Saturday, October 15, 2011

अमृतसर में भी रही करवा चौथ की धूम

चांद को देखने के लिए जेल पहुंची विवाहिताएं अमृतसर-(गजिंदर सिंह किंग)    
करवाचौथ का त्यौहार पति-पत्नी का है, जिसे भारतवर्ष में बड़ी धूमधाम से महिलाओं की ओर से मनाया जाता है, जहां पूरे देश की महिलाएं इस दिन शाम को चांद का दीदार कर अपने पति के दर्शन कर अपना व्रत खुलवाती हैं, वहीं जिनके पति किसी न किसी केस में जेल में बंद हैं, वह महिलाएं सुबह से लेकर शाम तक जेल में मुलाकात के लिए चली जाती हैं और वहां पर जाकर अपने चांद के दीदार कर अपना व्रत खोलती हैं, इन महिलाओं में वह महिलाएं भी शामिल हैं, जो किसी न किसी केस में जेल में बंद हैं, इन सभी के लिए जेल प्रशासन ने आज मुलाकात के लिए कोई समय की पाबंदी नहीं लगाई है और देर शाम सात बजे तक उन्हें पति को पत्नी से मिलने की इजाजत दी गई है.
अमृतसर की सेंट्रल जेल में पति और पत्नी के रिश्ते का उत्तम त्यौहार करवाचौथ मनाया गया, जेल के प्रांगण में आज सज-धज कर हाथों में मेहंदी और रंग-बिरंगी चूड़ियां पहन कर यह महिलाए अपने चांद (पति) का दीदार करने के लिए पहुंची है, अपनी पत्नियों की ओर से अपने लिए व्रत रखे जाने से इनके पति काफी खुश हैं कि उनकी पत्नी उनसे इतना प्यार करती है. 
एक तरफ जहाँ पुरुष कैदियों से मिलने के लिए उन की पत्नियां जेल में आयी और उन्होंने उस के साथ उस की मुलाकात करवाई और एक दुसरे को उन्होंने शुभ कामना दी और आपने पति की लम्बी उम्र की कामना की, आलम यह ही नहीं था, जेल के अन्दर रह रहे पति-पत्नियों ने भी इस त्यौहार को मनाया, वहीं जहाँ सुहागने आपनी मांग में सिंदूर भर कर आपने पति की लम्बी आयु की कामना करती नज़र आयी और वहीं दूसरी ओरआखों में गम के आंसू भी बहा आए, वहीं महिला कैदियों  का कहना है, कि आज चाहे यह त्यौहार वह यहाँ जेल में मना रहे है, लेकिन अगर वह आपने घर में होते तो वह बहुत खुश होते, उन्होंने कहा, कि  उन की आज यह ही इच्छा है, कि उन के पति सलामत रहे और साथ ही इस मौके पर उनहोंने अपने पति के जल्दी घर लौटने की दुआ भी माँगी.
इस मौके  पर जेल के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट बी, एस गिल ने जेल में  करवा चौथ के त्यौहार बारे जानकारी देते हुए बताया, कि आज के विशेष दिन के लिए अमृतसर की जेल में इस तरह का आयोजन किया है, जिस में की जेल के अन्दर हर कोई करवा चौथ के अवसर पर एक दुसरे से मिल सकता है और एक विशेष हिदायत के अन्दर यह कार्य किया जा रहा है, इस मौके पर जो महिलाए आपने खाने पीने का सामान नहीं ला सकती, उन को जेल की तरफ से यह मुहैया करवाया जा रहा है और जिस तरह घर में यह त्यौहार मनाया जाता है उसी तरह से ही जेल में मनाया जा रहा है
    फिलहाल इस करवा चौथ के साथ जेल में रह रही महिलाओ को आपने पति से मिलने का मौका तो मिला, लेकिन साथ ही जेल में रहने का ग़म इन परिवार वालो के लिए किसी गहरे सदमे से कम नहीं था.

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