Monday, August 29, 2011

बाढ़ के साथ साथ पंजाब में नशे का दरिया भी उफान पर


पंजाब स्टेट स्पेशल सेल ने पकड़ी 60 करोड की हेरोइन 
अमृतसर (गजिंदर सिंह किंग)    
पंजाब के स्टेट स्पेशल सेल को उस समय बड़ी सफलता मिली जब उस ने पकिस्तान से आई नशे की एक बड़ी खेप को पकड़ने में सफलता हासिल की, उसके साथ ही स्पेशल सेल ने तीन तस्करों को भी गिरफ्तार करे 12  किलो हेरोइन बरामद की गयी है, जिस की अंतर राष्ट्रीय बाज़ार में कीमत 60  करोड रूपए है.
पंजाब के स्टेट स्पेशल सेल पुलिस ने एक सफ़ेद आल्टो कार समेत दो दोषी महिंदर सिंह और राकेश कुमार को गिरफ्तार किया और उन से 8  किलो हेरोइन बरामद की गयी, यह दोनों आपराधी इस नशे की खेप को तीसरे अपराधी लखविंदर सिंह के साथ मिल कर किसी को देने जा रहे थे, तभी पुलिस ने तीसरे अपराधी लखविंदर को गिरफ्तार कर किया, जिसके पास से 4  किलो हेरोइन बरामद की,   स्टेट स्पेशल सेल पुलिस के गिरफ्त में आये यह वह शातिर है, जो देश की जड़ों को खोखला कर रहे है दरअसल यह वह अपराधी है, जो पकिस्तान से नशे की खेप  को ला कर देश के अलग अलग हिस्सों में भेजते थे, पुलिस को एक गुप्त सूचना के मिली थी, कि पकिस्तान से नशे की बड़ी खेप भारत में आयी है,  स्टेट स्पेशल सेल पुलिस ने नाके दौरान इन तीनो को गिरफ्तार कर 12 किलो हेरोइन बरामद की है,  दरअसल इन तीनो गुनेह्गारों का जुर्म की दुनिया से कोई रास्ता नया नहीं है, इस गिरोह का मुख्य मास्टर माइंड  लखविंदर सिंह पहले भी हेरोइन  की तस्करी में सजा काट चुका है, इस से पहले डी,आर,आई विभार ने लखविंदर सिंह को  3  किलो हेरोइन के साथ  गिरफ्तार किया था, जिस में वह 8  साल की सजा काट चुका है, उस के बाद जब स्टेट स्पेशल ओपरेशन सेल ने 2010  में 28  किलो हेरोइन के साथ राजिंदर सिंह को गिरफ्तार किया तब भी वह इस नशे की खेप में शामिल था, यह ही नहीं  इस गिरोह का दूसरा सदस्य मोहिंदर सिंह को जम्मू पुलिस ने 4  किलो हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया, साथ ही उस के बाद इस के बाद 1997  में कस्टम विभाग ने जब 50  किलो हेरोइन पकड़ी उस में भी इस का नाम आया था, वहीँ इस गिरोह का तीसरा  सदस्य राकेश कुमार पर भी जाली करंसी का मामला दर्ज है, जो कि जेल से परोल पर आया था और उस के बाद फरार था, यह जानकारी  पंजाब के स्टेट स्पेशल सेल के ऐ, आई, जी   डाक्टर कौस्तुब शर्मा ने प्रेस दौरान दी और उन्होंने  इन तीनों आपराधियों बारे जानकारी देते हुए बताया, कि इन तीनों आपराधियों का सम्बन्ध पकिस्तान से है और यह लोग पकिस्तान से नशे की तस्करी करते थे और साथ ही यह तीन लोग इस स्मगलिंग के धंधे के सब से पुराने खिलाड़ी है, वहीँ उन्होंने कहा, कि  इन के पकडे जाने से पकिस्तान के साथ तस्करी के सम्बन्धों पर कई बड़े खुलासे हो सकते है
फिलहाल पुलिस ने चाहे इन तीन अपराधियों को 60  करोड की हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया है, लेकिन इन के पकडे जाने से यह बात तो साफ़ है, कि कहीं न कही देश की सरहद पर कोई ऐसी सेंध है, जिस के कारण यह आरोपी पकिस्तान से हेरोइन भारत में लाते है, वहीँ पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है, कि नशे की यह खेप देश के किस हिस्से में देने जा रहे थे.  

Sunday, August 28, 2011

साउथ अफ्रीका से बुलाए गए कोच


 अब सपना नहीं रहा महिला खिलाडियों को क्रिकेट प्रशिक्षण  
अमृतसर से (गजिंदर सिंह किंग): 
देश में महिला क्रिकेट को बढाने के लिए कई प्रयास किये जाते है, लेकिन आज भी महिला क्रिकेट टीम उस स्तर तक नहीं पहुँच सकी, लेकिन अब इस क्रिकेट के स्तर को ऊँचा उठाने के लिए अमृतसर क्रिकेट प्रशासन ने एक विशेष रास्ता अख्तियार किया है, जिस के चलते अब अमृतसर की महिला खिलाडियों को प्रशिक्षण देने के लिए साउथ अफ्रीका से कोच बुलाए गए है, जिस से की माहिला क्रिकेट को बढावा मिल सके.  
भारत की स्टार महिला क्रिकेटर अंजुमन चोपड़ा देश के लिए कई बार इन्होने देश का नाम माहिला क्रिकेट में रोशन किया है, लेकिन अब वह एक संस्था वोमेन क्रिकेट वर्ल्ड के सहयोग से अमृतसर में महिलाओं के लिए एक विशेष उपहार ले कर आयी है, जिस के तहत लेवल तीन की एक विशेष कोच को साउथ अफ्रीका से बुलाया गया है, जिस से महिला क्रिकेट को एक नई दिशा मिलेगी, उन का कहना है, कि आज देश में महिला क्रिकेट के अंतर राष्ट्रीय मैच बहुत कम होते है, जिस कारण महिला क्रिकेट को वह मुकाम हासिल नहीं हो सका, जिस कारण खिलाडियों में प्रतिभा कम होती है, वहीँ आज इस के तहत साउथ अफ्रीका से एक विशेष महिला कोच को यहाँ लाया गया है, जो कि अमृतसर क्रिकेट एसोसीएशन के साथ मिल कर खिलाड़ियों को ट्रेनिंग दी जा रही है. 
साथ ही उन का कहना है, कि जिस के तहत अंतर राष्ट्रीय कोच इन को प्रशिक्षण देगा, वहीँ उन का कहना है, कि वह भी एक खिलाडी है और वह जानती है, कि कोचिंग की एक खिलाड़ी के लिए क्या महत्वता होती है, वहीँ उन का कहना है, कि क्रिकेट जितनी ज्यादा खेली जाए गी उतनी अच्छी है, जिस के चलते ज्यादा से ज्यादा मैच करवाए जाये, ताकि क्रिकेट को बढावा मिल सके और महिला क्रिकेट भी आगे बढ़ कर खेल सके. 
वहीँ दूसरी और इस पूरे मामले में विदेशी कोच मार्च्लीस का कहना है, कि भारत में क्रिकेट को लोग पसंद करते है और भारत के मुकाबले साउथ अफ्रीका के पास अंतर राष्ट्रीय तजुर्बा नहीं है, लेकिन भारत में महिला क्रिकेट का अंतर राष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके है, लेकिन उन को प्रशिक्षण की जरुरत है, जिस के चलते वह यहाँ पर है, साथ ही उन का कहना है, कि साउथ अफ्रीका में क्रिकेट का एक अच्छा स्तर है और वह उस अच्छे स्तर को यहाँ की महिला खिलाडियों को देंगे, जिस से कि उन के खेल में निखार आएगा, क्यों कि यहाँ की महिला खिलाडियों का मैदान में खेल अच्छा नहीं है और वह प्रयास करेंगी, कि इस खेल के स्तर को बढावा जाये
    वहीँ दूसरी ओर इस के आयोजकों का कहना है, कि महिला क्रिकेट को आगे बढाने के लिए यह प्रयास किया जा रहा है, जिस के चलते इस महिला कोच को यहाँ बुलाया गया है, साथ ही उन का कहना है, कि इस के तहत यह हम से कोई पैसा नहीं लेंगे और यह एक संस्था है, साथ ही यह कोच इन को प्रशिक्षण देगी, साथ ही उन का कहना है, कि आने वाले समय में ट्वंटी ट्वंटी टूर्नामेंट करवाया जाएगा, जिस में विदेशी खिलाडियों को यहाँ पर बुलाया जायेगा, जिस से कि महिला क्रिकेट को एक बढावा मिलेगा और वह आपनी तरफ से उन की पूरी सहायता करेंगे, जिस के चलते यह दस दिन यहाँ पर अभ्यास करवाएंगी, साथ ही उन का कहना है, कि साउथ अफ्रीका के खिलाडियों का शरीरिक और मानसिक स्तर यहाँ से ऊँचा है, जिस के तहत यहाँ यह प्रयास किया गया है, जिस से दोनों देशों को फायदा मिलेगा
    फिलहाल अब देखना यह होगा, कि यह विदेशी महिला कोच भारत की इन महिला खिलाडियों को आपना प्रशिक्षण किस तरह से देती है, जिस से कि महिला क्रिकेट का नाम भी पुरुष टीम की तरह पूरी दुनिया में ऊचा हो सके, क्या यह विदेशी कोच भारत की टीम को एक नई दिशा दिखा पायेगी

