाहनों का इस्तेमाल करने वाले लोग उस समय भी अक्सर दमोरिया पुल ही पार करते थे. दमोरिया पुल का रास्ता लकड़ी के पुल वाले रास्ते की बजाये काफी लम्बा था. उन दिनों कचहरी भी इसी तरफ थी इस लिए लोग बहुत बड़ी संख्या में इधर से उधर आते जाते थे. जो लोग अपना साईकल कंधों पर नहीं उठा पाते थे वे किसी मजदूर की सहयता लेते. साईकल पार कराने वाले मजदूर झट से साईकल उठा कर पार करा देते. साईकल पार कराने की कीमत २५ पैसे से शुरू हुई और फिर एक रूपये तक पहुंची. इस तरह लकड़ी का यह पुल बहुत से गरीबों को रोज़गार भी देता था. पुल के नीचे अख़बार और चाये, परांठे का काम भी खूब चलता था. जब लकड़ी का यह पुल टूटा तो बहुत से लोगों का दिल भी टूट गया. कईं का रोज़गार छिन गया. 
यह तस्वीर पहली जनवरी 2011  को ली गयी थी जब सीनियर डिप्टी  मेयर पर्वीन बांसल (बांयें) लकड पुल काम की प्रगति का जायजा ले रहे थे. वरिष्ठ कैमरामैन इन्द्रजीत वर्मा ने इन पलों को झट से अपने कैमरे में उतार लिया.  (तस्वीर द ट्रिब्यून से साभार) 
पर जैसा कि अक्सर होता है. हर विकास की नींव किसी पुराने जर्जर ढांचे के विनाश पर ही टिकी होती है. लकड़ी का पुल टूटा तो वह नया पुल बनना शुरू हुआ. सीमेंट बजरी का विशाल पुल.  पुरानी कचहरी वाले सिविल लाईन्स इलाके और शहरी इलाके के साथ ही जग्रयों पुल को जोड़ने वाला नया पुल. शहर में तेज़ी से बढ़ रहे ट्रैफिक को देखते हुए इस पुल कि सख्त जरूरत भी थी. लेकिन जैसा कि सरकारी कामों में होता है इस पुल का काम भी बीच में ही लटक गया.  इतना लटका कि लोगों ने इसके पूरा होने की उम्मीद ही छोड़ दी. पर अब स कि किस्मत भी जाग उठी है. नगर निगम लुधियाना के कार्यकारी मेयर परवीन बांसल ने कहा है अब सभी रुकावटें दूर हो गईं हैं. रेलवे से भी बात कर लो गयी है. कार्यकारी मेयर प्रवीन बांसल ने कहा है कि सिवल लाईन्स और शहरी इलाके को जोड़ें के लिए नया बन रहा पुल एक जनवरी से शुरू हो जायेगा. उन्होंने ममीडिया को बताया कि इस सम्बन्ध में अब सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली गयीं हैं. इसलिए अब हमारा पूरा प्रयास यही होगा कि नए वर्ष २०१२ के पहले दिन अर्थात पहली जनवरी को इस पुल पर से यातायात शुरू कर दिया जाये. उम्मीद की जानी चाहिए कि अब इस मामले में यह वायदा हर हाल में पूरा होगा. आप भी दुया कीजिये. सुना है दिल से जो बात निकलती है असर रखती है.--रेक्टर कथूरिया


नोट: अगर आपके पास भी उन पुराने दिनों की, उन स्मारकों की, स्थानों की यादें संजोयी हों तो उन्हें शब्द दीजिये और भेज दीजिये. हम उन्हें आपके नाम के साथ प्रकाशित करेंगे. पता आपको मालूम ही है: punjabscreen@gmail.com

Tuesday, September 20, 2011

जानवर आदमी से ज्यादा वफादार है....!

