Monday, October 10, 2011

जिंदगी भर दुखों का जहर पीकर भी मुस्कराते रहे जगजीत !

गजल किंग जगजीत अब इस दुनिया में नहीं रहे ! इस बुरी खबर की आशंका कई दिन से बनी हुयी थी.ब्रेन हैमरेज का अटैक होने के बाद लीला वती अस्पताल में दाखिल होने की खबर ने ही इस अनहोनी की दस्तक दे दी थी. ज़िन्दगी भर दुखों और ग़मों से एक संग्राम करने वाले जगजीत आज हमारे दरम्यान नहीं रहे. श्री गंगानगर में जन्म, फिर पंजाब में संघर्ष और उसके बाद मुम्बई की चकाचौंध की दुनिया में जा कर भी संघर्ष. सुख भी आया. उस सुख की झलक भी सभी ने देखा पर उनके दुखों की सार केवल करीबी लोगों ने ही ली. केवल वही जानते थे की यह सुख भी एक छलावा था, एक सपना था, एक साया था. दिल में दर्द और मुख पर मुस्कराहट.जगजीत के जीने का अंदाज़ यही था.यही हिम्मत थी.यही जज्बा. दुःख को भी एक चुनौती थी जैसे कहते हों ले तू मुझे रुला के तो दिखा!    

हम आज फखर से क्ह सकते हैं की वह एक गायक नहीं बल्कि एक ऐसा योद्धा भी था जो शब्दों को गाता ही नहीं जीता भी था. उसने ज़िन्दगी के संग्राम में अदना, लड़ना और मुस्कराते हुए ग़मों का जहर पीना सिखाया. बस अब यादें ब्ज्ची हैं या फिर वह सुरीली आवाज़. 

1 comment:

प्रज्ञा पांडेय said...

bahut dukh bhara hai unaka jaan .. takleef beintiha hai . shrddhanjali ke phool arpit hain