मीडिया पर छाई अन्ना की जीत

पंजाब केसरी के मुख्य पृष्ठ पर प्रकाशित खबर 
अन्ना की जीत ने एक नया इतिहास रचा है. जन तन्त्र में डगमगाया विशवास इस जीत ने एक बार फिर भाल कर दिया है. जिन लोगों के सामने इस भ्रष्ट तन्त्र ने अन्धेरा ही अन्धेरा कर रखा था, उह्नें भी लगा है कि नहीं बहुत कुझ किया जा सकता है. जो लोग माओवाद या नक्सलवाद के रास्ते की तरफ  कुछ आशाएं बांध कर सोच रहे थे उन्हें लगा है कि नहीं अभी भी इस हालत में भी इस देश में शांतमय  रह कर बड़ी से बड़ी लड़ाई लड़ी जा सकती है. बाबा रामदेव के साथ सलूक से नाराज़ हुए लोगों ने भी सरकार के रवैये पर दोबारा सोचना शुरू कर दिया है. आतंकी संगठन इस देश में लोक तन्त्र की हत्या जैसे जिन मुद्दों को अक्सर उठाते थे उनके सामने सरकार ने साबित कर दिया है कि यहां ऐसा कुछ नहीं होता. यहां लोक तांत्रिक ढंग से उठाई गयी आवाज़ को पूरी गंभीरता से सुना जाता है. इस जीत की ख़बरों को अख़बारों ने पूरी प्रमुखता से प्रकाशित किया है.जालंधर से प्रकाशित पंजाब केसरी ने भी इस जीत की खबर को अपनी मुख्य खबर बनाते हुए शीर्षक दिया है जन का होगा लोक पाल. इस खबर के अलावा भी अख़बार ने इस मुद्दे पर बहुत कुछ प्रकाशित किया है.
इसी तरह दैनिक जागरण ने भी इसे अपनी मुख्य खबर बनाते हुए लिखा है कि भारत के संसदीय लोकतंत्र के इतिहास में शनिवार को एक और गौरवशाली अध्याय जुड़ गया। जन आंदोलन के सामने आखिरकार सरकार झुकी। अपार जन समर्थन की बदौलत अन्ना हजारे का जनलोकपाल आंदोलन जीत गया। संसद में उनकी तीनों प्रमुख मांगों के समर्थन में सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित हुआ। इसके साथ ही अन्ना ने रविवार को सुबह १० बजे अपना अनशन तोड़ देने का एलान भी कर दिया। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी कहा कि जनता की इच्छा ही संसद की इच्छा है। संसद में प्रस्ताव पारित होने की खबर मिलते ही रामलीला मैदान के साथ-साथ देश के दूसरे अन्य भागों में लोगों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया। अपने अनशन के १२वें दिन अन्ना हजारे अपने हजारों समर्थकों के साथ दूसरी बार जश्न मना रहे थे। इस बार आंदोलनकारियों के बीच एक मंत्री और दो कांग्रेसी सांसद भी मौजूद थे। केंद्रीय मंत्री विलासराव देशमुख और सांसद संदीप दीक्षित तथा विलास मुत्तमवार प्रधानमंत्री की चिट्ठी लेकर आए थे। इसमें अन्ना की तीनों मांग के समर्थन में संसद में प्रस्ताव पारित होने की सूचना थी। साथ ही अनुरोध था अनशन तोड़ देने का। अन्ना ने तुरंत कहा कि वे अगली सुबह दस बजे अनशन तोड़ देंगे। इससे पहले अन्ना की तीनों मांगों को संसद में पारित किया जा चुका था। छुट्टी के दिन बुलाई गई संसद की कार्यवाही की शुरुआत में ही इसका प्रस्ताव सदन के नेता प्रणब मुखर्जी ने रख दिया। उन्होंने पहले अन्ना के आंदोलन और उस संबंध में सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की जानकारी दी। रात आठ बजे तक चली कार्यवाही के अंत में यह प्रस्ताव पारित माना गया। यही प्रक्रिया राज्यसभा में भी अपनाई गई। इस तरह जन लोकपाल के तीनों अहम बिंदुओं के पक्ष में सदन की भावना जाहिर हो गई। अन्ना की तीन अहम मांगों में पहली थी-राज्यों में भी लोकपाल की तर्ज पर लोकायुक्त कायम हो। उनकी दूसरी मांग थी- सभी केंद्रीय कर्मचारी लोकपाल के और राज्य सरकार के सभी कर्मचारी लोकायुक्त के दायरे में आएं। तीसरी मांग थी कि नागरिक घोषणापत्र के जरिये जनता के सारे काम तय समय सीमा में हों। हालांकि शनिवार को भी सरकार लगातार इस कोशिश में रही कि सिर्फ सदन में चर्चा कर इस मामले को निपटा दिया जाए और इस पर प्रस्ताव पारित नहीं करना पड़े। सरकार के इस रवैये से एक बार फिर माहौल बिगड़ने की नौबत आ गई, मगर मुख्य विपक्षी दल भाजपा के हस्तक्षेप के बाद कुछ ही घंटों के अंदर सरकार ने फिर सफाई दी कि वह प्रस्ताव पारित करने के लिए तैयार है। आखिरकार रात लगभग आठ बजे प्रणब ने एक बार फिर सरकार का प्रस्ताव रखा, जिसे सदस्यों ने मेज थपथपा कर पारित करवाया। साढ़े आठ बजे राज्यसभा में भी यह प्रस्ताव पारित हुआ। सदन की इस भावना को संसद की स्थायी समिति के पास भेजा जाएगा। वहां इस बिल पर पहले से ही चर्चा हो रही है। संसद में आम तौर पर किसी भी प्रस्ताव के पक्ष में ध्वनि मत विभाजन की प्रक्रिया इस मामले में नहीं अपनाए जाने के बावजूद इसे सदन से पारित प्रस्ताव माना जाएगा। पूर्व सॉलीसिटर जनरल हरीश साल्वे के मुताबिक चूंकि इस प्रस्ताव का किसी सदस्य ने विरोध नहीं किया इसलिए इसमें ध्वनि मत की जरूरत नहीं थी। प्रस्ताव पास होने के बाद खुद प्रणब मुखर्जी ने कहा भी कि उम्मीद की जानी चाहिए कि इसके साथ ही संसद की सर्वोच्चता और इसे चुनौती जैसी बहस अब समाप्त हो जाएंगी। सदन में चर्चा के दौरान भाजपा और जद (यू) ने तीनों बिंदुओं का पूर्ण समर्थन किया। बसपा और वाम दलों ने लोकायुक्त की मांग को छोड़ बाकी दोनों मांगों का समर्थन किया। कांग्रेस सदस्यों ने किंतु-परंतु के साथ इन मांगों को समर्थन दिया।

