Saturday, October 15, 2011

अमृतसर लाहौर मार्ग पर किसानो ने दिया धरना


29 अक्टूबर को पंजाब में 3 घंटे रेल रोको आन्दोलन
   अमृतसर 14 अक्टूबर:(गजिंदर सिंह किंग):  
अमृतसर में आज देश की सरहद पर दिल्ली लाहौर मार्ग पर किसान संघर्ष कमेटी द्वारा आपनी मांगो को लेकर राष्ट्रीय राज्य मार्ग पर दो घंटे का जाम कर बढ़ती महंगाई में किसानी का धंधा नुक्सान दायक सिद्ध होने के विरुद्ध में धरना प्रदर्शन किया गया.
देश में बढ़ती महंगाई का असर अब इस देश के अन्नदाता किसानो पर भी पड़ रहा हैवहीँ देश के लोगों का पेटभरने वाले किसान भी अब इस महंगाई की मार के नीचे  गए हैवहीँ आज पंजाब संघर्ष कमेटी द्वारा आज सरहद पर अमृतसर लाहौर मार्ग पर धरना प्रदर्शन कर किसानो ने टोल प्लाज़ा के सामने दो घंटे तक सड़क जाम कर देश की केंद्र सरकार और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाज़ी कर यह ही नहीं आर्मी की गाड़ियों को भी रोका गयायहाँ तक क़ि दिल्ली-लाहौर से  रही बस भी इस धरने के कारण एक घंटा देरी से वाघा सीमा पर पहुच सकीवहीँ इस मौके परपंजाब संघर्ष कमेटी के प्रधान सतनाम सिंह पन्नू ने आपने प्रदर्शन बारे जानकारी देते हुए बतायाक़ि आज यह प्रदर्शन सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ हैक्योंक़ि यह आज उन की मज़बूरी हैक़ि वह आज यह प्रदर्शन कररहे हैउन्होंने बतायाक़ि जो खाद की कीमतें एक साल में ढाई गुना बढ़ गई हैखों क़ि सरकार ने खाद कम्पनीयों का निजीकरण कर दिया गया है. 

यही कारण है कि उन की लागत बहुत बढ़ गयी हैजिस कारण आज उन के लिए काफीमुश्किल हो गयी हैसाथ ही जो धान के एम.एस.पी. जो कि महज 20 पैसे किलो बढ़ाया हैउस को 300 रूपए प्रति किलो करना चाहिएसाथ ही उन का कहना हैक़ि जो पार्लियामेंट में सवामिनाथान कमेटी की रिपोर्ट जो 2006 से बाकी पडीहैउस को लागू किया जाना चाहिएउन्होंने बतायाक़ि जो गोबिंदपुर में किसानो की जगह पर कब्ज़ा किया जा रहा है,वह गलत है और जो पार्लियामेंट में जो ज़मीन आदि गृहन का क़ानून पास हुआ हैउस के आधार पर ज़मीन लेनी चाहिए.

पंजाब संघर्ष कमेटी के प्रधान सतनाम सिंह पन्नू ने अपनी मांगो के बारे कहाक़ि अगर सरकार ने उन कीमांगे  मानी तो वह 17 किसान जत्थेबंदियाँ 29 अक्टूबर को पंजाब में 3 घंटे रेल रोको आन्दोलन करेंगे औरफिर भी उन की मांग  मानी गयीतो वह २२ नवम्बर से पूरे पंजाब में पक्का धरना लगायेंगेफिलहाल इसकिसानो के आक्रोश से यह बात साफ़ साबित होती हैक़ि महंगाई की मार से अब किसान भी अछूते नहीं रहे है,जिस के चलते वह आज सड़कों पर धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हो गए है 
      फिलहाल अब देखना होगाक़ि सरकार इन की मांगो को कितनी जल्दी मानती हैजिस से की देश का पेटभरने वाला यह किसान खेती में काम कर सके 

1 comment:

Patali-The-Village said...

महंगाई ने तो हर वर्ग को दुखी कर दिया है|