आज के युग में जब किसी पर भी यकीन करना आसान नहीं रहा. जगह जगह धोखा है, फरेब है, साजिश है. तो भी संदेह और अनिश्चितिता के इस दौर में लोग बहुत ही फखर से गाते है....जानवर आदमी से ज्यादा वफादार है. जानवरों में भी कुत्ते की वफादारी की तो कई कहानियां कही सुनी जाती हैं. इस पर लोग आज भी पूरा यकीन करते हैं. पूरे का पूरा घर इसके भरोसे छोड़ कर जाया जा सकता है. किसी भी जुर्म के मामले में इसकी सहायता ली जा सकती है. हाँ इस तरह के कामों में इसका सदुपयोग करने के लिए काम की बारीकियां इसे भी सिखानी पड़ती हें.और इन बारीकियों को सिखाने की डयूटी ही लगी है अमेरिकी सेना के विशेषज्ञ टॉम मुवर्ज़ की. वह मिलिटरी पुलिस के इस कुत्ते को ट्रेंड करता है बहुत ही ध्यान से. बहुत ही बारीकी से. ट्रेनिंग  के इस अभियान में जब वह कुछ पलों के लिए रुका तो  अमेरिकी सेना के Gertrud Zach ने झट से अपना कैमरा निकला और इन पलों को अमेरिकी रक्षा विभाग के लिए उसमें कैद कर लिया. जिस दिन यह तस्वीर खींची गयी उस दिन तारीख थी 14 सितम्बर 2011.     
आपको यह तस्वीर कैसी लगी अवश्य बताएं. अगर आपके पास भी कुछ अव्ज्जी तस्वीरें हों तो उन्हें अवश्य भेजें हम उन्हें आपके नाम के साथ प्रकाशित करेंगे.  
             --रेक्टर कथूरिया 

Monday, September 19, 2011

मारुति सुजुकी के मज़दूर नेताओं की गिरफ्तारी

पीयूडीआर,पीयूसीआर,नागरिक मोर्चा ने की निंदा
  दिनांक: 19 सितंबर, 2011 को जारी प्रेस विज्ञप्ति 
नई दिल्‍ली, 19 सितंबर। ‘पीपुल्‍स यूनियन फ़ॉर डेमोक्रेटिक राइट्स’ (पीयूडीआर), दिल्‍ली,  पीपुल्‍स यूनियन फ़ॉर सिविल राइट्स, हरियाणा और ‘मारुति सुज़ुकी के मज़दूर आन्‍दोलन के समर्थन में नागरिक मोर्चा’ ने बीती रात मारुति सुज़ुकी कामगार यूनियन के नेताओं की गिरफ्तारी की कठोर शब्‍दों में निंदा की है। कल रात यूनियन के नेताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, वो भी तब जबकि प्रबंधन, श्रम विभाग और यूनियन के बीच बातचीत जारी थी। पीयूडीआर, पीयूसीआर, नागरिक मोर्चा ने इसे प्रबंधन और सरकार के दोहरे आचरण की संज्ञा दी।

मारुति सुज़ुकी कामगार यूनियन के अध्‍यक्ष सोनू कुमार, महासचिव शिव कुमार और रविंदर 18 सितंबर की रात तकरीबन10:30 बजे मारुति सुज़ुकी प्रबंधन से मीटिंग करके बाहर निकले ही थे कि पुलिस ने उन्‍हें गिरफ्तार कर लिया। ज्ञात हो कि 29 अगस्‍त से कंपनी द्वारा की गई  जबरन तालाबंदी को खत्‍म करने के  लिए 16 सितंबर से ही यूनियन, मारुति सुज़ुकी प्रबंधन और श्रम विभाग के बीच वार्ता चल रही थी। बर्खास्‍त किए गए और निलंबित मजदूरों को बीती रात प्रबंधन द्वारा वापस लेने से इंकार करने पर वार्ता टूट गयी। ऐसा लगता है कि पुलिस इसके लिए पहले से ही तैयार थी और उसने बातचीत खत्‍म करके बाहर निकले यूनियन नेताओं को तुरंत गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस ने कथित तौर पर कुछ सुपरवाइज़रों से मारपीट करने के मामले में रविंदर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है, लेकिन सोनू कुमार और शिव कुमार के खिलाफ कोई मामला नहीं है। ये मजदूर नेता ही प्रबंधन के साथ समझौता-वार्ता की अगुवाई कर रहे थे। यह साफ है कि न्‍यायोचित मांग के लिए संघर्षरत मारुति मज़दूरों के आंदोलन को कुचलने के लिए गुड़गांव पुलिस और हरियाणा सरकार, कंपनी के इशारे पर काम कर रही है।