तीन दिवसीय नगर कीर्तन श्री अकाल तख्त साहिब से रवाना


श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी के 305वे सम्पूर्णता दिवस  पर अलोकिक  नगर कीर्तन 
अमृतसर से गजिंदर सिंह किंग  
शिरोमणि गुरद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी के 305वे सम्पूर्णता दिवस पर एक अलोकिक  नगर कीर्तन  पांच प्यारों के नेतृत्व में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की छत्रछाया में आरम्भ हुआ. श्री अकाल तखत साहिब से आरभ्भ हुआ यह नगर कीर्तन अमृतसर से रवाना हो कर 30 तारीख को तख्त श्री दमदमा साहिब तलवंडी साबो में जा कर संम्पन होगा, जहा दो दिन का धार्मिक दीवान सजे गा.
श्री गुरु ग्रन्थ साहिब के 305  वे संपूर्ण दिवस पर शिरोमणि गुरद्वारा प्रबंधक कमेठी की तरफ से एक नगर कीर्तन  पांच प्यारों के नेतृत्व में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की छत्रछाया में श्री अकाल तख्त साहिब से रवाना हुआ तो श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदासिंह साहिब ज्ञानी गुरबचन सिंह     जी ने श्री गुरु ग्रन्थ साहिब  जी को आपने  शीश पर सूबोधित कर सुनहरी पालकी साहिब तक पहुँचाया. 
इस मौके पर उन्होंने मीडिया को भी संबोधित  किया और इस दिन के इतिहास और महत्व की जानकारी भी दी. उन्होंने याद दिलाया की साहिब श्री गुरू गोबिंद सिंह जी ने दमदमा साहिब की पावन भूमि पर श्री गुरु ग्रन्थ साहिब  जी को सम्पूरंता  प्रदान की थी
इस नगर कीर्तन में  सिख संगतों और स्कूल, कालेज के बच्चो ने भाग किया, रास्तो में संगतों ने इस नगर कीर्तन का स्वागत किया, इस दौरान  ज्ञानी गुरबचन सिंह  जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब  जी ने सम्पूर्णता दिवस पर बधाई देते हुए सब लोगों से अपील की,  कि वह इस नगर कीर्तन का  सत्कार करे और जो हमारे दशम गुरु जी ने श्री गुरु ग्रन्थ साहिब में दी गई शिक्षाओं को मानना  चाहिए , श्री गुरु ग्रन्थ साहिब की विचार धारा से जुड़ना चाहिए  
        इस मौके पर शरोमानी  गुरुद्वारा  प्रबंधक कमेठी सेक्टरी दलमेघ सिंह ने  श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी के संपूर्ण दिवस पर बधाई  देते हुए इस नगर कीर्तन बारे जानकारी देते हुए बताया, कि यह नगर कीर्तन शाम को फरीदकोट के मुदकी में विश्राम करेगा, उस के बाद कल सुबह यह मुदकी से  रवाना हो कर 29  तारीख को हाजी रतन में रुके गा  और 30 तारीख को यह हाजी रतन भटिंडा से रवाना हो कर तलवंडी साबो पहुंचेगा, जहाँ धार्मिक दीवान सजाये जायेंगे और इस नगर कीर्तन का वहा समापन होगा. 

बोधिसत्व कस्तूरिया की कुछ काव्य रचनायें

"कान्हा"
लगा के टोपी "अन्ना",अब तो गुण्डे भी मैदाँ मे आ गये !
भ्र्ष्टाचार के विरोध मे, अब तो भ्र्ष्टाचारी  भी छा गये !!
कैसे हो इसका अंत ,सोच-सोच कार्यकर्ता ही घबडा गये !
विधेयक की परिभाषा से अपरिचित,परिमार्जन को आ गये !!
लोकपाल जादू की पुडिया ,खाते ही सब ईमानदारी पा गये !
भ्रष्टाचार रगों मे ऐसे दौडा,अपने -अपनो को ही  खा गये !!
फ़िर भी अन्दाज-ए-अन्ना कया खूब, जन-जन मे छा गये !
कोई कहता गाँधी है,कोई कहता "कान्हा"को फ़िर हम पा गये!!
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ज्वालामुखी

अब न कोई राह सूझती है,
न कोई रह्बर दिख रहा!
कहने की न हो हिम्मत,
फ़िर भी इबारत लिख रहा!!
कल तक भ्रष्टाचार मिटाने वाला,
शेर की खाल मे भेडिया दिख रहा !!अब न कोई.............
संसद और संविधान की आड मे,
हर कोई इधर -उधर छिप रहा !! अब न कोई.............
अब तो हमे अपनी राह बनानी है,
नौजवां कितना बेसब्र दिख रहा !! अब न कोई.............
ज्वालामुखी न कोई फ़ट पडे,
बोधिसत्व ये इबारत लिख रहा !!अब न कोई....
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अनुबन्ध
प्रीत का यह अनोखा अनुबन्ध,
यह कब,किसे कहाँ हो जाये ?
जिससे न था  कोई समब्न्ध!! प्रीत का यह अनोखा अनुबन्ध !
शून्य से भी जब फ़ूटता ज्वार,
फ़िर टूट्ता है हर प्रतिबन्ध !!  प्रीत का यह अनोखा अनुबन्ध !
पहले दो अन्जानों का मिलन,
फ़िर बने युग-युग के सम्बन्ध !! प्रीत का यह अनोखा अनुबन्ध !
प्यार और विश्वास से निर्मित,
हो जाते हैं जन्मों के अनुबन्ध !! प्रीत का यह अनोखा अनुबन्ध !
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दर्द का  अह्सास
दर्द का अह्सास ,
क्यूं कर कभी होता नही ?
प्यार की प्यास मे,
आज तक रोता नही !! दर्द का अह्सास..........
ज़ज़्बात मे बह जाये,
मैं ऐसा कोई सोता नही!!दर्द का अह्सास..........
है इल्म मुझको,बेमतलब
रिश्तों को ढोता नही !! दर्द का अह्सास..........
किसी को अपनाना कया,
मेरा कोई बेटा या पोता नही !! दर्द का अह्सास.....
हैं यही मेरी लाश की,
कपाल क्रिया पर दर्द होता नही !!दर्द का अह्सास...
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गीत फ़िर मेरी प्रीत के ही गाना
गर किसी मोड पर मिल जाओ,
तो  कभी तुम ना मुसकुराना !
हो जायेगे ज़ख्म सब फ़िर हरे
जिन्को पडा था मुझे भुलाना !! ज़िन्दगी के किसी मोड पर
कुरेदो ना मेरे ज़िस्म के नासूर,
जी उठेगा दर्द  वो ही पुराना !! ज़िन्दगी के किसी मोड पर
खुश रहो तुम अपनी ज़िन्दगी मे,
अब तो यही है मेरा तराना !! ज़िन्दगी के किसी मोड पर
मय्य्त पर मेरी सज़दा करो तो,
गीत फ़िर मेरी प्रीत के ही गाना!ज़िन्दगी के किसी मोड पर 
बोधिसत्व कस्तूरिया 
२०२ नीरव निकुन्ज सिकन्दरा आगरा २८२००७

Saturday, August 27, 2011

सरना ने बनाया अकाली दल बादल को निशाना


एसजीपीसी चुनाव के चलते आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी
अमृतसर -  (गजिंदर सिंह किंग)   पंजाब में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव होने को हैं, जिस के चलते आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान परमजीत सिंह सरना ने अकाली दल पर निशाना साधा और कहा, कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी चुनाव में अकाली दल बादल अब गुंडागर्दी पर उतर आए है.शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के 18  सितम्बर को चुनाव होने जा रहे है, जिस के चलते पंजाब में अब इस की हलचल लगातार बढती जा रही है. इन्हीं सरगर्मियों में और तेज़ी लाते हुए   दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान परमजीत सिंह सरना ने आज पंजाब की सत्ताधारी पार्टी अकाली दल पर निशाना साधा.  उन का कहना है, कि पंजाब में इस बार पंथक मोर्चे के द्वारा जो उम्मीदवार खड़े किये गए है, उस से अकाली दल की सरकार घबरा गयी है, वहीँ उन का कहना है, कि पंथक मोर्चा इमानदारी से चुनाव लड़ रहा है, लेकिन अमृतसर में उम्मीदवारो  को धमकीया दे कर और पैसे देकर चुनाव से दूर किया जा रहा है. उनहोंने कहा कि इससे एक बात तो साफ़ साबित होती है, कि बादल फ्रंट इस चुनाव में बुरी तरह   
से घबरा गया है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जिन इलाकों से उम्मीदवारो  ने नाम वापिस लिए है, उन इलाकों में दुबारा चुनाव करवाए जाने चाहिए और वह इस की शिकायत चुनाव आयोग से करेंगे,  यहाँ पर उम्मीदवारो का नामंकन दुबारा करवाया जाये, ताकि सिख वोटर अपने वोट के अधिकार का इस्तेमाल कर सके, वहीँ उन का कहना है, कि जो उम्मीदवारआज चुनाव छोड़ कर गए है,  वह उन की अपनी ही  पार्टी के थे और अमृतसर में ही 
गुंडागर्दी के कारण ऐसा हो रहा है, साथ ही उन का कहना है, कि अमृतसर को छोड़ कर किसी और शहर में इस तरह का माहौल नहीं है और किसी भी शहर में कोई भी उम्मीदवार चुनाव छोड़ कर नहीं गया है. उन्होंने कहा कि पंथक मोर्चा इन बातों को किसी भी हालत में सहन नहीं करेगा.  

Friday, August 26, 2011

अमृतसर पुलिस ने लिखी अपने नाम एक और कामयाबी


लूटेरा गिरोह के चार सदस्यों को किया काबू  
 अमृतसर से  गजिंदर सिंह किंग 

अमृतसर पुलिस को उस समय बहुत  बड़ी सफलता मिली जब उस ने लूटेरा गिरोह के चार सदस्यों को पकड़ने में सफलता हासिल की, यह  लूटेरा गिरोह अक्सर अमृतसर में आने वाले सैलानियों को लूट का शिकार बनाते थे और इस लूटेरा गिरोह में एक  लूटेरा गिरोह केवल विदेशी सैलानियों को लूटता था. इन लुटेरों के आतंक से  एक दहशत सी फैलने लगी थी. भयभीत हुए लोग अन्धेरा होने के बाद बाहर निकलते तो कई बार सोचते.हालत गंभीर हो गयी थी.
आम लोग बुरी तरह सहमे हुए थे. कुछ पता न चलता कि यह गिरोह कहां से आता और लोगों को अपना निशाना बना कर रफू चक्कर हो जाता. अमृतसर की पावन भूमी को सजदा  करने के लिए आने वाले विदेशी सैलानी इनके निशाने पर सब से पहले आते. लोग तो लोग पुलिस भी बुरी तरह परेशान थी. सैलानियों से लूटपाट करके यह खतरनाक गिरोह दूर दूर तक अमृतसर पुलिस की बदनामी का कारण भी बना हुआ था. पर यह गिरोह अधिक दिनिं तक पुलिस के हाथों से बच न सका. आखिर यह गिरोह पुलिस के शिकंजे में आ ही गया. इसके पकडे जाने पर लोगों ने राहत की सांस ली है


अमृतसर पुलिस ने  जिस खतरनाक लूटेरा गिरोह के चार सदस्यों को पकड़ने में सफलता हासिल की है वह गिरोह कोई साधारण गिरोह नहीं था. यह इयन खतरनाक था कि पलक झपटते ही किसी को भी आपनी लूट का शिकार बना लेता था, दरअसल पुलिस ने शहर के अलग-अलग स्थानों से दो गिरोह के चार सदस्यों को पकड़ने में सफलता हासिल की है, इस में से एक गिरोह ऐसा है, जो कि अमृतसर के बस स्टैंड पर आने वाले लोगों को आपने ऑटो में ले जाते थे और उन के साथ लूट-पाट कर उस लोगो को घायल कर देते थे,  पुलिस ने इस गिरोह के दो सदस्य को गिरफ्तार किया है और घटना में इस्तेमाल करने वाले ऑटो को भी बरामद कर लिया है, दुसरे गिरोह में दो व्यक्ति ऐसे है, जो कि विदेशी सैलानियों को आपना शिकार बनाते थे और विदेशी सैलानियों का सामान ले कर फरार हो जाते थे, वहीँ पुलिस ने इन दो गिरोह को पकड़ने में सफलता हासिल की, यह जानकारी अमृतसर के पुलिस कमिश्नर आर, पी  मित्तल ने प्रेस वार्ता दौरान दी और बताया कि आने वाले समय में इन से और कई खुलासे हो सकते है, जिस से कई और नाम सामने आने की उम्मीद है, जो इस गिरोह में शामिल थे

सारे जग की आँख के तारे.....!


बहुत देर पहले एक गीत अक्सर सुनाई देता था... 
बच्चे मन के सच्चे.....
सारे जग की आँख के  तारे... 
ये वो नन्हे फूलहैं जो भगवान् को लगते प्यारे.... 
बहुत ही लोकप्रिय गीत था...आज भी याद आता है तो तन मन में एक शांती सी महसूस होने लगती है...यह बात है भी सच....बच्चे होते ही हैं भगवान का रूप....18   अगस्त 2011 को  को जब अमेरिकी सेना के Staff Sgt. Trident Villanueva अफगानिस्तान में से  113वीं रेजीमेंट की दूसरी बटालियन के नैशनल गार्ड जवानों के साथ वहां से गुज़रे तो उनका मन भी इन बच्चों को देख कर एक बार सब कुछ भूल गया और उन्होंने अपने कीमती वक्त में से कुछ पाल निकाल कर इन बच्चों से भी दोस्ती की. इन पलों को अमेरिकी रक्षा विभाग के Spc. George Hunt  
ने तुरंत अपने कैमरे में कैद कर लिया. आपको यह तस्वीर कैसी लगी अवश्य बताएं. आपके विचारों की इंतज़ार बनी रहेगी.