हम मांग करते हैं कि गिरफ्तार नेताओं को तुरंत रिहा किया जाए और वार्ता दोबारा शुरू कराई जाए। साथ ही, राज्‍य सरकार कंपनी के एजेंट के तौर पर काम करना बंद करे और इस मामले में हस्‍तक्षेप करके मजदूरों को न्‍याय दिलाए।

पीपुल्‍स यूनियन फ़ॉर डेमोक्रेटिक राइट्स’ (पीयूडीआर), दिल्‍ली
पीपुल्‍स यूनियन फ़ॉर सिविल राइट्स, हरियाणा
मारुति सुज़ुकी के मज़दूर आन्‍दोलन के समर्थन में नागरिक मोर्चा

चित्र वर्कर्स रसिस्ट से साभार 

सफलता के लिए गुरू की नगरी में बालीवुड के दिग्गज


फिल्म स्पीडी सिंह की प्रोमोशन के लिए अमृतसर पहुंची कलाकारों की टीम 
 अमृतसर से गजिंदर सिंह किंग

होल्लीवूड   और बॉलीवुड के कलाकारों से सजी फिल्म स्पीडी सिंह 23  सितम्बर को रिलीज हो जा रही है, वहीँ इस के लिए अब फिल्म की प्रोमोशन के लिए फिल्म के कलाकार और इस के निर्माता निर्देशक आज आपनी फिल्म के प्रोमोशन के लिए अमृतसर पहुंचे, वहीँ इस मौके पर फिल्म के कलाकार और निर्माता अक्षय कुमार मुख्य तौर पर मौजूद थे.
23 सितम्बर को स्पीडी सिंह रिलीज होने के लिए को तैयार हो गई है, वहीँ इस फिल्म की प्रोमोशन के लिए फिल्म के कलाकार और इस के निर्माता निर्देशक आज आपनी फिल्म के प्रोमोशन के लिए अमृतसर पहुंचे, सब से पहले आपनी फिल्म के प्रोमोशन के लिए सच्च्खंड श्री हरिमंदिर साहिब में नमस्तक होकर माथा टेक गुरु घरका आशीर्वाद लिया, वही मीडिया से प्रेस वार्ता दौरान  रुबरु होते हुए उन्होंने फिल्म की जानकारी देते हुए इस फिल्म के निर्माता और इस के कलाकार अक्षय कुमार ने कहा, कि उन को अमृतसर आना हमेशा से अच्छा लगता है, क्यों कि वह अमृतसर के रहने वाले है, इस लिए उन का अमृतसर से लगाव बहुत ज्यादा है, 
वहीं इस फिल्म में होल्ली वूड  की कलाकार केमिला बेली मुख्य भूमिका में है,  वहीँ इस फिल्म के कलाकार अनुपम खेर का कहना है, कि यह फिल्म एक पारिवारिक रिश्तों को भी बताती है, जिस में एक पिता और बेटे के रिश्ते को दिखाया गया है और किस तरह विदेश में रह रहे पंजाबी कैसे रहते है और वह पंजाबी सभ्यता से रहते है, वहीँ उन का कहना है, कि जब उन को फिल्म का ऑफर आया तब उन्होंने  इस की हामी भर दी थी और यह फिल्म का म्यूजिक काफी अच्छा है और यह फिल्म हर कोई आपने परिवार के साथ देख सकता है और यह फिल्म उन के दिल के करीब है, वहीँ इस फिल्म में हीरो के रूप में काम कर रहे कलाकार विनी वरमानी का कहना है, कि यह उन की पहली फिल्म है और आज उन को ख़ुशी है, कि वह बॉलीवुड के इतने बड़े कलाकारों के साथ काम कर रहे है और इस फिल्म से उन को आने वाले समय में काफी फायदा होगा और उन को बहुत कुछ इस फिल्म से सीखने को मिला है.
उन्होंने फिल्म बारे बताया, कि यह फिल्म आइस हाकी पर आधारित है, क्यों कि विदेशो में इस खेल को खेला जाता है और यह पंजाबी की एक टीम का नाम है  और इस में विदेश में बसे पंजाबियों को ध्यान में रख कर इस फिल्म को बनाया गया है और उन को खेलों से इस लिए लगाव है, कि उन के पिता खुद कुश्ती के खिलाड़ी  थे और वह भी एक खिलाड़ी है, जिस के चलते वह इस फिल्म को खेल के आधार पर बना रहे है, उन्होंने बताया, कि इस फिल्म की स्क्रिप्ट उन को अच्छी लगी जिस में एक पिता और बेटे के रिश्ते को भी दिखाने की कोशिश की गयी है और पंजाबी सभ्यता को दिखाया गया है और पंजाबी बड़े दिल वाले होते है, जब उन्होंने यह सुना कि शेरा दी कौम पंजाबी तब उन के मन में आया कि वह खेलों पर एक फिल्म बनाये और आज उन्होंने इस फिल्म को बनाया है, वह चाहते है, कि पंजाबियत और पंजाबी सभ्यता ऊपर रहे साथ ही उन्होंने कहा कि उन को आज यह ख़ुशी है कि वह पंजाबी है.
       वहीँ अब देखना यह होगा, कि 23 सितम्बर को यह स्पीडी सिंह जनता को किस स्पीड के साथ आपनी और आकर्षित करती है और क्या खेल भावना पर आधारित यह फिल्म चक दे इंडिया की तरह हाकी  को एक नया मुकाम देती है.        