विधान सभा चुनाव में कांग्रेस को देंगें मुहतोड़ जबाब- मजीठिया


एसजीपीसी चुनावों में भी अकाली दल बादल की जीत का सिलसिला जारी 

अमृतसर से गजिंदर सिंह किंग   
शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनावों के ऐलान के बाद  सभी उम्मीदवारों ने अपने-अपने नामंकन-पत्र अपने-अपने इलाके के रिटर्निंग ऑफिसर के कार्यालय में पहुँच कर भर दिए थे, लेकिन चुनावी सीट पर खड़े शिरोमणी अकाली दल बादल के प्रत्याक्षी के सामने कोई भी उम्मीदवार नहीं खड़ा हुआ और सर्ब समिति के साथ आपने चुनावी सीट छोड़ बैठ गए और आज अमृतसर की छह सीटे  शिरोमणी अकाली दल बादल प्रत्याक्षी जीत गए, यह जानकारी यूथ अकाली दल के प्रधान सरदार बिक्रम जीत सिंह मजीठिया ने एक प्रेस वार्ता दौरान दी
         शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनावों के ऐलान के बाद सभी पार्टियों द्वारा इस चुनाई जंग में अपने-अपने उम्मीदवार खड़े किये गए थे और सभी उम्मीदवारों ने अपने-अपने नामंकन-पत्र अपने-अपने इलाके के रिटर्निंग ऑफिसर के कार्यालय में पहुँच कर भर दिए थे, लेकिन चुनावी सीट पर खड़े शिरोमणी अकाली दल बादल के प्रत्याक्षी 
के सामने कोई भी उम्मीदवार नहीं खड़ा हुआ और जो खड़ा हुआ था वह सर्ब समिति के साथ आपने चुनावी सीट छोड़ बैठ गए और आज अमृतसर की छह सीटे  शिरोमणी अकाली दल बादल ने जीत प्राप्त कर ली है, यह पहली बार हुआ है की अमृतसर में सर समिति के साथ छह सीटो में अकाली दल बादल के प्रत्याक्षी जीत हासिल की है, यह जानकारी यूथ अकाली दल के प्रधान सरदार बिक्रम जीत सिंह मजीठिया ने एक प्रेस वार्ता दौरान दी, उन्होंने कहा की, 15 सीटो पर सर्ब समिति हुई है, अब तक छह सीटो पर बिना मुकाबले जीत प्राप्त की है और आने वाले समय में ओर सीटे प्राप्त होगी, उन्होंने कहा, कि कांग्रेस द्वारा इस कमेटी को खत्म करने की साजिश रची जा रही है और सरना जैसे जो कि कांग्रेस के एजेट है उसको सामने कर सिख कौम का नुक्सान करना चाहती है और कांग्रेस हमेशा सिखों की दुश्मन रही है, लेकिन सिख कौम के लोग अच्छी तरह कांग्रेस की नीतिओ को पहचानते हैं और आने वाले विधान सभा चुनाव में मुह तोड़ जबाब देंगें. 
अब इसे कुछ भी खा जाये लेकिन एक बात साबित हो चुकी है कि चुनाव में मतदान से पूर्व ही शिरोमणि अकाली दल बदल के प्रत्याशियों की जीत एक यही एलान है कि अभी इस के बराबर का कोई नहीं.

Thursday, August 25, 2011

पंगूड़े में आई एक और नन्हीं परी

अमृतसर से गजिंदर सिंह किंग    
 पहली जनवरी 2008  का वह दिन ऐतिहासिक बन गया जब जिला रेडक्रास भवन  में अमृतसर के  जिला प्रशासन की ओर से भ्रूण हत्या रोकने के लिए पंघूडा स्कीम  की शुरूयात की गयी थी. यह शुरूयात थी उन लोगों के लिए जो आज के इस आधुनिक युग में भी बेटी को गर्व और प्यार से सीने के साथ नहीं लगाना चाहते. नवरात्र की पूजा, कंजकों की पूजा, देवी के  9 रूपों की पूजा करने वाले लोग आज भी तुले हुए हैं भ्रूण करने और करवाने पर. ये लोग न देवी से डरे न ही देश के क़ानून से. इनका ह्रदय कभी नहीं कांपा इस पाप को करते हुए. बेटी के पैदा होने पर उस से छुटकारा पाने के लिए  ऐसी बच्चियों को सड़कों के किनारे और झाड़ियों में  फेंक देना, इन लोगों को तो कभी शर्म भी नहीं आई.
आखिरकार जिला प्रशासन ने ही कदम उठाये भ्रूण हत्या रोकने के लिए और यह पंगूड़ा स्कीम शुरू की.  जो लोग बेटी को नहों चाहते वे उसे यहां पर छोड़ कर चले जाते हैं, इस पंघूड़े  में. जिला प्रशासन उनका कोई पीछा नहीं करता, शायद वह समझाता है कि आज ममता से बड़ी हो गौ है मजबूरी. इस स्कीम के तहत पंगूड़े में  आज फिर  एक नन्ही परी (लड़की) आई है. 
देखिये आप भी इसे ध्यान से देखिये कितनी आशाएं थी इसे अपनी मां से, अपने पिता से, इस दुनिया से, इस समाज से उसे क्या पता कि कंजक पूजा करने वाले ये लोग कंजक को जन्म लेने से पहले भी मार सकते हैं, जन्म हो जाये तो इसे किसी गट्टर में फेंक सकते हैं, या फिर सड़क के किनारे किसी झाडी के पीछे. उसे क्या पता कि  अगर यह झूला न होता तो वह कागन होती. होती भी या नहीं होती !  
   दो दिनों की इस नन्हीं परी (लड़की) को यहां आ कर प्यार मिला, शतं मिली और मां बाप जैसा सुरक्षा क्वक्स्ह भी. जिला अमृतसर के डी.सी. रजत अग्रवाल की पत्नी रितु अग्रवाल ने इस बच्ची को अपनी गोद में उठाया और कहा चिंता मत करो.....हम हैं न तुम्हारे साथ. हम सिखायेंगे तुम्हे इस दुनिया में ठाना और हालात से लड़ना. उनकी  गोद में मुस्करा रही दो दिनों की इस नन्ही बच्ची को आप भी देखिये. 
गौरतलब है कि इससे पहले इस पंगूड़े में करीब 39 बच्चे आ चुके हैं, जिस का डॉक्टरी मुआयना करा कर  पालन  पोषन के लिए उसे स्वामी गंगा नंद भूरी वाले इंटरनैशनल धाम गांव तलवंडी खुर्द लुधियाना भेजा जाता है, वहां इन बच्चों को  जिला प्रशासन की ओर से जरूरतमंद दंपत्तियों को 
सौंप दिया जाता है. अमृतसर के डी.सी. रजत अग्रवाल की पत्नी रितु अग्रवाल ने पंगूड़ा स्कीम बारे जानकारी देते हुए बताया, कि जिला प्रशासन ने यह पंगूड़ा स्कीम शुरू की थी, जिस में आज तक इस पंगूड़े में 40 बच्चे पहुंच चुके हैं और इस स्कीम के तहत आने वाले बच्चों का पहले डॉक्टरी मुआयना कराया  कर  पालन  पोषन के लिए स्वामी गंगा नंद भूरी वाले इंटरनैशनल धाम गांव तलवंडी खुर्द लुधियाना भेज दिया जाता है.उन्होंने बताया, कि भ्रूण हत्या करने वालो को लड़का-लड़की में भेद-भाव नही करना चाहिए. दोनों को सामान समझना चाहिए और दोनों को ही जीने का बराबर अधिकार होता है और भ्रूण हत्या रोकने के लिए यह पंगुडा स्कीम चालू की गयी  है.

दुरंतो एक्सप्रेस से रचा गया पंजाब के लिए एक नया इतिहास

दुरंतो एक्सप्रेस को रेल राज्य मंत्री ने दिखाई हरी झंडी 
अमृतसर से गजिंदर सिंह  सिंह की खास रिपोर्ट
अमृतसर से चंडीगढ़ के बीच की दूरी कम करने के लिए आज सुबह 5  बज कर 15  मिनट  पर दुरंतो एक्सप्रेस ट्रेन नंबर 12241-12242 को हरी झंडी रेल राज्य मंत्री के.एच.मुनीयप्पा, अमृतसर के सांसद नवजोत सिंह सिद्धू,  पंजाब की सामाजिक सुरक्षा मंत्री प्रोफेसर लक्ष्मीकांता चावला और मेयर श्वेत मलिक ने इस एतिहासिक ट्रेन को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया.  यह ट्रेन सप्ताह में सोमवार, मंगलवार, बुधवार, वीरवार और शनिवार को चलेगी, ट्रेन अमृतसर से सीधे सरहिंद में इंजन चेंज करने के लिए रुकेगी, उसके बाद मोरिंडा-मोहाली होते हुए बिना  ठहराव चंडीगढ़ पहुंचेगी, दुरंतो एक्सप्रेस का ए.सी.चेयरकार में किराया 335 (साथ में कैटरिंग फ्री, नाश्ता आदि), जब कि नान ए.सी. का किराया 155 रुपये निर्धारित किया गया है. 
अमृतसर स्टेशन नम्बर एक में दुल्हन की तरह सजी इस ट्रेन दुरंतो एक्सप्रेस से  पंजाब के लिए एक नया इतिहास रचा गया है.गौरतलब है कि रेलवे की भाषा में पूछताछ या फिर आरक्षण इतियादी के लिए   इसका नम्बर है:नंबर 12241-१२२४२. 
अमृतसर से चंडीगढ़ तक रेल को चलाना पंजाब की सब से बड़ी मांग रही है.यह ट्रेन बुधवार को अमृतसर से चंडीगढ़ के बीच की दूरी कम करने के लिए सुबह सुबह सुबह 5.25 पर रवाना हुई. अमृतसर और चंडीगढ़ को और नज़दीक लाने वाली 16 डिब्बो की दुरंतो एक्सप्रेस ट्रेन नंबर 12241-12242 को हरी झंडी रेल राज्य मंत्री के.एच.मुनीयप्पा और भारतीय जनता पार्टी के अमृतसर के सासद नवजोत सिंह सिद्धू ने हरी झंडी दे कर रवाना किया,  वहीँ इस ट्रेन का हिस्सा बने यात्री भी काफी खुश थे, उन्होंने ने इस ट्रेन बारे जानकारी देते हुए बताया, कि वह इस के लिए सरकार का धन्यवाद करते है और पहले जब वह चंडीगढ़ जाते थे, तब उन को वहां जाने के लिए काफी दिक्कतों  का सामना करना पड़ता था, बस की तुलना में ट्रेन का सफ़र आरामधायक होता है और बस 6  घंटे का समय लगता है और इस  ट्रेन के द्वारा 4  घंटे में चंडीगढ़ का सफ़र पूरा कर सकते है और इस ट्रेन से समय और पैसो की काफी बचत होगी.     
अमृतसर चंडीगढ़ रेल पिछले काफी समय से यह ट्रेन को ले कर राजनीति के अखाड़े में सरगर्मियों का बाज़ार गरम था, लेकिन काफी अटकलों के बाद अमृतसर से चंडीगढ़ के लिए इस विशेष रेल को आखिरकार हरी झंडी मिल ही गयी, यह ट्रेन सुबह 5  बज कर 15  मिनट पर अमृतसर से चलेगी और रात को 7  बज कर 15  मिनट पर यह ट्रेन वापिस चंडीगढ़ से अमृतसर के लिए रवाना होगी. 
यह ट्रेन रविवार को नहीं चलेगी,  इस मौके पर पत्रकारों से बात करते हुए रेल राज्य मंत्री के एच मुनियप्पा का कहना है, कि पंजाब के लिए आज का दिन एक बड़ा दिन है, क्यों कि पिछले काफी समय से इस ट्रेन की एक मांग  थी, जो कि अमृतसर को राजधानी के साथ जोड़े. 
काबिले जिक्र है कि अमृतसर एक धार्मिक शहर है, जहा लाखों लोग यहाँ आते है, साथ ही उन का कहना है कि यह एक आम आदमी की ट्रेन है और वह इस के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद करते है, साथ ही उनका कहना है, कि पंजाब के लिए आने वाले समय में पंजाब में कई नए रेल प्रोजेक्ट लाये जा रहे है, जिस के तहत अबोहर फाजिल्का 42  किलो मीटर रेल लाइन, तरन तारण गोइंदवाल साहिब 21 .5  किलो मीटर रेल लाइन और साथ ही 17  किलो मीटर की मोरिंडा चंडीगढ़ रेल लाइन प्रमुख है, जिस का काम जल्द ही पूरा किया जाएगा, साथ ही उनका कहना है, कि आने वाले समय में रेलवे में यात्रियों की शमता को भी बढ़ाया जाएगा और अमृतसर स्टेशन के प्लेट फ़ार्म भी बढ़ाए जाए गे.   
वहीँ इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी के अमृतसर के सासद  नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, कि यह ट्रेन पूरे पंजाब की आवाज़ थी और सिखों का मक्का जाने वाले अमृतसर की राजधानी के साथ किसी भी तरह की कोई रेल लिंक नहीं था, जिस कारण उन्होंने पार्लीमेंट में भी इस ट्रेन की मांग की थी  और इस समय पंजाब में रेल लिंक बहुत कम है, पंजाब में रेल लिंक को और बढाने की जरुरत है. 
उन्होंने इस ट्रेन बारे कहा, कि इस ट्रेन को जालंधर और लुधियाना   में भी रोका जाना चाहिए  और यह एक और ट्रेन चंडीगढ़ से अमृतसर के लिए भी एक समय में चलानी चाहिए, उभोने कहा, कि यह ट्रेन एक साल लेट पंजाब आयी है, लेकिन वह इस का स्वागत करते है और वह मंत्री साहिब को इस ट्रेन के लिए बधाई देते है, उन्होंने ने मांग की कि अमृतसर स्टेशन को विश्व स्तर का स्टेशन बनाया जाये. 
गुरु की नगरी अमृतसर में सच्चखंड श्री हरि मंदिर साहिब के दर्शन के लिए रेल राज्य मंत्री के,एच मुनीयप्पा नमस्तक हो कर माथा टेका और गुरु घर का आशीर्वाद लिया, इस मौके पर  सच्चखंड श्री हरि मंदिर साहिब की तरफ से रेल राज्य मंत्री के.एच मुनीयप्पा को सिरोपा और धार्मिक पुस्तक देकर सन्मानित भी किया गया  
अब देखना यह होगा, कि आने वाले समय में यह ट्रेन लोगों के लिए कितनी सुखदायक होती है, जिस से लोगों को राजधानी में जाने से काफी फायदा होगा.

सरकारी स्कूल के चेयरमैन का बेटा निकला चोर

अमृतसर - (गजिंदर सिंह)  अमृतसर में पुलिस ने शहर में लूटपाट की वारदातों को अंजाम देने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए, पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जब कि एक आरोपी फरार है, फरार आरोपी एक सरकारी स्कूल के चेयरमैन का बेटा है
      अमृतसर के जडियाला कस्बे में सरकारी एलेमेंट्री स्कूल से 12 अगस्त को पांच कंप्यूटर चोरी करने का मामला सामने आया था, इस मामले की स्कूल प्रशासन ने पुलिस को शिकायत दर्ज कारवाई थी, लेकिन जब पुलिस ने अमृतसर में एक लूट-पाट करने वाले गिरोह को पकड़ा, तो पता चला कि यह है वह शातिर चोर जिन्होंने इस सरकारी स्कूल के कंप्यूटर  चोरी किये थे , पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और सब से बड़ी हैरान करने वाली बात यह है, कि इस गिरोह का सरगना संदीप सिंह और कोई नहीं, इस सरकारी स्कूल के चेयरमैन का बेटा निकला है, दरअसल इस गिरोह का सरगना संदीप सिंह का पिता इस सरकारी स्कूल का चेयरमैन है और उनके बेटे ने ही स्कूल से यह 
कंप्यूटर चोरी किये थे,  वहीँ अमृतसर के पंजाब पुलिस के ऐ. सी. पी. (उतरी) ने इस गिरोह बारे जानकारी देते हुए बताया, कि इस गिरोह को एक गुप्त सूचना के आधार पर कोई  बड़ी वारदात को अंजाम देने वाले के समय पुलिस ने इन को गिरफ्तार किया, वही पुलिस ने इन के पास से तेज धार हथियार भी बरामद किए है, इस गिरोह से पूछ-ताछ दौरान खुलासा हुआ है, कि इस गिरोह ने अमृतसर के जडियाला कस्बे में सरकारी एलेमेंट्री स्कूल में चोरी हुए कंप्यूटर को अंजाम दे चुके है, वहीँ इस गिरोह का सरगना संदीप सिंह इस सरकारी स्कूल के चेयरमैन का बेटा है, वह अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है पुलिस का कहना है, कि जल्द ही इस गिरोह के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लेगी
     फिलहाल अब पुलिस यह पता लगाने में जुटी है, कि अब तक इन्होने कौन-कौन सी वारदातों को अंजाम दिया है और यह अब कौन से बड़ी वारदात करने की फिराकत में थे, फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है