Sunday, September 18, 2011

अक्षय कुमार, अनुपम खेर और गुरप्रीत घुग्गी ने किया सजदा


श्री हरिमंदिर साहिब में नमस्तक हुआ बालीवुड 
        
अमृतसर से गजिंदर सिंह किंग:
बॉलीवुड के खिलाड़ी अक्षय कुमार आज सच्च्खंड श्री हरिमंदिर साहब पहुंच कर यहाँ उन्होंने आपनी आने वाली फिल्म स्पीडी सिंह की कामयाबी के लिए अरदास की, वहीँ इस मौके पर जानेमाने कलाकार अनुपम खेर और हास्य कलाकार गुरप्रीत  घुग्गी भी उन के साथ थे, वहीँ इस पूरी स्टार कास्ट ने सच्च्खंड श्री हरिमंदिर साहिब में नमस्तक हो कर माथा टेक गुरु घर का आशीर्वाद लिया.

बॉलीवुड के खिलाड़ी अक्षय कुमार अक्सर सुर्खियाँ   बटोरने वाले अक्षय कुमार आज सच्च्खंड श्री हरिमंदिर साहिब पहुंचे सफ़ेद रंग के सादे लिबाज़ में अक्षय कुमार के साथ  अनुपम खेर और गुरप्रीत घुग्गी उन के साथ थे, वहीँ अक्षय कुमार ने सच्च्खंड श्री हरिमंदिर साहिब में  नमस्तक हो कर माथा टेक गुरु घर का आशीर्वाद लिया, जैसे ही अक्षय कुमार स्च्च्खंड श्री हरिमंदिर साहिब पहुंचे उन के हजारों प्रशासक उनके साथ मिलने को बेताब थे, हर कोई अक्षय कुमार के साथ मिलना चाहता था, वहीँ अक्षय कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा, कि यहाँ आना उन को बहुत अच्छा लगता है और आज वह यहाँ पर गुरु घर की खुशियाँ प्राप्त करने के लिए आये है और वह चाहते है कि वह आगे भी यहाँ पर आते रहे है, वहीँ उन का कहना है, कि वह अभी फिल्म के बारे में बात नहीं करेंगे फिलहाल वह यहाँ पर आज सच्च्ग्खंड श्री हरिमंदिर साहिब के दर्शन करने के लिए आये है.