एसजीपीसी वोट बनवाने की तारीख अब 2 सितंबर तक


यदि किसी गैर
केशाधारी
 ने किया मतदान का प्रयास तो होगी तत्काल गिरफ्तारी 
 
चंडीगढ़ : सिखों के धार्मिक मामलों में बिना केश वाले लोगों के ज़रिये दखल अंदाजी की अशंकायों को पूरी तरह से विराम देते हुए अब गुरुद्वारा चुनाव कमीशन ने सखत शब्दों में स्पष्ट कर दिया है कि यदि पोलिंग बूथ पर किसी गैर केशधारी व्यक्ति को वोट डालने का प्रयास करते देखा गया तो उसे तत्काल गिरफ्तार कर लिया जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी. अरोग ने स्पष्ट किया है कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनावों के लिए सिर्फ केशधारी सिख ही वोट डाल सकेंगे. यह बात गुरुद्वारा चुनाव कमिश्नर सेवानिवृत्त जस्टिस एचएस बराड़ ने कही. गौरतलब है कि कई संगठन इस बात को लेकर लम्बे समय से संघर्ष करते आ रहे हैं कि उन लोगों को भी मतदान का अधिका दिया जाये जिन्हों ने दाड़ी या केश नहीं रखे हुए लेकिन वे पैदा हुए सिख घरों में और अपने नाम के साथ अभी भी सिख लिखते हैं. इस "अधिकार' लेकर चली बहस काफी पुराने है पर इसे कभी मान्यता नहीं मिल सकी कियोंकि  सिख धर्म में  केश रखना और अंतिम श्वास तक उनकी सम्भाल करना अवश्यक कर्तव्यों में शामिल है. इस तरह की मांगें करने वालर संगठन काफी समय मत बनाने में भी बहुत लम्बे से सक्रिय रहे हैं.  
गुरुद्वारा चुनाव कमिश्नर सेवानिवृत्त जस्टिस एचएस बराड़ ने इस तरह के मतों को पूरी तरह नकारते हुए  कहा है कि कोई भी गैर केशाधारे व्यक्ति मतदान कर ही नहीं सकेगा.  एक अन्य आदेश जारी करके उन्होंने यह भिओ स्पष्ट किया है कि अब वोट बनवाने की तारीख 2 सितंबर तक बढ़ा दी गई है. 
 
एसजीपीसी चुनावों में सुरक्षा का मुद्दा भी गंभीरता से लिया जा रहा है. इन चुनावों के दौरान गड़बड़ी रोकने के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती राज्य सरकारों की मांग पर ही होगी. श्री बराड़ ने कहा कि सभी संबंधित राज्यों के चुनाव कमिश्नरों को स्पष्ट कर दिया है कि वोट डालने का अधिकार सिर्फ केशधारी सिखों को ही है. यदि इसका उल्लंघन होता है तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए और इसकी सूचना भी तुरंत दी जाए. हालांकि जस्टिस बराड़ ने महिलाओं द्वारा थ्रेडिंग वगैरह कराए जाने की बात पर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. जस्टिस बराड़ ने बताया कि चुनाव के लिए पंजाब में 19, हरियाणा में 7, चंडीगढ़ व हिमाचल प्रदेश के लिए 1-1 चुनाव पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी गई है. अर्ध सैनिक बलों की तैनाती के बारे में पूछे गए प्रश्न के जवाब में जस्टिस बराड़ ने कहा कि चुनाव को शांति व निष्पक्षता से संपन्न करवाना राज्यों की जिम्मेवारी है, यदि राज्यों द्वारा मांग की जाएगी तभी केंद्रीय बलों की तैनाती की जाएगी. अब देखना यह है कि गैर केशाधारी और उनके समर्थक क्या रणनीती अपनाते हैं ?