Saturday, September 17, 2011

श्यामल सुमन की दो नई कवितायेँ

                                                  चित्र दैट्स हिंदी से साभार


क्या तिहाड़ संसद बन जाए


अब तिहाड़ में कितने मंत्री
बतियाते आपस में संतरी

पता नहीं अब कितने आए
क्या तिहाड़ संसद बन जाए

संसद में चलता है झगड़ा
यह मिलाप का मौका तगड़ा

हो जुगाड़ हम कैसे छूटें
बाहर जाकर फिर से लूटें

यूँ तो हम सब भाई भाई
न्यायालय ही बना कसाई

न्यायालय को रोके कौन
इसीलिये है सत्ता मौन

किया है जनता से जब धोखा
जेल में खाएं खिचडी चोखा


उसको बना सिकन्दर देखा

भालू देखा बन्दर देखा
यह लोगों के अन्दर देखा

जो दबंग हैं नालायक भी
उसको बना सिकन्दर देखा  

सुख सारे शोषण के दम पर
भाषण मस्त कलन्दर देखा

सांसद की नैतिकता में भी
कितना बड़ा भगन्दर देखा

विकसित देश सुमन का ऐसा
सबके आँख समन्दर देखा

Thursday, September 15, 2011

कांग्रेस ने हमेशा पंजाब का नुक्सान ही किया


 स.प्रकाश सिंह बादल एसजीपीसी चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे अमृतसर
  अमृतसर से गजिंदर सिंह किंग की खास रिपोर्ट

पंजाब के मुख्यमंत्री सरदार प्रकाश सिंह बादल ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी चुनाव  प्रचार के लिए अमृतसर पहुचे, उन्होंने अमृतसर के हल्का बाबा बकाला के जडियाला इलाके में चुनावी रैली को संबोधित किया और लोगो से शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी चुनाव में अकाली पार्टी को वोट डालने की अपील की.

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव 18 सितम्बर को होने जा रहे है, वही आख़री चरण में चुनाव प्रचार तेज हो गया है,  पंजाब के मुख्य मंत्री सरदार प्रकाश सिंह बादल आपने दौरे के तहत अमृतसर के ग्रामीण इलाकों में चुनावी रैलीयां करते हुए नज़र आये, पंजाब के मुख्य मंत्री सरदार प्रकाश सिंह बादल ने अमृतसर के हल्का बाबा बकाला के जडियाला इलाके में अमरजीत सिंह जानिया के हक में एक रैली की और लोगों को एक जुट होकर पार्टी की जीत दिलाने की अपील, पंजाब के मुख्य मंत्री सरदार प्रकाश सिंह बादल ने चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, कि  एसजीपीसी चुनाव में माझे के लोगों का महत्वपूर्ण रोल रहा है और इस बार भी वह चाहते है, कि यह जीत एक बार फिर उन के साथ हो. 

इस मौके पर  उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, कि कांग्रेस ने हमेशा पंजाब का नुक्सान ही किया है और इस बार भी चुनाव में उन की पार्टी की जीत होगी और विधान सभा चुनाव में भी उन  की सरकार विजय रहेगी,  वहीँ पत्रकारों से बात करते हुए कहा, कि आज जो परमजीत सिंह सरना उन के साथ बहस की बात कर रहे है, वह उन के साथ बहस तो दूर की बात है, वह उन के साथ बात भी नहीं करना चाहते क्यों कि वह पंथ के पीठ चूरा घोपना चाहता है और वह आपने अच्छे पद और सन्मान के लिए कांग्रेस के साथ मिला हुआ है.