रेप तथा अन्य कहानियाँ//समीक्षा // अलका सैनी


जाने माने प्रकाशक "राज पाल एंड संज "द्वारा प्रकाशित पुस्तक "रेप तथा अन्य कहानियाँ "दिनेश कुमार माली द्वारा  हिंदी भाषा में अनूदित प्रसिद्द उड़िया लेखिका सरोजिनी साहू का कहानी संग्रह है .दिनेश जी के हिंदी अनुवाद की ख़ास बात ये है कि किसी भी कहानी को पढने पर ये नहीं लगता कि यह उड़िया भाषा से हिंदी में अनुवाद है बल्कि बिल्कुल मूल रचना जान पड़ती है . दिनेश जी एक पुरुष होने के बावजूद जिस तरह एक औरत के मनोभावों और भावनाओं को समझते हुए उसे जिस तरह पन्नों पर उकेरते है वो वाकिया में काबिले तारीफ़ है . उनकी इसी दक्षता को पहचानते हुए यह पुस्तक दिल्ली के जाने माने प्रकाशक ' राज पाल एंड संज'  ने हाथ में ली . मुझे यहाँ यह कहने में बिल्कुल गुरेज नहीं है कि उनकी कहानियों के इस भावना परिपूर्ण  अनुवाद को पढ़ते  हुए ही मैंने अपने अंतर्मन में झांकते  हुए अपनी खुद की कहानियाँ लिखने की भी प्रेरणा पाई
इस पुस्तक  में लेखिका ने एक औरत के मन के  भीतर गहराई में छुपी हुई विभिन्न भावनाओं और संवेदनाओं को  बहुत ही सरलता से अपनी कहानियों में अंकित किया है . औरत मन से अत्यंत ही संवेदनशील और भावुक होती है इसलिए एक ही परिस्थिति को वह किस तरह पुरुष की अपेक्षा सूक्ष्म निरीक्षण करती है यही उनकी कहानी बलात्कृता में दर्शाया गया है . औरत अपनी भावनाओं के कारण हर पक्ष के अत्यंत ही गोपनीय पहलुओं तक पहुँच जाती है . 
डाक्टर सरोजिनी साहू 
कहानी रेप जो कि पुस्तक का शीर्षक भी है में औरत के मन की दबी हुई भावनाएं किस तरह सपनों का रूप धारण कर लेती है जबकि सपने का पात्र कहीं भी वास्तविकता में औरत के मन से मेल नहीं खाता है . जिस बेबाकी से लेखिका ने इस कहानी को लिखा है उस हद तक शायद ही कोई पति अपनी पत्नी के इस तरह के सपने को भी बर्दाश्त नहीं कर सकता हकीकत में तो दूर की बात है. हमारे समाज में अभी तक यही देखने में आता है कि पुरुष अपनी आजादी को हकीकत में भी जिस तरह भी इस्तेमाल करे परन्तु औरत के मन में आए किसी भाव को भी वह कबूल नहीं कर सकता . 
दुःख अपरिमित में एक छोटी लड़की में घर के माहौल में भेदभाव के वातावरण के कारण उसकी मन स्थिति इतनी विकृत हो जाती है कि वह हर समय डर के साए में रहती है इसलिए खुद को नई मुसीबत में घिरा पाती है .
कहानी चौखट में एक जवान लड़की के मन के भावो को दर्शाया गया है कि घर में बाप और भाइयों के रौब दार व्यवहार के घुटन भरे माहौल से छुटकारा पाने के लिए वह किस तरह से छटपटाती  है . इसी कशमकश में वह भविष्य की अनिश्चितता  को भी ना विचारते हुए एक लड़के के साथ  भाग कर प्रेम विवाह कर लेती  है उस समय उसे सिर्फ अपनी माँ की बेबसी का ध्यान आता है .
कहानी गैरेज में किस तरह एक औरत जो कि गृहणी है अपने घर के गैरेज को लेकर अपनी काम वाली के साथ मिलकर आए दिन तरह- तरह के सपने बुनती है . इस कहानी में लेखिका ने घर में रहने वाली औरतों के मन की भावो को दर्शाया है कि वह कुछ करना चाहते हुए भी कई बार कुछ नहीं कर पाती और इसी अधूरेपन में अंत तक विचरती रहती है .
अलका सैनी 
दिनेश कुमार माली
इस तरह लेखिका के इस कहानी सग्रह की हर एक कहानी औरत के मन और उसकी भावनाओं के हर एक पहलु को उजागर करती है . औरत अलग- अलग  परिस्थितियों  में किस तरह इतनी गहराई में सोचती है इसको लेखिका ने बखूबी दर्शाया है . औरत जब नौकरी करती है तब किस- किस तरह के हालात उसे झेलने पड़ते है बच्चों और पति में वह किस तरह ताल मेल बिठाती है या फिर जब वो माँ बनने वाली होती है तो किस तरह की हालत को झेलती है . इस कहानी सग्रह में औरत के हर रूप माँ , बेटी , बहन , पत्नी बन कर किस तरह की परिस्थितियों  से गुजरना पड़ता है ये सब पढ़ने का मौका मिलता है. यहाँ तक कि लेखिका ने औरत के मन में प्रेम और सैक्स को लेकर छुपी हुई अधूरी भावनाओं और इच्छाओं को बहुत ही निडरता से लिखा है जो कि हर औरत के मन के किसी कोने में छुपी होती है परन्तु कई बार उसे घर की जिम्मेवारियां निभाते- निभाते खुद  भी अपनी भावनाओं के बारे में पता नहीं चल पाता . इस उड़िया भाषा के कहानी सग्रह को हमारी मातर   भाषा में इतनी खूबसूरती से हमारे समक्ष प्रस्तुत करने का सारा श्रेय दिनेश कुमार माली जी को जाता है जिससे भारत के ही नहीं अपितु पूरी दुनिया के भारतीय इसे पढ़ कर औरत की भावनाओं के करीब पहुँच सकते है . .अलका सैनी 

कहानी संग्रह: रेप तथा अन्य कहानियाँ
कहानीकार: सरोजिनी साहू
अनुवादक: दिनेश कुमार माली
प्रकाशक: राजपाल एंड सन्ज, कश्मीरी गेट, दिल्ली -11006
प्रथम संस्करण: 2011
ISBN: 978-81-7028-921-0
पृष्ठ संख्या: 175, पेपर बैक
मूल्य: एक सौ पचहत्तर रुपये

Tuesday, August 23, 2011

एसजीपीसी और न्यूजीलैंड सरकार में साइन हुए एम.ओ.यू.

शिक्षा के क्षेत्र में रचा गया नया इतिहास 
अमृतसर से गजिंदर सिंह की ख़ास रिपोर्ट 
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से चलाए जाने वाले शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ने वाले छात्र जल्द न्यूजीलैंड के कालेजों और विश्वविद्यालयों में शिक्षा हासिल कर पाएंगेइसके लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और न्यूजीलैंड सरकार के बीच एम.ओ.यू. साइन हो चुका हैआज न्यूजीलैंड की एजूकेशनल काउंसलर की तरफ से चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ सच्चखंड श्री हरमंदिर साहिब में नतमस्तक होने पहुंचीइस मौके पर उन्होंने कहाकि  न्यूजीलैंड सरकार भारत के साथ शिक्षा का आदान प्रदान करना चाहती है और चाहती हैकि दोनों देशों के विश्वविद्यालय सीधे एक-दूसरे से संपर्क कर एक-दूसरे देश के छात्रों को सीधे दाखिला दें.

 न्यूजीलैंड की एजूकेशनल काउंसलर जेन हेंडरसन आज चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ सच्चखंड श्रीहरमंदिर साहिब में नतमस्तक होने पहुंचीइस मौके पर उन्होंने कहाकि आस्था के केंद्र में शीश निवा कर उन्हें बहुतसकून मिलाउन्होंने बतायाकि न्यूजीलैंड सरकार चाहती हैकि दूसरे देशों के छात्र उनके देश के विश्वविद्यालयों मेंआकर उच्च शिक्षा हासिल करेंइतना ही नहीं वह यह भी चाहते हैंकि न्यूजीलैंड के छात्र भी दूसरे देशों में जाकर शिक्षाके साथ-साथ सभ्यता से भी रू--रू हो सकेंइसलिए उन्होंने सभी विश्वविद्यालयों को सीधे ही एक-दूसरे के साथ एम,,यू साइन करने और छात्रों को सीधे दाखिला देने की भी छूट दे दी हैउन्होंने बतायाकि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान कुछ दिन पूर्व न्यूजीलैंड आए थे और वहां शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों और कालेजों के छात्रों को न्यूजीलैंड में उच्च शिक्षा दिलाने संबंधी उन्होंने एक वहां के एकविश्वविद्यालय के साथ एम,,यू भी साइन किया थासाथ ही उन का कहना हैकि हर साल उन के देश में 8000 से 9000 बच्चे यहाँ आते है लेकिन अब यह गिनती बढ़ेगी साथ ही उन का कहना हैकि वह यहाँ एक दुसरे के साथसम्बन्ध बनाने के लिए आए हैजिससे दोनो देश एक दुसरे के साथ जुड़े
    वहीं गुरमोहन सिंह वलिया (Directorate of Education (SGPC)) का कहना हैकि 23 जून को उन्होंने न्यूजीलैंड की विनटेक यूनीवर्सटी के साथ समझौता किया थाजिस के तहत विद्यार्थी दोनो देशों के एक दूसरे देश मेंपढ़ सकते हैवहीं उन का कहना हैकि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के विद्यार्थी सिविल इंजीनेरिंगइलेकट्रीक्ल इंजेनेरिंगमनेज्मेंट और जिन्होंने यहाँ से बी,सी, की हैवह वहाँ जा कर आपनी पढ़ाई करेंगे साथ ही उनका कहना है,कि इस के चलते उन से किसी प्रकार की कोइ वीजा फीस नही ली जायेगी और वह सीधे तौर पर असानी से वहाँ पर जाकर शिक्षा हासिल कर सकते है,
वहीं शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान अवतार सिंह मक्कड़ ने जेन हेंडरसन और उनकेप्रतिनिधिमंडल का स्वागत कियाउन्होंने कहाकि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से न्यूजीलैंड केविश्वविद्यालय के साथ मिल कर शिक्षा के क्षेत्र में एक मील पत्थर कायम किया है जहां कमेटी गुरुद्वारा साहिबानोंकी देखभाल के साथ-साथ सिखी के प्रचार और प्रसार में अग्रसर हैवहीं शिक्षा के क्षेत्र में न्यूजीलैंड केविश्वविद्यालय के साथ हुआ यह एम,,यू एक उपल्बिध होगा.